NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 11 ध्वनि (Sound)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 11th |
Chapter Name | ध्वनि (Sound) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 11 ध्वनि (Sound) Question & Answer in Hindi, जिसमें हम ध्वनि से आप क्या समझते हैं?, ध्वनि क्या है इसके गुण क्या हैं?, ध्वनि का रूप क्या है?, ध्वनि के 4 प्रकार कौन से हैं?, ध्वनि के 3 प्रकार क्या हैं?, ध्वनि कैसे होता है?, ध्वनि के उदाहरण क्या है?, ध्वनि की माप की इकाई क्या है?, ध्वनि के 5 प्रकार कौन से हैं?, ध्वनि के 2 मुख्य प्रकार कौन से हैं?, ध्वनि के 2 प्रकार कौन से हैं?, ध्वनि के कितने गुण होते हैं?, ध्वनि के कितने लक्षण होते हैं?, मनुष्य में ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?, आदि इसके बारे में हम वस्तर से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 11 ध्वनि (Sound)
Chapter – 11
ध्वनि
प्रश्न – उत्तर
Page: 145
प्रश्न 1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?
उत्तर – ध्वनि स्रोत से उत्पन्न होकर वायु के माध्यम में पहुँचती है। कंपन करने वाली कोई भी वस्तु अपने चारों ओर के माध्यम में विद्यमान कणों को कंपमान करती है। ये कण स्वयं हमारे कानों तक नहीं पहुँचते बल्कि अपने संपर्क में आने वाले माध्यम के अन्य कणों को अपने बल से संतुलित अवस्था से विस्थापित कर देते हैं। निकट के कणों को विस्थापित करने के बाद प्रारंभिक कण अपनी मूल अवस्थाओं में वापिस लौट आते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक माध्यम में उत्पन्न विक्षोभ आगे संचरित होकर कानों तक पहुँच नहीं जाता।
Page: 149
प्रश्न 1. तरंग का कौन-सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है?
(A) प्रबलता
उत्तर – प्रबलता – किसी ध्वनि तरंग की प्रबलता उस के आयाम के द्वारा निर्धारित की जाती है। बड़ा आयाम प्रबल ध्वनि को तथा छोटा आयाम मृदु ध्वनि का कारण होता है।
(B) तारत्व।
उत्तर – तारत्व – ध्वनि का तारत्व उस की आवृत्ति पर निर्भर करता है। निम्न आवृत्ति की ध्वनि का तारत्व नीचा होता है और उच्च आवृत्ति का तारत्व ऊँचा होता है।
प्रश्न 2. अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है? (A) गिटार (B) कार का हार्न।
उत्तर – गिटार
Page: 149
प्रश्न 1. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य, आवृत्ति, आवर्त काल तथा आयाम का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – (i) ध्वनि तरंग की तरंग दैर्व्य – दो क्रमागत संपीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसका SI मात्रक मीटर (M) है।
(ii) आवृत्ति – एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या ध्वनि तरंग की आवृत्ति कहलाती है| इसका SI मात्रक हर्ट्ज़ (Hz) है।
(iii) आवर्त काल – एक माध्यम में घनत्व के एक संपूर्ण दोलन में लिया गया समय ध्वनि तरंग का आवर्त काल कहलाता है। इसका SI मात्रक सेकंड है।
(iv) आयाम – किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम विक्षोभ को तरंग का आयाम कहते हैं।
प्रश्न 2. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर – तरंग का वेग = आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य υ = v × λ.
प्रश्न 3. किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220 Hz तथा वेग 440 M/S है। इस तरंग की तरंग दैर्ध्य की गणना कीजिए।
उत्तर – ध्वनि तरंग की आवृत्ति (V) = 220 Hz
ध्वनि का वेग = 440 m/s
प्रश्न 4. किसी ध्वनि स्रोत से 450m दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500 Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुंचने वाले दो क्रमागत संपीडनों में कितना समय अंतराल होगा?
उत्तर – T = ?
आवृत्ति (V) = 500 Hz
आवृत्ति काल (T) = 1/V
T = 1/500
T = 0.002 S
Page: 150
प्रश्न 1. ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर –
प्रबलता
1. ध्वनि के लिए प्रबलता कानों की संवेदनशीलता की माप है।
2. ध्वनि की प्रबलता को नापा नहीं जा सकता।
3. भिन्न-भिन्न प्रेक्षकों के लिए ध्वनि की प्रबलता अलग-अलग हो सकती है।
4. पराश्रव्य और अवश्रव्य ध्वनि तरंगों की प्रबलता सुनाई न देने के कारण शून्य होती है।
तीव्रता
1. तीव्रता किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकेंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा है।
2. ध्वनि की तीव्रता को नापा जा सकता है।
3. सभी के लिए ध्वनि की तीव्रता एक समान होती है।
4. पराश्रव्य और अवश्रव्य ध्वनि तरंगों में तीव्रता का होना संभव है।
प्रश्न 2 . वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज़ चलती है?
उत्तर – दिए गए माध्यमों में से ध्वनि, एक खास तापमान पर लोहे में सबसे तेज चलती है।
Page: 152
प्रश्न 1. कोई प्रतिध्वनि 3S पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल ऊपर ms-1 हो तो स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच कितनी दूरी होगी?
उत्तर – ध्वनि की चाल, v = 342 ms-1
प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय, t = 3 s
ध्वनि द्वारा चली गई दूरी = V x t
= 342 mms-1 x 3 s
= 1026 m
3 S में ध्वनि ने परावर्तक सतह तथा स्रोत के बीच की दोगुनी दूरी तय की। अतः उन दोनों के बीच की दूरी = 1026 : 2 = 513 m
Page: 153
प्रश्न 1. कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?
उत्तर – कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए होती हैं। कि ध्वनि के परावर्तन के पश्चात् वह हॉल के सभी साफ-साफ सुनी जा सके।
Page: 154
प्रश्न 1. सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास क्या है?
उत्तर – 20 Hz से 20,000 Hz तक।
प्रश्न 2. निम्न से संबंधित आवृत्तियों के परास क्या हैं?
(A) अवश्रव्य ध्वनि
(B) पराध्वनि।
उत्तर – (A) अवश्रव्य ध्वनि = 20 Hz से कम आवृत्ति |
(B) पराध्वनि = 20 K Hz से अधिक आवृत्ति
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर – ध्वनि एक ऊर्जा है जो स्वयं उत्पन्न नहीं हो सकती। यह हमारे कानों में श्रवण का संवेदन उत्पन्न करती है| यह कंपन करने वाली वस्तुओं द्वारा वायु में उत्पन्न स्पंद के कारण उत्पन्न होता है
प्रश्न 2. एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर – जब कोई कंपमान वस्तु आगे की ओर कंपन करती है, तो इसके आस-पास उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन कहते हैं. जब कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसे विरलन कहते हैं। जब वस्तु कंपन करती है अर्थात आगे और पीछे तेजी से गति करती है तो वायु में संपीडन और विरलन की एक श्रेणी बन जाती है। इसे चित्र में दिखाया गया है।
चित्र – कंपमान वस्तु किसी माध्यम में संपीडन तथा विरलन की श्रेणी उत्पन्न करते हुए।
प्रश्न 3. ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?
उत्तर – ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें कहलाती हैं। इन तरंगों में माध्यम के कणों का विस्थापन विक्षोभ के संचरण की दिशा के समांतर होता है। कण एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति नहीं करते बल्कि अपनी विराम अवस्था से आगेपीछे दोलन करते हैं। क्योंकि ध्वनि तरंगें इसी प्रकार संचरित होती हैं, इसलिए ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें हैं।
प्रश्न 4. ध्वनि का कौन-सा अतिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर – ध्वनि की गुणता (Timbre) मित्र की आवाज को पहचानने में सहायता करता है।
प्रश्न 5. तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड यदि गर्जन सुनाई देता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर – तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं पर प्रकाश की गति बहुत तीव्र है जबकि ध्वनि की गति अपेक्षाकृत बहुत कम है जिस कारण गर्जन देर से सुनाई देती है जबकि चमक तत्काल दिखाई दे जाती है।
प्रश्न 6. किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 KHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 Ms-1 लीजिए।
उत्तर – (i) आवृत्ति, v = 20Hz
वायु में ध्वनि का वेग, V = 344 m/s–1
v = V/λ
λ = V/v
λ = 344/20 = 17.2m
(ii) आवृत्ति, v = 20,000Hz
वायु में ध्वनि का वेग, V = 344 m/s–1
v = V/λ
λ = V/v
λ = 344/20,000 = 0.0172m
∴ मनुष्यों के श्रव्य के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्ध्य परास 0.0172m से 17.2 m तक है।
प्रश्न 7. दो बालक किसी एल्यूमीनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा एल्यूमीनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर – माना छड़ की लंबाई: x m
t = दूरी/चाल
1) वायु में ध्वनि की चाल: 344 m/s
वायु माध्यम से होकर ध्वनि द्वारा लिया जाने वाला समय: t1 = x m/344 m/s
2) अलुमिनियम में ध्वनि की चाल: 6420 m/s
अलुमिनियम पाइप से होकर ध्वनि द्वारा लिया जाने वाला समय: t2 = x m/6420 m/s
वायु में लिया जाने वाला समय : पाइप से लिया जाने वाला समय
t1 : t2
18.55 : 1
प्रश्न 8. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में वह कितनी बार कंपन करेगा?
उत्तर – आवृत्ति (V) = 100 Hz
समय (T) = 1 मिनट = 60 सेकंड
कंपन = 100 X 60
= 6000 बार
प्रश्न 9. क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर – ध्वनि के परावर्तन के नियम पूर्ण रूप से वहीं हैं जो प्रकाश की तरंगें प्रदर्शित करती हैं। प्रकाश की तरह ध्वनि भी ठोस या द्रव की सतह से परावर्तित होती है। ये नियम हैं
(i) परावर्तक सतह पर खींचे गए अभिलंब तथा ध्वनि के आयतन होने की दिशा तथा परावर्तन की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
(ii) ये तीनों दिशाएं एक ही तल में होती हैं।
प्रश्न 10. ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तन सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक सुनाई देगी-(I) जिस दिन तापमान अधिक हो ? (ii) जिस दिन तापमान कम हो?
उत्तर – (i) जिस दिन तापमान अधिक हो।
प्रश्न 11. ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर – (i) चिकित्सकों के द्वारा हृदय तथा फेफड़ों में उत्पन्न ध्वनि को सुनने के लिए स्टेथोस्कोप का प्रयोग किया जाता है। इससे रोगी के हृदय की धड़कन बार-बार परावर्तन के कारण डॉक्टर के कानों तक पहुँचती है।
(ii) मेगाफ़ोन, लाऊडस्पीकर, हॉर्न, शहनाई आदि को आगे से खुला शंक्वाकार बनाया जाता है ताकि स्रोत से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों को बार – बार परावर्तित करके श्रोताओं की ओर आगे की दिशा में भेजा जा सके।
प्रश्न 12. 500 मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी ? (G = 10 Ms-2 तथा ध्वनि की चाल = 340 Ms-1)
उत्तर – मीनार की ऊँचाई, h = 500m
u= 0
त्वरण, g =10 m/s–2
माना कि पत्थर को तालाब तक पहुँचने में t1 समय लगता है तब,
h = ut + 1/2gt2
500 = 0 × t1+1/2 × 10 × t12
या t12 = 2 × 500/10 = 100
=> t1= 10s
अब पत्थर टकराता है और ध्वनि उत्पन्न होती है।
माना ध्वनि को उत्पन्न होने में t2 समय लगता है तब,
t2 = दूरी/चाल = 500m/340m/s = 1.47s
∴ कुल समय = t1+ t2 = 11.47s
प्रश्न 13. एक ध्वनि तरंग 339 m/s-1 की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्ध्य 1.5 cm हो तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी ? क्या ये श्रव्य होगी?
उत्तर – ध्वनि तरंग की चाल, V = 339 ms–1
तरंगदैर्ध्य, λ = 1.5 cm
V = v × λ
आवृत्ति, v = V/λ = 33900/1.5 = 22600 Hz
यह ध्वनि श्रव्य नहीं होगी।
प्रश्न 14. अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर – ध्वनि परावर्तन करती है। यदि किसी बड़े हॉल में बार-बार परावर्तन हो ध्वनि निबंध होता है, जिसे अनुरणन कहते हैं। यह अवांछनीय हैं क्योंकि इससे स्पष्ट सुनाई नहीं देता। इसे कम करने के लिए भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों को लगाया जाता है। संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर या पर्दै लगा कर यह नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 15. ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर – ध्वनि की प्रबलता’ कानों की संवेदनशीलता की माप है। यह ‘तीव्रता’ के समान किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा नहीं है। दो ध्वनियां समान तीव्रता की हो सकती हैं पर फिर भी इनमें से एक को दूसरे की अपेक्षा अधिक प्रबल ध्वनि के रूप में सुन सकते हैं क्योंकि हमारे कान इसके लिए अधिक संवेदनशील हैं।
प्रश्न 16. वस्तुओं को साफ़ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर – जिन वस्तुओं को साफ़ करना होता है उन्हें साफ़ करने वाले मार्जन विलयन में रखते हैं और इस विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं| उच्च आवृत्ति के कारण गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं तथा वस्तु पूर्णतया साफ़ हो जाता है
प्रश्न 17. किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर – पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉकों में दरारों तथा अन्य दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है| पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती हैं तथा प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों का उपयोग किया जाता है| यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है, तो पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती हैं जो दोष की उपस्थिति को दर्शाती है।
You Can Join Our Social Account
Youtube | Click here |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Telegram | Click here |
Website | Click here |