NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 1 भोजन के घटक (Components of Food)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 1st |
Chapter Name | भोजन के घटक (Components of Food) |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th विज्ञान (Science) Chapter – 1 भोजन के घटक (Components of Food) Question Answer in Hindi – जिसमे हम हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्वों के नाम लिखिए, दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम जिनमें निम्न पोषक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, हमारे शरीर को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता क्यों है, रक्षात्मक भोजन क्या होते हैं, किसी खाद्य पदार्थ में प्रोटीन का परीक्षण कैसे किया जाता है, विटामिन A, C और D का कार्य लिखिए, खनिज लवणों का क्या महत्त्व आदी के Chapter 1 Question Answer करेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 1 भोजन के घटक (Components of Food)
Chapter – 1
भोजन के घटक
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर – हमारे भोजन के मुख्य पोषक तत्त्व के नाम हैं-
1. कार्बोहाइड्रेट – यह शरीर मे शक्ति उत्पन्न करने का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
2. वसा – वसा अर्थात चिकनाई शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में सहयोग करती है।
3. प्रोटीन – प्रोटीन मानव शरीर के ऊतकों के निर्माण में उपयोगी होता है।
4. खनिज लवण – खनिज लवण शरीर की जैविक क्रियाओं को चलाने के लिए आवश्यक होते हैं।
5. विटामिन – शरीर में विटामिन हड्डियों को मजबूत बनाने, मांसपेशियों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपर्ण होता है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित के नाम लिखिए-
(क) पोषक जो मुख्य रूप से हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं।
उत्तर – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन तथा खनिज – लवण
(ख) पोषक जो हमारे शरीर की वृद्धि और अनुरक्षण के लिए आवश्यक हैं।
उत्तर – प्रोटीन और विटामिन, खनिज – लवण।
(ग) वह विटामिन जो हमारी अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है।
उत्तर – विटामिन A
(घ) वह खनिज जो अस्थियों के लिए आवश्यक है।
उत्तर – कैल्शियम
प्रश्न 3. दो ऐसे खाद्य पदार्थों के नाम लिखिए जिनमें निम्न पोषक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं-
(क) वसा
(ख) मंड
(ग) आहारी रेशे
(घ) प्रोटीन
उत्तर –
(क) वसा – मक्खन और घी
(ख) मंड – आलू और आटा।
(ग) आहारी रेशे – मूली, गाजर, पत्ता गोभी का सलाद तथा हरी पत्तेदार सब्जियां।
(घ) प्रोटीन – दालें, मांस, मछली, अंडा आदि।
प्रश्न 4. इनमें सही कथन को (√) अंकित कीजिए –
(क) केवल चावल खाने से हम अपने शरीर की पोषण आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
(ख) संतुलित आहार खाकर अभावजन्य रोगों की रोकथाम की जा सकती है।
(ग) शरीर के लिए संतुलित आहार में नाना प्रकार के खाद्य पदार्थ होने चाहिए।
(घ) शरीर को सभी पोषक तत्त्व उपलब्ध कराने के लिए केवल मांस पर्याप्त है।
उत्तर – (क) – (×), (ख) – (√), (ग) – (√), (घ) – (×)।
प्रश्न 5. रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –
(क) …………… विटामिन D के अभाव से होता है।
उत्तर – रिकेट्स रोग
(ख) …………… की कमी से बेरी-बेरी नामक रोग होता है।
उत्तर – विटामिन B
(ग) विटामिन C के अभाव से …………… नामक रोग होता है।
उत्तर – स्कर्वी
(घ) हमारे भोजन में …………… के अभाव से रतौंधी होती है।
उत्तर – विटामिन A
लघु प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. हमारे शरीर को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर – हमारे शरीर को पौष्टिक भोजन की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण है–
(i) ऊर्जा प्राप्त करने के लिए।
(ii) वृद्धि के लिए।
(ii) स्वस्थ रहने के लिए।
(iv) बीमारियों से बचने के लिए।
प्रश्न 2. भोजन के विभिन्न समूहों के नाम बताओ।
उत्तर – भोजन के विभिन्न समूह हैं-
(i) ऊर्जा प्रदान करने वाले भोजन – कार्बोहाइड्रेट तथा वसा।
(ii) शरीर बनाने वाले भोजन-प्रोटीन।
(iii) रक्षात्मक भोजन-विटामिन और खनिज।
प्रश्न 3. रक्षात्मक भोजन क्या होते हैं?
उत्तर – रक्षात्मक भोजन – वे भोजन जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं, रक्षात्मक भोजन कहलाते हैं क्योंकि ये हमारे शरीर की साधारण वृधि तथा उचित कार्य के लिए आवश्यक होते हैं। विटामिन तथा खनिज रक्षात्मक भोजन हैं।
प्रश्न 4. संतुलित आहार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – संतुलित आहार – वह आहार जिसमें भोजन के सभी आवश्यक अवयव उचित मात्रा में उपस्थित हों, संतुलित आहार कहलाता है। यह आवश्यक अवयव हैंकार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज तथा पानी।
उत्तर – फलों और सब्जियों के छिलकों में एक विशेष प्रकार का कार्बोहायड्रेट पाया जाता है जिसे रुक्षांश कहते है। रूक्षांश वनस्पति पदार्थ है जिसकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज़ से बनी होती है। हमारे शरीर में इसे पचाने वाले एंजाइम नहीं होते फिर भी यह हमारे भोजन का एक आवश्यक अंग है। यद्यपि यह हमारे शरीर में पच नहीं पाता, किंतु यह अन्य पदार्थों को पचाने में सहायता करता है।रूक्षांश के निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य ये हैं।
(i) यह आहार नली में भोजन के गतिक्रम को बनाए रखने में मदद करता है।
(ii) यह आहार नली को स्वच्छ रखता है तथा कब्ज़ को रोकता है।
(iii) यह मल-गति क्रम को सुचारु रूप से बनाए रखने में सहायता करता है।
उत्तर – हमारे आहार में हरी सब्ज़ियां निम्नलिखित कारणों से आवश्यक हैं-
(i) हरी सब्जियों से हमें कई प्रकार के खनिज लवण जैसे कि लोहा, कैल्सियम तथा फॉस्फोरस के लवण प्राप्त होते हैं।
(ii) हरी सब्ज़ियों से कई प्रकार के विटामिन प्राप्त होते हैं।
(iii) हरी सब्ज़ियां रूक्षांश के रूप में कार्य करती हैं तथा हमारे उत्सर्जन तंत्र के कार्य को ठीक करती हैं।
(iv)हरी सब्जियां खाने से मसूड़ों की कसरत होती है।
(V) हरी सब्जियां खाने से मसूड़े मज़बूत रहते हैं तथा दांत भी सुरक्षित रहते हैं।
उत्तर – कार्बोहाइड्रेट – ये कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के यौगिक हैं। कार्बोहाइड्रेट से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। कार्बोहाइड्रेट मुख्य रूप से मंड और शर्करा के रूप में होते हैं।कार्बोहाइड्रेट के प्रकार: कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
(A) मोनोसैकेराइडस (Monosaccharides)
(B) डाइसैकेराइड (Disaccharides)
(C) पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides)
प्रश्न 9. किसी खाद्य पदार्थ में प्रोटीन का परीक्षण कैसे किया जाता है?
उत्तर – खाद्य पदार्थ में प्रोटीन का परीक्षण – एक परखनली लीजिए और इसमें थोड़ा-सा उबला हुआ अंडा डालिए। फिर इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर अच्छी तरह हिलाएं। अब ड्रॉपर की सहायता से परखनली में दो बूंदें कापर सल्फेट के विलयन और दस बूंदें कास्टिक सोडे के विलयन की डालिए। परखनली को अच्छी तरह हिलाकर परखनली को कुछ समय के लिए रख दीजिए। परखनली में बैंगनी रंग हो जाएगा। बैंगनी रंग खाद्य पदार्थ में प्रोटीन की उपस्थिति दर्शाता है।
उत्तर – खाद्य पदार्थ में वसा का परीक्षण – मूंगफली के कुछ दानों को एक सफ़ेद कागज़ में लीजिए। अब इसको थोड़ा-सा दबाएं। आपको कागज़ पर तेल के धब्बे दिखाई देंगे। कागज़ को प्रकाश में ध्यान से देखिए। आपको तेल के धब्बे स्पष्ट दिखाई देंगे। इससे सिद्ध होता है कि कागज़ पर तेल का धब्बा खाद्य पदार्थ में वसा की उपस्थिति को दर्शाता है।
उत्तर – कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना है।कार्बोहाइड्रेट के स्रोत-आलू, गन्ना, पपीता, गेहूं, तरबूज, शकरकंद, चावल, आम, मक्का, बाजरा आदि हैं।
उत्तर – वसा के स्रोत – मूंगफली, नारियल, तिल, घी, मक्खन, मांस, दूध, मछली, क्रीम और अंडे आदि वसा का मुख्य कार्य ऊर्जा प्रदान करना है। यह कार्बोहाइड्रेट से लगभग दुगुनी ऊर्जा प्रदान करती है।
उत्तर – (i) वसा और कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा देने वाला भोजन कहते हैं।
(ii) प्रोटीन को शरीर वर्धक भोजन कहते हैं।
उत्तर – प्रोटीन का कार्य – प्रोटीन शरीर की वृद्धि और मरम्मत के लिए जरूरी है।प्रोटीन हमारे शरीर में नये कोशिका को बनाने तथा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता है। प्रोटीन हमारे शरीर को उचित विकास तथा सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है। प्रोटीन के स्रोत-
पादप स्रोत – चना, मूंग, दाल, राजमाँ, सोयाबीन, मटर आदि।
जंतु स्रोत – मांस, मछली, दूध, पनीर और अंडे।
उत्तर – विटामिन हमारे शरीर की बीमारियों से रक्षा करता है। साथ ही विटामिन हामारी आँखों, हड्डियों, दाँतों, मसूढ़ों आदि को मजबूत बनाता है। अत: विटामिन हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है। विटामिन कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इनमें से कुछ को विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E तथा विटामिन K के नाम से जाना जाता है। विटामिनों के एक समूह को विटामिन B-कांप्लैक्स कहते हैं। हमारे शरीर को सभी प्रकार के विटामिनों की अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है।
उत्तर –
विटामिन A – हमारी त्वचा तथा आँखों को स्वस्थ रखता है।
विटामिन C – बहुत से रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है।
विटामिन D – हमारी अस्थियों और दांतों के लिए कैल्सियम का उपयोग करने में हमारे शरीर की सहायता करता है।
उत्तर – विटामिन A के स्रोत – दूध, मछली का तेल, गाजर, पपीता और आम।
विटामिन B के स्रोत – यकृत, अंकुरित मूंग।
उत्तर – विटामिन C के स्रोत – संतरा, टमाटर, आंवला, नींबू, अमरूद, मिर्च आदि।
विटामिन D के स्रोत – दूध, मक्खन, मछली, अंडा यकृत।
उत्तर – हमारे शरीर को खनिज लवणों की आवश्यकता अल्प मात्रा में होती है। शरीर के उचित विकास तथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक खनिज लवण आवश्यक हैं। लोहा, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयोडीन जैसे खनिज लवण हमारे शरीर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।
उत्तर – आयोडीन के मुख्य स्रोत – मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और समुद्री नमक आदि आयोडीन के मुख्य स्रोत हैं, आयोडीन की कमी से घेघा (Goitre) रोग हो जाता है।
उत्तर – फॉस्फोरस के मुख्य स्रोत – दूध, केला, मटर, मुंगी और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां।
उत्तर – लोहे के स्रोत – मांस, मछली, सेब, आम, पपीता, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां आदि लोहे के मुख्य स्रोत हैं। शरीर में लोहे की कमी से अरक्तता का रोग हो जाता है।
उत्तर – कैल्सियम के मुख्य स्रोत – कैल्सियम हमें मुख्य रूप से दूध, अंडों, हरी पत्तेदार सब्जियों से प्राप्त होता है। इसकी कमी से अस्थियां और दंत क्षय रोग हो जाता है।
उत्तर – अल्प (कम) व्यय में भी हम अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल करके सभी पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। दालें, मूंगफली, सोयाबीन, अंकुरित बीज (मूंग व चना), किण्वित भोजन (दक्षिण भारतीय भोजन जैसे, इडली), आटे का मिश्रण (मिस्सी रोटी, थेपला-अनाज व दालों से बना) केला, पालक, सत्तू, गुड़, मौसमी सब्ज़ियां तथा इसी प्रकार के अन्य भोजन, कई पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं। इसलिए कोई व्यक्ति अल्प व्यय में भी संतुलित आहार खा सकता है।
उत्तर – छिलका उतार कर यदि सब्जियों और फलों को धोया जाता है तो यह संभव है कि उनके कुछ विटामिन जल में घुलकर नष्ट हो जाते है। सब्जियों और फलों की त्वचा में कई महत्त्वपूर्ण विटामिन तथा खनिज-लवण होते हैं। फलों और सब्जियों को बार-बार धोने से उनमें उपस्थित विटामिन और कुछ खनिज-लवण अलग हो सकते हैं।
उत्तर – भोजन को पकाने से भोजन चाहे स्वादिष्ट हो जाता है और आसानी से पच जाता है, परंतु भोजन पकाने से कुछ पोषकों की हानि भी हो सकती है। यदि भोजन पकाने में अत्यधिक जल का उपयोग किया जाता है और बाद में उसे फेंक दिया जाता है तो कई लाभदायक प्रोटीन तथा पर्याप्त मात्रा में खनिज-लवणों की हानि हो जाती है। पकाने में विटामिन “C” आसानी से गर्मी से नष्ट हो जाता है। हमें अपने आहार में फल और कच्ची सब्ज़ियों को शामिल करना चाहिए।
उत्तर – अधिक वसायुक्त भोजन खाने से मोटापा होता है। जरूरत से अधिक भोजन खाने से भी मोटापा होता है। तली हुई चीजें, समोसा, पूरी, मलाई, रबड़ी, पेड़ा आदि वसायुक्त भोजन खाने से भी मोटापा होता है।
उत्तर – वे रोग जो लम्बे समय से पोषक तत्वों की कमी के कारण होते है उन्हें अभावजन्य रोग कहते हैं। जैसे – स्कार्वी, बेरीबेरी, मैरास्मस और रतौंधी आदि।एक व्यक्ति खाने के लिए पर्याप्त भोजन पा रहा है, लेकिन कभी-कभी उसके भोजन में किसी विशेष पोषक-तत्त्व की कमी हो जाती है। यदि यह कमी लंबी अवधि तक रहती है तो वह व्यक्ति उसके अभाव से ग्रसित हो सकता है। एक या अधिक पोषकों का अभाव हमारे शरीर में रोग अथवा विकृतियां उत्पन्न कर सकता है। वे रोग जो लंबी अवधि से पोषक-पदार्थ के अभाव के कारण होते हैं, उन्हें अभावजन्य रोग (Deficiency Diseases) कहते हैं।
उत्तर – यदि कोई व्यक्ति अपने भोजन में पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले रहा है तो उसे कुछ रोग हो सकते हैं जिसमें वृधि का अवरुद्ध होना, चेहरे पर सूजन, बालों के रंग का उड़ना, त्वचा की बीमारियां और पेचिश जैसे रोग प्रोटीन की कमी से हो सकते हैं।
उत्तर – यदि प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट दोनों ही किसी व्यक्ति के आहार में एक लंबे समय तक अनुपस्थित रहें तो उसकी वृधि पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाएगी। ऐसा व्यक्ति बहुत दुबला-पतला हो जाएगा। वह इतना दुर्बल हो जाएगा कि चलने में भी असमर्थ होगा।
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