NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 5 शरीर में गति (Body Movements)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 5th |
Chapter Name | शरीर में गति (Body Movements) |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 5 शरीर में गति (Body Movements) Notes in Hindi जिसमे हम, गति, गमन, जोड़ (संधि), अचल जोड़, गतिशील जोड़, कंदुक खल्लिका संधि (बॉल एंड सॉकेट ज्वाइंट), धुराग्र संधि (पिवट ज्वाइंट), हिंज संधि, ग्लाइडिंग संधि, कंकाल तंत्र कंकाल तंत्र के विभिन्न अंग, पसली पिंजर (रिब केज), मेरुदंड, कंधे की अस्थियाँ, श्रोणि की अस्थियाँ, कपाल, जंतुओं में गमन, केंचुआ, घोंघा, कॉक्रोच, पक्षी, सांप, मछली शरीर में गति, कपाल, हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की गतियां, हमारे शरीर की गति के लिए क्या सहायक, शरीर का कौन सा अंग कपाल में सुरक्षित रहता है?, कपाल में कौन सी हड्डियां मुखरित होती हैं?, गति कितने प्रकार की होती है?, गतियों के 4 वर्गीकरण क्या हैं?, गति क्या है और गति के प्रकार आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 5 शरीर में गति (Body Movements)
Chapter – 5
शरीर में गति
Notes
गति (Motion) – गति एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानव का शरीर या कोई वस्तु का एक स्थान से दूसरे स्थान में गमन या फिर आप यह कह सकते हैं की वह एक जगह से दूसरी जगह जाता है उसे गति कहते हैं।
गमन – किसी भी वस्तु का गति करना या एक जगह से दूसरी जगह तक भ्रमण करना गमन कहलाता है।
पेशी (Muscle) – पेशी यह एक प्रकार का ऊतक होता है जो शरीर के अंगों को गति करने में सहायता करता है। जैसे की ह्रदय पेशी आदि।
संधि (जोड़) – जहाँ पर दो या अधिक अस्थियों (हड्डियों) का मिलन होता है उस स्थान को संधि या जोड़ कहते हैं।
उपास्थि (Cartilage) – कंकाल के कुछ अतिरिक्त अंग भी हैं जो हड्डियों जितने कठोर नहीं होते हैं जिन्हें मोड़ा जा सकता है या शरीर में जहां लचीली और नरम हड्डियाँ होती है उन्हें हड्डियों का उपास्थि कहते है। जैसे की कान के ऊपरी भाग में उपस्तिथ होती है।
जोड़ दो प्रकार के होते हैं।
1. गतिशील जोड़
2. अचल जोड़
गुहिका – गुहिका शरीर में पाए जाने वाली एक ऐसा प्राकृतिक अंग है जिसके माध्यम से शरीर के अंगों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद प्राप्त होती है गुहिका का मुख्य काम हमारे शरीर के अंदर संतुलन बनाए रखना होता है।
अचल जोड़ – हमारे सिर की अस्थियों के बीच की कुछ संधियाँ उन संधियों से भिन्न है जिनकी चर्चा हमने अब तक की है। ये अस्थियाँ इन संधियों पर हिल नहीं सकतीं। ऐसी संधियों को अचल संधि कहते हैं। उदहारण के लिए – ऊपरी जबड़ा, कपाल आदि।
गतिशील जोड़ के प्रकार
1. कंदुक खल्लिका संधि (Ball and socket joints)
2. धुराग्र संधि (Pivotal joint)
3. हिंज संधि (Hinge joint)
4. ग्लाइडिंग संधि (Gliding joint)
1. कंदुक-खल्लिका संधि – कंदुक-खल्लिका जोड़ में एक हड्डी का गोल सिरा दूसरी हड्डी के कटोरे जैसे सिरे में लगा रहता है। कंधे और बाँह के बीच इस तरह की संधि (जोड़) होती है। जांघ और कमर के बीच भी इसी तरह के संधि होती है। इस प्रकार के जोड़ में लगभग हर सतह में गति संभव होती है। जैसे की आप अपनी बाँह को लगभग हर संभव दिशा में मोड़ सकते हैं।
2. धुराग्र संधि – गर्दन तथा सिर को जोड़ने वाली संधि, धुराग्र संधि कहलाती है। इसके द्वारा सिर को आगे-पीछे या दाएँ एवं बाएँ घुमा सकते हैं। यह गति हमारे हाथ की उस गति से किस प्रकार भिन्न है, जिसमें कंदुक – खल्लिका संधि द्वारा हाथ को पूर्णतः वृत्ताकार रूप में घुमा सकते हैं। धुराग्र संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है। जैसे कि ऊपर-नीचे और दायें-बायें तथा खोपड़ी और मेरुदंड के बीच धुराग्र संधि होती है।
3. हिन्ज संधि – जिस प्रकार दरवाजे में लगे कब्जे आगे और पीछे एक ही दिशा में गति करती है। इस तरह के जोड़ में एक ही सतह में गति कर सकती है और वह भी 180° के कोण तक घुटने में और कोहनी में हिन्ज संधि होती है।
4. ग्लाइडिंग संधि – ग्लाइडिंग जोड़ में एक हड्डी के दूसरी हड्डी के ऊपर सरकने के कारण गति होती है। मेरुदंड की छल्ले जैसी हड्डियों के बीच ऐसा ही जोड़ होता है। हमारी कलाई में भी ग्लाइडिंग ज्वाइंट रहता है।
कंकाल तंत्र (Skeletal system) – किसी भी जंतु में अस्थियों और उपास्थियों से बना ढाँचा कंकाल कहलाता है। मानव कंकाल में 206 हड्डियों से मिलकर बनी होती है। अस्थि कठोर होती है, जबकि उपास्थि मुलायम होती है। जोड़ों के बीच और कुछ मुलायम अंगों में उपास्थि रहती है। जैसे कर्ण-पटल और नाक में उपास्थि के कारण जोड़ों के बीच घर्षण कम होता है।
कंकाल तंत्र के विभिन्न अंग
1. पसली पिंजर (Rib cage)
2. मेरुदंड (Backbone)
3. कंधे की अस्थियाँ (Shoulder bones)
4. श्रोणि की अस्थियाँ (Pelvic bones)
5. कपाल (Bonehead)
1. पसली पिंजर – यह एक शंकु के आकार के पिंजरे की तरह दिखाई देता है। इस पिंजर की हड्डियों को पसली कहते हैं। इसमें 12 जोड़ी पसलियाँ होती हैं। ये हड्डियाँ मेरुदंड से जुड़ी रहती हैं। पसली पिंजर का काम है दिल और फेफड़े की सुरक्षा करना।
2. मेरुदंड – यह कपाल के नीचे से शुरु होता है और कमर के नीचे तक जाता है। मेरुदंड छल्ले जैसी 33 हड्डियों से बना होता है जिन्हें कशेरुक (रीढ़ की हड्डी) कहते हैं। ये कशेरुकाएँ एक दूसरे से जुड़ी होती हैं।
3. कंधे की अस्थियाँ – कंधे की अस्थि कई अस्थियों के मिलने से बनी होती है। यह एक त्रिकोण की तरह होती है जिससे एक कॉलर बोन जुड़ी होती है। त्रिकोणाकार हड्डी में एक कटोरी जैसी रचना (ग्लेनॉइड कैविटी) होती है जिसमें बाँह की हड्डी लगी रहती है।
4. श्रोणि की अस्थियाँ – श्रोणि का निर्माण तीन हड्डियों के मिलकर बना होता है। श्रोणि एक बक्से जैसी संरचना होती है जो आंतों और अन्य अंदरूनी अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है। श्रोणि में एक कटोरी जैसी रचना (Estazolam) होती है जिससे जांघ की हड्डी लगी रहती है।
5. कपाल – खोपड़ी का तात्पर्य उन अस्थियों से है, जो सिर तथा चहरे को आकृति प्रदान करती हैं। यह पेशी और कोमल संलग्नक प्रदान करके चेहरे और खोपड़ी की मांसपेशियों का समर्थन करता है
जंतुओं की चाल – जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अलग-अलग जीव अलग-अलग तरह के चाल कों अपनाते हैं जैसे कि उदाहरण के लिए केंचुआ बहुत ही धीमी गति से सड़कों पर या किसी अन्य स्थान पर चलते हैं। वहीं पर हम खरगोश की अगर बात कर ले तो वो बहुत तेज गति से दौड़ता है। वातावरण में पाए जाने वाले जीव जंतुओं की चाल को अलग-अलग तरह से देखा जा सकता है।
शूक – यह एक प्रकार का कीट होता है शूक अपने शरीर को मिट्टी के ऊपर बार बार दोहराते हुए आगे की ओर बढ़ता है इसके शरीर में चिकने पदार्थ होते हैं जो इसे चलने में सहायता प्रदान करते हैं ये शूक पेशियों से जुड़े होते हैं जो मिट्टी में उसकी पकड़ को बहुत ज़्यादा मज़बूत बनाता है।
कपाल के दो मुख्य भाग होते हैं
1. क्रेनियम
2. फेशियल बोन
1. क्रेनियम – क्रेनियम का काम है मस्तिष्क को सुरक्षा देना। क्रेनियम की हड्डियाँ चपटी होती हैं और आपस में टांके जैसी संरचनाओं से जुड़ी होती हैं। क्रेनियम की हड्डियों में अचल संधि होती है।
2. फेशियल बोन – फेशियल बोन से कपाल का सामने वाला भाग बनता है। इसमें निचले जबड़े की हड्डी (Mandible) एकमात्र गतिशील हड्डी है। मैंडिबल की गति के कारण हम बोल और चबा सकते हैं।
जंतुओं की चाल
1. केंचुआ (Earthworm)
2. घोंघा (Snail)
3. तिलचट्टा (Cockroach)
4. पक्षी (Bird)
5. सांप (Snake)
6. मछली (Fish)
1. केंचुआ (Earthworm) – केंचुए का शरीर छल्ले जैसे कई खंडों का बना होता है। इसके शरीर के अधर सतह (आधार के निकट) असंख्य छोटे-छोटे शूक (बाल जैसी आकृति) होते हैं। ये शूक पेशियों से जुड़े होते हैं। केंचुआ अपने शरीर को लंबाई में सिकोड़कर और फैलाकर गमन करता है। केंचुआ अपने शरीर के अगले भाग को सिकोड़ता है तो इस भाग के शूक आधार को पकड़ कर रखते हैं। इसके कारण शरीर का पिछला भाग आगे की ओर खिंच जाता है। उसके बाद केंचुआ अपने शरीर के पिछले भाग को सिकोड़ता है और शूकों से जमीन को पकड़ता है। ऐसे में शरीर का अगला भाग फैलकर आगे बढ़ जाता है।
2. घोंघा (Snail) – घोंघे के शरीर में एक छोटा पेशीय पाद (पैर) होता है जिससे यह गमन करता है। घोंघे के पैर की पेशीयाँ बहुत मजबूत होती हैं।
3. तिलचट्टा (Cockroach) – तिलचट्टे के शरीर में तीन जोड़ी पैर होते हैं, जिनकी मदद से यह चलता और दौड़ता है। इसके शरीर में दो जोड़ी पंख होते हैं, जिनकी मदद से यह उड़ सकता है। पैरों की गति के लिए बड़ी और शक्तिशाली पेशियाँ होती हैं।
4. पक्षी (Bird) – जिस जीव या जंतु के पास दो पंख होते है और वो उर सकते उसे पक्षी कहते है।
5. सांप (Snake) – सांप जल और थल दोनों जगह पर रह सकते है। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। इसके सर (कपाल) में विष होता है। यह अपने विष के मदद से ही यह सुरक्षित रह पाते है।
6. मछली (Fish) – यह आम तौर पर तालाब और समुद्र में पाई जाती है मछलियों में तैरने के लिए खास रूप से पंख और पूँछ होती है। यह पानी में अपने शरीर को दूसरी ओर मोड़ती है और पूँछ को इसके विपरीत दिशा में मोड़ती है। ऐसा करने से मछली को आगे की ओर बढ़ने में मदद मिलता है। जिसकी वजह से मछलियां तैर पाती है। और यह अंडे देती है और इन अंडे से बच्चे निकलते है।
धारा रेखीय (Streamlined) – मछली का सिर एवं पूछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतला एवं नुकीला होता है शरीर की ऐसी आकृति धारा रेखीय कहलाती है।
FAQ
प्रश्न 1. गति क्या है?
प्रश्न 2. कपाल की कौन सी अस्थि गति करती है?
प्रश्न 3. कौन सा अंग हमारे शरीर की गति में मदद करता है?
प्रश्न 4. पित्त किस रंग का होता है?
प्रश्न 5. गति कितने प्रकार के होते हैं?
1. सरल रेखीय गति
2. वृत्तियाँ गति
3. घुर्णन गति
4. दोलन गति
5. आवर्ती गति
6. प्रक्षेप्य गति
प्रश्न 6. हमारे शरीर की गति के लिए क्या सहायक है?
प्रश्न 7. शरीर का सबसे बड़ा भाग कौन सा है?
प्रश्न 8. शरीर में कितने जोड़ होते हैं?
प्रश्न 9. कौन सा अंग रक्त बनाता है?
प्रश्न 10. फीमर हड्डी का दूसरा नाम क्या है?
प्रश्न 11. शरीर का कौन सा अंग कपाल में सुरक्षित रहता है?
प्रश्न 12. सबसे अच्छा ब्लड ग्रुप कौन सा है?
प्रश्न 13. शिशु के शरीर में कितनी हड्डी होती है?
प्रश्न 14. स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कितने दांत होते है?
प्रश्न 15. शरीर का सबसे मजबूत अंग कौन सा है?
प्रश्न 16. शरीर का कौन सा अंग नहीं बढ़ता?
प्रश्न 17. कौन सा अंग 24 घंटे लगातार काम करता है?
प्रश्न 18. मनुष्य के शरीर में कितने नस होती है?
प्रश्न 19. मानव शरीर की सबसे छोटी इकाई क्या है?
प्रश्न 20. सबसे हल्की हड्डी कौन सी है?
प्रश्न 21. पसलियां किसे कहते हैं?
प्रश्न 22. पसली पिंजर किसे कहते हैं?
प्रश्न 23. पसली पिंजर को क्या कार्य है?
प्रश्न 24. हमारे पसली पिंजर में कौन-से अंग सुरक्षित होते हैं?
प्रश्न 25. बल का मात्रक क्या है?
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