NCERT Solution Class – 7th Social Science (Civics) Chapter – 9 समानता के लिए संघर्ष (struggles for equality)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Civics |
Chapter | 9th |
Chapter Name | समानता के लिए संघर्ष (struggles for equality) |
Category | Class 7th राजनीतिकशास्त्र (Civics) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class – 7th Social Science (Civics) Chapter – 9 समानता के लिए संघर्ष (struggles for equality)
Chapter – 9
समानता के लिए संघर्ष
प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. ‘मताधिकार की ताकत’ से आप क्या समझते हैं ? इस पर आपस में विचार कीजिए। उत्तर – भारत के संविधान में भारत के सभी नागरिकों को जो वयस्क हैं या 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, उन्हें एक गुप्त मत देने का अधिकार है। भारत के प्रत्येक नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं और कई चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर ही सरकार का गठन करते हैं। नागरिकों के मताधिकार के कारण ही भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है। |
प्रश्न 2. क्या आप अपने परिवार, समुदाय, गाँव या शहर में किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोच सकते हैं, जिनका आप इसलिए सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्होंने न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी ? उत्तर – हम अपने गाँव के ग्राम प्रधान उदय नारायण सिंह के बारे में जानते हैं। जो शिवनगर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान के साथ-साथ एक समाज सेवी भी हैं। कई बार ग्राम पंचायत में एक जाति के लोग दूसरे जाति के साथ अन्याय और असमानता का व्यवहार करते थे तो वे अन्याय करने वाले व्यक्ति को समझाते थे। लोग उनका सम्मान करते हैं, इसलिए उनकी बातों को जल्द मान लेते हैं। इस तरह से उनके प्रयास के कारण ग्राम पंचायत के लोगों में सौहार्द का वातावरण उत्पन्न हुआ है। |
प्रश्न 3. ‘तवा मत्स्य संघ’ के संघर्ष का मुद्दा क्या था ? उत्तर – तवा मत्स्य संघ के संघर्ष का मुद्दा : संघ ने सरकार से माँग की कि लोगों के जीवन-निर्वाह के लिए बाँध में मछलियाँ पकड़ने के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए, जो कि 1994 से तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया गया था। |
प्रश्न 4. गाँव वालों ने यह संगठन बनाने की जरूरत क्यों महसूस की ? उत्तर – 1994 में सरकार ने तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया। इन ठेकेदारों ने स्थानीय लोगों को काम से अलग कर दिया और बाहरी क्षेत्र से सस्ते श्रमिकों को ले आए। ठेकेदारों ने गुंडे बुलाकर गाँव वालों को धमकियाँ देना भी आरंभ कर दिया, क्योंकि लोग वहाँ से हटने को तैयार नहीं थे। गाँव वालों ने एकजुट होकर तय किया कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने और संगठन बनाकर सामने खड़े होने का वक्त आ गया है। इस तरह ‘तवा मत्स्य संघ’ नाम के संगठन को बनाया गया। |
प्रश्न 5. क्या आप सोचते हैं कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी? इस संबंध में दो पंक्तियाँ लिखिए। उत्तर – यह बात सही है कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी। ग्रामीणों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुटता का परिचय दिया। ग्रामीण लोगों ने चक्का जाम अभियान शुरू किया। उनके प्रतिरोध को देखकर सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की। । समिति ने गाँव वालों के जीवनयापन के लिए उनको मछली पकड़ने का अधिकार देने की अनुशंसा की। |
प्रश्न 6. समानता के लिए लोगों के संघर्ष में हमारे संविधान की क्या भूमिका हो सकती है ? उत्तर – संविधान भी भारत के सभी नागरिकों को एक समान मानता है। संविधान जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, लिंग के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करता। इसलिए तब लोग समानता के लिए संघर्ष करते हैं, संवैधानिक कानून उनके पक्ष में होता है। जब भी समानता के लिए संघर्ष का मामला न्यायालय में जाता है। न्यायालय संविधान को ध्यान में रखते हुए फैसला संघर्ष करने वालों के पक्ष में देता है। इसलिए समानता के लिए लोगों के संघर्ष में संविधान की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। |
NCERT Solution Class 7th राजनीतिकशास्त्र Question Answer in Hindi |
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