NCERT Solutions Class 10th Social Science Civics Chapter – 5 लोकतंत्र के परिणाम (Consequences of Democracy)
Text Book | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Social Science (Civics) |
Chapter | 5th |
Chapter Name | लोकतंत्र के परिणाम(Consequences of Democracy) |
Category | Class 10th Social Science Civics |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Social Science Civics Chapter – 5 लोकतंत्र के परिणाम (Consequences of Democracy) Notes in Hindi जिसमे हम लोकतंत्र के 3 प्रकार होते हैं?, लोकतंत्र के दो प्रकार कौन से हैं?, लोकतंत्र के 3 स्तंभ कौन से हैं?, लोकतंत्र की विशेषताएं क्या हैं?, लोकतंत्र के प्रमुख तत्व क्या हैं?, लोकतंत्र के मूल्य क्या है?, लोकतंत्र सरकार का बेहतर रूप क्यों है?, लोकतंत्र के गुण और दोष क्या है?, लोकतंत्र को 300 शब्दों में क्या कहते हैं?, क्या लोकतंत्र सरकार का सबसे अच्छा रूप है?,, लोकतंत्र विकिपीडिया क्या है?, आदि के बारे में पढ़ेंगे |
NCERT Solutions Class 10th Social Science Civics Chapter – लोकतंत्र के परिणाम (Consequences of Democracy)
Chapter – 5
लोकतंत्र के परिणाम
Notes
लोकतंत्र की विशेषताएँ – नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा देता है।
• व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है।
• निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है।
• संघर्षो को हल करने के लिए एक विधि प्रदान करता है।
• गलतियों को सुधारने की अनुमति देता है।
लोकतांत्रिक सरकारें – निश्चित रूप से यह सही है कि अलोकतांत्रिक सरकारों को विधायिका का सामना नहीं करना होता। उन्हें बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक नज़रिए का ख्याल नहीं रखना पड़ता। यही कारण है कि ये सरकारें कोई भी फैसले जल्दी लेते है।
लोकतंत्र में बातचीत और मोलतोल के आधार पर काम चलता है। लोकतांत्रिक सरकार सारी प्रक्रिया को पूरा करने में ज़्यादा समय ले सकती है। लेकिन इसने पूरी प्रक्रिया को माना है इसलिए इस बात की ज़्यादा संभावना है कि लोग उसके फ़ैसलों को मानेंगे और वे ज़्यादा प्रभावी होंगे।
पारदर्शिता – एक नागरिक जो यह जानना चाहता है कि क्या सही प्रक्रियाओं के माध्यम से निर्णय लिया गया था, यह पता लगा सकता है। उसके पास निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने का अधिकार और साधन है। इसे पारदर्शिता के रूप में जाना जाता है।
जवाबदेही – एक जवाबदेह सरकार अपने नागरिकों के लिए जवाबदेह है। यह – अपने नागरिकों की ओर से किए गए सभी निर्णयों के लिए जिम्मेदार है।
वैध सरकार – ऐसी सरकार है जिसके तहत सरकार के कानून और कार्रवाई लोगों और सरकार के कामकाज को पारदर्शी तरीके से प्रकट करते हैं।
लोकतंत्र किस प्रकार एक वैध सरकार – लोकतान्त्रिक सरकार एक जवाबदेह सरकार है।
• नागरिकों को , निर्णय निर्माण प्रक्रिया की जाँच करने के अधिकार और साधन प्राप्त होते हैं।
• लोकतंत्र एक जिम्मेदार सरकार है । यह नागरिकों के विचारों और उम्मीदों का ध्यान रखती है।
• लोकतांत्रिक सरकार एक वैध सरकार है क्योंकि यह जनता द्वारा चुनी जाती है।
आर्थिक संवृद्धि और विकास
यदि आर्थिक समृद्धि की बात की जाये तो इसमें तानाशाही शासन लोकतंत्र के मामले में आगे दिखता है। 1950 से 2000 तक के पचास वर्षों के आँकड़ों का अध्ययन करने से पता चलता है कि तानाशाही शासन व्यवस्था में आर्थिक समृद्धि बेहतर हुई है।
लेकिन कई लोकतांत्रिक देश हैं जो दुनिया की आर्थिक शक्तियों में गिने जाते हैं। इसलिये यह कहा जा सकता है कि सरकार का प्रारूप किसी देश की आर्थिक समृद्धि को निर्धारित करने वाला अकेला कारक नहीं है इसके अन्य कारक भी होते हैं।
जैसे – जनसंख्या , वैश्विक स्थिति , अन्य देशों से सहयोग , आर्थिक प्राथमिकताएँ , आदि। इसलिए हमें आर्थिक संवृद्धि के साथ अन्य सकारात्मक पहलुओं को भी देखना पड़ेगा । इस दृष्टिकोण से लोकतंत्र हमेशा तानाशाही से बेहतर होता है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था तानाशाही से बेहतर – लोकतंत्र में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव होते हैं।
• लोकतंत्र में नीति तथा निर्णयों पर खुली बहस होती है।
• लोकतंत्र में वैध सरकार होती है।
• लोकतंत्र में नागरिकों की स्थिति बेहतर होती है।
तानाशाही सरकार की तुलना में लोकतांत्रिक सरकार की कमियाँ –
• तानाशाही की तुलना में लोकतंत्र में निर्णय लेने में कुछ अधिक समय लगता है क्योंकि तानाशाही में औपचारिकता नहीं होती।
• तानाशाही सरकार की तुलना में लोकतांत्रिक सरकार ज्यादा खर्चीली है क्योंकि यहाँ निश्चित अवधि के बाद चुनाव होते है।
• तानाशाही में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार हो सकता है परंतु लोकतंत्र में हर स्तर पर भ्रष्टाचार हो सकता है।
• लोकतंत्र में चुनाव जीतने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जाता है जबकि तानाशाही में ऐसा नहीं होता है।
असमानता और गरीबी में कमी – आर्थिक असमानता पूरी दुनिया में बढ़ रही है। भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। गरीबों और अमीरों की आय के बीच एक बहुत बड़ी खाई है। लोकतंत्र अधिकांश देशों में आर्थिक असमानता मिटाने में असफल ही रहा है।
लोकतंत्र असमानता और गरीबी को कम करने में सक्षम – यह प्रत्येक नागरिक को समान मतदान अधिकार देकर राजनीतिक समानता सुसनिश्चित करता है।
• यह समूह सक्रियता के लिए एक उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है जो गरीब लोगों की चिंताओं को उठाने के लिए समान अवसर की ओर जाता है।
• यह समाज के किसी भी वर्ग की आवश्यकता के आधार पर आर्थिक लाभ के हस्तांतरण के लिए पुनर्वितरण तंत्र का समर्थन करता है।
• यह सामाजिक समानता सुनिश्चित करने वाली आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव के बिना हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है।
राजनीतिक समानता – जाति , पंथ , धर्म , आर्थिक स्थिति में अंतर के बावजूद मतदान और चुनाव में लड़ने का समान अधिकार।
सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य
हर देश सामाजिक विविधताओं से भरा हुआ है। इसलिए विभिन्न वर्गों के बीच टकराव होना स्वाभाविक है। लोकतंत्र ऐसे तरीकों का विकास करने में मदद करता है जिनसे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो सके।
लोकतंत्र में लोग विविधता का सम्मान करना और मतभेदों के समाधान निकालना सीख जाते हैं। अधिकतर लोकतांत्रिक देशों में सामाजिक विविधता में तालमेल बना रहता है। इसके कुछ अपवाद हो सकते हैं। जैसे- श्रीलंका।
नागरिकों की गरिमा और आजादी – लोकतंत्र ने नागरिकों को गरिमा और आजादी प्रदान की है। भारत में कई सामाजिक वर्ग हैं जिन्होंने वर्षों तक उत्पीड़न झेला है। लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के फलस्वरूप इन वर्गों के लोग भी आज सामाजिक व्यवस्था में ऊपर उठ पाये हैं और अपने हक को प्राप्त किया है।
महिलाओं की समानता – लोकतंत्र के कारण ही यह संभव हो पाया है कि महिलाएँ समान अधिकारों के लिये संघर्ष कर पाईं। आज अधिकांश लोकतांत्रिक देशों की महिलाओं को समाज में बराबर का दर्जा मिला हुआ है। तानशाह देशों में आज भी महिलाओं को समान अधिकार नहीं प्राप्त हैं।
जातिगत असमानता – जातिगत असामनता भारत में जड़ जमाये बैठी है। लेकिन लोकतंत्र के कारण इसकी संख्या काफी कम है। आज पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के लोग भी हर पेशे में शामिल होने लगे हैं।
लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा – लोकतंत्र सम्मान एवं स्वतंत्रता की भावना को जन्म देता है।
• लोकतंत्र में सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
• लोकतंत्र ने महिलाओं को पुरूषों के समान दर्जा प्रदान किया है।
• लोकतंत्र में जाति आधारित असमानताओं एवं क्रूरताओं का कोई नैतिक एवं कानूनी आधार नहीं है।
लोकतंत्र को सफल – बहुत समय से स्त्रियों को समान अधिकार ,न्याय और स्वतंत्रता से वंचित रखा गया था। मगर ‘लोकतंत्र ने सभी अधिकार सुनिश्चित कर दिये। समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करना। उचित प्रतिनिधित्व देने से विभिन्न जातीय समूहों के बीच टकराव कम हुआ है। मतभेदों को दूर करने के लिए लोकतंत्र संवैधानिक तरीका उपलब्ध कराता है।
लोकतंत्र से अपेक्षित परिणाम – सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव समय – समय पर होने चाहिए।
• चुने गए प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह हों।
• प्रेस स्वतंत्र हो तथा वह जिम्मेवारी से अपनी भूमिका निभाएँ।
• जनता को मौलिक अधिकार प्राप्त हों।
• देश की एकता, अखण्डता वं संघवाद मजबूत हों।
लोकतंत्र के सामाजिक परिणाम – लोकतांत्रिक व्यवस्था सद्भावनापूर्ण जीवन उपलब्ध कराती है।
• इसमें सामाजिक टकरावों की संभावना कम रहती है।
• व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है।
• लोकतंत्र में समाज के कमजोर वर्गों को समानता का दर्जा देने पर बल दिया जाता है।
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Chapter – 1 सत्ता की साझेदारी |
Chapter – 2 संघवाद |
Chapter – 3 जाति, धर्म और लैंगिक मसले |
Chapter – 4 राजनीतिक दल |
Chapter – 5 लोकतंत्र के परिणाम |
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