NCERT Solutions Class 11th Physical Education Chapter – 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing Trends & Career in Physical Education) Notes In Hindi

NCERT Solutions Class 11th Physical Education Chapter – 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर(Changing Trends & Career in Physical Education)

TextbookNCERT
ClassClass – 11th
SubjectPhysical Education
ChapterChapter – 1
Chapter Nameशारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर
CategoryClass 11th Physical Education Notes in Hindi
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 11th Physical Education Chapter – 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing Trends & Career in Physical Education) Notes In Hindi हृदय में कितने आसन होते हैं?, कौन सा योग रक्तचाप कम करता है?, दिल कितने ग्राम का होता है?, दिल में कितने कक्ष होते हैं?, मनुष्य का दिल का वजन कितना होता है?, लड़कियों का दिल कितने ग्राम का होता है?, स्त्री का हृदय कहाँ स्थित होता है?, हार्ट कहाँ पर होता है?, हृदय में 4 कक्ष क्यों होते हैं?, हार्ट का मुख्य कार्य क्या है?

NCERT Solutions Class 11th Physical Education Chapter – 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing Trends & Career in Physical Education)

Chapter – 1

शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर

Notes

शारीरिक शिक्षा का अर्थ –  शारीरिक शिक्षा, शिक्षा पद्धति का अभिनन अंग है जिसका उद्देश्य नागरिको को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से, शारीरिक गतिविधियों के माध्यमों से, जो कि उनकी गतिविधियों के परिणामों को दृष्टिगत रखकर चुनी गई हों, उन्हें योग्य बनाना है।
शारीरिक शिक्षा की परिभाषा – वास्तव में शारीरिक शिक्षा शब्द बहुत कठिन एवं विस्तृत आधार वाला है। समय के साथ – साथ इसके अर्थ में भी बदलाव आया। इसके अर्थ को निम्न परिभाषाएँ स्पष्ट करती है।

चार्ल्स ए . बुचर के अनुसार – शारीरिक शिक्षा, शिक्षा पद्धति का एक अभिन्न अंग हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से, जो गतिविधियाँ उनके परिणामों को दृष्टिगत रखकर चुनी गई हों, सक्षम बनाना है।

कैसिडी के अनुसार – शारीरिक क्रियाओं पर केन्द्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं वे शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं।
शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य एवं उद्देश्य

लक्ष्य – शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति का विकास करना है। दूसरे शब्दों में कहें तो शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति की सम्पूर्ण योग्यता को विकसित करना है, जिससे वह अपना तथा समाज का भला (फायदा) कर सके। पूर्ण रूप में जीना ही शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य है। वैसे शारीरिक शिक्षा के इस लक्ष्य को प्राप्त करना आसान नहीं है। शारीरिक शिक्षा के इस लक्ष्य को सीढ़ी – दर – सीढ़ी प्राप्त किया जाता है, लेकिन लक्ष्य एक होता है जिसके बिना कोई कार्य सफल नहीं होता। इसलिए लक्ष्य का होना और प्रयास करना जरूरी है।

उद्देश्य – शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य एक कुशल एवं योग्य नेतृव्य देना तथा ऐसी सुविधाएं प्रदान करना है जो किसी एक व्यक्ति या समुदाय को कार्य करने का अवसर दें और वे सभी क्रियाओं में शारीरिक रूप से व मानसिक रूप से उत्तेजक एवं सन्तोषजनक और सामाजिक रूप से निपुण हों।
शारीरिक शिक्षा में कैरियर विकल्प

शिक्षण संबंधित कैरियर
  • प्राथमिक विद्यालय स्तर
  • माध्यमिक विद्यालय स्तर
  • वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्तर
  • महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर
प्रशिक्षण कैरियर
  • प्रशासन संबंधित कोर्स
  • शारीरिक शिक्षा विभाग
  • खेल विभाग
  • औद्योगिक मनोरंजन
  • खेल सुविधाओं का प्रबंधन
स्वास्थ्य संबंधी कैरियर 
  • हेल्थ क्लिव
  • एथलैटिक ट्रेनिंग
प्रदर्शन सम्बन्धित कैरियर
  • खिलाड़ी के रूप में
  • अधिकारी के रूप में
संचार माध्यमों में कैरियर
  • खेल पत्रकारिता
  • पुस्तक लेखन
  • खेल फोटो ग्राफी
  • पुस्तक प्रकाशन
  • खेल प्रसारण
विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय – भारत बहुत विविधता वाला देश है। तो यह कथन खेल पर भी लागू होता है वास्तव में इतनी बड़ी जनसंख्या वाला देश है तो विभिन्न खेलों में भी देश की रुचि दिखाई देती है।
खेल एवं युवा मंत्रालय – भारत खेलो की देख रेख की जिम्मेदारी खेल एवं युवा मंत्रालय की है। इस मंत्रालय की स्थापना नई दिल्ली में एशियाई खेलों के आयोजन के समय की गई थी। इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय युवा के आयोजन के दौरान युवा कार्य और खेल विभाग रखा गया था और बाद में मंत्रालय बनाया गया।

इस मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न खेल गठन कार्य करते हैं जैसे (SAI) (स्पोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया) भारतीय खेल प्राधिकरण राष्ट्रय स्तर पर प्रतिभा की खोज करना उन्हें प्रशिक्षण देना, विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करना आदि कार्य करती हैं।

10A Indian Olympic Association ओलम्पिक में भारत की प्रतिभागिता के लिए जिम्मेदार हैं साथ ही प्रमुख खेल जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स एशियन गेम्स, साउथ एशियन फैडेरेशन गेम्स, ओलम्पिक एवं गैर ओलम्पिक खेलों की देखरेख की जिम्मेदारी भी करती है। हर एक खेल की एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था होती है जो उसके हर पहलू का कार्यभार संभालती है।
खेल संस्थाओं के मुख्य कार्य
  • विभिन्न टीमों व खिलाड़ियों को चयन करना।
  • छात्रवृत्ति टीमों व खिलाड़ियों के नाम देना।
  • अपने निम्न सस्थाओं (राज्य स्तर की) के कार्य प्रणाली देखना।
  • खेलों को प्रोत्साहन देना।
  • खिलाड़ियों के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • विभिन्न उपकरणों की व्यवस्था करना।
  • विभिन्न संस्थाओं से समन्व्य बनाना।
  • खेलों का बजट तैयार करना।
  • विभिन्न पुरुस्कार जैसे राजीव गाँधी खेल करना, अर्जुन अर्वाड द्रोणाचार्य अवार्ड आदि के लिये खिलाड़ियों के नाम देना।
  • समय – समय पर विभिन्न प्रतियोगिताएँ कराना।
  • समय पर अपनी संस्था के मतदान कराना।
  • अपनी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से समन्व्य बनाना।
  • अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा बनाए गये या संशोधित नियमों का पालन करना व राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना।
  • नई प्रतिभाओं की खोज करके उन्हें बड़े स्तर की प्रतियोगिताओं के लिये तैयार करना।
खेलों इंडिया कार्यक्रम – एक स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज बनता है, स्वस्थ समाज से स्वस्थ देश का निर्माण होता हैं। स्वस्थ रहने के लिये खेलों का होना आवश्यक हो जाता है इसी सोच के साथ आज के समय में खेलों का महत्त्व समझते हुए भारत सरकार ने खेल संस्कृति की शुरूआत की।

इसके अंतर्गत ज़मीनी स्तर पर मजबूत खेल स्तर बनाने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम की शुरूआत की गयी जिसे ‘खेलों भारत‘ का नाम दिया गया। जिससे भारत की भी एक खेल राष्ट्र के रूप में पहचान बन सके।

खेलों भारत कार्यक्रम 2018 में नई दिल्ली में हुए एवं पहला आयोजन खेलों भारत स्कूल गेम्स 31 जनवरी 2.18 से 8 फरवरी 2018 तक नई दिल्ली में किया गया। इसमें 17 साल तक के खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसके अर्न्तगत 16 खेलों का आयोजन हुआ।

जो निम्न प्रकार है
  • तीरंदाजी
  • बेडमिन्टन
  • बोक्सिंग
  • जिमनास्टिक्स
  • जूडो
  • खो – खो
  • स्वीमिंग
  • भारोत्तोलन
  • ऐथलेटिक्स
  • बास्केट बाल
  • फुटबाल
  • हॉकी
  • कबड्डी
  • शूटिंग
  • वॉलीबॉल
  • कुश्ती
यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हैं। इसके अन्तर्गत हर साल सर्वश्रेष्ठ 1000 खिलाड़ियों को चयनित किया जाता है अतः उन्हें आगे की प्रतियोगिता के लिये प्रशिक्षण दिया जाता हैं। इन खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रु. की छात्रवृत्ति भी दी जाती हैं। खेलों इण्डिया कार्यक्रम का उद्धघाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 जनवरी 2018 को नई दिल्ली के इंदिरा गाँधी स्टेडियम में किया गया था।
खेलों इंडिया कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ।
  • पहली प्रतियोगिता – 31 जनवरी 8 फरवरी 2018 तक।
  • मुख्यालय – नई दिल्ली।
  • उद्देश्य – निचली सतह पर प्रतिभा की खोज।
  • चयन करने का मापदंड – 17 साल से कम उम्र के खिलाड़ी।
  • 4 नामांकित खिलाड़ी – खेल संस्थाओं द्वारा, CBSE गेम्स फेडरेशन द्वारा, मेजबान राज्य द्वारा, आयोजक समीति द्वारा। पहले खेलों इंडिया गेम्स में हरियाणा 102 मैडल्स (38 गोल्ड, 26 सिल्वर, 38 ब्रोज) के साथ प्रथम स्थान पर रहा। द्वितीय स्थान पर महाराष्ट्र 111 जबकि मेजबान दिल्ली 94 मैडल्स के साथ तृतीय स्थान पर रहा। दूसरे खेलों इंडिया गेम्स में मेजबान महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर, हरियाणा द्वितीय स्थान पर एवं दिल्ली तृतीय स्थान पर रहा।

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