NCERT Solutions Class 10th Hindi कृतिकाChapter – 3 मैं क्यों लिखता हूँ?
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | Hindi |
Chapter | 3rd |
Chapter Name | मैं क्यों लिखता हूँ? |
Category | Class 10th Hindi (कृतिका) |
Medium | Hindi |
Source | Last doubt |
NCERT Solutions Class 10th Hindi कृतिका Chapter – 3 मैं क्यों लिखता हूँ? प्रश्न उत्तर क्यों लिखता हूँ पाठ का उद्देश्य क्या है? क्यों लिखता हूँ पाठ में लेखक ने किस विभीषिका का वर्णन किया? खक का प्रमुख उद्देश्य क्या है?पाठ के तीन मुख्य उद्देश्य क्या हैं? ज्ञेय के अनुसार लिखने के पीछे क्या वजह थी? क्यों लिखता हूँ पाठ आपको विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में कैसे प्रेरित करता है?आप एक लेखक से कैसे सवाल करते हैं?पाठ के कितने प्रकार है?चार उद्देश्य क्या है?आप पाठ उद्देश्य कैसे लिखते हैं? लेखक कैसे बन सकता हूं? प लेखक क्यों बनना चाहते हैं?लेखक क्या काम करता है? खक क्यों लिखता है? |
NCERT Solutions Class 10th Hindi कृतिका Chapter – 3 मैं क्यों लिखता हूँ?
Chapter – 3
मैं क्यों लिखता हूँ?
प्रश्न उत्तर
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?
उत्तर- लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है। तो हम सामने घटित होते हुए देखते हैं परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात् कर लेती है, यह वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं होती है। अनुभव की तुलना में अनुभूति उसके हृदय के सारे भावों को बाहर निकालने में उसकी मदद करती है। जब तक हृदय में अनुभूति न जागे लेखन करना संभव नहीं है क्योंकि यही हृदय में संवेदना जाग्रत करती है और लेखन के लिए मजबूर करती है। लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए लेखक, लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्व देता है।
प्रश्न 2. लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?
उत्तर- लेखक हिरोशिमा के बम विस्फोट के परिणामों को अख़बारों में पढ़ चुका था। लेखक ने अपनी जापान यात्रा के दौरान हिरोशिमा का दौरा किया था। वह उस अस्पताल में भी गया जहाँ आज भी उस भयानक विस्फोट से पीड़ित लोगों का इलाज हो रहा था। इस अनुभव द्वारा लेखक को, उसका भोक्ता बनना स्वीकार नहीं था। कुछ दिन पश्चात् जब उसने किसी स्थान पर एक बड़े से पत्थर पर एक व्यक्ति की उजली छाया देखी, संभवत: विस्फोट के समय कोई व्यक्ति उस स्थान पर खड़ा रहा होगा। विस्फोट से विसर्जित रेडियोधर्मी पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया और पत्थर को झुलसा दिया। इस प्रकार जैसे समूची दुर्घटना ‘उस पत्थर पर लिखी गई हो। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को झकझोर दिया। इस प्रकार लेखक हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बना गया।
प्रश्न 3. मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि
(क) लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?
उत्तर- किसी भी लेखक को लिखने के लिए आर्थिक विवशता, आंतरिक विवशता, प्रसिद्धि पाने की इच्छा और संपादक व प्रकाशक का आग्रह प्रेरित करता हैं।
(ख) मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?
उत्तर- किसी रचनाकार को उसकी आंतरिक विवशता रचना करने के लिए प्रेरित करती है परन्तु कई बार उसे संपादकों के दवाव व आग्रह के कारण रचना लिखने का प्रयास करना पड़ता है।परन्तु मन की व्याकुलता ही उसके लेखन का मूल कारण बनती है।
प्रश्न 4. कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन से हो सकते हैं?
उत्तर- कोई आत्मानुभूति स्वयं के अनुभव, उसे हमेशा लिखने के लिए प्रेरित करते हैं परन्तु इनके साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। जो लेखक को लिखने के लिए
प्रेरित करते हैं। ये इस प्रकार हैं –
आर्थिक लाभ की आकांक्षा
सामाजिक परिस्थितियाँ
संपादकों का आग्रह
विशिष्ट के पक्ष में प्रस्तुत करने का दबाव
प्रश्न 5. क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?
उत्तर- बिल्कुल! ये दवाव किसी भी क्षेत्र के कलाकार हो, सबको समान रुप से प्रभावित रते हैं। कलाकार अपनी अनुभूति या अपनी खुशी के लिए अवश्य अपनी कला दर्शन करता है, परन्तु उसके क्षेत्र की विवशता एक रचनाकार से अलग नहीं है। जैसे-
अभिनेता, मंच कलाकार या नृत्यकार – इन पर निर्देशक का दबाव रहता है।
गायक-गायिकाएँ – इन पर आयोजको और श्रोताओं का दबाव बना रहता है।
मूर्तिकार – इन पर वनवाने वाले ग्राहकों की इच्छाओं तथा पसन्द का दबाव रहता है।
चित्रकार – इन पर बनवाने वाले ग्राहकों की इच्छाओं का दबाव रहता है।
प्रश्न 6. हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह प कैसे कह सकते हैं ?
उत्तर- लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को खकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा । हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था परन्तु जले त्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया ने उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित गों के दर्द की अनुभूति कराई, लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया । इस तरह रोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है।
प्रश्न 7. हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का रुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?
उत्तर – हिरोशिमा तो विज्ञान के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है ही पर हम मनुष्यों द्वारा ज्ञान का और भी दुरुपयोग किया जा रहा है। जैसे-
• विज्ञान ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए हवाई जहाज़, गाड़ियों आदि का निर्माण किया रन्तु हमने इनसे अपने ही वातावरण को प्रदूषित कर दिया है।
• इस विज्ञान की देन के द्वारा आज हम अंगप्रत्यारोपण कर सकते हैं। परन्तु आज इस न का दुरुपयोग कर हम मानव अंगों का व्यापार करने लगे हैं।
• विज्ञान के दुरुपयोग से भ्रूण हत्याएँ बढ़ रही है।
• विविध कीटनाशकों का प्रयोग आत्महत्या के लिए होता है।
• विज्ञान ने कंप्यूटर का आविष्कार किया उसके पश्चात् उसने इंटरनेट का आविष्कार या ये उसने मानव के कार्यों के बोझ को कम करने के लिए किया। हम मनुष्यों ने इन नों का दुरुपयोग कर वायरस व साइवर क्राइम को जन्म दिया है। आज हर देश परमाणु अस्त्रों को बनाने में लगा हुआ है जो आने वाले भविष्य के लिए बसे बड़ा खतरा है ।
प्रश्न 8. एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या मिका है?
उत्तर- हमारी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये कहना कि विज्ञान का दुरुपयोग हो रहा है. सही, परन्तु हर व्यक्ति इसका दुरुपयोग कर रहा है। यह कहना सर्वथा गलत होगा। क्योंकि कुछ ग इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्य करते रहते हैं।
(1) विज्ञान के बनाए हथियारों का यथासंभव उपयोग मानवता की भलाई के लिए ही करें, मनुष्य विनाश के लिए नहीं ।
(2) प्रदूषण के प्रति जनता में जागरुकता लाने के लिए अनेक कार्यक्रमों व सभा का आयोजन या जा रहा है। जिससे प्रदूषण के प्रति रोकथाम की जा सके। इन समारोहों में जाकर व लोगों बताकर हम अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं।
(3).टी.वी पर प्रसारित अश्लील कार्यक्रमों का खुलकर विरोध करूँगा और समाजोपयोगी कार्यक्रमों के प्रसारण का अनुरोध करूँगा ।
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