NCERT Solutions Class 10th Hindi व्याकरण Grammar संवाद लेखन
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | हिन्दी व्याकरण |
Chapter | व्याकरण |
Grammar Name | संवाद लेखन |
Category | Class 10th Hindi हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar संवाद लेखन हिंदी में संवाद कैसे लिखते हैं? संवाद का दूसरा नाम क्या है? संवाद क्या है उदाहरण सहित समझाइए? उदाहरण सहित संवाद क्या है? संवाद की सबसे अच्छी परिभाषा कौन सी है? संवाद के कितने प्रकार हैं? संवाद का मूल अर्थ क्या है? संवाद के पांच उद्देश्य क्या हैं? संवाद की चार विशेषताएं क्या हैं? संवाद के प्रमुख गुण क्या हैं? संवाद का महत्व क्या है? संवाद का क्या महत्व होता है? संवाद लेखन का मुख्य उद्देश्य क्या है? का उपयोग कब आदि के बारे में पढ़ेंगे और जानने के साथ हम NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar (व्याकरण) संवाद लेखन व्याकरण करेंगे। |
NCERT Solutions Class 10th Hindi व्याकरण Grammar संवाद लेखन
हिन्दी व्याकरण
संवाद लेखन
संवाद लेखन के बारे – आपने अपने दोस्तों से अक्सर बातें करी होंगी और ठहाके भी मारे होंगे। कभी-कभी डायलॉग भी बोले होंगे और एक्टिंग भी करी होगी, पर उस वक्त आपको ये नहीं पता होगा कि जो डायलॉग आप बोल रहे हैं उसे क्या कहते हैं? जो वार्तालाप आप कर रहे हैं उसका मतलब क्या है? अच्छी संवाद-रचना के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? अच्छे संवाद-लेखन की क्या विशेषताएँ होती है?
संवाद लेखन व्याकरण का एक अंग है, यह कक्षा दसवीं तक की परीक्षाओं में अधिकतर पूछा जाता है। आज के हमारे ब्लॉग मे आप सभी की संवाद लेखन में होने वाली परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे और कुछ उदाहरणों के जरिए और समझाने का प्रयास करेंगे। आइये शुरू करते हैं और जानते हैं
संवाद लेखन- संवाद ‘वाद’ मूल शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाने से ‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत करना’ है। दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप या सम्भाषण को संवाद कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो संवाद का सामान्य अर्थ बातचीत है। इसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति भाग लेते है,अपने भावों और विचारों को व्यक्त करने के लिए संवाद की सहायता ली जाती है।
संवाद लेखन की परिभाषा – दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप को जब लिखा जाता है तो वह संवादलेखन कहलाता है। काल्पनिक भी हो सकता है और वास्तविक भी हो सकता है। भाषा कई तरह की होती है बोलने वाले के अनुसार थोड़ी-थोड़ी भिन्न होती है।
उदाहरण – एक अध्यापक की भाषा छात्र की अपेक्षा ज्यादा संतुलित और अर्थपूर्ण होती है।एक पुलिस अधिकारी और अपराधी की भाषा में काफी अंतर होता है।इसी तरह दो मित्रों या महिलाओं की भाषा कुछ भिन्न प्रकार की होगी। दो व्यक्ति, जो एक-दूसरे के दुश्मन हैं उनकी भाषा अलग होगी अर्थात संवाद लेखन में पात्रों के लिंग, उम्र, कार्य, स्थिति का ध्यान रखना होता है।
संवाद लेखन फॉर्मेट- इसमें हमें इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए कि वाक्य-रचना सजीव हो, भाषा सरल हो, कठिन शब्दों का प्रयोग कम-से-कम हो, संवाद के वाक्य बड़े न हों, संक्षिप्त और प्रभावशाली हो, मुहावरेदार भाषा काफी रोचक होती है और मुहावरों का सही जगह प्रयोग हो।
संवाद लेखन कितने प्रकार – संवाद लेखन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:
• सामान्य संवाद।
• औपचारिक कार्य व्यापार के लिए संवाद।
• विचार व्यक्त करने वाले संवाद।
• भावनाएं व्यक्त करने वाली संवाद।
अच्छी संवाद – रचना के लिए किन बातों का ध्यान रखना – अच्छी संवाद रचना के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है –
• संवाद लेखन संवाद छोटा, सहज व स्वाभाविक होना चाहिए।
• संवादों में रोचकता, मनोरंजकता एवं सरसता होनी चाहिए।
• इनकी भाषा सरल, स्वाभाविक और बोलचाल के निकट हो।
• इसमें बहुत अधिक कठिन शब्द तथा अप्रचलित शब्दों का प्रयोग न हो।
• संवाद के किरदार सामाजिक स्थिति के अनुकूल होने चाहिए। अनपढ़ या ग्रामीण किरदारों और शिक्षित पात्रों के संवादों में अंतर रहना चाहिए।
• संवाद जिस स्थिति या विषय में है,उस विषय को स्पष्ट करने वाले होने चाहिए अर्थात जब कोई उस संवाद को पढ़े तो उसे संवाद का विषय आसानी से ज्ञात हो जाना चाहिए।
• प्रसंग के अनुसार संवादों में हँसी-मजाक भी होना चाहिए।
• संवाद बोलने वाले का नाम, संवादों के आगे लिखा होना चाहिए।
• यदि संवाद के बीच कोई चित्र बदलता है या किसी नए व्यक्ति का आगमन होता है, तो उसका वर्णन कोष्टक में करना चाहिए।
• संवाद बोलते समय वक्ता के चेहरे के हाव-भाव,उन्हें भी कोष्टक में लिखना चाहिए।
• यदि संवाद बहुत लम्बे चलते हैं और बीच में जगह बदलती हैं, तो उसे दृश्य एक, दृश्य दो करके बांटना चाहिए।
संवाद लेखन के अंत में वार्ता पूरी हो जानी चाहिए।
अच्छे संवाद – लेखन की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं –
• संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए
• संवाद में प्रवाह ,क्रम और अर्थपूर्ण विचार होने चाहिए।
• संवाद देश,काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए।संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और • मनोरंजक होगा।संवाद का आरम्भ और अन्त मजेदार हो।
इन सभी विशेषताओं को ध्यान में रखकर छात्रों को संवाद लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे उनमें अर्थों को समझने और सृजनात्मक शक्ति को जागृत करने का अवसर मिलता है। उनमें बोलचाल की भाषा लिखने की प्रवृति जागती है।
संवाद लेखन का महत्व- संवाद लेखन का महत्व निम्नलिखित है –
• संवादों के माध्यम से व्यक्ति अपने संवाद में इस्तमाल होने वाले शब्दों के ज़रिए ना सिर्फ अपने मन की बात कह पाता है।
• बल्कि अपने भावों को भी बेहतर तरीके से नाटकीय रूप देकर प्रकट कर सकता है।
• संवाद की महत्वता की बात करें तो जीवन के हर पड़ाव में समाज में अपनी जगह बनाने के लिए संवाद बहुत ज़रूरी माने जाते है।
• इससे आप अपने टैलेंट और ज्ञान का प्रदर्शन व जानकारी लोगो के सामने प्रकट कर सकते हैं।
• संवाद के ज़रिए ही आप अपनी सीखी हुई चीज़े और अपना ज्ञान दुनिया भर में सीखा भी सकते हैं।
• संवाद के ज़रिए ही आप अपने अपनों को बेहतर तरीके से जान भी सकते हैं और नए लोगो से जान पहचान भी बनाने में सक्षम होते हैं।
संवाद लेखन के लिए स्किल्स नीचे स्किल्स दी गई हैं-
• कथन के साथ संवाद मिलाएं।
• अपने मुख्य पात्र को एक रहस्य दें।
• तकनीकी भाषा को स्पष्ट करने के लिए एक आम आदमी के चरित्र का प्रयोग करें।
• प्रमाणिक आशुलिपि (शॉर्टहैंड) का प्रयोग करें।
• प्रेरणा के लिए संवाद के बेहतरीन उदाहरण देखें।
• सुनिश्चित करें कि आप अपने संवाद को ठीक से विरमित कर रहे हैं।
• विचारोत्तेजक (इवोकेटिव) संवाद टैग का प्रयोग करें।
संवाद लेखन के उदाहरण
1.ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने आदमी के हेलमेट न पहने होने के कारण वाहन चालक को रोका। आइए देखते हैं दोनों के बीच क्या संवाद होता है –
पुलिसकर्मी- आपको पता है ना कि हेलमेट पहने बिना वाहन चलाना अपराध है?
वाहन चालक- अरे, सर! मैं तो हेलमेट लगाए बिना घर से निकलता ही नहीं । लेकिन. …
पुलिसकर्मी- तो आज आप किस खुशी में बिना हेलमेट के इस खूबसूरत बाइक पर सवार होकर बाहर तशरीफ लाए हैं।
वाहन चालक- जी, वो, ज़रा वह भूल हो गई।
पुलिसकर्मी- ज़रा भूल! अरे महाशय! ये ज़रा – सी भूल जिंदगी भर को शूल बना सकती हैं। मुझे आप का चालान काटना पड़ेगा।
वाहन चालक- अरे, नहीं सर ! आगे से ऐसी भूल हरगिज़ नहीं होगी सर।
पुलिसकर्मी- वादा।
वाहन चालक- पक्का वादा।
(तो यह था एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी और वाहन चालक के मध्य संवाद आगे चलते हैं और देखते हैं कुछ और मज़ेदार संवाद।)
2. दो मित्रों के बीच का , जिसमें वह नए विद्यालय में अपने पहले दिन के बारे में बातचीत कर रही हैं आइए देखते हैं उनके मध्य के संवाद
कीर्ति- हेलो, सुनैना! तुमने भी इसी विद्यालय में प्रवेश लिया है?
सुनैना- हाँ कीर्ति , तुमको यहाँ देख कर मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही हैं।
कीर्ति- बहन, मेरे मन में तो हल्की सी घबराहट हो रही है।
सुनैना- क्यों , ऐसा क्या हैं? अरी ,नए- नए सहपाठी मिलेंगे। नए-नए शिक्षक पढ़ाएंगे । इतने बड़े विद्यालय में शिक्षा पाने का आनंद ही कुछ और है।
कीर्ति- यही तो । नए वातावरण में हम अपने को कैसे एडजस्ट कर पाएंगे?
सुनैना- सब ठीक होगा । चिंता मत कर। चल सब से मिलते हैं।
कीर्ति- ठीक है , चलो।
सुनैना- हां चल।
(चलिए अब आगे एक और उदाहरण लेते हैं और जानते हैं कि कैसे दो मित्रों जो एक दूसरे के विचार जानना चाहते हैं उनके बीच क्या संवाद होता है-)
3. दो मित्र जो जल की कमी को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है। आइऐ देखते हैं उनके मध्य का संवाद
काजल – कुसुम , कल कक्षा में ‘जल ही जीवन’ पर बोलना है । इसपर तुम्हारे क्या विचार है?
कुसुम – मेरे विचार तो बिल्कुल स्पष्ट है। जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है।
काजल – यही तो मेरा भी है। फिर हम लोग जल का अपव्यय क्यों कर रहे हैं ? भूगर्भ में जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।
कुसुम – बहन यह तो चिंता की बात है। प्रधानमंत्री निरंतर जल की स्वच्छता और सुरक्षा पर जोर देते आ रहे हैं।
काजल – जल का अपव्यय रोकने के लिए कोई कठोर कानून बनना चाहिए।
कुसुम – मैंने पढ़ा है कि जल इसी तरह कम होता गया तो अगला विश्व युद्ध जल को लेकर हो सकता है।
काजल – सरकार और जनता के बीच सक्रिय सहयोग के बिना यह विकट संकट नहीं चल सकता।
कुसुम – हम छात्रों को भी जनता से जागरूकता जगाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
काजल – अवश्य कल कक्षा में अपनी बात हम दृढ़ता से रखेंगे।
कुसुम – हां बिल्कुल।
4. गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं आइए देखते हैं उनके मध्य का संवाद।
अक्षर – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ रहे हो।
संजीव – नमस्ते अक्षर! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
अक्षर – क्या जान-माल की ज्यादा क्षति हुई है?
संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
अक्षर – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
संजीव – मैं गांव वालों को खबर करने जा रहा हूँ।
अक्षर – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूंगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले चलें।
संजीव – यह ठीक रहेगा।
अक्षर – मैं गोपी चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है।
संजीव – डॉ. रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
अक्षर- तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
संजीव – चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुंचते हैं।
5. विशाल तथा रोहित दो मित्र हैं जो परीक्षा से दो दिन पूर्व आपस में परीक्षा के लिए फोन पर बातचीत कर रहे हैं। उनका संवाद कुछ इस प्रकार है।
विशाल – हेलो रोहित !
रोहित – हां भाई , मैं रोहित बोल रहा हूं कैसे हो ?
विशाल – बस ठीक हूं भाई , और पढ़ाई कैसी चल रही है ?
रोहित – क्या बताऊं बस थोड़ी सी दिक्कत है ?
विशाल – क्या हुआ कहां दिक्कत आ रही है ?
रोहित – विज्ञान में प्रकाश संश्लेषण वाला विषय समझ नहीं आ रहा।
विशाल – मगर वह तो आसान है थोड़ा ध्यान से समझना होगा।
रोहित- क्या तुम मेरी हेल्प कर सकते हो ?
विशाल – हां क्यों नहीं?
रोहित – कल स्कूल में मुझे समझा देना।
विशाल- ठीक है, लंच के समय हम दोनों बैठ कर इस विषय को क्लियर कर लेंगे।
रोहित – ठीक है भाई थैंक यू।
विशाल – कोई बात नहीं भाई , दोस्ती दोस्त के काम आते हैं।
रोहित – और तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है।
विशाल – मेरी पढ़ाई तो बढ़िया हो रही है बस थोड़ा परीक्षा का टेंशन हो रहा है।
रोहित – कोई बात नहीं सब बढ़िया होगा मुझे उम्मीद है।
विशाल – हां भाई ऐसा ही हो और सब बढ़िया है ?
रोहित – हां सब बढ़िया है।
विशाल – ठीक है फिर विद्यालय में मिलते हैं।
रोहित – अच्छा ठीक है बाय।
विशाल – बाय नमस्कार।
संवाद लेखन दो मित्रों के बीच
प्रश्न 1.गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए Samvad Lekhan का लेखन कीजिए।
अक्षर – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ रहे हो।
संजीव – नमस्ते अक्षर! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
अक्षर – क्या जान-माल की ज़्यादा क्षति हुई है?
संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
अक्षर – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
संजीव – मैं गाँववालों को खबर करने जा रहा हूँ।
अक्षर – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूँगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले चलें।
संजीव – यह ठीक रहेगा।
अक्षर – मैं गोपी चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुँचाया जा सकता है।
संजीव – डॉ. रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
अक्षर – तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
संजीव- चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुंचते हैं।
प्रश्न 2.बाढ़ आने से कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। दो मित्र उनकी सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके बीच हुए संवाद का लेखन कीजिए।
पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?
अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?
पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।
अमर- ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?
पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।
पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।
अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके।
पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।
प्रश्न 3.बिजली की बार-बार कटौती से उत्पन्न स्थिति से परेशान महिलाओं की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
तनु – क्या बात है विभा? कुछ परेशान-सी दिख रही हो?
विभा – क्या कहूँ तनु, बिजली की कटौती से परेशान हूँ।
तनु – ठीक कह रही हो बहन, बिजली कब कट जाए, कुछ कह ही नहीं सकते हैं।
विभा – तनु, बिजली न होने से आज तो घर में बूंदभर भी पानी नहीं है। समझ में नहीं आता, नहाऊँ कैसे, बरतन कैसे धोऊँ।
तनु – आज सवेरे बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजने में बड़ी परेशानी हुई।
विभा – यह तो रोज़ का नियम बन गया है। सुबह-शाम बिजली कट जाने से घरेलू कामों में बड़ी परेशानी होने लगी है।
तनु – दिनभर ऑफिस से थककर आओ कि घर कुछ आराम मिलेगा, पर हमारा चैन बिजली ने छीन लिया है।
विभा – अगले सप्ताह से बच्चों की परीक्षाएँ हैं। मैं तो परेशान हूँ कि उनकी तैयारी कैसे कराऊँगी?
तनु – चलो आज बिजली विभाग को शिकायत करते हुए ऑफिस चलेंगे।
विभा – यह बिलकुल ठीक रहेगा।
प्रश्न 4. परीक्षा के एक दिन पूर्व दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
अक्षर – नमस्ते विमल, कुछ परेशान से दिखते हो?
विमल – नमस्ते अक्षर, कल हमारी गणित की परीक्षा है।
अक्षर – मैंने तो पूरा पाठ्यक्रम दोहरा लिया है, और तुमने?
विमल – पाठ्यक्रम तो मैंने भी दोहरा लिया है, पर कई सवाल ऐसे हैं, जो मुझे नहीं आ रहे हैं।
अक्षर – ऐसा क्यों?
विमल – जब वे सवाल समझाए गए थे, तब बीमारी के कारण मैं स्कूल नहीं जा सका था।
अक्षर – कोई बात नहीं चलो, मैं तुम्हें समझा देता हूँ। शायद तुम्हारी समस्या हल हो जाए।
विमल- पर इससे तो तुम्हारा समय बेकार जाएगा।
अक्षर- कैसी बातें करते हो यार, अरे! तुम्हें पढ़ाते हुए मेरा दोहराने का काम स्वतः हो जाएगा। फिर, इतने दिनों की मित्रता कब काम आएगी।
विमल- पर, मैं उस अध्याय के सूत्र रट नहीं पा रहा हूँ।
अक्षर – सूत्र रटने की चीज़ नहीं, समझने की बात है। एक बार यह तो समझो कि सूत्र बना कैसे। फिर सवाल कितना भी घुमा-फिराकर आए तुम ज़रूर हल कर लोगे।
विमल – तुमने तो मेरी समस्या ही सुलझा दी। चलो अब कुछ समझा भी दो।
प्रश्न 5.नए विद्यालय में अपने पुत्र का दाखिला दिलवाने गर अभिवावक और प्रधानाचार्य के मध्य हुए वार्तालाप का संवाद लेखन कीजिए।
अभिभावक – सर! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
प्रधानाचार्य –‘हाँ-हाँ’ अवश्य आइए और काम बताइए।
अभिभावक – मैं अपने बेटे का दाखिला इस स्कूल में कराना चाहता हूँ।
प्रधानाचार्य – कौन-सी कक्षा में?
अभिभावक- ग्यारहवीं कक्षा में।
प्रधानाचार्य – उसने दसवीं कौन से विद्यालय से उत्तीर्ण की है?
अभिभावक – ………..पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन से।
प्रधानाचार्य – तुम अपने बच्चे को पब्लिक स्कूल से यहाँ सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हो, ऐसा क्यों?
अभिभावक – मैंने इस स्कूल का नाम सुना है। यहाँ पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था है और खर्च नाम मात्र का भी नहीं है। यह पब्लिक स्कूल वाले तो हमें लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।