NCERT Solutions Class 10th Science New Syllabus Chapter – 7 जीव जनन कैसे करते हैं (How Do Organisms Reproduce)
Text Book | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Science |
Chapter | 7th |
Chapter Name | जीव जनन कैसे करते हैं (How Do Organisms Reproduce) |
Category | Class 10th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
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NCERT Solutions Class 10th Science New Syllabus Chapter – 7 जीव जनन कैसे करते हैं (How Do Organisms Reproduce)
Chapter – 7
जीव जनन कैसे करते हैं
प्रश्न उत्तर
Page no. 126
प्रश्न 1. डी.एन.ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?
उत्तर – जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना है। डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाएँ विभिन्न रासायनिक क्रियाओं का उपयोग करती है। जनन कोशिका में इस प्रकार डी.एन.ए. की दो प्रतिकृतियाँ बनती है। जनन के दौरान डी.एन.ए. प्रतिकृति का जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाईन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो जीवों के विशिष्ट स्थान में रहने के योग्य बनाती है।
प्रश्न 2. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है, परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर – जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना है। डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाएँ विभिन्न रासायनिक क्रियाओं का उपयोग करती है। जनन कोशिका में इस प्रकार डी.एन.ए. की दो प्रतिकृतियाँ बनती है। जनन के दौरान डी.एन.ए. प्रतिकृति का जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाईन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो जीवों के विशिष्ट स्थान में रहने के योग्य बनाती है।
Page no. 131
प्रश्न 1. द्विखंडन, बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर – द्विखण्डन में एक कोशा प्राय: दो समान भागों में टूटकराजा दो जीवों को एक साथ जन्म देती है जबकि बहुखण्डन में एक कोशा अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विखण्डित होकर अनेक जीवों को एक साथ जन्म देती है।
प्रश्न 2. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर – स्पोर द्वारा रिप्रोडक्शन से निम्नलिखित फायदे हैं–
1. स्पोर की मदद से खराब परिस्थिति से बच कर निकलने का समय मिल जाता है।
2. स्पोर का डिस्पर्सल एक बड़े एरिया में होता है। इससे जीव को इकोसिस्टम में अपनी प्रजाति को फैलाने का मौका मिलता है।
प्रश्न 3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं, जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?
उत्तर – जटिल संरचना वाले जीवों में विभिन्न क्रियाकलापों के लिए विभिन्न ऊतक, अंग या अंगतन्त्र होते हैं। जब इन जटिल संरचना वाले जीवों के किसी अंग के किसी भाग को काट दिया जाता है तो विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं एवं ऊतकों का निर्माण नहीं होता तथा इनमें पुनरुद्भवन की प्रक्रिया नहीं होती। इसलिए जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते।
प्रश्न 4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर – निम्नलिखित कारणों से कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग किया जाता है।
1. ऐसे पौधों में शरीर के वर्धि भागों के माध्यम से नए पौधे उत्पन्न करने की क्षमता होती है।
2. कायिक प्रवर्धन द्वारा विकसित किए गए पौधों में फूल और फल शीघ्र आते हैं।
3. कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधों में सभी पैत्रिक क्षमताएं पायी जाती है।
प्रश्न 5. डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर – डी. एन. ए. अणुओं में शरीर की डिजाइन, कार्यिकी आदि से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं होती है जिनके अनुसार शरीर की वृद्धि और उसका विकास होता है। DNA की प्रतिकृति बनने से नई कोशिका में भी एक DNA चला जाता है तथा वह पूर्ण जीव के रूप में विकसित हो सकती है अथवा उसके विकास में योगदान दे सकती है। DNA के बिना कोशिका जीवित नहीं रह सकती।
Page no. 139
प्रश्न 1. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर – पॉलिनेशन में पॉलेन ग्रेन का ट्रांसफर स्टिग्मा पर होता है, जबकि फर्टिलाइजेशन में मेल और फीमेल गैमेट का फ्यूजन होता है। पॉलिनेशन केवल फ्लावरिंग प्लांट में होता है, जबकि फर्टिलाइजेशन हर उस जीव में होता है जिनमें सेक्सुअल रिप्रोडक्शन होता है।
प्रश्न 2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
उत्तर – शुक्राशय की भूमिका – शुक्राशय में शुक्राशय द्रव का स्राव होता है। यह शुक्राणुओं को पोषण प्रदान करता है एवं उनकी गति के लिए माध्यम की कार्य करता है।
प्रोस्ट्रेट की भूमिका – यह पुर:स्थ द्रव का स्त्राव करती है। यह एक क्षारीय द्रव होता है। शुक्रद्रव एवं पुरःस्थ द्रव दोनों परस्पर मिलते हैं और इन्हीं दलों के साथ शक्राण बाहर आते हैं।
प्रश्न 3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर – यौवनारंभ के समय लड़कियों में निम्न परिवर्तन दिखाई देते हैं-
(i) शरीर के कुछ नए भागों; जैसे- काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बाल गुच्छ निकल आते हैं।
(ii) हाथ, पैर पर महीन रोम आ जाते हैं।
(iii) त्वचा तैलीय हो जाती है। कभी-कभी मुहाँसे निकल आते हैं
(iv) वक्ष के आकार में वृद्धि होने लगती है।
(v) स्तनाग्र की त्वचा का रंग गहरा होने लगता है।
(vi) रजोधर्म होने लगता है।
प्रश्न 4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
उत्तर – शरीर में गर्भस्थ भ्रण को पोषण माँ के रूधिर से प्राप्त होता है। इसके लिए विशेष संरचना होती है जिसे प्लेसेण्टा कहते है। यह माँ से भ्रण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों की आपूर्ति माँ के रक्त से करता है।
प्रश्न 5. यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर – यदि कोई महिला कॉपर टी का प्रयोग कर रही है तो वह उसकी योन संचारित रोगो से रक्षा करेगा। क्योकि महिला की योन मैं कॉपर टी एक ऐसा प्रयोज्य साधन है जो पुरुषो के शुक्राणुओ का प्रवेश डिम्ब नलिका में नहीं होने देता है। और यह कॉपर टी भी किस योन रोगाणु को गर्भाशय में प्रवेश होने नहीं होने देता है। अतः यह महिलाओ की यौन संचरणीय रोगों से भी चर्चा करता है।
अभ्यास
प्रश्न 1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया
उत्तर – (b) यीस्ट
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी
उत्तर – (c) शुक्रवाहिका
प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं—
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) पराग कण
उत्तर – (d) पराग कण
प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
उत्तर – अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन अधिक श्रेष्ठ है।
इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
(i) लैंगिक जनन में शुक्राणु तथा अंडाणु के सांयुजन के कारण DNA द्वारा पैतृक गुण वर्तमान पीढ़ी के सदस्य में हस्तान्तरित हो जाते हैं जो जीवित रहने के लिए अधिक शक्तिशाली होते हैं जबकि अलैंगिक जनन में एकल DNA होने के कारण जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है।
(ii) लैंगिक जनन में DNA की दोनों प्रतिकृतियों में कुछ न कुछ अंतर अवश्य होते हैं जिनके परिणामस्वरूप नई पीढ़ी के सदस्य जीव में भिन्नता अवश्य दिखाई देती है, जबकि अलैंगिक जनन में भिन्नता नहीं दिखाई देती। यदि उसमें किसी कारण से भिन्नता आ जाती है तो जीव की मृत्यु हो जाती है।
(iii) लैंगिक जनन उदविकास में बहुत सहायक है जबकि अलैंगिक जनन उदविकास में सहायक नहीं है।
प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
उत्तर – मानव के शरीर में वृषण संख्या में दो होते हैं जो शरीर के बाहर त्वचा की एक थैली, वृषण कोष में स्थित होते हैं।
वृषण के निम्नलिखित कार्य हैं-
(i) वृषण में शुक्राणु उत्पन्न होते हैं जो लैंगिक जनन क्रिया में सक्रिय भाग लेकर भावी पीढ़ी को जन्म देने में सहायक होते हैं।
(ii) वृषण में टैस्टोस्टीरोन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है जो मानव शरीर में द्वितीयक जनन लक्षणों को स्थापित करने के लिए उत्तरदायी होता है।
प्रश्न 6. ऋतुस्राव क्यों होता है?
उत्तर – यदि नारी शरीर में निषेचन नहीं हो, तो अंड कोशिका लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। अंडाशय हर महीने एक अंड का मोचन करता है और निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी हर महीने तैयारी करता है इसलिए, इसकी अंतः भित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है। यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है। लेकिन निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती । इसलिए यह पर्त धीरे-धीरे टूटकर योनि मार्ग में रुधिर एवं म्यूकस के रूप में बाहर निकल जाती है। इस वक्र में लगभग एक मास का समय लगता है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है।
प्रश्न 7. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर –
प्रश्न 8. गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन सी हैं?
उत्तर – गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ–
1. यान्त्रिक विधियाँ – पुरुषों द्वारा कण्डोम का उपयोग तथा स्त्रियों में लूप या कॉपर टी को गर्भाशय में स्थापित करना।
2. शल्य क्रिया विधियाँ – पुरुषों में शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध करना तथा स्त्रियों में अण्डवाहिनी को अवरुद्ध करना।
3. शल्य क्रिया द्वारा – अनचाहे गर्भ का समापन लेकिन इस विधि का दुरुपयोग हो रहा है जो गैर-कानूनी है।
4. हॉर्मोन संतुलन द्वारा – इसके लिए गोलियों का सेवन किया जाता है।
5. प्राकृतिक विधि – आत्म संयम द्वारा ऋतु स्राव अवधि के 10 वें दिन से 17 वें दिन तक यौन सम्बन्ध से दूर रहना।
प्रश्न 9. एककोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?
उत्तर – एक कोशिक प्रायः विखंडन मुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जनन करते हैं । उनमें केवल एक ही कोशिका होती है। वे सरलता से कोशिका विभाजन के द्वारा तेजी से जनन कर सकते हैं। बहुकोशिक जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है और वह मुख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।
प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज़ की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर – किसी भी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु का बराबर का महत्त्व है। यदि जनन और मृत्य- दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है। एक समष्टि में जन्म-दर और मृत्यु-दर ही उसके आधार का निर्धारण करते हैं।
प्रश्न 11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर – गर्भनिरोधक युक्तियाँ मुख्य रूप से गर्भ रोकने के लिए ही अपनाई जाती हैं। इनसे बच्चों की आयु में अंतर बढ़ाने में भी सहयोग लिया जा सकता है। कंडोम के प्रयोग में यौन संबंधी कुछ रोगों के संक्रमण से भी बचा जा सकता है।
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