NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 9 गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 9th |
Chapter Name | गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 9 गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) Question & Answer In Hindiर हम इस अध्याय में गुरुत्वाकर्षण बल क्या है उत्तर कक्षा 9?, कक्षा 9 के लिए गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम का महत्व क्या है?, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण क्या है वर्ग 9?, गुरुत्वाकर्षण से आप क्या समझते हैं?, पृथ्वी कक्षा 9 की तुलना में चंद्रमा की सतह पर ऊंची छलांग क्यों लगाई जा सकती है?, फ्री फॉल क्लास 9 साइंस क्या है?, गुरुत्वाकर्षण के 3 नियम कौन कौन से हैं?, गुरुत्वाकर्षण का सूत्र क्या होता है?, गुरुत्वाकर्षण के तीन नियम क्या है?, कक्षा 9वीं में गुरुत्वाकर्षण का मान कितना है?, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण का मात्रक क्या है?, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण क्या है g के मान की गणना करने के लिए सूत्र प्राप्त करें, गुरुत्वाकर्षण का सबसे अच्छा उदाहरण क्या है?, गुरुत्वाकर्षण बल कहाँ पाया जाता है?, गुरुत्वाकर्षण की सबसे अच्छी परिभाषा क्या है?, हम चांद पर 6 गुना ऊंची छलांग क्यों लगा सकते हैं?, चंद्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता है? आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 9 गुरुत्वाकर्षण (Gravitation)
Chapter – 9
गुरुत्वाकर्षण
प्रश्न – उत्तर
Page: 149
प्रश्न 1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर – इस विश्व का प्रत्येक पिंड दूसरे पिंड को एक बल से अपनी ओर आकृष्ट करता है जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को परस्पर मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
F = गुरुत्वाकर्षण बल
M = पृथ्वी का द्रव्यमान
m = वस्तु का द्रव्यमान
d = पृथ्वी और वस्तु के बीच की दूरी
G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक
प्रश्न 2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर – मान लो पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी दो पिंडों A और B का द्रव्यमान क्रमशः M तथा m है। वे एक-दूसरे से ‘d दूरी पर स्थित हैं। दोनों के बीच आकर्षण बल F है। गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियमानुसार दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती है।
F ∝ M x m ……(1)
दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है।
F ∝ 1/d2 …..(2)
(1) और (2) से F ∝ Mm/d2 या F = G Mm/d2 जहां ‘G’ एक आनुपातिक स्थिरांक है और इसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहते हैं। वज्र-गुणन करने से F x D2 = GM x m, G = Fd2/Mm इसमें बल, दूरी और द्रव्यमान के मात्रक रखने से G के SI मात्रक होते हैं, जो Nm2/kg-2 हैं।
Page: 152
प्रश्न 1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब वस्तुएं पृथ्वी पर गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं। तब कहा जाता है कि वस्तुएं मुक्त पतन में हैं। गिरती हुई वस्तुओं की दिशा में परिवर्तन नहीं होता पर पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तब त्वरण कार्य करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है। इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं। ‘g’ के मात्रक m/s2 हैं।गति के दूसरे नियम के अनुसार द्रव्यमान तथा त्वरण का गुणनफल है। यदि किसी पत्थर का द्रव्यमान m है और उस पर गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण लगता है तो गुरुत्वीय बल का परिमाण F, द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होगा।
Page: 153
प्रश्न 1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है ?
उत्तर –
भार (Weight) | द्रव्यमान (Mass) |
भार वह बल है जिससे वस्तु पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित होती है। | द्रव्यमान वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है। |
भार एक सदिश राशि है। | द्रव्यमान एक अदिश राशि है। |
यह अचर राशि नहीं, अपितु एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है। | यह एक अचर राशि है। |
भार को सिंप्रग तुला से मापा जाता है। | द्रव्यमान को दंड तुला से मापा जाता है। |
वस्तु का भार पृथ्वी के केंद्र पर शुन्य हो सकता है |(अर्थात् ४ = 0)। | वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता। |
इसे न्यूटन या किलोग्राम में मापा जाता है। | इसे किलोग्राम भार में मापा जाता है। |
प्रश्न 2. किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है ?
उत्तर – चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा छः गुणा कम है जिस कारण चंद्रमा वस्तुओं पर छः गुणा कम आकर्षण बल लगाता है इसलिए किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 6 गुणा होता है।
Page: 157
प्रश्न 1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर – यदि स्कूल बैग एक पतली और मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाया जाए तो प्रणोद के कारण यह का अति कठिन होगा, स्कूल बैग हाथ या कंधे पर लंबवत् और अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्रफल पर प्रभाव डालेगा जो कष्टकारी होगा।
प्रश्न 2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – जब किसी वस्तु को पानी में डुबोते हैं तो उस पर पानी द्वारा ऊपर की ओर लगाया जाने वाला बल उत्प्लावकता कहलाता है।
प्रश्न 3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ?
उत्तर – (i) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होगा तो वह वस्तु तैरती रहेगी।
(ii) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होगा तो वस्तु डूब जाएगी।
(iii) यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व के बराबर होगा तो वस्तु बीचो-बीच तैरती रहेगी।
Page: 158
प्रश्न 1. एक तुला (Weighing Machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 Kg नोट करते हैं। क्या आप का द्रव्यमान 42 Kg से अधिक है या कम?
उत्तर – हमारा द्रव्यमान 42 Kg से कम होगा क्योंकि इसमें वायु का उत्प्लावन बल भी जुड़ा हुआ है।
W ∞ M
प्रश्न 2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 Kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक – दूसरे से भारी हैं। क्या आप बता सकते हैं कि कौन – सा भारी है और क्यों ?
उत्तर – रुई के बोरे पर वायु का उत्प्लावन बल उसके अधिक आयतन के कारण लोहे की अपेक्षा अधिक होगा इसलिए वह वास्तव में लोहे से अधिक भारी होगा।
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर – अतः जब दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाएगा तो गुरुत्वाकर्षण बल चार गुणा हो जाएगा।
प्रश्न 2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान का समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर – वस्तु के प्रतिरोध के कारण एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से नीचे नहीं गिरती। हल्की वस्तु पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध भारी वस्तु पर लगने वाले प्रतिरोध से अधिक होता है।
प्रश्न 3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी 1kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 Kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106 M है)
उत्तर – वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल,
हम देखते हैं, F ∝ m परन्तु g, m पर निर्भर नहीं करता
अत: सभी गिरती हुई वस्तुओं के लिए त्वरण समान होगा। इसलिए एक भारी वस्तु, हलकी वस्तु की तुलना में तेज़ी से नहीं गिरती।
प्रश्न 4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक – दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर? बताइए क्यों?
उत्तर – पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को जिस गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं वे बल बराबर दोनों का गुरुत्वीय बल क्रिया और प्रतिक्रिया बल है।
प्रश्न 5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती
उत्तर – चंद्रमा और पृथ्वी दोनों एक दूसरे को न्यूटन की गति के तीसरे नियम के आधार पर बराबर और विरोधी बल से आकर्षित करते हैं।
a = F/m
चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है इसलिए चंद्रमा की ओर पृथ्वी का त्वरण लगभग नगण्य है।
प्रश्न 6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगने कर दिए जाएँ?
उत्तर – गुरुत्वाकर्षण बल, m1m2/r2
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुनी कर देने पर।
नया बल होगा,
(ii) a) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर,वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल एक चौथाई हो जाएगा।
b) वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर, वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल 1 over 9वां भाग हो जाएगा।
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर देने पर,दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने करने पर गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।
प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियम का क्या महत्त्व है?
उत्तर – गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो कभी असंबंधित मानी जाती थीं
(i) इसी बल के कारण हम पृथ्वी पर बंधे रहते हैं।
(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्र की गति होती है।
(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति होती है।
(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्रों में ज्वार-भाटा आता है।
(v) कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर चक्र लगाने के लिए अभिकेंद्री बल इस के कारण प्राप्त होता है।
प्रश्न 8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर – एकमात्र गुरूत्वीय आकर्षण बल के हेतु अगर वस्तुएं पृथ्वी की ओर गिरती हैं तो उसे मुक्त पतन कहते हैं। मुक्त पतन के कारण में वस्तु का त्वरण को मुक्त पतन का त्वरण कहा जाता है। ये त्वरण गुरूत्वीय त्वरण (g = 9.8ms-2) के समान होते है।
प्रश्न 9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे ?
उत्तर – पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को गुरुत्वीय त्वरण कहते है।
प्रश्न 10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है । वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? (संकेत: ध्रुवों पर 9 का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)
उत्तर – ध्रुवों पर ‘G’ का मान अधिक है और विषुवत् वृत्त पर कम, जिस कारण ध्रुवों पर किसी वस्तु का भार अधिक होगा और विषुवत् वृत्त पर कम। जब एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदेगा और विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देगा तो वह उस सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि वह कम हो
प्रश्न 11. एक कागज़ की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर – कागज़ की शीट और उसी प्रकार की शीट को मोड़ कर बनाई गई गेंद का द्रव्यमान चाहे समान है पर कागज़ की शीट पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध उस के फैले हुए आकार के कारण कागज़ की शीट से बनी गेंद से अधिक होगा जिस कारण कागज की शीट गेंद की तुलना में धीमी गति से गिरती है।
प्रश्न 12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10 Kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
उत्तर – पृथ्वी पर वस्तु का भार M = 10 Kg
चंद्रमा पर वस्तु का भार M = 10 x ⅙ = 5/3 Kg
पृथ्वी पर भार W = Mg
= 10 x 9.8 = 98 N
चंद्रमा पर भार W = Mg
= 5/3 x 9.8
= 5/3 x 98/10
49/3 = 16.3N
प्रश्न 13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक गेंद पहुँचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
उत्तर – (i) आरंभिक गति, u = + 49 ms-1
गुरुत्वीय त्वरण, g = -9.8 ms-2
उच्चतम बिंदु पर, V = 0
गति के समीकरण का उपयोग करने पर,
v2 – u2 = 2gh
.: 02 – 492 = 2 (-9.8) x h
अधिकतम ऊँचाई, h = 49 × 49/2 × 9.8 = 12.5 m
(ii) v = u + gt
.: 0 = 49 – 9.8 × t
t = 49/9.8 = 5s
पृथ्वी पर वापस आने का कुल समय, 2t = 2×5 = 10s
प्रश्न 14. 19.6 M ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुंचने से पहले इस का अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर –
H = 19.6m
U = 0 Ms-1
V = ?
G = 9.8 Ms-2
V² = U² + 2gh
V² – (0)² = 2 × 9.8 × 19.6
V²= 2 × 9.8 × 19.6
प्रश्न 15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुंची अधिकतम ऊंचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?
उत्तर – ऊर्ध्वाधर ऊपर की और फेंका गया पत्थर,
पारंभिक वेग, u = 40 m/s ऊपर की और गुरुत्वीय त्वरण, g = 10 m/s2 निचे की ओर पत्थर के अधिकतम बिंदु पर पहुँचने की दुरी, v = 0
v2 – u2 = 2 gs
02 – 402 = 2 (-10) h
h = (40 × 40) / 20 = 80 m
कुल तक दुरी = h + h = 80 + 80 = 160 m
कुल विस्थापन = 80 – 80 = 0
प्रश्न 16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg, सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है।
उत्तर – पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 Kg
सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 Kg
D = 1.5 × 1011 M
प्रश्न 17. कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहां मिलेंगे।
उत्तर – प्रथम पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 0
दुसरे पत्थर का प्रारंभिक वेग = 25m/s
गुरुत्वीय त्वरण = 10m/s2
माना कि दोनों पत्थर t समय पर जमीन से × ऊँचाई पर मिलेंगे।
कुल दूरी = 100m
तब दूसरे पत्थर द्वारा चली गई दूरी = X प्रथम पत्थर द्वारा तय दूरी = (100 − X)
गति के दूसरा समीकरण
h = ut + 1/2 gt2
पहले पत्थर के लिए
100 − X = 0xt + 1/2x10xt2
100 −X = 5 x t2…… (1)
दूसरे पत्थर के लिए
X = 25 xt + 1/2x (-10) × t2
चुकि उर्ध्वाधर ऊपर की ओंर
X = 25t − 5t² …… (2)
समीकरण (1) और समीकरण (2) को जोड़ने पर,
100 − X + X = 25t − 5t2 + 5t2
100 = 25t
t = 100/25
t = 4s
तब X = 25t − 5t2
= 25(4) − 5 × (4)2
= 100 − 80
X = 20m
अत: दोनों पत्थर 20m ऊपर मिलेंगे।
प्रश्न 18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए।
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊंचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।
उत्तर – (a) अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 6s
g =10m/s2
गति का पहला समीकरण v = u + gt 0 = u +(−9.8) × 3 (विपरीत दिशा के कारण ऋणात्मक चिन्ह)
u = 30m/s
अत: गेंद 30m/s वेग से ऊपर फेंकी गई।
(b) प्रारम्भिक वेग (u) = 30m/sअंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 3s
गति का दूसरा समीकरण
h = ut +1/2 gt2
h = 30 ×3 + 1/2 x (−10) x (3)2
h = 90 − 45
h = 45m
अतः गेंद द्वारा प्राप्त की गई अधिकतम ऊँचाई 45m
(c) गेंद 4s पश्चात गेंद की स्थिति 1 सेकंड में नीचे की ओर चली गई दूरी
गति का दूसरा समीकरण
h = ut + 12 gt2
h = 0 x 1 + 1/2 x 10 x (1)2
h = 5m
1 सेकेंड में तय की गई दूरी = 5m
4 सेकेंड में तय की गई दूरी = 45 − 5 = 40 m
अत: 4 सेकेंड के बाद गेंद जमीन से 40m की ऊँचाई पर होगी।
प्रश्न 19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर – किसी द्रव मे डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल हमेशा उल्टी दिशा मे कार्य करता है। अत: बल ऊपर की ओर कार्य करता है।
प्रश्न 20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है ?
उत्तर – पानी मे डुबाने पर प्लास्टिक के गुटके पर लगने वाला उत्प्लावन बल लगता है , गुटके के भार से अधिक पानी होता है। जिस कारण गुटका पानी में डुबाने से पानी की सतह पर आ जाता है।
प्रश्न 21. 50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 Cm³ है। यदि पानी का घनत्व 1 g Cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा। या डूबेगा
उत्तर – पदार्थ का द्रव्यमान = 50 g
पदार्थ का आयतन = 20 cm3 अत: पदार्थ डूबेगा क्योंकि पदार्थ का घनत्व/भार पानी से अधिक है।
प्रश्न 22. 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 Cm3 है। पैकेट 1 g Cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा। इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
उत्तर – पैकेट का द्रव्यमान = 500 g
पैकेट का आयतन = 350 cm3
जल का घनत्व = 1 g/cm3
पैकेट का घनत्व जल से अधिक होने के कारण वह डूब जायेगा।
You Can Join Our Social Account
Youtube | Click here |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Telegram | Click here |
Website | Click here |