NCERT Solutions Class 10th Sanskrit Shemushi Chapter – 1 शुचिपर्यावरणम् (Saaphvaataavaran)
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | संस्कृत |
Chapter | 1st |
Chapter Name | शुचिपर्यावरणम् |
Category | Class 10th संस्कृत |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Sanskrit Shemushi Chapter – 1 शुचिपर्यावरणम् (Saaphvaataavaran) प्रश्न – उत्तर जिसमें हम पर्यावरण का जनक कौन है?, पर्यावरण के कितने स्वरूप हैं?, मंगलम का उद्देश्य क्या है?, मंगलम का अर्थ क्या है?, मंगलम का अर्थ क्या है?, पर्यावरण की स्थापना कब हुई?, पर्यावरण कब से लागू हुआ?, मंगलम का मालिक कौन है?, मंगलम पाठ में कितने श्लोक हैं?, शुचिपर्यावरणम् PDF, शुचिपर्यावरणम् का हिन्दी अर्थ, शुचिपर्यावरणम् Solutions, प्रथम पाठ: शुचिपर्यावरणम्, कक्षा 10 संस्कृत अध्याय 1, Class 10 Sanskrit Chapter 1 PDF, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 10th Sanskrit Shemushi Chapter – 1 शुचिपर्यावरणम् (Saaphvaataavaran)
Chapter – 1
शुचिपर्यावरणम्
प्रश्न-उत्तर
अभ्यासः
1. एकपदेन उत्तरं लिखत – (क) अत्र जीवितं कीदृशं जातम् ? उत्तरम् – दुर्वहम्। (ख) अनीशं महानगरमध्ये किं प्रचलित ? उत्तरम् – कालायसचक्रम्। (ग) कुत्सितवस्तुमिश्रितं किमस्ति ? उत्तरम् – भक्ष्यम्। (घ) अहं कस्मै जीवनं कमाये ? उत्तरम् – मानवाय। (ङ) केषां माला रमणीया ? उत्तरम् – हतिरतरुणाम ललितलतानाम् च। |
2. अधोलिखितानाम प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत – (क) कवि: किमर्थं प्रकृते: शरणम् इच्छति ? उत्तरम् – नगरेषु जीवनं दुर्वहं जातम्। अतः कवि: प्रकृते: शरणम् इच्छति। (ख) कस्मात् कारणात् महानगरेषु संसरणं कठिनं वर्तते ? उत्तरम् – महानगरेषु वाहनानाम् अनन्ता: पंक्तय: धावन्ति। अस्मात् कारणात् तत्र संसरणं कठिनं वर्तते। (ग) अस्माकं पर्यावरणे किं किं दुषितम् अस्ति ? उत्तरम् – अस्माकं पर्यावरणं वायुमण्डलं, जलं, धरातलं, भक्ष्यं च सर्व दुषितम् अस्ति। (घ) कवि: कुत्र संञ्जरणं कर्तुम् इच्छति ? उत्तरम् – कवि: नगरात् दूरम् एकान्तकान्तारे संञ्जरणं कर्तुुम् इच्छति। (ङ) स्वस्थजीवनाय कीदृशे वातवरणे भ्रमणीयम् ? उत्तरम् – स्वस्थजीवनाय स्वच्छप्राकृतिकवातावरणे भ्रमणीयम्। (च) अन्तिमे पद्यांशे कवे: का कामना अस्ति ? उत्तरम् – अन्तिमे पद्यांशे कवि: मानवेभ्य: सुखदजीवनं कामयते। |
3. सन्धिं/सन्धिविच्चेदं कुरुत – |
(क) प्रकृति: | + | …………….. | = प्रकृतिरेव |
(ख) स्यात् | + | …………….. + …………….. | = स्यान्नैव |
(ग) …………….. | + | अनन्ता: | = ह्यनन्ता: |
(घ) बहि: | + | अन्तः + जगति | = ……………… |
(ड) …………….. | + | नगरात् | = अस्मान्नगरात् |
(च) सम् | + | चरणम् | = …………….. |
(छ) धूमम् | + | मुञ्चति | = …………….. |
उत्तरम् – |
(क) प्रकृति: | + | एव | = प्रकृतिरेव |
(ख) स्यात् | + | न + एव | = स्यान्नैव |
(ग) हि | + | अनन्ता: | = ह्यनन्ता: |
(घ) बहि: | + | अन्तः + जगति | = बहिरन्तर्जगति |
(ङ) अस्मात् | + | नगरात् | = अस्मान्नगरात् |
(च) सम् | + | चरणम् | = संचरणम् |
(छ) धूमम् | + | मुञ्चति | = धुमम्मुञ्चित |
4. अधोलिखितानाम अव्ययानां सहायतया रिक्तस्थानानि पूरयत – भृशम, यत्र, तत्र, अत्र, अपि, एव, सदा, बहि: (क) इदानीं वायुमण्डलं …………….. प्रदूषितमस्ति। उत्तरम् – इदानीं वायुमण्डलं भृशम् प्रदूषितमस्ति। (ख) …………….. जीवनं दुर्वहम् अस्ति। उत्तरम् – अत्र जीवनं दुर्वहम् अस्ति। (ग) प्राकृतिक- वातावरणे क्षणं सञ्चरणम …………….. लाभदायकं भवति। उत्तरम् – प्राकृतिक- वातावरणे क्षणं सञ्चरणम अपि लाभदायकं भवति। (घ) पर्यावरणस्य संरक्षणम् …………….. प्रकृते: आराधना। उत्तरम् – पर्यावरणस्य संरक्षणम् एव प्रकृते: आराधना। (ड) …………….. समयस्य सदुपयोग: करणीय:। उत्तरम् – सदा समयस्य सदुपयोग: करणीय:। (च) भूकम्पित-समये …………….. गमनमेव उचितं भवति। उत्तरम् – भूकम्पित-समये बहि: गमनमेव उचितं भवति। (छ) …………….. हरीतिमा …………….. शुचि पर्यावरणम्। उत्तरम् – यत्र हरीतिमा तत्र शुचि पर्यावरणम्। |
5. (अ) अधोलिखितानां पदानां पर्यायपदं लिखत – |
(क) सलिलम् | …………….. |
(ख) आम्रम् | …………….. |
(ग) वनम् | …………….. |
(घ) शरीरम् | …………….. |
(ड) कुटिलम् | …………….. |
(च) पाषाण: | …………….. |
उत्तरम् – |
(क) सलिलम् | जलम् |
(ख) आम्रम् | रसालम् |
(ग) वनम् | कान्तारम् |
(घ) शरीरम् | तनुः |
(ड) कुटिलम् | वक्रम् |
(च) पाषाण: | प्रस्तरम् |
(आ) अधोलिखितानां विलोमपदानि पाठात चित्वा लिखत – |
(क) सुकरम् | …………….. |
(ख) दुषितम् | …………….. |
(ग) गृहणन्ती | …………….. |
(घ) निर्मलम् | …………….. |
(ड) दानवाय | …………….. |
(च) सान्ता: | …………….. |
उत्तरम् – |
(क) सुकरम् | दुर्वहम्: |
(ख) दुषितम् | शुद्धम् |
(ग) गृहणन्ती | मुञ्चन्ति |
(घ) निर्मलम् | समलम् |
(ड) दानवाय | मानवाय |
(च) सान्ता: | अनन्ताः |
6. उदाहरणमनुसृत्य पाठात् चित्वा च समस्तपदानि समासनाम च लिखत – |
यथा-विग्रह पदानि | समस्तपद | समासनाम |
(क) मलेन सहितम् | …………….. | …………….. |
(ख) हरिता: च ये तरव: (तेषां) | …………….. | …………….. |
(ग) ललिता: च या: लता: (तासाम्) | …………….. | …………….. |
(घ) नवा मालिका | …………….. | …………….. |
(ड) धृत: सुखसंदेश: येन (तम्) | …………….. | …………….. |
(च) कज्जलम् इव मलिनम् | …………….. | …………….. |
(छ) दुर्दान्तै: दशनैः | …………….. | …………….. |
उत्तरम् – |
यथा-विग्रह पदानि | समस्तपद | समासनाम |
(क) मलेन सहितम् | समलम् | अव्ययीभाव |
(ख) हरिता: च ये तरव: (तेषां) | हरिततरूणाम् | कर्मधारय |
(ग) ललिता: च या: लता: (तासाम्) | ललितलतानाम् | कर्मधारय |
(घ) नवा मालिका | नवमालिका | कर्मधारय |
(ड) धृत: सुखसंदेश: येन (तम्) | धृतसुखसन्देशम् | बहुब्रीहि |
(च) कज्जलम् इव मलिनम् | कज्जलमलिनम् | कर्मधारय |
(छ) दुर्दान्तै: दशनैः | दुर्दान्तदशनैः | कर्मधारय |
7. रेखाङ्कित- पदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत – (क) शकटीयानम् कज्जलमलिनं धूमं मुञ्चति। उत्तरम् – शकटीयानम् कीदृशं धूमं मुञ्चति ? (ख) उद्याने पक्षिणां कलरवं चेत: प्रसादयति। उत्तरम् – उद्याने केषां कलरवं चेत: प्रसादयति ? (ग) पाषाणीसभ्यतायां लतातरुगुल्मा: प्रस्तरतले पिष्टा: सन्ति। उत्तरम् – पाषाणीसभ्यतायां के प्रस्तरतले पिष्टा: सन्ति ? (घ) महानगरेषु वाहनानाम् अनन्ता: पंक्तय: धावन्ति। उत्तरम् – कुत्र वाहनानाम् अनन्ता: पंक्तत: धावन्ति ? (ड) प्रकृत्या: सन्निधौ वास्तविकं सुखं विद्यते। उत्तरम् – कस्या: सन्निधौ वास्तविकं सुखं विद्यते ? |
NCERT Solutions Class 10th Sanskrit All Chapter Question & Answer
- Chapter – 1 शुचिपर्यावरणम्
- Chapter – 2 बुद्धिर्बलवती सदा
- Chapter – 3 शिशुलालनम्
- Chapter – 4 जननी तुल्यवत्सला
- Chapter – 5 सुभाषितानि
- Chapter – 6 सौहार्दं प्रकृतेः शोभा
- Chapter – 7 विचित्रः साक्षी
- Chapter – 8 सूक्तयः
- Chapter – 9 भूकंपविभीषिका
- Chapter – 10 अनयोक्त्यः
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