NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं (Is Matter Around Us Pure)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | Science |
Chapter | 2nd |
Chapter Name | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं (Is Matter Around Us Pure) |
Category | Class 9th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last doubt |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं (Is Matter Around Us Pure) Notes in Hindi जिसमें हम क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं, पदार्थ शुद्ध है या नहीं, शुद्ध पदार्थ क्या है उदाहरण कक्षा 9 के साथ, आप कैसे जानेंगे कि कोई पदार्थ शुद्ध है या अशुद्ध, कौन कौन से पदार्थ शुद्ध होते हैं,शुद्ध पदार्थ कौन कौन से होते हैं, शुद्ध पदार्थ कौन नहीं है, शुद्ध पदार्थ क्या है , अध्याय 2 क्या हमारे आस पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes, शुद्ध और अशुद्ध पदार्थ में क्या अंतर है, प्रश्न 5 शुद्ध पदार्थ क्या है, पदार्थ का सबसे शुद्ध रूप क्या है, शुद्ध दूध एक क्या है, पदार्थ कैसे होते हैं, क्या काली, स्याही में एक ही रंग है, स्याही कितने प्रकार की होती है, लाल स्याही का उपयोग कब किया जाता है, वायु से गैस को कैसे प्राप्त कर सकते हैं आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं (Is Matter Around Us Pure)
Chapter – 2
क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
Notes
मिश्रण के प्रकार
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं।
1. समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixture)
2. विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixture)
मिश्रण (Mixture) – मिश्रण एक पदार्थ है जो दो या अधिक तत्वों अथवा यौगिकों का , (रासायनिक रूप से संयुक्त हुए बिना) बना होता है। उदाहरण – वायु आदि।
1. ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन, कार्बन-डाइ-ऑक्साइड और जल वाष्प।
2. गैसों का मिश्रण है।
विलयन (Solution) – विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है।
उदाहरण –
नींबू जल, सोड़ा जल आदि विलयन के उदाहरण हैं।
किसी विलयन को दो भागों विलायक और विलेय में बाँटा जाता है। विलयन का वह घटक जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है, उसे विलायक कहते हैं।
विलयन (Solution)
किसी विलयन को दो भागों विलायक और विलेय में बाँटा जाता है।
विलेय (Solute) घुलनशील पदार्थ उदाहरण – शक्कर (चीनी) +
विलायक (Solvent) पदार्थ जिसमें घुलता है। उदाहरण – पानी – शर्करा का पानी
विलयन के गुण
• विलयन एक समांगी मिश्रण है।
• विलयन के कण व्यास में 1nm (10° metre) से भी छोटे होते हैं। इस नए वे आँख से नहीं देखे जा सकते हैं।
• अपने छोटे आकार के कारण विलयन के कणों, गुजर रही प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं। इसलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखा नहीं देता।
• छानने की विधि द्वारा विलेय के कणों को विलयन में से पृथक् नहीं किया जा सकता है। विलयन को शांत छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं, अर्थात् विलयन स्थाई है।
मिश्र धातुएँ – ये धातुओं के समांगी मिश्रण होते हैं जिन्हें भौतिक क्रिया द्वारा अवयवों में पृथक् नहीं किया जा सकता है लेकिन फिर भी मिश्र धातुओं को मिश्रण माना जाता है। क्योंकि ये अपने घटकों के गुणों को दर्शाते हैं। और पृथक्-पृथक संघटन रखते हैं। उदाहरण के लिए पीतल, जिंक ( लगभग 30%) और कॉपर (लगभग 70%) का मिश्रण है।
विलयन की सान्द्रता – किसी विलयन के प्रति लीटर आयतन में घुले विलेय पदार्थ की मात्रा को ही विलयन की सान्द्रता कहते हैं।
निलंबन – निलंबन एक विषमांगी मिश्रण है, जिसमें विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं हैं बल्कि माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं। ये निलंबित कण आँखों से देखे जा सकते हैं।
निलंबन के गुणधर्म
• यह एक विषमांगी मिश्रण है।
• ये कण आँखों से देखे जा सकते हैं।
• ये निलंबित कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे उसका मार्ग दृष्टिगोचर हो जाता है।
• जब इसे शांत छोड़ देते हैं तब ये कण नीचे की ओर बैठ जाते हैं अर्थात निलंबन अस्थायी होता है। छानन विधि द्वारा इन कणों को मिश्रण से पृथक् किया जा सकता है।
• जब सभी कण नीचे बैठ जाते हैं तो निलंबन समाप्त हो जाता है तथा विलयन में प्रकाश की किरण का प्रकीर्णन रुक जाता है।
कोलाइडल विलयन – कोलाइड के कण विलयन में समान रूप से फैले होते हैं। निलंबन की अपेक्षा कणों का आकार छोटा होने के कारण यह मिश्रण समांगी प्रतीत होता है। लेकिन वास्तविकता में विलयन विषमांगी मिश्रण है, जैसे दूध
कोलाइड के गुणधर्म
• यह एक विषमांगी मिश्रण है।
• कोलाइड के कणों का आकार इतना छोटा होता है कि ये पृथक् रूप में आँखों से नहीं देखे जा सकते हैं।
• ये इतने बड़े होते हैं कि प्रकाश की किरण को फैलाते हैं तथा उसके मार्ग को दृश्य बनाते हैं।
• जब इनको शांत छोड़ दिया जाता है तब ये कण तल पर बैठते हैं अर्थात् ये स्थायी होते हैं।
शुद्ध पदार्थों
तत्व
• चिन्ह द्वारा
• सरल पदार्थ में नहीं तोड़ा जा सकता।
• उदाहरण – ताँवा, चाँदी, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन
यौगिक
• स्थिर अनुपात
• अपने अवयवों में टूट जाना (रासायनिक और वैद्युत अपघटन द्वारा)
• उदाहरण – पानी, नमक, चीनी
टिण्डल प्रभाव (Tyndall Effect) – कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश की किरणों का फैलना टिण्डल प्रभाव कहलाता है। |
मिश्रण तथा यौगिक में अन्तर
मिश्रण (Mixture )
1. तत्व या यौगिक केवल मिश्रण बनाने के लिए मिलते हैं। कोई नया पदार्थ नहीं बनता है।
2. किसी नए पदार्थ का निर्माण नहीं करते। संघटन परिवर्तनीय होता है।
3. मिश्रण में उपस्थित घटक अपने गुण धर्मों को दर्शाते हैं।
4 घटकों को भौतिक विधियों द्वारा सुगमता से पृथक किया जा सकता है
5. उदाहरण – लोहा तथा गंधक का मिश्रण
यौगिक (Compound)
1. एक पदार्थ क्रिया करके नए पदार्थ का निर्माण करते हैं।
2. नये पदार्थ का संघटन सदैव स्थाई होता है। अपने द्रव्यमान के अनुसार एक निश्चित अनुपात में ही एक साथ मिलते हैं।
3. नये पदार्थ के गुण धर्म पूरी तरह भिन्न होते हैं।
4. घटकों को केवल रासायनिक या वैद्युत रासायनिक प्रक्रिया द्वारा ही पृथक किया। जा सकता है।
5. उदाहरण – गंधक तथा लोहा आपस में क्रिया करके आयरन सल्फाइड बनाते हैं।
मिश्रण के प्रकार (Types of Mixture)
वास्तविक विलयन (True Solution) | कोलाइडल विलयन (Colloidal Solution) | निलम्बन (Suspension Solution) |
1. विलेय कण आकार में बहुत छोटे होते हैं e.g. <10 m | विलायक में कण का आकार वास्तविक से बड़ा किन्तु निलम्बन से छोटा होता है। b/w=10-9 -10-6m | कणों का आकार बड़ा होता है | > 10-6 m |
2. विलेय कण नंगी आँखों द्वारा नहीं देखे जा सकते। | कणों को नंगी आँखों से नहीं देख सकते। सूक्ष्मदर्षी द्वारा देख सकते हैं। | नंगी आँखों से देखे जा सकते हैं। |
3. समांग्री मिश्रण | समाग्री दिखाई देता है। परन्तु वास्तव में विषमांगी होता है। | विषमांगी मिश्रण |
4. छानन विधि द्वारा इसके कण पृथक नहीं कर सकते हैं। | पृथक नहीं कर सकते | छानन (Filtration) द्वारा पृथक |
5. पारदर्शी | अपारदर्शी | पारभासी |
6. स्थिर विलयन (स्थायी) रखने पर कण नीचे बैठते हैं। | स्थायी विलयन | अस्थायी विलयन विलेय कण नीचे बैठ जाते हैं। |
7. टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते। | टिडंल प्रभाव दिखाई देता है । | टिडंल प्रभाव दिखाई, व नहीं दिखाई, दोनों अवस्था हो सकती है। |
8. विलयन के कण छन्ना कागज में से पार निकल जाते हैं | कोलइड के कण छन्ना कागज में से पार नहीं निकल सकते। दूध, रक्त | कोलइडो में कण छन्ना कागज में से गुजर जाते हैं। रेत / बालू (पानी में) में |
मिश्रण को पृथक करने के तरीके
भौतिक परिवर्तन | रासायनिक परिवर्तन |
1. यह उत्क्रमणीय होता है। | 1. यह अनुत्क्रणीय होता है। |
2. भौतिक परिवर्तन के दौरान कोई नया पदार्थ नहीं बनता है। | 2. नये पदार्थ बनते हैं। |
3. बहुत कम मात्रा में ऊष्मीय अथवा प्रकाश ऊर्जा ली या निकाली जाती है। उदाहरण – बर्फ का पिघलना | 3. एक रासायनिक परिवर्तन में एक बड़ी मात्रा में ऊष्मीय अथवा प्रकाश ऊर्जा ली या निकाली जाती है। उदाहरण – लकड़ी का जल ना। |
तत्व के प्रकार
धातु (Metals) | अधातु (Non Metals) | उपधातु (Metalloids) |
चमकदार होती हैं। | चमकदार नहीं होतीआधातवर्ध्य नहीं होती है। | ऐसे तत्व धातु और अधातु के बीच के गुणों को दर्शाते हैं। |
आधातव होती हैं तन्य होती है अर्थात धातुओं को खींचकर तार बनाये जा सकते हैं। | तन्य नहीं होती भंगुर होती हैं। | |
सोनोरस या ध्वानिक होती है अर्थात् जब धातुओं को किसी वस्तु से मारा जाता है तो ध्वनि पैदा करती है। | सोनोरस नहीं होती है। | |
ये उष्मा तथा विद्युत की सुचालक है। | कुचालक है। (सिवाय ग्रेफाइट) | |
उदाहरण, सोना, लोहा इत्यादि | ऑक्सीजन और फास्फोरस | बोरोन, सिलिकॉनजरमेनियम |
प्रश्न 1. पदार्थ (Matter) क्या हैं।
प्रश्न 2. संतृप्त विलयन किसे हैं।
प्रश्न 3. अतिसंतृप्त विलयन किसे हैं।
प्रश्न 4. धातु के प्रकार एक बताइए।
प्रश्न 5. विलयन के कोई एक गुण बताइए।
प्रश्न 6. उपधातु के प्रकार एक बताइए।
प्रश्न 7. पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
प्रश्न 8. अधातु के प्रकार एक बताइए।
NCERT Solution Class 9th विज्ञान Notes in Hindi
NCERT Solution Class 9th विज्ञान Question Answer in Hindi
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