NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण (Chemical Reactions and Equations)
Text Book | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Science |
Chapter | 1st |
Chapter Name | रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण (Chemical Reactions and Equations) |
Category | Class 10th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण (Chemical Reactions and Equations) Notes in Hindi रासायनिक अभिक्रिया कितने होते हैं?, रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण में क्या अंतर है?, रासायनिक समीकरण के कितने भाग होते हैं?, हाइड्रोजन का होना क्या कहलाता है?, अभिक्रिया के 4 प्रकार कौन से हैं?, रासायनिक अभिक्रिया का दूसरा नाम क्या है?, रासायनिक अभिक्रिया के 3 प्रकार कौन से हैं?, सबसे हल्का गैस कौन सा होता है?, सबसे हल्का तत्व कौन सा है?, पृथ्वी पर सबसे हल्का तत्व कौन सा है?, रासायनिक समीकरण से आप क्या समझते हैं?, अभिक्रिया में बनने वाले पदार्थ क्या कहलाते हैं?, रासायनिक विज्ञान का जनक कौन है?, पानी का जमना कौन सा परिवर्तन है? इत्यादि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 10th New Syllabus Science Chapter – 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण (Chemical Reactions and Equations)
Chapter – 1
रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
Notes
कंकाली समीकरण – कंकाली समीकरण प्राय: असंतुलित समीकरण होते हैं किंतु कुछ समीकरण ऐसे भी होते है जिन्हें संतुलित करने की आवश्यकता नहीं होती। जैसे-
कंकाली समीकरण | संतुलित समीकरण |
C(s) + O2(g) → CO2(g) | C(s) + O2(g) → CO2(g) |
ZnS + H2SO4(l) → ZnSO4 + H2(g) | Zn(s) + H2SO4(l) → ZnSO4 + H2(g) |
S(s) + O2(g) → SO2(g) | S(s) + O2(g) → SO2(g) |
NaCl(aq) + AgNO3(aq) → AgCl(s) + NaNO3(aq) | NaCl(aq) + AgNO3(aq) → AgCl(s) + NaNO3(aq) |
• ऐसे परिवर्तन जिसमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है, उसे रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।
• ऐसे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में हिस्सा लेते हैं, उन्हें अभिकारक कहते हैं।
• ऐसे पदार्थ जिनका निर्माण रासायनिक अभिक्रिया में होता है, उन्हें उत्पाद कहते हैं।
उदाहरण –
1. भोजन का पाचन
2. श्वसन
3. लोहे पर जंग लगना
4. मैग्नीशियम फीते का जलना
5. दही का बनना
रासायनिक अभिक्रिया के प्रेक्षण
1. अवस्था में परिवर्तन
2. रंग में परिवर्तन
3. तापमान में परिवर्तन
4. गैस का उत्सर्जन
रासायनिक परिवर्तन को प्रदर्शित करना – शब्द समीकरण
जिंक + सल्फुरिक अम्ल (LHS) (अभिकारक) → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन (RHS) (उत्पाद)
रासायनिक समीकरण
ZN + H2SO4 (LHS) → ZNSO4 + H2(RHS)
रासायनिक समीकरण – रासायनिक अभिक्रिया, रासायनिक समीकरण द्वारा निरूपित की जाती हैं। रासायनिक समीकरण में तत्वों के प्रतीक या अभिकारक और उत्पादों के रासायनिक सूत्र उनकी भौतिक अवस्था के साथ लिखे जाते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया में आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे – ताप, दाब, उत्प्रेरक आदि को तीर के निशान के ऊपर या नीचे दर्शाया जाता है।
रासायनिक अभिक्रिया को संतुलित करना – द्रव्यमान संरक्षण का नियम-किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश।
रासायनिक अभिक्रिया के पहले (अभिकारक) एवं उसके पश्चात (उत्पाद) प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए।
चरणबद्ध संतुलित करना
चरण 1 – रासायनिक समीकरण लिखकर, प्रत्येक सूत्र के चारों ओर बॉक्स बना लीजिए।
Fe + H₂O → Fe₂O₃ + H₂
संतुलित करते समय बॉक्स के अन्दर कुछ भी परिवर्तन नहीं कीजिए।
चरण 2 – समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या नोट कीजिए।
चरण 3 – सबसे अधिक परमाणु वाले तत्व को अभिकारक या उत्पाद की तरफ उचित गुणांक लगाकर संतुलित कीजिए।
Fe + 4 H₂O → Fe₃O₄ + H₂
चरण 4 – सभी तत्वों के परमाणुओं को चरण 3 की भांति संतुलित कीजिए।
3 Fe + 4H2O → Fe3O4 + 4 H2
सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या अभिक्रिया के दोनों ओर समान है।
चरण 5 – अभिकारकों एवं उत्पादों की भौतिक अवस्था लिखना
ठोस – (s)
द्रव – (l)
गैसीय अवस्था – (g)
जलीय विलयन – (aq)
3Fe(s) + 4H₂O(g) → Fe3O4(S) + 4H₂(g)
चरण 6 – कुछ आवश्यक परिस्थितियाँ जैसे – ताप, दाब या उत्प्रेरक आदि को भी तीर के निशान के ऊपर या नीचे लिखें।
तत्त्व | अभिकारकों में परमाणु की संख्या (LHS) | उत्पाद में परमाणुओं की संख्या (RHS) |
Fe | 1 | 3 |
H | 2 | 2 |
O | 1 | 4 |
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
1. संयोजन अभिक्रिया – इस अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते हैं।
A + B → C
उदाहरण –
(1) कोयले का दहन
C(s) + O2(g) → CO2(g)
(2) जल का निर्माण
2H2(g) + O2(g) + 2H₂O(l)
(3) CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂ (aq)
(बिना बुझा चूना) → (बुझा हुआ चूना)
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया – जिन अभिक्रियाओं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता हैं।
प्राकृतिक गैस का दहन – CH4(g) + O₂(g) → CO₂(g) + 2H₂O(g) + ऊष्मा
श्वसन एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है। – C₆H₁₂O₆(aq) + 6O₂(g) → 6CO₂(g) + 6H₂O + ऊष्मा
2. वियोजन अभिक्रियाएँ – इस अभिक्रिया में एकल अभिकारक टूटकर दो या उससे अधिक उत्पाद बनते हैं।
A → B + C
ऊष्मीय वियोजन – ऊष्मा द्वारा किया गया वियोजन।
उदाहरण : (i) 2FeSO4(S) ऊष्मा> Fe2O3(s) + SO₂(g) + SO3(g)
फेरस सल्फेट → फेरिक आक्साइड
(हरा रंग) → (भूरा लाल रंग )
(ii) CaCO3(S) ऊष्मा> CaO(s) + CO₂(g)
(चूना पत्थर) → (बिना बुझा चूना) ऊष्मा
(iii) 2Pb(NO3)₂ (s) ऊष्मा> 2PbO(s) + 4NO₂(g) + O₂(g)
(लैड नाइट्रेट) → (लैड आक्साइड) + (नाइट्रोजन डाइआक्साइड)
वैद्युत वियोजन – विद्युत धारा प्रवाहित कर होने वाला वियोजन।
उदाहरण –
प्रकाशीय वियोजन – सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होने वाला वियोजन।
उदाहरण –
2AgCl(s) सूर्य का प्रकाश> 2Ag(s) + Cl2(g)
2AgBr(s) 2Ag(s) + Br2(g)
सिलवर क्लोराइड सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में धूसर रंग में बदल जाता है।
इस अभिक्रिया का उपयोग श्याम श्वेत फोटोग्राफी में होता है।
ऊष्माशोषी अभिक्रिया – जिन अभिक्रियाओं में अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।
3. विस्थापन अभिक्रिया – इन अभिक्रियाओं में अधिक क्रियाशील तत्व कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है।
(a) Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s)
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया – इस अभिक्रिया में उत्पादों का निर्माण, दो यौगिकों के बीच आयनों के आदान प्रदान से होता है।
(i) Na2SO4 (aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl
(सोडियम सल्फेट) (बेरियम क्लोराइड) (बेरियम सल्फेट) (सोडियम क्लोराइड)
बेरियम सल्फेट (BaSO4) के सफेद अविलेय अवक्षेप का निर्माण होता है। इसीलिए इस अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं।
(i) 2KI + Pb(NO3)2 → РbI2 + 2KNO3
पोटैशियम आयोडाइड, लेड नाइट्रेट, लेड आयोडाइज, पोटैशियम नाइट्रेट
(Yellow ppt)
(ii) 2KBr + BaI2 → 2KI + BaBr2
पोटैशियम ब्रोमाइड, बेरियम आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड, बेरियम ब्रोमाइड
5. उपचयन एवं अपचयन
उपचयन – (i) जब किसी पदार्थ में आक्सीजन की वृद्धि होती है।
(ii) जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन का ह्रास होता है।
(iii) इलेक्ट्रॉन (e) का देना
C + O₂ → CO₂
2Cu + O2 → CuO
CuO + H2 ऊष्मा Cu + H2O
अपचयन – (i) जब किसी पदार्थ में आक्सीजन का ह्रास होता है।
(ii) जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
(iii) इलेक्टॉन (e–) का लेना।
इस अभिक्रिया में कॉपर ऑक्साइड कॉपर में अपचयित हो जाता है। हाइड्रोजन उपचयित होकर जल बनाता है। इस अभिक्रिया में उपचयन तथा अपचयन दोनों हो रहे है, इसे रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।
दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओं
(i) संक्षारण – जब कोई धातु, ऑक्सीजन आर्द्रता, अम्ल आदि के सम्पर्क में आती है, जिससे धातु की ऊपरी परत कमजोर होकर संक्षारित हो जाती है।
लोहे की वस्तुओं पर जंग लगना, चाँदी के ऊपर काली पर्त व ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना, संक्षारण के उदाहरण हैं।
यशदलेपन, विद्युत – लेपन और पेन्ट करके संक्षारण से धातुओं को बचाया जा सकता है।
(ii) विकृतगंधिता – वसायुक्त और तैलीय खाद्यसामग्री, वायु के सम्पर्क में आने पर उपचयित हो जाते हैं, जिससे उनके स्वाद और गंध में परिवर्तन हो जाता है, इसे विकृतगंधिता कहते हैं।
विकृतगंधिता रोकने के उपाय
1. प्रति – ऑक्सीकारक का उपयोग करके
2. वायुरोधी बर्तन में खाद्य सामग्री रखकर
3. वायु के स्थान पर नाइट्रोजन गैस द्वारा
4. शीतलन द्वारा
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