NCERT Solutions Class 10th Maths Chapter – 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes) Examples in Hindi

NCERT Solutions Class 10th Maths Chapter – 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes)

TextbookNCERT
Class10th
Subject(गणित) Mathematics
Chapter7th
Chapter Nameपृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes)
MathematicsClass 10th गणित Examples
MediumHindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 10th Maths Chapter – 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes) Examples in Hindi इसमें हम पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes), घनाभ, बेलन, शंकु, सारांश आदि इस अध्याय के सारे उदाहरण को हल करेंगे।

NCERT Solutions Class 10th Maths Chapter – 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes)

Chapter – 12

पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

Examples

उदाहरण 1: रशीद को जन्मदिन के उपहार के रूप में एक लट्टू मिला, जिस पर रंग नहीं किया गया था। वह इस पर अपने मोमिया रंगों (Crayons) से रंग करना चाहता है। यह लट्टू एक शंकु के आकार का है जिसके ऊपर एक अर्धगोला अध्यारोपित है (देखिए आकृति 12.6)। लट्टू की पूरी ऊँचाई 5 cm है और इसका व्यास 3.5 cm है। उसके द्वारा रंग किया जाने वाला क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (π = 22/7 लीजिए।)

हल – यह लट्टू बिल्कुल उस वस्तु जैसा है जिसकी चर्चा हमने आकृति 12.5 में की थी। अतः, हम वहाँ पर प्राप्त परिणाम को सुविधाजनक रूप से यहाँ प्रयोग कर सकते हैं। अर्थात्
लट्टू का TSA = अर्धगोले का CSA + शंकु का CSA

अब, अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 1/2 (4πr2) = 2πr2
= (2x 22/7 x 3.5/2 x 3.5/2)cm2
साथ ही, शंकु की ऊँचाई = लट्टू की ऊँचाई – अर्धगोलीय भाग  की ऊँचाई (त्रिज्या)
= (5 – 3.5/2) cm
= 3.25 cm
अतः शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √r2 + h2
= √(3.5/2)2 + (3.25)2cm
= 3.7 cm (लगभग)

इसलिए शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl = (22/7 x 3.5/2 x 3.7)cm2
इससे लट्टू का प्राप्त पृष्ठीय क्षेत्रफल
= (2 x 22/7 x 3.5/2 x 3.5/2)cm2 + (22/7 x 3.5/2 x 3.7)cm2
= 22/7 x 3.5/2 (3.5 + 3.7) cm2
= 11/ x (3.5 + 3.7)cm2
= 39.6 cm2 (लगभग)
आप देख सकते हैं कि लट्टू का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल अर्धगोले और शंकु के संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफलों के योग के बराबर नहीं है।

उदाहरण 2: आकृति 12.7 में दर्शाया गया सजावट के लिए प्रयोग होने वाला ब्लॉक दो ठोसों से मिलकर बना है। इनमें से एक घन है और दूसरा अर्धगोला है । इस ब्लॉक (block) का आधार 5 cm कोर या किनारे (edge) वाला एक घन है और उसके ऊपर लगे हुए अर्धगोले का व्यास 4.2 cm है। इस ब्लॉक का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (π = 22/7 लीजिए।)

हल – घन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 x (कोर)2 = 6 × 5 × 5 cm2 = 150 cm2
अब, घन का वह भाग जिस पर अर्धगोला लगा हुआ है पृष्ठीय क्षेत्रफल में सम्मिलित नहीं होगा
अतः ब्लॉक का पृष्ठीय क्षेत्रफल = घन का TSA – अर्धगोले अर्धगोले का CSA
= 150 – πr2 + 2 πr2 = (150 + 2 πr2)
= 15 cm2 + (22/7 x 4.2/2 x 4.2/2)cm2
=150 cm2 + 13.86 cm2 = 163.86 cm2

उदाहरण 3: लकड़ी का एक खिलौना रॉकेट (rocket) एक शंकु के आकार का है जो एक बेलन पर अध्यारोपित है, जैसाकि आकृति 12.8 में दर्शाया गया है। संपूर्ण रॉकेट की ऊँचाई 26 cm है, जबकि शंक्वाकार भाग की ऊँचाई 6 cm है। शंक्वाकार के भाग के आधार का व्यास 5 cm और बेलनाकार भाग के आधार का व्यास 3 cm है। यदि शंक्वाकार भाग पर नारंगी रंग किया जाना है और बेलनाकार भाग पर पीला रंग किया जाना है, तो प्रत्येक रंग द्वारा रॉकेट का रँगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। (π = 3.14 लीजिए।)

हल – शंकु की त्रिज्या को r से, शंकु की तिर्यक ऊँचाई कोl से, शंकु की ऊँचाई को ½ से, बेलन की त्रिज्या कोसे, बेलन की ऊँचाई को ‘ से व्यक्त कीजिए। तब = 2.5 cm, h = 6 cm, r’ = 1.5 cm, h’ = 26 – 6 = 20 cm तथा 
l = √r2 + h2 = √2.52 + 62 cm =  6.5 cm
यहाँ, शंक्वाकार भाग का वृत्तीय आधार बेलन के आधार पर टिका हुआ है परंतु शंकु का
आधार बेलन के आधार से बड़ा है। अतः, शंकु के आधार के एक भाग [ वलय ( ring)]
को भी रँगा जाएगा।

अतः, नारंगी रंग से रंगे भाग का क्षेत्रफल
= शंकु का CSA + शंकु के आधार का क्षेत्रफल – बेलन के आधार का क्षेत्रफल
= πrl + πr2 – π((r’)2
= π[(2.5 x 6.5) + (2.5)2 – (1.5)2] cm2
= π[20.25] cm2 = 3.14 x 20.25 cm2
= 63.585 cm2

अब पिले रंग से रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल = बेलन  का CSA + बेलन के आधार का क्षेत्रफल
= 2πr’ h’+π(r’)2
= πr'(2h’+r’)
= 3 .14Χ1.5[2Χ20+1.5]cm2
= 4.71 Χ 41.5 cm2
= 195.465 cm2

उदाहरण 4: मयंक ने अपने बगीचे के लिए एक पक्षी – स्नानागार (bird- bath) बनाया जिसका आकार एक खोखले बेलन जैसा है जिसके एक सिरे पर अर्धगोलाकार बर्तन बना हुआ है (देखिए आकृति 12.9)। बेलन की ऊँचाई 1.45 m है और उसकी त्रिज्या 30 cm है। इस पक्षी – स्नानागार का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

हल – मान लीजिए कि बेलन की ऊँचाई h है तथा बेलन और अर्धगोले की उभयनिष्ठ त्रिज्या r है। तब
पक्षी – स्नानागार का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का CSA + अर्धगोले का CSA
= 2πrh + 2πr2 = 2πr (h + r)
= 2Χ 22/7 Χ 30(145+30)cm2
= 33000 cm2 = 3.3 m2

उदाहरण 5: शांता किसी शेड (shed) मे  एक उद्योग चलाती है। यह शेड एक घनाभ के आकार का है जिस पर एक अर्धबेलन आरोपित है (देखिए आकृति 12.12)। यदि इस शेड के आधार की विमाएँ 7m x 15m हैं तथा घनाभाकार भाग की ऊँचाई 8m है तो शेड में समावेशित हो सकने वाली हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। पुनः यदि यह मान लें कि शेड में रखी मशीनरी 300 m स्थान घेरती है तथा शेड के अंदर 20 श्रमिक हैं जिनमें से प्रत्येक 0.08m 3 के औसत से स्थान घेरता है तब शेड मेंnकितनी हवा होगी ? (π = 22/7 लीजिए।)

हल – शेड के अंदर हवा का आयतन (जब इसमें कोई व्यक्ति या मशीनरी नहीं है) घनाभ के अंदर की हवा और अर्धबेलन के अंदर की हवा के आयतनों को मिला कर प्राप्त होगा।
अब, घनाभ की लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई क्रमश: 15m, 7m और 8m है।
साथ ही, अर्धबेलन का व्यास 7 m और ऊँचाई 15m है।

इसलिए वांछित आयतन = घनाभ का आयतन + 1/2 बेलन का आयतन
=[15 Χ 7 Χ 8 + 1/2 Χ 22/7 Χ 7/2 Χ 7/2 Χ 15 ]m3
= 1128.75 m3
आगे, मशीनरी द्वारा घेरा गया स्थान = 300 m3
तथा 20 श्रमिकों द्वारा घेरा गया स्थान = 20 x 0.08 m3 = 1.6 m3
अतः, शेड में उस समय हवा का आयतन जब उसमें मशीनरी और श्रमिक है
= 1128.75-(300.00+ 1.60)=827.15 m3

उदाहरण 6: एक जूस (juice) बेचने वाला अपने ग्राहकों को आकृति 12.13 में दर्शाए गिलासों से जूस देता था। बेलनाकार गिलास का आंतरिक व्यास 5 cm था, परंतु गिलास के निचले आधार (तली) में एक उभरा हुआ अर्धगोला था, जिससे गिलास की धारिता कम हो जाती थी। यदि एक गिलास की ऊँचाई 10 cm थी, तो गिलास की आभासी (apparent) धारिता तथा उसकी वास्तविक धारिता ज्ञात कीजिए। (7 = 3.14 लीजिए।)

हल – चूँकि गिलास का आंतरिक व्यास = 5 cm है और ऊँचाई = 10 cm है, इसलिए
गिलास की आभासी धारिता = ar2h
= 3.14 × 2.5 x 2.5 x 10 cm3 = 196.25 cm3

परंतु इसकी वास्तविक धारिता उपरोक्त धारिता से आधार में बने अर्धगोले के आयतन के बराबर कम है।
अर्थात् कमी बराबर है 2/3 r3 = 2/3 x 3.14 x 2.5 x 2.5 x 2.5 cm3
= 32.71 cm3

अतः गिलास की वास्तविक धारिता = आभासी धारिता – अर्धगोले का आयतन
= (196.25 – 32.71) cm3
= 163.54 cm2

उदाहरण 7: एक ठोस खिलौना एक अर्धगोले के आकार का है जिस पर एक लंब वृत्तीय शंकु आरोपित है। इस शंकु की ऊँचाई 2 cm है और आधार का व्यास 4 cm है। इस खिलौने का आयतन निर्धारित कीजिए। यदि एक लंब वृत्तीय बेलन इस खिलौने के परिगत हो तो बेलन और खिलौने के आयतनों का अंतर ज्ञात कीजिए। (π = 3. 14 लीजिए।)

हल – मान लीजिए BPC अर्धगोला है तथा ABC अर्धगोले के आधार पर खड़ा एक शंकु है (देखिए आकृति 12.14)। अर्धगोले (और शंकु की भी) की त्रिज्या = 1/2 x 4cm = 2cm
इसलिए खिलौने का आयतन = 2/3 πr3 + 1/3 πr2h
= [2/3 x 3.14 x (2)3 + 1/3 x 3.14 x (2)2 x 2] cm3
= 25.12 cm3

अब, मान लीजिए कि दिए गए ठोस के परिगत लंब वृत्तीय बेलन EFGH है।
इस लंब वृत्तीय बेलन के आधार की त्रिज्या = HP = BO = 2 cm है तथा इसकी ऊँचाई
EH = AO + OP = (2 + 2) cm = 4 cm है।

अतः, वांछित आयतन = लंब वृत्तीय बेलन का आयतन – खिलौने का आयतन
= (3.14 × 22 × 4 – 25.12) cm3
= 25.12 cm3
इस प्रकार, दोनों आयतनों का अंतर = 25.12 cm3 है।

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