NCERT Solutions Class 6th Social Science Civics Chapter – 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व (Main Elements of Democratic Government) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th Social Science Civics Chapter – 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व (Main Elements of Democratic Government)

TextbookNCERT
Class6th
SubjectSocial Science (Civics)
Chapter4th
Chapter Nameपंचायती राज (Panchayati Raj)
CategoryClass 6th सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन (Civics)
Medium Hindi
Source Last Doubt
NCERT Solutions Class 6th Social Science Civics Chapter – 4 पंचायती राज (Panchayati Raj) Notes in Hindi लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व में आप क्या सीखेंगे, भागीदारी, विवादों का समाधान, भागीदारी के तरीके, चुनाव और भागीदारी, लोकतांत्रिक सरकार के प्रमुख तत्व क्या हैं?, लोकतंत्र के तीन तत्व कौन कौन से हैं?, लोकतांत्रिक सरकार के प्रमुख तत्वों के अध्याय से आप क्या सीखते हैं?, लोकतंत्र के प्रमुख तत्व क्या हैं कक्षा 7 के बारे में विस्तार से बताएं?, लोकतंत्र के 4 बिंदु कौन से हैं?, राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?, लोकतंत्र का चौथा आधार क्या है?, 3 लोकतांत्रिक सरकार के आवश्यक लक्षण क्या हैं?, लोकतंत्र कब लागू किया गया?, लोकतंत्र भाषण क्या है?, भारत एक लोकतांत्रिक देश क्यों है?, लोकतंत्र की शुरुआत कैसे हुई?, हमें लोकतंत्र की आवश्यकता क्यों है?, लोकतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? आदि के बारे में जानकारी पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 6th Social Science Civics Chapter – 4 लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्त्व (Panchayati Raj)

Chapter – 4

पंचायती राज

Notes

ग्राम सभा – ग्राम पंचायत के सभी सदस्यों की बैठक को ग्राम सभा कहते हैं। ग्राम पंचायत का हर वह व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है ग्राम सभा में शामिल हो सकता है।
पंचायती राज – लोकतांत्रिक सरकार का सबसे निचला स्तर पंचायत यानि पंचायती राज के नाम से जानते है। ‘पंचायत’ शब्द का अर्थ है लोगों की सभा भारतीय उपमहाद्वीप में पंचायत की बहुत पुरानी परंपरा रही है। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का स्वशासन चलता है।
पंचायती राज संस्थाएँ कितनी प्रकार की होती हैं

पंचायती राज संस्थाएँ तीन होती हैं-

• ग्राम के स्तर पर ग्राम पंचायत
• ब्लॉक (तालुका) स्तर पर पंचायत समिति
• जिला स्तर पर जिला परिषद
पंचायती राज के स्तर

पंचायती राज के मुख्यता तीन स्तर होता हैं-

• ग्राम पंचायत या ग्राम स्तर का पंचायत
• पंचायत समिति या जनपद पंचायत या प्रखंड (ब्लॉक) स्तर का पंचायत
• जिला परिषद या जिला स्तर का पंचायत
ग्राम पंचायत – ग्राम पंचायत का गठन चुने हुए सदस्यों द्वारा होता है। एक ग्राम पंचायत के सदस्य कई गांवों से या केवल एक गांव से चुनकर आते हैं। ग्राम पंचायत का कार्यकाल पाँच साल का होता है। हर पाँच साल पर चुनाव होते हैं।
पंच या वार्ड सदस्य – एक ग्राम पंचायत को कई वार्ड में बाँटा जाता है। हर वार्ड से एक सदस्य चुनकर आता है। ऐसे सदस्य को पंच या वार्ड सदस्य कहते हैं। एक पंच को अपने निर्वाचन क्षेत्र के हितों की देखभाल करनी होती है।
ग्राम सभा का सचिव – ग्राम सभा का सचिव चुनकर नहीं आता है। उसे सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। सचिव का काम है ग्राम सभा की बैठक बुलाना और बैठक का रिकॉर्ड रखना।
ग्राम पंचयात के कार्य – जन सुविधाओं का निर्माण और रख रखाव: ग्राम पंचायत का काम है जल का स्रोत, सड़कें, नालियाँ, स्कूल और अन्य जन सुविधाओं का निर्माण करवाना। ये सुविधाएँ किसी भी गांव के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
स्थानीय कर निर्धारण और वसूली – ग्राम पंचायत कुछ स्थानीय कर भी वसूलती है। उदाहरण के लिए स्थानीय बाजार या हाट से ग्राम पंचायत कर वसूलती है।
सरकारी योजनाओं का कार्यांवयन – गांव में रोजगार बढ़ने के लिए सरकार कई योजनाएँ चलाती है। ऐसी योजनाओं के लिए आने वाली राशि सरकारी मशीनरी से होकर आती है। ग्राम पंचायत का काम है ऐसी योजनाओं को सही से लागु करवाना। उदाहरण के लिए मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट) ऐसी ही एक योजना है।
ग्राम सभा के कार्य – ग्राम सभा का काम है ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी करना। ग्राम सभा की बैठक के दौरान किसी को भी किसी भी गड़बड़ी के बारे में प्रश्न पूछने का अधिकार है। उदाहरण के लिए, गरीबी रेखा के नीचे (बी. पी. एल) की लिस्ट बनाते समय हो सकता है कि सरपंच किसी धनी व्यक्ति का नाम डाल दे या किसी गरीब का नाम हटा दे। हो सकता है कि हैंड पंप लगाने के लिए मिली राशि का गलत उपयोग हुआ हो।
पंचायत समिति – यह तहसील या तालुका या ब्लॉक स्तर की स्थानीय सरकार है। किसी भी तहसील के अंदर आने वाले हर गांव मिलकर पंचायत समिति का निर्माण करते हैं। पंचायत समिति का काम है ग्राम पंचायत और जिला परिषद के बीच कड़ी का काम करना।
पंचायत समिति का गठन – पंचायत समिति में चुने हुए सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुछ अपूर्व दृष्ट सदस्य और कुछ सह सदस्य होते हैं। अपूर्व दृष्ट सदस्यों में उस क्षेत्र के सारे सरपंच, सांसद, विधायक और एस डी ओ (सब डिविजनल ऑफिसर) हो सकते हैं। सह सदस्यों में महिलाओं तथा अनुसूचित जाति जनजाति के प्रतिनिधि, कोई बड़ा किसान और सहकारी समिति के सदस्य हो सकते हैं। पंचायत समिति का गठन पाँच साल के लिए होता। इसकी अध्यक्षता के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं।
जिला परिषद – पंचायती राज के शीर्ष पर जिला परिषद आता है। इसकी अध्यक्षता भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइ. ए. एस) का अधिकारी करता है। इसका काम है उस जिले में पड़ने वाले हर पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के कामों की निगरानी करना। जिले के लिए कई लोककल्याण काम करवाने का जिम्मा भी जिला परिषद पर होता है।
ग्राम पंचायत का महत्व – ग्राम पंचायत के द्वारा लोगों के हाथों में सत्ता पहुँचती है। इनका कार्य है कि स्थानीय समस्याओं और जरूरतों की सबसे अच्छी समझ जनता के पास हो और अब हर समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री तो नहीं आ सकते। इसलिए अपनी स्थानीय समस्याओं को सुलझाने के लिए लोगों को कुछ शक्ति मिली होती है।
ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत

• घरों एवं बाज़ारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि।
• विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलायी गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है।
• समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान।

प्रश्न 1. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज कितने स्तरों की स्वशासित इकाइयों से मिलकर बना है ?

ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज तीन स्तरों की स्वशासित इकाइयों से मिलकर बना है।

प्रश्न 2. ग्राम सभा का सदस्य बनने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए ?

18 वर्ष या इससे अधिक।

प्रश्न 3. ग्राम पंचायत का सदस्य बनने के लिए कितनी आय होनी चाहिए ?

21 वर्ष।

प्रश्न 4. पंचायती राज व्यवस्था का निचला स्तर कौन-सा है ?

ग्राम पंचायत।

प्रश्न 5. ग्राम पंचायत के मुखिया को क्या कहा जाता है ?

सरपंच।

प्रश्न 6. ग्राम पंचायत के सदस्य को क्या कहते हैं ?

पंच।

प्रश्न 7. ग्राम पंचायत की बैठकों की अध्यक्षता कौन करता है ?

सरपंच।

प्रश्न 8. ग्राम पंचायत को कितनी अवधि के लिए चुना जाता है ?

ग्राम पंचायत को पाँच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।

प्रश्न 9. पंचायत सचिव किसे कहते हैं ?

सरकार का एक स्थायी कर्मचारी, जो पंचायत के द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा तैयार करता है। वह पंचायत के आय-व्यय का लेखा-जोखा भी रखता है।

प्रश्न 10. पंचायती राज व्यवस्था का मध्य स्तर कौन-सा है ?

पंचायत समिति।

प्रश्न 11. ग्राम सभा क्या होता है ?

ग्राम पंचायत के सभी सदस्यों की बैठक को ग्राम सभा कहते हैं। ग्राम पंचायत का हर वह व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है ग्राम सभा में शामिल हो सकता है।

प्रश्न 12. सरपंच किसे कहते है ?

सभी पंच मिलकर एक नेता को चुनते हैं। यह नेता सरपंच या पंचायत प्रधान कहलाता है। ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता सरपंच करता है।

प्रश्न 13. स्थानीय कर निर्धारण और वसूली क्या होता है ?

ग्राम पंचायत कुछ स्थानीय कर भी वसूलती है। उदाहरण के लिए स्थानीय बाजार या हाट से ग्राम पंचायत कर वसूलती है।

प्रश्न 14. ग्राम पंचायत क्या है ?

ग्राम पंचायत का गठन चुने हुए सदस्यों द्वारा होता है। एक ग्राम पंचायत के सदस्य कई गांवों से या केवल एक गांव से चुनकर आते हैं। ग्राम पंचायत का कार्यकाल पाँच साल का होता है। हर पाँच साल पर चुनाव होते हैं।

प्रश्न 15. पंचायती राज किसे कहते है ?

लोकतांत्रिक सरकार का सबसे निचला स्तर पंचायत यानि पंचायती राज के नाम से जानते है। ‘पंचायत’ शब्द का अर्थ है लोगों की सभा भारतीय उपमहाद्वीप में पंचायत की बहुत पुरानी परंपरा रही है।

प्रश्न 16. ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत किसे कहते है ?

• घरों एवं बाज़ारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि।
• विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलायी गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है।
• समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान।

प्रश्न 17. एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी वयस्कों की सभा क्या कहलाती है ?

ग्राम सभा।

प्रश्न 18. ग्राम सभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी है ?

18 वर्ष।

प्रश्न 19. ग्राम पंचायत के सदस्यों को क्या कहते हैं ?

ग्राम पंचायत के सदस्य को पंच कहते है।

प्रश्न 20. ग्राम पंचायत का गठन कितने वर्षों के बाद किया जाता है ?

पाँच वर्ष बाद।

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