NCERT Solution Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) समास व्याकरण
Textbook | NCERT Solution |
Class | 7th |
Subject | Hindi |
Chapter | हिन्दी व्याकरण (Grammar) |
Grammar Name | समास |
Category | Class 7th Hindi हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) समास व्याकरण हम इस अध्याय में समास कितने प्रकार के होते है?, समास क्या है उदाहरण सहित लिखिए?, 25 में समास कौन सा है?, समास शब्द कैसे पहचाने?, बहुव्रीहि समास का उदाहरण क्या है?, बहुव्रीहि समास क्या होता है?, माता पिता का कौन सा समास है?, तत्पुरुष समास का अर्थ क्या है, रसगुल्ले में कौन सा समास है?, महादेव में कौन सा समास है?, फल में कौन सा समास है?, समास कैसे बनाते हैं?, समास कैसे बनता है?, द्वंद्व समास का उदाहरण कौन सा है?, पंजाब में कौन सा समास है? आदि के बारे में पढ़ेंगे और जानने के साथ हम NCERT Solution Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) समास व्याकरण करेंगे। |
NCERT Solution Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) समास व्याकरण
हिन्दी व्याकरण
समास
समास – अनेक शब्दों को संक्षिप्त करके नए शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है। जैसे- राजा का महल-राजमहल।
समास के मुख्यत: छह भेद है
1. तत्पुरुष समास
2. कर्मधारय समास
3. विगु समास
4. अव्ययीभव समास
5. बहुब्रीहि समास तथा
6. द्वंद्व समास
1. तत्पुरुष समास – जिस समास में उत्तरपद अर्थात दूसरा पद प्रधान होता है। इसमें कारक चिह्नों का लोप हो जाता है। कर्ता तथा संबोधन इन दो कारकों के अतिरिक्त अन्य सभी छह कारकों के आधार पर इसमें भेद किए गए हैं।
कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप
स्वर्ग प्राप्त
माखन चोर
स्वर्ग को प्राप्त
माखन को चुराने वाला
करणकारक की विभक्ति से ‘या’ के द्वारा का लोप–
रसभरी – रस से भरी
ज्ञानयुक्त – ज्ञान से युक्त
संप्रदान कारक की विभक्ति के लिए’ का लोप-रसोईघर-रसोई के लिए घरअपादान कारक की विभक्ति से का लोप–रोगयुक्त-रोग से युक्त
धनहीन – धन से हीन
धर्मभ्रष्ट – धर्म से भ्रष्ट
संबंध कारक की विभक्ति का/की/के का लोप
राजपुत्र – राजा का पुत्र
गंगाजल – गंगा का जल
अधिकरण कारक की विभक्ति में/पर’ का लोप
दानवीर – दान में वीर
लोकप्रिय – लोक में प्रिय
2. कर्मधारय समास –जिस समास के दोनों पदों में विशेषण-विशेष्य या उपमेय-उपमान का संबंध हो। वह कर्मधारय समास कहलाता है। इसमें उत्तर पद प्रधान होता है। जैसे
समस्त पद | विग्रह | समस्त पद | विग्रह |
नीलगाय कमलनयन | नीलागाय कमल के समान नयन | नील + गाय परमानंद (परम + आनंद) | नीली है जो गाय परम है जो आनंद |
3. द्विगु समास – जिस समस्त पद का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण हो, उसे विगु समास कहते हैं। जैसे तिरंगा, त्रिकोण, चौराहा, नवरात्र, त्रिभुज।
4. बहुब्रीहि समास -जिस समास में दोनों ही पद प्रधान न हों। बल्कि कोई अन्यपद भी प्रधान हो, वह बहुब्रीहि समास कहलाता है। जैसे
समस्तपद | विग्रह | अन्य पद |
नीलकंठ दशानन लंबोदर चक्रधर | नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव दश है आनन जिसके अर्थात लंबा है उदर जिसका अर्थात चक्र को धारण करने वाला अर्थात | शिव रावण गणेश विष्णु |
5. द्वंद्व समास – जिस समास में दोनों ही पद प्रधान हों, वह द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे-राजा-रंक, माता-पिता, राम-रहीम अन्न-जल
6. अव्ययीभाव समास – अव्ययीभाव समास में पूर्वपद अव्यय’ होता है तथा वहीं उत्तर पद प्रधान होता है। अव्ययीभाव समास को विग्रह करते समय ‘उत्तरपद’ पहले लिखा जाता है और पूर्वपद बाद में लिखा जाता है। जैसे-आमरण, आजीवन, रातो रात, अनजाने, यथाशीघ्र।
NCRET Solution Class 7th Hindi Grammar Vyakaran |
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