NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 11 विद्युत (Electricity) Question & Answer in Hindi

NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 11 विद्युत (Electricity)

Text BookNCERT
Class 10th
Subject  Science
Chapter11th
Chapter Nameविद्युत (Electricity)
CategoryClass 10th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 11 विद्युत (Electricity) Question & Answer in Hindi जिसमे हम मानव नेत्र कक्षा 10 क्या है?, मानव नेत्र से आप क्या समझते हैं?, नेत्र लेंस का दूसरा नाम क्या है?, मनुष्य की आंख कितने रंग देख सकती है? पुतली को क्या कहते हैं?, आँख का वजन कितना होता है?, कॉर्निया क्या होता है?, क्रिस्टल लेंस क्या है?, नेत्र दृष्टि दोष क्या है?, इंसान की आंख रंगीन दुनिया क्यों है?, आंख का क्या कार्य है?, मानव नेत्र का क्या नाम है? आदि के बारे में पढ़ेंगे

NCERT Solutions Class 10th Science New Syllabus Chapter – 11 विद्युत (Electricity)

Chapter – 12

विद्युत

 प्रश्न – उत्तर

Page no. 191

प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर –
विद्युत स्रोत से विभिन्न घटकों से होकर विद्युत धारा के के पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। इसके प्रमुख घटक हैं –
(i) विद्युत स्रोत (बैटरी या सेल)
(ii) चालक
(iii) प्रतिरोध
(iv) स्विच (कुँजी) तथा
(v) दूसरे अनेक उपकरण जो इससे जुड़े होते हैं।

प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर –
विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर है और इसे ‘A’ अक्षर से दर्शाते है जब किसी चालक में 1 सेकंड में 1 कूलॉम आवेश का प्रवाह होता हैं। प्रयुक्त विद्युत धारा की मात्रा को 1 ऐम्पियर कहते हैं।
1A = 1C/1 s

प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनो संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर – हम जानते हैं कि इलेक्ट्रॉन पर आवेश
= 1.6 × 10 –19 C
माना 1 कूलॉम की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या = n, to n x 1.6 × 10 –19 C = 1Cn = 1/1.6 x 10? 19= 1019/1.6= 0.625 x 1019/16

 = 6.25 x 1018

अतः 1 कूलॉम = 6.25 x 1018  इलेक्ट्रॉन

Page no. 193

प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है?
उत्तर –
सेल विभवांतर बनाए रखने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 2. यह कहने का तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है ?
उत्तर –
इसका अर्थ है कि किन्हीं दो बिंदुओं के बीच 1 कूलॉम आवेश ले जाने में 1 जूल कार्य होता है।

प्रश्न 3. 6V की बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर –
V = 6 वोल्ट
Q = 1 कूलॉम
हम जानते हैं कि
W = VQ
= 6V × 1C
= 6 जूल

Page no. 201

प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर – किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है-

(i) तार की लंबाई – किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई के समानुपाती है।

R ∝ L

(ii) चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल – किसी चालक प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युतत्क्रमानुपाती होता है।

R ∝ 1/A

(iii) किसी चालक का प्रतिरोध उस चालक के पदार्थ की प्रकृति करती है?

प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है। क्यों?
उत्तर – मोटे तार से विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, क्योंकि मोटे के चालक का प्रतिरोध पतले तार से कम होगा (R ∝1/A) जब मोटे तार प्रतिरोध कम होगा तो उसमें से अधिक विद्युत धारा प्रवाहित ती है: I = V/R

प्रश्न 3. मान लीजिए किसी विद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर – नियत ताप व प्रतिरोध पर-
V ∞ I
अतः यदि विभवांतर आधा कर दिया जाता है तो नियत प्रतिरोध पर विद्युत धारा भी आधी रह जाएगी।

प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के क्यों बनाए जाते
उत्तर – हम जानते हैं कि व्यापक रूप में मिश्रातुओं की प्रतिरोधकत उनकी अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। मिश्रातुओं का उच्च ताप पर शीघ्र ही उपचयन (दहन) नहीं होता। यही कारण है कि मिश्रातु का उपयोग विद्युत – इस्तरी, टोस्टर, आदि सामान्य वैद्युत तापन युक्तियों के निर्माण में किया जाता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए आंकड़ों के आधार पर दीजिए:

(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन – सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?सारणी 12.220°C पर कुछ पदार्थों की वैद्युत प्रतिरोधकता

पदार्थ  प्रतिरोध  (Ωm)
चालक सिल्वर 1.60 x 10-8
कॉपर1.62 x 10-8
ऐलुमिनियम2.63 x 10-8
टंग्स्टन5.20 x 10-8
निकैल6.84 x 10-8
आयरन10.0 x 10-8
क्रोमियम12.9 x 10-8
मरकरी94.0 x 10-8
मैगनीज़1.84 x 10-6
पदार्थप्रतिरोध (Ω)

मिश्रातुएँ कांस्टेटन 49 x 10-6

(Cu तथा  Ni की मिश्रातु) 44 x 10-6

(Cu, Mn तथा Ni  की मिश्रातु)

निक्रोम 100 x 10-6

(Ni, Cr, Mn तथा Fe की मिश्रातु)

विद्युतरोधी काँच   1010 – 1014
कठोर 103 – 1016
ऐबोनाइट 1015 – 1017
डायमंड 1012 – 1013
कागज़ (शुष्क) 1012

उत्तर – (a) आयरन की प्रतिरोधकता 10.0×10-8 Ωm है जबकि मरकरी की प्रतिरोधकता अधिक 94.0 x 10-8 Ωm है। अतः आयरन मरकरी की अपेक्षा विद्युत का अच्छा चालक है।
(b) उपरोक्त सारणी के आधार पर सिल्वर की प्रतिरोधकता सबसे कम है अतः यह सर्वश्रेष्ठ चालक है।

Page no. 205

प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2 V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5Ω प्रतिरोधक, एक 8Ω प्रतिरोधक, एक प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हो।
उत्तर –

प्रश्न 2. प्रश्न 1. का परिपथ दोबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीट तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर –

परिपथ में प्रतिरोध = 5Ω + 8Ω + 12Ω = 25Ω
ओम के नियम से, I = V/R
= 2V x 3/25Ω = 6V/25Ω = 0.24 A
12Ω के प्रतिरोध के सिरों के बीच  विभवांतर :
V = IR
= 0.24 x 12
= 2.88 volt
एमीटर व वोल्ट्मीटर के पाठ्यांक क्रमशः 0.24 A 2.88 V होगी।

Page no. 208

प्रश्न 1. जब (a) 1 Ω तथा 106 Ω (b) 1 Ω 103 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे?
उत्तर –
 1/R = 1/1 + 1/106
= 106 + 1/106
= 1000000 + 1/1000000
= 1000001/1000000
R = 1000000/1000001
= 0.9Ω (लगभग)

(b) 1/R = 1/1 + 1/103 + 1/106
1/R = 106 + 103 + 1/106
R = 106/106 + 103 + 1 = 106/1001001
= 0.9Ω (लगभग)

प्रश्न 2.100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर 500Ω का एक जल फिल्टर 220 V के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है ?
उत्तर –
 विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध इतना ही होगा जितना 100Ω, 50Ω तथा 500Ω का पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध है। यदि तुल्य प्रतिरोध R है तो
1/R = 1/100 + 1/50 + 1/500
1/R = 5 + 10 + 1 = 16/500
R = 500/16 = 31.25Ω
अतः विद्युत इस्तरी का तुल्य प्रतिरोध = 31.25Ω
धारा I = V/R
= 220/500/16 = 220 x 16/500
= 352/50 = 7.04A
अतः धारा I = 7.04 A

प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर विद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर – 
पार्श्वक्रम में तुल्य प्रतिरोध श्रेणीक्रम की अपेक्षा बहुत कम होता है अतः समान विभवांतर के स्रोत से पार्श्वक्रम में अधिक विद्युत धारा प्राप्त की जा सकती है। अतः कम प्रतिरोध के कारण ऊर्जा का क्षय भी पार्श्वक्रम में कम होता है। अतः श्रेणी क्रम के स्थान पर युक्तियों को पार्श्वक्रम में जोड़ने के कई लाभ हैं।

प्रश्न 4. 2Ω, 3Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध (a) 4Ω (b) 1Ω हो?
उत्तर – 
(a) 4Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए 3Ω व 6Ω के प्रतिरोधकों को पाश्वंक्रम तथा 2Ω के प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।

2 + [1/3 + 1/6] = 2+ [3/6] = 2 + 2 = 4Ω

(b) 1Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए तीनों को पार्श्वक्रम में जोड़ना चाहिए :
1/R = 1/2 + 1/3 + 1/6
1/R = 3 + 2 + 1/6 = 6/6
R = 1Ω

प्रश्न 5. 4Ω, 8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोधकों की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से (a) अधिकतम (B) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके ?
उत्तर – (a) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए चारों को श्रेणी क्रम में जोड़ना चाहिए-
R = R1 + R2 + + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
R = 48 Ω अधिकतम
(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए चारों को पार्श्वक्रम में जोड़ना चाहिए :
1/R = 1/R1 + 1/R2 + 1/R3 1/R4 + ……
1/R = 1/4 + 1/8 + 1/12 + 1/24
1/R = 6 + 3 + 2 + 1/24
1/R = 12/24
R = 24/12
= 2Ω निम्नतम

Page no. 211

प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर –
 हम जानते हैं कि सूत्र H = I2Rt से H ∝ R तापन अवयव का प्रतिरोध हीटर की डोरी से काफी अधिक होता है। अतः इसमें अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिससे यह उत्तप्त हो जाता है डोरी नहीं।

प्रश्न 2. एक घंटे में 50 W विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर –
 दिया है
समय t = 1 घं. 3600 से.
V = 50. V
Q = 96000
हम जानते हैं
W = H = VQ = 50 x 96000
= 48000000 जूल

प्रश्न 3. 20Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर-
 R = 20Ω
I = 5 A
t = 30 s
हम जानते हैं :
H = I2 Rt
= 52 x 20 x30
= 25 x 20 x 30
= 15000 जूल (15 KJ)
अतः ऊष्मा की मात्रा
= 15 kJ

Page no. 213

प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर –
 विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण किसी युक्ति या यंत्र द्वारा प्रति सेकंड में किए गये कार्य के आकलन द्वारा किया जाता है।

ऊर्जा की दर = किया गया कार्य/लिया गया समय

प्रश्न 2. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपयुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर –
V = 220 V
I = 5.0 A
P = VI
P = 220 x 5.0 A
P = 1100 वाट (मोटर की शक्ति)
उपयुक्त ऊर्जा = शक्ति x समय
= 1100 वाट x 2 x 3600 s
1100 x 7200
= 7920000 जूल (J)
= 7.92 × 103 kJ
अतः मोटर द्वारा उपयुक्त ऊर्जा
= 7.92 × 103 kJ

प्रश्न 1.तिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में योजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है-

(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25

उत्तर – (d) 25

प्रश्न 2.निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?

(a) I2R
(b) IR²
(c) VI
(d) V² / R

उत्तर – (b) IR²

प्रश्न3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 V; 100 W है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?

(a) 100 W
(b) 75 W
(c) 50W
(d) 25 W

उत्तर – (d) 25 W

प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पाश्र्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?

(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1

उत्तर – (d) 4:1

प्रश्न 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर – परिपथ में वोल्टमीटर को पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8 Ωm है। 10Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर – व्यास = 0.5 mm
r = 0.5mm/2 = 0.5 x 103/m
p = 1.6 x 10-8 Ω m
हम जानते है। : R = p/l/A या l = RA/p
l = 10Ω x 3.14 x (0.5 x 10-3 )2/1.6 x 10-8 x 2
l = 10 x 3.14 x 625 x 10-10 m2/ 1.6 x 10-8
= 9.625 x 10-8/1.6 x 10-8 = 0.9625/1.6 m
= 96.25/1.6 cm = 60.156 cm
अतः तार की लंबाई = 60.156 cm
यदि व्यास दो गुना हो जाता है तो प्रतिरोध आधा रह जाता है।

प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं / के संगत मान आगे दिए गए हैं-

I (ऐम्पियर)0.5 1.0 2.0 3.0 4.0
V (वोल्ट)1.6 3.4 6.7 10.2 13.2

V तथा / के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर –

प्रतिरोध = V2 – V1/I2 – l1
R1 = 3.4 – 1.6/1.0 – 0.5 = 1.8/0.5 = 3.6Ω
R2 = 6.7 – 3.4/2.0 – 1.0 = 3.3Ω
R3 = 10.2 – 3.4/3.0 – 2.0 = 6.8Ω
R4 = 13.2 – 10.2/4.0 – 3.0 = 3.0Ω
R = R1 + R2 + R3 + R4/4
= 3.6 + 3.3 + 6.8 + 3.0/4
= 16.7/4 = 4.2Ω लगभग
अत : प्रतिरोध = 4.2Ω

प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर – V = 12 V
I = 2.5 mA = 2.5 x 103 A
हम जानते हैं :
R = V/I (ओम के नियम से)
R = 12/2.5 x 103Ω
= 12 x 103/2.5Ω
R = 4.8 x 103Ω
अतः अज्ञात प्रतिरोधक का प्रतिरोध

प्रश्न 9. 9 V की किसी बैटरी को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5 Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर –
 श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3 + R4 + R5
= 0.2 + 0.3 + 0.4 + 0.5 + 12Ω
ओम के नियम से,
I = V/R
= 9V/13.4Ω = 90/134A = 0.67 A
अतः विद्युत धारा

प्रश्न 10. 176Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5 A विद्युत धारा प्रवाहित हो?
उत्तर – माना प्रतिरोधकों की संख्या = n
अतः 1/R = 1/176 + 1/176 + …. + n
R = 176/n
अब I = V/R
5 = 220/176/n = n = 5 x 176/220 = 880/220 = 4
अतः प्रतिरोधकों की संख्या = 4

प्रश्न11. यह दर्शाइए कि आप 6 Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध (i) 9Ω, (ii) 4Ω हो ।
उत्तर – (i) 9 Ω प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए दो प्रतिरोधकों को पार्श्व क्रम में तथा एक प्रतिरोधक को श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए।

कुल प्रतिरोध R = 6Ω + [1/6 + 1/6]
= 6Ω + [2/6] = 6Ω + 6/2 = 9Ω

(ii) 4 Ω प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए पहले दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ें जिनका तुल्य प्रतिरोध = 6 + 6 = 12Ω फिर इसे तीसरे प्रतिरोध के साथ क्रम में जोड़ना चाहिए।

1/R = 1/6 1/12
1/R = 2 + 1/12
1/R = 3/12
R = 12/3 = 4 Ω

प्रश्न 12. लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते है ?
उत्तर – प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध = R
V = 220 V
I = 5 A
P = 10 W
हम जानते हैं :
R = V²/P = (220)²/10
R = 220 x 220/10 = 4840 Ω
माना ऐसे n बल्ब जोड़े गए हैं।
अतः 1/R = 1/4840 + 1/4840 + nΩ
R = 4840/nΩ
अब R = V/1 या I = V/R
⇒ 5 ≤ 220/4840/n
5 ≤ 220 x n/4840 = 110
n ≤110

प्रश्न 13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 Ω है तथा इन्हें पृथक-पृथक, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220 V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?
उत्तर – दो प्लेटों का प्रतिरोध = 24 Ω प्रत्येक
V = 220 V
R = 24 + 24 = 48 Ω
ओम के नियम से
I = V/R = 220/48 = 4.6 A लगभग
अतः श्रेणीक्रम में धारा का मान = 4.6 A
अब जब ये पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं :
1/R = 1/24 + 1/24
1/R = 2/24
R =24/2 = 12 Ω
I = V/R = 220/12Ω = 18.33 लगभग
तीसरी बार जब केवल एक प्रतिरोधक जोड़ा जाता है।
I = V/R = 220/12Ω = 9.16 A
अतः धारा का मान = 9.16 A

प्रश्न 14. निम्ललिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए:-
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन (ii) 4V बैटरी से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पार्श्वक्रम संयोजना
उत्तर – (i) जब 1Ω व 2Ω के प्रतिरोधक 6 V की बैटरी के साथ जोड़ा जाता है :
R = R1 + R2 = 1 + 2 = 3 Ω
I = V/R = 6/3 = 2 A
अतः धारा का मान = 2 A
P = VI = 6 x 2 A = 12 W
(ii) 12Ω व 2Ω के प्रतिरोधक 4 V की बैटरी के साथ पार्श्वक्रम में जोड़ा जाता है
1/R = 1/R1 + 1/R2
1/R = 1//2 + 1/12
1/R = 6 + 1/12 = 7/12Ω लगभग
I = V/R = 4/12/7 = 4 x 7/12 = 7/3
I = 7/3 A
P2 = VI
= 4 x 7/3 = 28/3 = 9.3, W
P1 : P2 = 12 : 9.3

प्रश्न 15. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है, विद्युत के साथ पार्श्व क्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर – माना पहले लैम्प के लिए प्रतिरोध = R1
तथा दूसरे लैम्प के लिए प्रतिरोध = R2
P1 = 100 W
P2 = 60 W
V = 220 V
हम जानते हैं
R1 = V2/P1 = (220)2 = 220 x 220/100 = 484Ω
R2 = V2/P2 = (220)2 = 220 x 220/60 = 2420/3 Ω
जब R1 R2 पार्श्वक्रम में जोड़े जाते हैं तो
1/R =1/R1 + 1/R2/R1 + R2 = 484 x2420/484 x 2420/3
484 x 2420/3 = 484(1 + 5/3)
R = 2420/3/83 = 2420/8 = 605/2 Ω
I = V/R = 220/605/2 220 x 2/605 = 8/11
I = 0.727 A

प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है- 250 W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर, जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?
उत्तर – p = 250 W
t = 1 घं. =3600 s
E1 = P x t
= 250 w x 3600 s = 900000 J
= 9 x 105 J
हीटर के लिए,
P = 120 W
t = 10 मिनट = 600 s
E2 = P x t
= 120 x 600
= 72000 J
= 7.2 x 104 J
हम देखते हैं कि E1 >E2
अतः टी.वी. सेट अधिक ऊर्जा उपयोग करेगा।

प्रश्न 17. 8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा दर परिकलित कीजिए।
उत्तर – ऊष्मा की दर = विद्युत शक्ति
P = E/t
= I2Rt/t = I2R
= 152 x 8
= 225 x 8
= 1800 W
ऊष्मा की दर = 1800 J/sec.

प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए-

(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर –
टंग्स्टन का गलनांक तथा प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। अतः यह विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है। अधिक प्रतिरोध के कारण इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन होता है जिसके कारण तंतु चमकने लगते हैं और प्रकाशित हो जाते हैं।

(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं
के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर –
मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता तथा गलनांक शुद्ध धातुओं से अधिक होते हैं। इसी कारण ये अधिक मात्रा में ऊष्मा का उत्पादन करती हैं और ये विद्युत तापन युक्तियों जैसे टोस्टर व इस्तरी में उपयोग की जाती हैं।

(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर –
घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम में संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि श्रेणीक्रम में प्रतिरोध बहुत अधिक (R1 + R2 + R3 + …) हो जाता है। अधिक प्रतिरोध के कारण परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा बहुत कम हो जाती है पार्श्वक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध का मान बहुत कम हो जाता है जिसके कारण धारा का मान बहुत बढ़ जाता है। अतः घरेलू परिपथों में पार्श्वक्रम का उपयोग किया जाता है।

(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित
होता है?
उत्तर –
किसी तार का प्रतिरोध अनेक कारकों पर निर्भर करता है। इनमें से एक है अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल। तार का प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युतक्रमानुपाती होता है।

R ∝ 1/A

(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर –
सिल्वर, कॉपर व ऐलुमिनियम विद्युत के सर्वश्रेष्ठ चालक होते हैं। अतः कॉपर व ऐलुमिनियम का उपयोग विद्युत संचारण में किया जाता है।

NCERT Solution Class 10th Science All Chapter Question And Answer in Hindi
Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
Chapter – 2 अम्ल, क्षार एवं लवण
Chapter – 3 धातु एवं अधातु
Chapter – 4 कार्बन एवं उसके यौगिक
Chapter – 5 जैव-प्रक्रम
Chapter – 6 नियंत्रण एवं समन्वय
Chapter – 7 जीव जनन कैसे करते है
Chapter – 8 अनुवांशिकता
Chapter – 9 प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन
Chapter – 10 मानव-नेत्र एवं रंगबिरंगी दुनियाँ
Chapter – 11 विद्युत
Chapter – 12 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव
Chapter – 13 हमारा पर्यावरण
NCERT Solution Class 10th Science All Chapter MCQ in Hindi
Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
Chapter – 2 अम्ल, क्षार एवं लवण
Chapter – 3 धातु एवं अधातु
Chapter – 4 कार्बन और इसके यौगिक
Chapter – 5 जैव-प्रक्रम
Chapter – 6 नियंत्रण एवं समन्वय
Chapter – 7 जीव जनन कैसे करते है
Chapter – 8 अनुवांशिकता
Chapter – 9 प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन
Chapter – 10 मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार
Chapter – 11 विद्युत
Chapter – 12 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव
Chapter – 13 हमारा पर्यावरण
NCERT Solution Class 10th Science All Chapter Notes in Hindi
Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
Chapter – 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
Chapter – 3 धातु एवं अधातु
Chapter – 4 कार्बन एवं उसके यौगिक
Chapter – 5 जैव प्रक्रम
Chapter – 6 नियंत्रण एवं समन्वय
Chapter – 7 जीव जनन कैसे करते हैं
Chapter – 8 अनुवांशिकता
Chapter – 9 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
Chapter – 10 मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार
Chapter – 11 विद्युत
Chapter – 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
Chapter – 13 हमारा पर्यावरण

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here