NCERT Solution Class 6th Social Science भूगोल Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर (Globe: Latitude and Longitude)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | भूगोल (Geography) |
Chapter | 2nd |
Chapter Name | ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर (Globe: Latitude and Longitude) |
Geography | Class 6th भूगोल |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Social Science भूगोल Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर (Globe: Latitude and Longitude) Notes in Hindi जिसमे हम ध्रुव, अक्ष, विषुवत रेखा, अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ, अक्षांश की डिग्री, प्रमुख समानांतर रेखाएँ, पृथ्वी के ताप कटिबंध, उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध, शीत कटिबंध, देशांतर, अक्षांश और देशांतर के उपयोग, देशांतर और समय, भारतीय मानक समय, ग्लोब में अक्षांश और देशांतर क्या है, ग्लोब में कुल कितने अक्षांश है, ग्लोब पर कुल कितनी देशांतर रेखाएं हैं, अक्षांश और देशांतर रेखाएं क्या है class 6 र्क रेखा का दूसरा नाम क्या है, अक्षांश और देशांतर की संख्या कितनी है, देशांतर कितने होते हैं, ग्लोब अक्षांश क्या है, 1 डिग्री देशांतर कितने मील है, भारत में कितने देशांतर है, 1 डिग्री कितने मिनट के बराबर होता है, भारत का सबसे बड़ा देशांतर कौन सा है, भारत का सबसे लंबा देशांतर कौन सा है, देशांतर कितने राज्यों से गुजरती है आदि इसके बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Social Science भूगोल Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर (Globe: Latitude and Longitude)
Chapter – 2
ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर
Notes
ग्लोब (Globe) – ग्लोब हमारी पृथ्वी का एक छोटा मॉडल है। जो की पृथ्वी के सामान बनाया गया मॉडल है, तथा ग्लोब को दो पिवट के बीच लगा दिया जाता है ताकि यह एक अक्ष के चारों ओर घूम सके। ग्लोब अलग-अलग आकार में आते हैं। धरती के बारे में अध्ययन करने में ग्लोब से बहुत मदद मिलती है।
ध्रुव (Dhruva) – पृथ्वी की ऊपरी और निचले भाग को ध्रुव कहते हैं। ऊपरी भाग को उत्तरी ध्रुव और निचले भाग को दक्षिणी ध्रुव कहते हैं।
अक्ष (Axis) – जिस तरह ग्लोब पिवट के चारों ओर घूमता है, उसी तरह धरती एक काल्पनिक रेखा के चारों ओर घूमती है। इस काल्पनिक रेखा को पृथ्वी का अक्ष कहते हैं।
विषुवत रेखा (Equator) – पृथ्वी की सतह के बीच से एक काल्पनिक रेखा गुजरती है। इस रेखा को विषुवत रेखा या विषुवत वृत्त कहते हैं। यह रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटती है। उत्तर वाले भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिण वाले भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं।
अक्षांश रेखाएँ (Latitude Lines) – विषुवत वृत्त से ध्रुवों की ओर के सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश या समानांतर रेखा कहते हैं। अक्षांश को डिग्री (अंश) में मापा जाता है।
अक्षांश की डिग्री (Degrees of Latitude) – विषुवत रेखा को जीरो डिग्री अक्षांश माना गया है। विषुवत रेखा से किसी भी ध्रुव तक की दूरी उस वृत्त का एक चौथाई होगी जो पृथ्वी के चारों ओर से जायेगा। इसलिए विषुवत रेखा से ध्रुव तक की दूरी 360° का एक चौथाई यानि 90° होगी। इस तरह से उत्तरी ध्रुव का अक्षांश 90° उत्तर होगा, और दक्षिणी ध्रुव का अक्षांश 90° दक्षिण होगा। अक्षांश के डिग्री में मान के साथ साथ उत्तर या दक्षिण भी लिखा जाता है। विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित सभी अक्षांशों को उत्तरी अक्षांश कहते हैं। इसी तरह, विषुवत रेखा के दक्षिण में स्थित सभी अक्षांशों को दक्षिणी अक्षांश कहते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली का अक्षांश लगभग 28° उत्तर है।
प्रमुख समानांतर रेखाएँ – विषुवत रेखा (0 डिग्री) और ध्रुवों (90°) के अलावा चार अन्य प्रमुख समानांतर रेखाएँ हैं, जो इस प्रकार हैं।
• कर्क रेखा 23.50° उत्तर (23° 30’ उत्तर)
• मकर रेखा 23.50° दक्षिण (23° 30’ दक्षिण)
• उत्तर ध्रुव वृत्त 66.50° उत्तर (66° 30’ उत्तर)
• दक्षिण ध्रुव वृत्त 66.50° दक्षिण (66° 30’ दक्षिण)
पृथ्वी के ताप कटिबंध उष्ण कटिबंध – कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच दोपहर का सूर्य साल में कम से कम एक बार ठीक सिर के ऊपर होता है। ऐसा इसलिए होता है कि सूर्य की किरणें इन अक्षांशों के बीच कम से कम एक बार बिलकुल सीधी पड़ती हैं। इसलिए पृथ्वी के इस भाग को सूर्य से सबसे अधिक उष्मा मिलती है। इस क्षेत्र को उष्ण कटिबंध कहते हैं।
शीतोष्ण – कर्क रेखा और मकर रेखा के बाहर कभी भी सूर्य सिर के ठीक ऊपर नहीं होता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में सूर्य की किरण हमेशा तिरछी पड़ती है। इसलिए पृथ्वी के इस हिस्से में मध्यम तापमान रहता है। इस क्षेत्र को शीतोष्ण क्षेत्र कहते हैं।
शीत कटिबंध – ध्रुव वृत्त और ध्रुव के बीच वाले क्षेत्र पर सूर्य की किरण अत्यधिक तिरछी पड़ती है। इसलिए इन क्षेत्रों में सूर्य कभी भी क्षितिज से बहुत ऊपर नहीं दिखता है। इसलिए इस भाग में तापमान बहुत कम होता है। इस भाग को शीत कटिबंध कहते हैं।
प्रमुख याम्योत्तर (Prime Meridian) – ग्रीनिच से होकर गुजरने वाले देशांतर को जीरो डिग्री मान लिया गया है। ग्रीनिच में ब्रिटिश रॉयल ऑब्जरवेटरी के रहने के कारण ऐसा संभव हो पाया। जीरो डिग्री देशांतर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं।
देशांतर (Longitude) – एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक जाने वाली काल्पनिक रेखाओं को देशांतर या देशांतरी याम्योत्तर कहते हैं। अक्षांशों के ठीक उलट, हर देशांतर रेखा की लम्बाई समान होती है। इसलिए जीरो डिग्री देशांतर निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। इसलिए सभी देशों की सहमति से ग्रीनिच से होकर गुजरने वाले देशांतर को जीरो डिग्री मान लिया गया है। ग्रीनिच में ब्रिटिश रॉयल ऑब्जरवेटरी के रहने के कारण ऐसा संभव हो पाया। जीरो डिग्री देशांतर को प्रमुख याम्योत्तर भी कहते हैं। प्रमुख देशांतर के पूर्व की तरफ पृथ्वी को 180 डिग्री में बाँटा गया है। ऐसा पश्चिम की तरफ भी किया गया है। 180° पू और 180° पश्चिम देशांतर; दोनों ही एक ही रेखा पर पड़ते हैं। दोनों ही देशांतर पृथ्वी को दो बराबर हिस्सों में बाँटते हैं।
अक्षांश और देशांतर के उपयोग – अक्षांश और देशांतर की मदद से हम पृथ्वी पर किसी भी स्थान की सही स्थिति का पता लगा सकते हैं। जब हम कहते हैं कि दिल्ली 28° उत्तर में है तो इससे केवल यह पता चलता है कि दिल्ली उत्तरी गोलार्ध में 28° के अक्षांश पर है। लेकिन इससे प्रमुख देशांतर के संदर्भ में दिल्ली की स्थिति का पता नहीं चलता है। दिल्ली की सही स्थिति का पता करने के लिए हमें इसके देशांतर की जानकारी भी चाहिए। दिल्ली का देशांतर लगभग 77° पूर्व है। अब, दिल्ली की सही स्थिति बताने के लिए यह बताना पड़ेगा कि दिल्ली 28° उत्तरी और 77° पूर्व में स्थित है।
देशांतर और समय – हम जानते हैं कि पृथ्वी को अपने अक्षं पर एक बार घूमने में लगभग 24 घंटे लगते हैं। इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त से हमें सुबह और शाम के समय का पता चलता है। जब सूर्य बिलकुल सिर के ऊपर होता है तो दोपहर होती है। इस समय दोपहर के 12 बजते हैं।
जब सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर होता है तो इससे सबसे छोटी छाया बनती है। लेकिन जब हम पृथ्वी पर पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हैं तो आसमान में सूर्य की वस्तुस्थिति बदलती रहती है। इसलिए जब भारत में दोपहर होती है तो इंग्लैंड में कोई और समय होता है।
इन्हीं भिन्नताओं के कारण लोगों को एक मानक समय की जरूरर महसूस होने लगी थी। आपने पढ़ा कि प्रमुख देशांतर ग्रीनिच से गुजरती है। इसलिए अलग-अलग देशों के मानक समय का निर्धारण ग्रीनिच के संदर्भ में किया जाता है।
• विभिन्न समय क्षेत्र में समय की गणना
• डिग्री की कुल संख्या = 360
• दिन में घंटों की कुल संख्या = 24
• इसलिए प्रति घंटे डिग्री की संख्या = 360 ÷ 24 = 15
• चूँकि 1 घंटे में 60 मिनट होते हैं।
• इसलिए 15 डिग्री = 60 मिनट
• इसलिए 1 डिग्री = 60 ÷ 15 = 4 मिनट
इसका मतलब यह हुआ कि जब हम पूर्व की ओर 1 डिग्री चलते हैं तो समय 4 मिनट से आगे हो जाता है। दूसरी ओर, जब हम पश्चिम की ओर 1 डिग्री चलते हैं तो समय 4 मिनट पीछे हो जाता है।
भारतीय मानक समय – भारत एक विशाल देश है और इसका देशांतरीय प्रसार काफी बड़ा है। इसलिए असम के डिब्रूगढ़ और गुजरात के द्वारका में होने वाले सूर्योदय के समय में 1 घंटा 45 मिनट का अंतर होता है। लेकिन समय सारणी को आसान बनाने के लिए पूरे देश के लिए एक मानक समय की जरूरत होती है।
भारतीय मानक समय को 82.50° पूर्व के आधार पर रखा गया है। 82.5 × 4 = 330 मिनट = 5 घंटा 30 मिनटइस गणना से पता चलता है कि ग्रीनिच की तुलना में भारतीय मानक समय 5 घंटे 30 मिनट आगे है। कुछ देश तो इतने विशाल हैं कि वहाँ एक समय क्षेत्र से काम नहीं चलता है। जैसे, रूस में 11 समय क्षेत्र हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में 9 समय क्षेत्र हैं। पूरी पृथ्वी को 24 समय क्षेत्रों में बाँटा गया है। हर समय क्षेत्र का प्रसार 15° देशांतर है।
FAQ
प्रश्न 1. अक्ष किसे कहते हैं?
प्रश्न 2. ग्लोब किसे कहते हैं।
प्रश्न 3. कर्क रेखा का दूसरा नाम क्या है?
प्रश्न 4. कर्क रेखा कहाँ पर स्थित है?
प्रश्न 5. कर्क रेखा की लम्बाई कितनी है?
प्रश्न 6. भारत में कर्क रेखा कितने हैं?
प्रश्न 7. मकर रेखा पर स्थित कितने देश हैं?
प्रश्न 8. मकर रेखा कौन सी डिग्री है?
प्रश्न 9. अक्षांश एवं देशांतर रेखाएँ क्या हैं?
देशांतर रेखाएँ – वे रेखाएँ हैं जो विषुवत् वृत्त को काटती हैं और उत्तरी ध्रुव व दक्षिण ध्रुव को जोड़ती हैं। इनकी लंबाई बराबर होती है।
प्रश्न 10. प्रमुख याम्योत्तर का मान है
प्रश्न 11. शीत कटिबंध किसके नजदीक पाया जाता है?
प्रश्न 12. देशांतरों की कुल संख्या है
प्रश्न 13. उत्तरी ध्रुव वृत्त स्थित है
प्रश्न 14. भारत का मानक समय ग्रीनविच समय से कितना आगे है ?
प्रश्न 15. 24 घंटे में पृथ्वी कितने देशांतर घूम जाती है ?
प्रश्न 16. विषुवत वृत्त किसे कहते हैं?
NCERT Solution Class 6th Geography All Chapters Notes In Hindi |
Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी |
Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर |
Chapter – 3 पृथ्वी की गतियाँ |
Chapter – 4 मानचित्र |
Chapter – 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल |
Chapter – 6 हमारा देश: भारत |
NCERT Solution Class 6th Geography All Chapters Question & Answer In Hindi |
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Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर |
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Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर |
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Chapter – 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल |
Chapter – 6 हमारा देश: भारत |
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