NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य (Kingdoms, Kings and an Early Republic)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | इतिहास (History) |
Chapter | 5th |
Chapter Name | राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य (Kingdoms, Kings and an Early Republic) |
Category | Class 6th (इतिहास) History |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य Notes in Hindi हम इस अध्याय में राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य, मगध, अश्वमेध यज्ञ, अश्वमेध यज्ञ की कुछ रोचक बातें नीचे दी गई हैं, वर्ण व्यवस्था, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, कुछ लोग शासक कैसे बने, जनपद, महाजनपद, वज्जि, कर, कृषि में परिवर्तन, कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ, प्रजातंत्र, अजासत्तु (अजातशत्रु) और वज्जि-संघ, पौधा-रोपण, राजा, सेना, क़िलेबंदी, वर्ण, संघ, गण, गणतंत्र, भारत में कितने महाजनपद है, प्राचीन भारत में कितने जनपद थे, एक प्राचीन जनपद का नाम क्या है, जनपद कौन से दो शब्दों से बना है आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Social Science इतिहास Chapter – 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य (Kingdoms, Kings and an Early Republic)
Chapter – 5
राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य
Notes
कुछ लोग शासक कैसे बने – 3000 साल पहले राजा बनने की प्रकिया में कुछ बदलाव आए। अश्वमेघ यज्ञ आयोजित करके राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो गए। अश्वमेघ यज्ञ करने वाला राजा बहुत शक्तिशाली माना जाता था। महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगा।
जनपद – जनपद का शब्दिक अर्थ जन के बसने की जगह होता है। महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगे। इन में लोग झोपड़ियों में रहते थे और मवेशी तथा जानवरो को पालते थे चावल, गेहू, धान, जो, दाल, तिल, सरसो उगते थे कुछ जनपद है।
महाजनपद – 2500 साल पहले, कुछ जनपद अधिक महत्वपूर्ण हो गए। इन्हे महाजनपद कहा जाने लगा। अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी। कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी अर्थात इनके चारों ओर विशाल, ऊँची और प्रभावशाली दीवार खड़ी कर अपनी समृद्धि और शक्ति का प्रदर्शन भी करते थे इस तरह क्षेत्रों पर नियत्रंण रखना भी सरल हो जाता था।
मगध – आज से लगभग 3000 वर्ष पहले यानि 600 ई पू राजाओं की स्थिति में बड़े बदलाव हुए। वैदिक युग के राजाओं की तुलना में इस युग के राजा अधिक शक्तिशाली हो गये।
वज्जि की राजधानी – इसकी राजधानी वैशाली थी यह मगध के समीप था यहां शासन व्यवस्था गण/संघ थी। इन गण/संघ में कई शासक होते थे कभी कभी लोग एक साथ शासन करते थे वे सभी राजा होते थे।
अश्वमेध यज्ञ – अब राजा चलाने की विधि भी बदल गई थी। जो व्यक्ति राजा बनना चाहता था उसे अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए बड़े अनुष्ठान करने पड़ते थे। ऐसा राजा अक्सर दूसरे राजाओं पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए अश्वमेध यज्ञ करता था।
कर – महाजनपदों के राजा विशाल किले बनवाते थे और बड़ी सेना रखते थे इसलिए अब नियमित रूप से कर वसूलने लगे। अधकांश लोग कृषक ही थे प्राय: फसल का उपज का 1/6 हिस्सा कर लेते थे। करीगरों के ऊपर भी कर लगाए गए श्रमिकों को राजा के लिए महीने में एक दिन काम करना पड़ता था।
वर्ण व्यवस्था को कितने भागो में बटा गया है – समाज को चार वर्णों में बाँटा गया था, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।
ब्राह्मण – ब्राह्मण को वर्ण व्यवस्था में सबसे ऊँचा स्थान दिया गया था। ब्राह्मणों का काम था वेदों को पढ़ना और पढ़ाना। उन्हें तरह तरह के अनुष्ठान संपन्न कराने होते थे। इन अनुष्ठानों को करवाने के बदले में उन्हें उपहार दिये जाते थे।
क्षत्रिय – इस वर्ण का स्थान दूसरे नंबर पर आता था। इस वर्ण में शासक वर्ग के लोग आते थे। क्षत्रिय का काम था युद्ध लड़ना और लोगों की सुरक्षा करना। क्षत्रिय भी अनुष्ठान कर सकते थे।
वैश्य – इस वर्ण का स्थान तीसरे नंबर पर आता था। किसान, चरवाहे और व्यापारी इस वर्ण के सदस्य होते थे। वैश्यों को भी अनुष्ठान करने का अधिकार था।
शूद्र – यह वर्ण सबसे निचले पायदान पर रखा गया था। शूद्रों का काम था अन्य तीन वर्णों की सेवा करना। महिलाओं को भी शूद्र माना जाता था। शूद्रों को यज्ञ करने की अनुमति नहीं थी। वे ऐसे अनुष्ठानों में शामिल भी नहीं हो सकते थे। किसी भी व्यक्ति का वर्ण उसके जन्म से तय होता था।
गण – गण शब्द का प्रयोग कई सदस्यों वाले समूह के लिए किया जाता है।
वर्ण – पुरोहितों ने लोगों कोण चार वर्गों में विभाजित किया, जिन्हें वर्ण कहते हैं।
क़िलेबंदी – क़िलेबंदी का मतलब यह होता है कि कई राजधानियों में क़िलेबंदी की गई थी अर्थात इनके चारों ओर लकड़ी, ईंट या पत्थर की उँची दीवारें बनाई गई थीं।
सेना – सेना या सैन्यदल किसी देश या उनके नागरिकों या फिर किसी शासन-व्यवस्था और उस से सम्बन्धित लोगों के हितों व ध्येयों को बढ़ाने और उनकी रक्षा के लिये घातक बल-प्रयोग की क्षमता रखने वाला सशस्त्र संगठन होता है।
पौधा-रोपण – दूसरे, लोगों ने धान के पौधों का रोपण शुरू किया अर्थात् खेतों में बीज छिड़ककर धान उपजाने के बजाए धान की पौध तैयार कर उनका रोपण शुरू किया गया।
कृषि में परिवर्तन कैसे हुआ – इस युग में कृषि के क्षेत्र में दो बड़े परिवर्तन आए हल के फाल अब लोहे के बनने लगे जिससे अब कठोर जमीन को आसानी से जोता जा सकता था इससे फ़सलों की उपज बढ़ गई। लोगो ने धान के पौधों का रोपण शुरू किया जिससे अब पहले से की तुलना में बहुत पौधे जीवित रह जाते थे, इसलिए पैदावार भी ज़्यादा होने लगी।
राजा क्या करता है – गण या संघ में कई शासक होते थे। कभी-कभी लोग एक साथ शासन करते थे, जिसमें से प्रत्येक व्यक्ति राजा कहलाता था।
अजासत्तु (अजातशत्रु) और वज्जि-संघ
अजातसत्तु वज्जि-संघ पर आक्रमण करना चाहते थे। उन्होंने अपने मंत्री वस्सकार को बुद्ध के पास सलाह के लिए भेजा। बुद्ध ने उनसे पूछा कि क्या वज्जि सभाएँ नियमित रूप से होती हैं तथा उनमें सभी सदस्य उपस्थित होते हैं? जब उन्हें पता चला कि ऐसा होता है, उन्होंने कहा कि वज्जिवासी तब तक उन्नति करते रहेंगे
जब तक:
• वे पूर्ण और नियमित सभाएँ करते रहेंगे।
• आपस में मिलजुल कर काम करते रहेंगे।
• पारंपरिक नियमों का पालन करते रहेंगे।
• बड़ों का सम्मान, समर्थन और उनकी बातों पर ध्यान देते रहेंगे।
प्रजातंत्र किसे कहते है – लगभग 2500 साल पहले एथेन्स के लोगों ने एक शासन-व्यवस्था की स्थापना की, जिसे प्रजातंत्र या गणतंत्र कहते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ
● नए शासक (लगभग 3000 साल पहले)
● महाजनपद (लगभग 3000 साल पहले)
● सिकन्दर का आक्रमण, दीघ निकाय का लेखन (लगभग 2300 साल पहले)
● गण या संघ राज्यों का अंत (लगभग 1500 साल पहले)
प्रश्न 1. अश्वमेध यज्ञ में किसे शामिल नहीं किया जाता था?
प्रश्न 2. उत्तर वैदिक ग्रंथ किसे कहते हैं?
प्रश्न 3. पुरातत्वविदों को जनपदों की बस्तियाँ कहाँ-कहाँ मिली हैं?
प्रश्न 4. जनपद के लोग कैसे मकान में रहते थे?
प्रश्न 5. वे कौन कौन सी फ़सलें उगाते थे?
प्रश्न 6. उस समय किलाबंदी किसे कहते हैं?
प्रश्न 7. इस समय का सबसे महत्वपूर्ण जनपद कौन था?
प्रश्न 8. वर्ण कितने हैं?
ब्राह्मण – जिनका काम वेदों का अध्ययन, अध्यापन और यज्ञ करना था।
क्षत्रिय – इसका काम युद्ध करना और लोगों की रक्षा करना था।
विश या वैश्य – इसमें कृषक, पशुपालक और व्यपारी आते थे।
शूद्र – इनका काम इन तीनों वर्गों की सेवा करना था। प्राय: महिलाओं को भी शूद्र माना गया था। शूद्रों को वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था।
प्रश्न 9. राजाओं को कर वसूलने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
प्रश्न 10. कर का सबसे बड़ा भार किस पर था?
प्रश्न 11. इस समय कृषि के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन क्या हुआ?
प्रश्न 12. प्राचीन भारत में कितने महाजनपद थे?
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