NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 10 कार्य तथा ऊर्जा (Work and Energy)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 10th |
Chapter Name | कार्य तथा ऊर्जा (Work and Energy) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 11 कार्य तथा ऊर्जा (Work and Energy) प्रश्न – उत्तर जिसमें हम कार्य तथा ऊर्जा, कार्य और ऊर्जा क्या है, कार्य से आप क्या समझते हैं, ऊर्जा का सूत्र क्या होता है, ऊर्जा से आप क्या समझते हैं, कार्य और ऊर्जा में क्या अंतर है, कार्य और ऊर्जा की इकाई क्या है, कार्य कितने प्रकार के होते हैं, ऊर्जा का महत्व क्या है, र्य किस प्रकार की ऊर्जा है, ऊर्जा कितने प्रकार के होते हैं, ऊर्जा कहां से आती है, ऊर्जा का मात्रक क्या होता है, ऊर्जा के मुख्य स्रोत क्या है, ऊर्जा की कितनी इकाई होती है, कार्य का विमीय सूत्र क्या है, कार्य और सूत्र क्या है, कार्य कौन सी राशि है, शक्ति का मात्रक क्या होता है,शरीर में शक्ति कहां है, बल की इकाई कौन सी है, बल के कितने मात्रक होते हैं आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 9th Science Chapter – 10 कार्य तथा ऊर्जा (Work and Energy)
Chapter – 10
कार्य तथा ऊर्जा
प्रश्न – उत्तर
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प्रश्न 1. किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए कि दिशा में विस्थापन 8 M है। मान लीजिए कि वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा? उत्तर – F = 7 N S = 8 M W = ? W = F x S W = 7 N x 8 M = 56 Nm या W = 56 J |
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प्रश्न 1. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है? उत्तर – यदि किसी वस्तु पर बल लगाया जाए और बल की दिशा में वस्तु गति करे तो हम कहते हैं कि कार्य किया गया है। कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (S) |
प्रश्न 2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए। उत्तर – कार्य को बल दिशा में वस्तु द्वारा चली गई दूरी के गुणनफल से मापा जाता है। किया गया कार्य = बल x बल की दिशा में तय की गई दूरी W = F x S कार्य एक सदिश राशि है और इसकी इकाई न्यूटन मीटर (Nm) या जूल है। |
प्रश्न 3. 1 J कार्य को परिभाषित कीजिए। उत्तर – यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वस्तु बल की दिशा में एक मीटर विस्थापित हो तो इस प्रकार किया गया कार्य एक जूल होगा। 1 J = 1N x 1m |
प्रश्न 4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 125 M लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया है? उत्तर – लगाया गया बल F = 140 N जोते गए खेत की लंबाई S = 15 M W = F x S = 140 N x 15 M = 2100 Nm = 2100 J |
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प्रश्न 1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है? उत्तर – किसी वस्तु में उसकी गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। उदाहरण- (i) बहते पानी में गतिज ऊर्जा होती है। (ii) चलती हवा में गतिज ऊर्जा होती है। (iii) घूमते हुए पहिए, उड़ते हुए हवाई जहाज और लुढ़कते हुए पत्थर में गतिज ऊर्जा होती है। |
प्रश्न 2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखिए। उत्तर – M द्रव्यमान की तथा एक समान वेग V से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान Ek= 1/2 x Mv2 |
प्रश्न 3. 5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी M द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 J है। यदि इस वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी ? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? उत्तर –दिया है: |
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प्रश्न 1. शक्ति क्या है? उत्तर – जिस दर से ऊर्जा को उत्पन्न या खर्च किया जाए उसे शक्ति कहते हैं। इसे ‘P’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। शक्ति = ऊर्जा की आपूर्ति/लिया गया समय P = E/T |
प्रश्न 2. 1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए। उत्तर – यदि किसी स्रोत द्वारा एक सेकंड में एक जूल ऊर्जा उपलब्ध या खर्च की जाए तो इस स्रोत को एक वाट शक्ति कहते हैं।1 वाट = 1 जूल/1सेकंड |
प्रश्न 3. एक लैंप 1000 J विद्युत् ऊर्जा 10 sमें व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है? उत्तर – 10 S में लैंप द्वारा व्यय ऊर्जा = 1000 J 1 S में व्यय ऊर्जा = 1000/10 J =100 J शक्ति = 100 J/10s = 100 J/s = 100 वाट |
प्रश्न 4. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए। उत्तर – कुल उपयोग हुई ऊर्जा और कुल समय के अनुपात को औसत शक्तिऔसत शक्ति = उपयोग की गई कुल ऊर्जा /कुल समय को औसत शक्ति कहते हैं। |
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. निम्न सूची बद्ध क्रिया – कलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं। • सूमा एक तालाब में तैर रही है • एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है • एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है • एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है • एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है • अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं • एक पाल – नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है उत्तर – सूमा एक तालाब में तैर रही है-सूमा कार्य कर रही है क्योंकि वह पानी में उसके हाथ – पैर की गति से बल लगाकर अपने शरीर को विस्थापित कर लेती हैएक पवन चक्की (विंड मिल) कुएं से पानी उठा रही है पवन चक्की कुएँ के पानी को अपने स्थान से बल लगा कर विस्थापित कर रही है। इसलिए काम हो रहा है।एक हरे पौधे से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है – इस अवस्था में काम नहीं हो रहा क्योंकि विस्थापन शून्य है। एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है-इंजन बल की दिशा में ट्रेन का विस्थापित कर रहा है। इसलिए कार्य हो रहा है।अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं– अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं और इसमें विस्थापन शून्य है अतः कार्य नहीं हो रहा है।एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है- पवन के कारण नाव उसी दिशा में विस्थापित हो रही है जिस दिशा में हवा उसे धकेल रही है। इसलिए कार्य हो रहा है। |
प्रश्न 2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापिस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड और गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया? उत्तर – जब पिंड को किसी कोण को फेंका जाता है तो वह वृत्तीय पथ में गति कर धरती से वापिस आ टकराता है।इसलिए उसके द्वारा शून्य कार्य किया गया क्योंकि बल सदा विस्थापन की दिशा में समकोण पर कार्य करता है। |
प्रश्न 3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए। उत्तर – बैटरी में रासायनिक क्रिया होती है जिससे रासायनिक ऊर्जा विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित होती है। विद्युत् ऊर्जा बल्ब को जलाकर प्रकाश ऊर्जा और ऊष्मा ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है। |
प्रश्न 4. 20 Kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 Ms-1 से 2 Ms-1 में परिवर्तित कर देता । है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। उत्तर – द्रव्यमान = 20 Kg प्रारंभिक वेग, U = 5 Ms-1 अंतिम वेग, V = 2 Ms-1EKE = 1/2 mu2 वस्तु की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा,EKE = 1/2 mu2 EKE = 1/2 x 20 x (5)2 = 10 x 25 = 250 Jवस्तु की अंतिम गतिज ऊर्जा,EKE = 1/2 x 20 x (2)2 10 x 4 = 40 Jअतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन = 40 – 250 = – 210 J |
प्रश्न 5. 10 Kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज़ पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो बिंदु पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए। उत्तर – गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा। 10 Kg का द्रव्यमान को बिंदु A से बिंदु B तक क्षैतिज दिशा में विस्थापित किया गया है पर गुरुत्वाकर्षण बल इस पर लंबाकार है। इसलिए गुरुत्वाकर्षण बल और विस्थापन की दिशा में समकोण बनेगा अतः गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा। W = Mgh = 10 x 9.8 x 0 = 0 अतः पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा। |
प्रश्न 6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए। उत्तर – मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती है। यह ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ही है। ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित होती है। रूपांतरण से पहले और रूपांतरण के बाद कुल ऊर्जा सदा अचर रहती है। यदि m द्रव्यमान की एक वस्तु h ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा mgh है तथा गतिज ऊर्जा शून्य है क्योंकि इसका प्रारंभिक वेग शून्य है। जब वस्तु गिरती है तो इसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलती है। यदि किसी दिए हुए क्षण पर वस्तु का वेग v है तो गतिज ऊर्जा 1/2 mv2 होगी। वस्तु जैसे-जैसे गिरती जाएगी वैसे-वैसे इसकी स्थितिज ऊर्जा कम होती जाएगी तथा गतिज ऊर्जा बढ़ती जाएगी। जब वस्तु पृथ्वी तल पर पहुँचने वाली होगी तो h = 0 होगा तथा वस्तु का अंतिम वेग ) अधिकतम हो जाएगा। इसलिए अब गतिज ऊर्जा अधिकतम तथा स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होगी पर फिर भी सभी बिंदुओं पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग समान रहेगा– स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = अचर या mgh + 1\2 m2 = अचर किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग उसकी कुल यांत्रिक ऊर्जा है। किसी पिंड के मुक्त रूप से गिरते समय इसके पथ में किसी बिंदु पर स्थितिज ऊर्जा की जितनी कमी होती है गतिज ऊर्जा की उतनी ही वृद्धि हो जाती है। गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपांतरण होता है। |
प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन – कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं? उत्तर – साइकिल चलाने पर शरीर की पेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है। गतिज ऊर्जा घर्षण के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो जाती है। |
प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और उसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है ? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहां चली जाती है? उत्तर – जब अपनी सारी शक्ति लगा कर भी एक बड़ी चट्टान को धकेलने में हम असफल हो जाते हैं, तो विस्थापन न होने के कारण हम ने कोई कार्य नहीं किया, पर ऊर्जा का स्थानांतरण होता है जो ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाता है, जो शरीर में जैव रासायनिक क्रियाएँ कर के पसीने और थकान के रूप में प्रकट होती है। |
प्रश्न 9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 यूनिट व्यय हुई? यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी? उत्तर – कुल व्यय यूनिट = 250 1 KWh = 3.6 × 106 J 250 K Wh = 3.6 X 106 J x 250 = 9×108 J |
प्रश्न 10. 40 Kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो पिंड ठीक आधे रास्ते पर है। उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (G = 10 Ms–2) उत्तर – M = 40 Kg G = 10 ms–2 H = 5m स्थितिज ऊर्जा,Ep = Mgh = 40 x 10 x 5 = 2000 J अब U = 0 H = 2.5m G = 10 ms–2 V2 – U2 = 2 Gh V2 – 0 = 2 x 10 x 2.5 V2 = 50 = 20 x 50 J = 1000 J |
प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए। उत्तर – पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल पर शून्य कार्य किया जाएगा क्योंकि बल गति की दिशा पर लंबवत होता है। |
प्रश्न 12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है ? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार – विमर्श कीजिए। उत्तर – किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन हो सकता है। यदि पिंड समवेग से पहले ही चला रहा हो तो किसी बल की अनुपस्थिति में यह पूर्ववत उसी वेग से चलता रहेगा। अतः इसका विस्थापन संभव है। यदि पिंड विरामावस्था में है तो किसी बल की अनुपस्थिति में इसका विस्थापन संभव नहीं है। |
प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए। उत्तर – कोई मनुष्य भूसे के एक गठ्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है पर उस की दिशा में कोई विस्थापन नहीं होता। उसने कोई कार्य नहीं किया। |
प्रश्न 14. एक विद्युत्-हीटर (ऊष्पक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा? उत्तर – शक्ति = 1500 W |
प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है? उत्तर – जब धागे से लटके गोलक (Bob) को उसके स्थान से विस्थापित करते हैं तो उसमें स्थितिज ऊर्जा संचित हो जाती है। इसे स्वतंत्र छोड़ देने पर वापिस अपनी स्थिति में लौटने लगता है जिससे गतिज ऊर्जा पुनः स्थितिज ऊर्जा में बदलने लगती है। मध्यमान स्थिति में गतिज ऊर्जा पूरी तरह से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। जब यह जड़त्व के कारण मध्यमान स्थिति से दूसरी ओर जाने लगता है तो स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदलने लगती है और अधिकतम विस्थापन की स्थिति में पूरी तरह से गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। गोलक के बार – बार इधर – उधर जाने से ऊर्जा रूपांतरण होता रहता है। गोलक कुछ समय के बाद वायु के घर्षण तथा कार्क के द्वारा दिया गया प्रतिरोध बल के कारण विराम अवस्था में आ जाता है। यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है। उसकी ऊर्जा घर्षण के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो गई है। |
प्रश्न 16. M द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग V से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए? उत्तर – द्रव्यमान = M वेग = V E = 1/2 x Mv2 द्रव्य की आरंभिक गतिज ऊर्जा 1/2 x Mv2 है। अतः इसे विराम अवस्था में लाने के लिए इतना ही ( 1/2 x Mv2) कार्य करना पड़ेगा। |
प्रश्न 17. द्रव्यमान की कार को जो 60 Km/H के वेग से चल रही है, रोकने के लिए कार्य का परिकलन कीजिए। उत्तर – = 1500 Kg</span = 60 x 5/18 m/s = 50/3 m/s = 60 Km/H V = 0 = 1/2 mu2 कार की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा, = 1/2 x 1500 x 50/3 x 50/3 = 208333.3 J = 208.33 Kg |
प्रश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में M द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है। उत्तर – (i) शून्य-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा लंबवत् है। (ii) धनात्मक-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा समान है। (iii) ऋणात्मक-क्योंकि बल तथा विस्थापन की दिशा विपरीत है। |
प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर बल कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं ? बताइए क्यों? उत्तर – हम सोनी के कथन से सहमत हैं, क्योंकि यदि सभी बलों का कुल योग शून्य हो तो वस्तु का त्वरण शून्य हो सकता है। |
प्रश्न 20. चार युक्तियां जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 W है, 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा K Wh में परिकलित कीजिए। उत्तर – एक युक्ति की शक्ति = 500 W .. 4 युक्तियों की शक्ति = 4 x 500 W = 2000 W समय = 10 घंटे प्रयोग की गई ऊर्जा = 2000 x 10 = 20000 वाट घंटा = 20000/1000 = 20 KWh |
प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का माप क्या होता है? उत्तर – जब कोई पिंड मुक्त रूप से गिरता हुआ धरती तक पहुँच कर रुक जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा का अन्य प्रकार की ऊर्जाओं में रूपांतरण हो जाता है। इससे ऊष्मा ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा तथा प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है। अंत में वह स्थितिज ऊर्जा में स्थानांतरित हो जाती है। |
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