NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 4 परमाणु की संरचना (Structure of the Atom)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 4th |
Chapter Name | परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 4 परमाणु की संरचना (Structure of the Atom) Notes In Hindi जिसमें हम परमाणु की संरचना, इलैक्ट्रॉन की खोज, परमाणु, इलेक्ट्रान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, प्रोटॉन की खोज, प्रोटॉन के कुछ तथ्य, परमाणु मॉडल, रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल, रदरफोर्ड के प्रयोग के परिणाम, परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, संयोजकता, इलेक्ट्रान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, न्यूट्रॉन, परमाण्विक मॉडल, रदरफोर्ड का परमाणविक मॉडल, टॉमसन का परमाणविक मॉडल, बोर का परमाणविक मॉडल, जॉन डॉल्टन, प्रोटॉन की खोज आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 4 परमाणु की संरचना (Structure of the Atom)
Chapter – 4
परमाणु की संरचना
Notes
परमाणु – परमाणु पदार्थ के निर्माण खंड हैं यह पदार्थ की सबसे छोटी इकाई है जो तीन उप- परमाणु कणों से मिलकर बनी होती है- प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन इससे पहले डाल्टन ने कहा था कि परमाणु अविभाज्य है यानी आगे विभाजित नहीं किया जा सकता है जो कि उप – परमाणु कणों की खोज से गलत साबित हुआ है।
जॉन डॉल्टन – जॉन डॉल्टन ने परमाणु को अविभाज्य इकाई माना था, पर उनका यह तथ्य उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में नकार दिया गया। असल में वैज्ञानिकों ने उस दौरान परमाणु में आवेशित कणों जैसे की इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और अनावेशित कण न्यूट्रॉन की खोज की। इन कणों को उप-परमाण्विक कण कहा जाता है।• इलैक्ट्रॉन की खोज – कैथोड किरणें (जे. जे. टामसन)• टामसन ने केथोड किरणों की मदद से परमाणु में इलैक्ट्रॉन की उपस्थिति के बारे में बताया।इलेक्ट्रान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –• इलेक्ट्रॉन पर आवेश = -1.6×10-19C• इलेक्ट्रॉन पर द्रव्यमान = 9.1 × 10-31 Kg
प्रोटॉन की खोज – एनोड किरणें (केनाल किरणें) – ई. गोल्डस्टीन ने उनके द्वारा प्रसिद्ध एनोड किरणों या केनाल किरणों के प्रयोग द्वारा परमाणु में धनावेशित कण यानि प्रोटॉन की खोज की।
प्रोटॉन के कुछ तथ्य –
• प्रोटॉन पर आवेश = +1.6 × 10-19C
• प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.673 × 10-27Kg
• प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1840 x इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
न्यूट्रॉन की खोज – जेम्स चैडविक ने हल्के तत्वों (जैसे- लीथियम, बोरोन इत्यादि) की कणों से साथ भिड़ंत करवाई, जिसके कारणवश एक नए कण जिनका द्रव्यमान प्रोटॉन के बराबर था, तथा वे आवेश रहित थे, की उत्पत्ति सिद्ध की।
• इन कणों को न्यूट्रॉन का नाम दिया गया।
• न्यूट्रॉन, हाइड्रोजन के प्रोटियम समस्थानिक में नहीं होते हैं।
• इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन के द्रव्यमान से अत्यधिक कम है, इसलिए परमाणु का द्रव्यमान, प्रोटोन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमानों का योग होगा।
परमाणु मॉडल – उप-परमाणुविक कणों जैसे की इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की खोज के उपरान्त परमाणु के विभिन्न मॉडल दिए गए।
उनमें से कुछ परमाणु के मॉडल इस तरह से हैं –
(a) टॉमसन का परमाणु मॉडल
(b) रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल
(c) बोर का परमाणु मॉडल
इन दिनों ‘क्वांटम यांत्रिक परमाणु मॉडल’, वैज्ञानिक तौर पर सही पाया गया है और इसी मॉडल को स्वीकृति दी गई है। इस मॉडल को उच्च कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा।
टॉमसन का परमाणु मॉडल
• टॉमसन के इस परमाणु मॉडल को ‘कटा तरबूज मॉडल‘ कहते हैं।
• टॉमसन के इस मॉडल में परमाणु में धन आवेश तरबूज के खाने वाले लाल भाग की तरह बिखरा है जबकि इलेक्ट्रॉन धनावेशित गोले में तरबूज के बीज की भांति धंसे हैं।
• हालांकि इस मॉडल ने परमाणु के आवेशरहित अभिलक्षण की विवेचना की पर- कुछ वैज्ञानिक को यह मॉडल नहीं समझ आया इसलिए इसे नकार दिया गया।
रदरफोर्ड के प्रयोग के परिणाम
(i) ज्यादातर अल्फा कण बिना मुड़े सोने की पन्नी से सीधे निकल गए।
(ii) कुछ अल्फा कण निम्न कोणों से मुड़े।
(iii) प्रत्येक 12000 कणों में से एक कण वापस आ गया।
अपने प्रयोग के परिणामों के आधार पर रदरफोर्ड ने निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले –
(i) परमाणु के भीतर का अधिकतर भाग खाली है क्योंकि अधिकतर अल्फा कण बिना मुड़े सोने की पन्नी से बाहर निकल जाते हैं।
(ii) परमाणु के बीच एक धनावेशित गोला जिसे नाभिक कहा जाता है, क्योंकि 12000 में से एक a – कण वापस आ गया
(iii) क्योंकि ज्यादातर कण सोने की पन्नी से सीधे निकल गए और कुछ ही कणों में झुकाव देखा गया, इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि परमाणु के भीतर ज्यादातर भाग खाली है और नाभिक इस खाली भाग के बहुत छोटे से भाग में मौजूद होता है।
नाभिक का आयतन 10⁻⁵ गुणा परमाणु के आयतन के बराबर होता है।
(iv) परमाणु का सम्पूर्ण द्रव्यमान उसके नाभिक में होता है।
(v) अपने प्रयोग के आधार पर, रदरफोर्ड ने परमाणु का मॉडल प्रस्तुत किया जिसमें निम्नलिखित विशेषताएँ थीं-
(vi) परमाणु का केन्द्र धनावेशित होता है जिसे नाभिक कहा जाता है। एक परमाणु का सम्पूर्ण द्रव्यमान नाभिक में होता है।
(vii) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वलयकार मार्ग में चक्कर लगाते हैं।
(viii) नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में काफी कम होता है।
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियाँ
रदरफोर्ड के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वलयाकार मार्ग में चक्कर लगाते हैं, किन्तु आवेशित होने के कारण, ये कण अपनी ऊर्जा निरन्तर खोते रहते हैं जिसके कारण वे अंततः नाभिक में प्रवेश कर परमाणु को अस्थिर बनाते हैं।
यह रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की सबसे बड़ी कमी थी, जिसे रदरफोर्ड समझा नहीं पाया।
बोर का परमाणु मॉडल – रदरफोर्ड मॉडल की कमी का निवारण बोर के परमाणु मॉडल से हुआ। नील्स बोर ने 1912 में परमाणु के बारे में अपना मॉडल प्रस्तुत किया जिसमें निम्नलिखित तथ्य मौजूद थे।
• इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की निर्धारित कक्षा कहते हैं।
• इन निर्धारित कक्षाओं में चक्कर लगाते हुए, ये इलेक्ट्रॉन अपनी ऊर्जा का विकिरण नहीं करते।
• किसी भी परमाणु के इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा में बदलाव, इन इलेक्ट्रॉन की कक्षाओं में स्थानांतरण के कारण होता है।
परमाणु संख्या – किसी भी परमाणु में प्रोटॉन की कुल संख्या का मान उसकी परमाणु संख्या कहलाती है।
• परमाणु संख्या किसी भी परमाणु का परिचायक होता है, इसमें बदलाव किसी भी परमाणु के स्वरूप को बदल देता है।
• परमाणु संख्य ‘z‘ द्वारा प्रदर्शित की जाती है।
(z = np) – प्रोटॉन की संख्या
• किसी भी अनावेशित परमाणु में, प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन की संख्या बराबर होती है।
द्रव्यमान संख्या – द्रव्यमान संख्या किसी परमाणु के नाभिक में मौजूद प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन की संख्या का जोड़ होती हैं।
• द्रव्यमान संख्या ‘A ‘द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
(A = np + nn)
(प्रोटॉन की संख्या) (न्यूट्रॉन की संख्या)
“विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन का वितरण ” – विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन का वितरण “बोर – बरी’ नियम के अनुसार किया जाता है।
बोर – बरी – इस नियम को निम्निलिखित तरीके से बताया जा सकता है-
(i) इलेक्ट्रॉन का परमाणु में वितरण ” 2n” पद्धति द्वारा किया जाता है, जहाँ n = कक्षा की संख्या और “2n” = इलेक्ट्रॉन की पूर्ण संख्या जो किसी भी कक्षा में समाहित हो सकती है।
(ii) किसी परमाणु की आखिरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन से ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते जबकि आखिरी से दूसरी कक्षा में 18 से ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते, उस स्थिति में भी जब इसी कक्षा में 18 से ज्यादा इलेक्ट्रॉन रखने की क्षमता हो ।
उदाहरण – K, L, M, N
Ca20 = 2, 8, 8, 2
2, 8, 10 x ‘M’ कक्षा में 18 इलेक्ट्रॉन लाए जा सकता है।
(iii) आखिरी कोश में 2 इलेक्ट्रॉन से ज्यादा तब तक नहीं आ पायेंगे जब आखरी से दूसरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन भरे जा चुके हों और आखरी से तीसरी कक्षा में “2n” नियमानुसार पूर्ण रूप से भरी जा चुकी हो ।
परमाणु में उपस्थित आधारभूत कण – इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक परमाणु के संघटक कण है
संयोजकता
• बोर बरी नियम के अनुसार हमें ज्ञात है कि किसी भी परमाणु के अंतिम कोश में ‘8` इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं।
• हर तत्व अपनी बाहरी कोश में 8 इलेक्ट्रॉन भरने के लिए, इलेक्ट्रॉन को अपने में से मुक्त या अन्य तत्वों में से इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करते हैं।
• 8 इलेक्ट्रॉन अपने अंतिम कोश में रखने हेतु जो भी इलेक्ट्रॉन कोई तत्व लेता या देता है इलेक्ट्रान की इस संख्या जो लेने देने में उपयोग होती है उसे संयोजकता कहते हैं।
उदहारण –
क्र.सं. | तत्व | इलेक्टॉन का वितरण | संयोजकता |
1. | C6 | 2, 4 | 4 |
2. | N7 | 2, 5 | 3 |
3. | O8 | 2, 6 | 2 |
4. | F9 | 2, 7 | 1 |
5. | Ne10 | 2, 8 | 0 |
6. | Na11 | 2, 8, 1 | 1 |
7. | Mg12 | 2, 8, 2 | 2 |
8. | Ca20 | 2, 8, 8, 2 | 2 |
समस्थानिक – एक ही तत्व के ऐसे परमाणु जिनके परमाणु संख्या बराबर हो पर द्रव्यमान संख्या भिन्न हों ऐसे परमाणु समस्थानिक कहलाए जाते हैं।
उदाहरण – हाइट्रोजन के तीन समस्थानिक 11H, 21H, 31H
क्लोरीन के दो समस्थानिक होते हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या ’35’ और ’37’ होती है।
3517Cl तथा 3717Cl
समस्थानिक का उपयोग –
• यूरेनियम समस्थानिक का उपयोग परमाणु संयंत्र में ईंधन के तौर पर किया जाता है।
• कोबाल्ट का समस्थानिक कैंसर के उपचार में उपयोग किया जाता है।
• आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग घेंघा के उपचार में किया जाता है।
• C-14 (कार्बन – 14) का उपयोग कार्बन डेटिंग में किया जाता है।
प्रश्न 1. परमाणु के कितने भाग होते हैं?
प्रश्न 2. सबसे बड़ा परमाणु कौन सा है?
प्रश्न 3. सबसे छोटा परमाणु कौन है?
प्रश्न 4. परमाणु की खोज कब हुई थी?
प्रश्न 5. भारत का पहला परमाणु परीक्षण कहाँ हुआ?
प्रश्न 6. परमाणु बम की खोज किसने की थी?
प्रश्न 7. भारत परमाणु देश कब बना?
प्रश्न 8. परमाणु की संरचना की खोज कैसे की?
प्रश्न 9. सबसे हल्का कण कौन सा है?
प्रश्न 10. भारत का पहला परमाणु परीक्षण कहाँ हुआ?
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