NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 2 विविधता और भेदभाव (Diversity and Discrimination)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Social Science (Civics) |
Chapter | 2nd |
Chapter Name | विविधता और भेदभाव (Diversity and Discrimination) |
Category | Class 6th Social Science Civics |
Medium | Hindi |
Source | Last doubt |
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 2 विविधता और भेदभाव (Diversity and Discrimination) Notes in Hindi जिसमे हम विविधता एवं भेदभाव, आप क्या सीखेंगे, पूर्वाग्रह, धार्मिक भेदभाव, लैंगिक भेदभाव, भेदभाव के खिलाफ लड़ाई, डा. भीम राव अंबेडकर, असमानता एवं भेदभाव, लड़के और लड़की में भेदभाव, शहरी लोग, ग्रामीण लोग, रूढ़िबद्ध धारणा, भेदभाव के 3 प्रकार क्या हैं?, भेदभाव के दो प्रमुख कारण कौन से हैं?, विविधता भेदभाव को कैसे कम कर सकती है?, भेदभाव का मूल शब्द क्या है?, भेदभाव हमें कैसे प्रभावित करता है?, भेदभाव के परिणाम क्या हैं?, भारत में भेदभाव का समाधान क्या है?, लड़के और लड़कियों में भेदभाव क्यों किया जाता है?, भेदभाव क्यों नहीं करना चाहिए?, कलंक और भेदभाव के कारण क्या हैं?, भारत में विविधता के उदाहरण आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 2 विविधता और भेदभाव (Diversity and Discrimination)
Chapter – 2
विविधता और भेदभाव
Notes
लड़के और लड़की में भेदभाव – समाज में लड़के और लड़कियों में कई तरह से भेदभाव किया जाता है। हम सभी इस भेदभाव से परिचित हैं। एक लड़का या लड़की होने का अर्थ क्या होता है? आपमें से कई लोग कहेंगे, “हम लड़के या लड़की की तरह जन्म लेते हैं। यह तो ऐसे ही होता है। इसमें सोचने वाली क्या बात है?” आइए, देखें कि क्या सच्चाई यही है?
रूढ़िबद्ध धारणा बनाना – जब हम किसी व्यक्ति को एक खास छवि में बांध देते हैं या उसके बारे में पहले से कोई धारणा पाल लेते हैं तो इसे रूढ़िबद्ध धारणा कहते हैं। रूढ़िबद्ध धारणा के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।
आदर्श लड़की – ऐसा माना जाता है कि लड़कियों को धीमी आवाज में बात करनी चाहिए और सब की बात माननी चाहिए। लड़कियों को संगीत और चित्रकला में रुचि लेनी चाहिए। लड़कियाँ बात बात पर रो देती हैं। लड़कियों के लिए जरूरी है कि वे खाना बनाना, साफ सफाई करना और घर के काम काज करना सीखें।
आदर्श लड़का – लड़के नटखट और गुस्सैल होते हैं। लड़कों का मन खेलकूद और भागदौड़ में अधिक लगता है। लड़कों को रोना नहीं चाहिए क्योंकि रोना तो कमजोरी की निशानी है। हर लड़के को बड़े होकर पैसे कमाना होता है और परिवार पालना होता है।
लिंग पर आधारित रूढ़िबद्ध धारणाओं को अक्सर फिल्मों, विज्ञापनों और टेलिविजन धारावाहिकों में दिखाया जाता है।
डिटर्जेंट, वाशिंग मशीन, साबुन, आदि के लगभग सभी विज्ञापनों में मुख्य भूमिका में महिला को दिखाया जाता है।
मोटरसाइकिल के विज्ञापन में अक्सर किसी पुरुष को स्टंट करते हुए दिखाया जाता है।
लिंग पर आधारित रूढ़िवादी धारणाओं के साथ साथ हमें धर्म, जाति और मूल स्थान के आधार पर भी रूढ़िवादी धारणाएं देखने को मिलती हैं।
असमानता एवं भेदभाव – भेदभाव तब होता है जब लोग पूर्वाग्रहों या रूढ़िबद्ध धारणाओं के आधार पर व्यवहार करते हैं। अगर आप लोगों को नीचा दिखाने के लिए कुछ करते हैं, अगर आप उन्हें कुछ गतिविधियों में भाग लेने से रोकते हैं, किसी खास नौकरी को करने से रोकते हैं या किसी मोहल्ले में रहने नहीं देते, एक ही कुएँ या हैंडपंप से पानी नहीं लेने देते और दूसरों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कप या गिलास में चाय नहीं पीने देते तो इसका मतलब है कि आप उनके साथ भेदभाव कर रहे हैं।
समानता के लिए संघर्ष – ब्रिटिश शासन से आज़ादी पाने के लिए जो संघर्ष किया गया था उसमें समानता के व्यवहार के लिए किया गया संघर्ष भी शामिल था। दलितों, औरतों, जनजातीय लोगों और किसानों ने अपने जीवन में जिस गैर-बराबरी का अनुभव किया, उसके खिलाफ़ उन्होंने लड़ाई लड़ी।
भारत में विविधता – दुनिया में 8 मुख्य धर्म हैं और भारत में इन सभी धर्मों के अनुयायी रहते हैं। भारत में 1600 से अधिक भाषाएँ और उनसे भी अधिक बोलियाँ बोली जाती हैं। भारत में एक सौ से अधिक प्रकार के नृत्य हैं। भारत के विभिन्न भागों में भित्तिचित्र की विभिन्न शैलियाँ देखने को मिलती हैं।
पूर्वाग्रह – जब कोई किसी के बारे में पहले ही कोई नकारात्मक धारणा बना लेता है तो ऐसी सोच को पूर्वाग्रह कहते हैं। हम अक्सर अपने से भिन्न दिखने वाले लोगों के प्रति कोई न कोई पूर्वाग्रह पाल लेते हैं। यह भिन्नता कई तरह की हो सकती है; जैसे कि शक्ल सूरत, खान-पान, परिधान, बोलने का लहजा, आदि।
ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे अपने जैसे लोगों के बीच आत्मीयता पाते हैं। जब हमें कोई ऐसा समूह मिल जाता है जो हमारी तरह नहीं होता है तो हमें सुकून नहीं लगता।
भारत की विविधता के कारण यहाँ विभिन्न क्षेत्रों के लोग बिलकुल अलग-अलग दिखते हैं। वे न केवल शक्ल सूरत से अलग दिखते हैं बल्कि उनका खान-पान, बोली और परिधान भी अलग होते हैं। विविधता के कारण होने वाले पूर्वाग्रहों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।
जब पूर्वोत्तर राज्यों का कोई व्यक्ति दिल्ली में घूमता है तो स्थानीय लोग उसे अजीब नजर से देखते हैं। आपको अक्सर दिल्ली या बंगलोर में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को सताये जाने के समाचार सुनने को मिलते होंगे।
जब दक्षिण भारत का कोई भी आदमी उत्तरी भारत में जाता है तो लोग उसे मद्रासी कहकर बुलाते हैं। बिहार के लोगों को अक्सर मंदबुद्धि का समझा जाता है और महानगरों में उसका मखौल उड़ाया जाता है।
गांव से आये व्यक्ति को अक्सर अनपढ़, गंवार और गंदगी पसंद माना जाता है। शहरी आदमी को अक्सर लोभी और चालाक समझा जाता है। लोगों को लगता है कि शहरी आदमी के मन में रिश्तों नातों की कोई इज्जत नहीं होती है।
अधिकतर मामलों में पूर्वाग्रह से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन कई बार पूर्वाग्रह से ग्रसित बरताव से किसी को भारी नुकसान हो सकता है।
जब आप पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी के साथ बुरा बरताव करते हैं तो इससे उस व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है।
ग्रामीण लोग
• आधे से ज़्यादा भारतीय गाँवों में रहते हैं।
• गाँव के लोग आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते हैं।
• फसल की बुवाई और कटाई के समय परिवार के लोग खेतों में 12 से 14 घंटों तक काम करते हैं।
• ग्रामीण लोग काम की तलाश में शहरों की ओर स्थानान्तरण करने को बाध्य होते हैं।
शहरी लोग
• शहरी जीवन बड़ा आसान होता है। यहाँ के लोग बिगड़े हुए और आलसी होते हैं।
• शहरों में लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ बहुत कम समय बिताते हैं।
• शहरी लोग केवल पैसे की चिंता करते हैं, लोगों की नही
• शहरों में रहना बहुत महँगा पड़ता है। लोगों की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा किराए और आने-जाने में खर्च हो जाता है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर
डॉ. भीमराव अंबेडकर (1891-1956) को भारतीय संविधान के पिता एवं दलितों के सबसे बड़े नेता के रूप में जाना जाता है। डा. अंबेडकर ने दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी। उनका महार जाति में जन्म हुआ था जो अछूत मानी जाती थी। महार लोग गरीब होते थे, उनके पास ज़मीन नहीं थी और उनके बच्चों को वही काम करना पड़ता था जो वे खुद करते थे। उन्हें गाँव के बाहर रहना पड़ता था और गाँव के अंदर आने की इजाज़त नहीं थी।
अंबेडकर अपनी जाति के पहले व्यक्ति थे जिसने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और वकील बनने के लिए इंग्लैंड गए। उन्होंने दलितों को अपने बच्चों को स्कूल-कॉलेज भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। दलितों से अलग-अलग तरह की सरकारी नौकरी करने को कहा ताकि वे जाति व्यवस्था से बाहर निकल पाएँ।
दलितों के मंदिर में प्रवेश के लिए जो कई प्रयास किए जा रहे थे, उनका अंबेडकर ने नेतृत्व किया। उन्हें ऐसे धर्म की तलाश थी जो सबको समान निगाह से देखे। जीवन में आगे चल कर उन्होंने धर्म परिवर्तन करके बौद्ध धर्म को अपनाया। उनका मानना था कि दलितों को जाति प्रथा के खिलाफ अवश्य लड़ना चाहिए और ऐसा समाज बनाने की तरफ काम करना चाहिए जिसमें सबकी इज्जत हो, न कि कुछ ही लोगों की।
प्रश्न 1. संसार में मुख्य रूप से कितने धर्म पाए जाते हैं?
प्रश्न 2.भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती हैं?
प्रश्न 3. पूर्वाग्रह किसे कहते हैं?
प्रश्न 4. ग्रामीण लोगों के बारे में एक पूर्वाग्रह लिखो।
प्रश्न 5. शहरी लोगों के बारे में एक पूर्वाग्रह लिखो।
प्रश्न 6. लड़कों के बारे में एक पूर्वाग्रह लिखो।
प्रश्न 7. लड़कियों के बारे में एक पूर्वाग्रह लिखो।
प्रश्न 8. रूढिबद्ध धारणा किसे कहते हैं?
प्रश्न 9. मुसलमानों के बारे में आम रूढिबद्ध धारणा क्या है ?
प्रश्न 11. केरल के स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या कितने प्रतिशत है ?
प्रश्न 12. दलित शब्द का क्या अर्थ है?
प्रश्न 13. भेदभाव से क्या मतलब है?
प्रश्न 14. क्या विविधता भेदभाव का कारण बन सकती है?
प्रश्न 15. भेदभाव कितने प्रकार के होते हैं?
1. जातिवाद
2. धर्मवाद
3. लिंगभेद
4. जातीय और नकदीवादी भेदभाव
5.आदिवासीवाद
प्रश्न 16. भेदभाव के प्रमुख दो कारक कौन से हैं?
1. संस्कृतिक कारक
2. आर्थिक कारक
प्रश्न 17. भेदभाव को कैसे रोक सकते हैं?
1. संस्कृतिक जागरूकता
2. शिक्षा
3. संवैधानिक उपचार
4. समानता के संदर्भ में कदम उठाना
प्रश्न 18. भेदभाव के परिणाम क्या हैं?
प्रश्न 19. सामाजिक भेदभाव से क्या होता है?
प्रश्न 20. समाज में विविधता के कितने रूप हैं?
1. भौगोलिक विविधता
2. सांस्कृतिक विविधता
3. जाति विविधता
प्रश्न 22. लड़के और लड़कियों में भेदभाव क्यों किया जाता है?
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