NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) वाक्य – विचार
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | हिन्दी व्याकरण (Grammar) |
Grammar Name | वाक्य-विचार |
Category | Class 6th Hindi हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) वाक्य – विचार जिसमें हम वाक्य, वाक्य के अंग, उद्देश्य का विस्तार, विधेय का विस्तार, वाक्य के भेद, रचना के आधार पर वाक्य के भेद, सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य, मिश्र वाक्य, अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद, विधानवाचक, ‘निषेधवाचक वाक्य, प्रश्नवाचक वाक्य, आज्ञावाचक वाक्य, विस्मयादिवाचक वाक्य, संदेहवाचक वाक्य, इच्छावाचक वाक्य, संकेतवाचक वाक्य, वाक्य विचार के कितने भेद होते है?, वाक्य उदाहरणों के बारे में क्या?, वाक्य उदाहरण कैसे लिखते हैं?, एक वाक्य में कितने विचार होने चाहिए?, 4 मुख्य प्रकार के वाक्य कौन से हैं?, वाक्यों के 10 उदाहरण?, वाक्य विचार PDF, वाक्य विचार के प्रकार, वाक्य विचार Class 9, वाक्य विचार Class 8, वाक्य विचार in English, वाक्य विचार Class 7, वाक्य विचार Class 6, वाक्य विचार MCQ, मुश्किल का वाक्य क्या है?, आदि इसके बारे में हम बिस्तार से पढ़ेगे। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) वाक्य – विचार
हिन्दी व्याकरण
वाक्य – विचार
वाक्य – वाक्य मनुष्य अपने भावों या विचारों को वाक्य में ही प्रकट करता है। वाक्य सार्थक शब्दों के व्यवस्थित और क्रमबद्ध समूह से बनते हैं, जो किसी विचार को पूर्ण रूप से प्रकट करते हैं।
• अर्थ प्रकट करने वाले सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे-ओजस्व कमरे में टी.वी. देख रहा है। रजतअमन, तुम कहाँ जा रहे हो?
• एक वाक्य में साधारण रूप में कर्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।
वाक्य के अंग – वाक्य के दो अंग होते हैं।
1. उद्देश्य
2. विधेय
उद्देश्य – उद्देश्य जो वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे
• राजा खाता है।
• पक्षी डाल पर बैठा है।
इन वाक्यों में राजा और पक्षी उद्देश्य हैं।
विधेय – विधेय उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं; जैसे
• राजा खाता है।
• पक्षी डाल पर बैठा है।
इन वाक्यों में खाता है, और डाल पर बैठा है, विधेय है।
उद्देश्य का विस्तार – उद्देश्य का विस्तार जब उद्देश्य के साथ उसकी विशेषता बताने वाले शब्द जुड़ जाते हैं, तब वे शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं; जैसे
• लड़की (उद्देश्य) नाच रही है।
• एक सुंदर (उद्देश्य का विस्तार) लड़की हँस रही है।
विधेय का विस्तार – कभी विधेय अकेला आता है, तो कभी क्रियाविशेषण, कर्म आदि के साथ। इस प्रकार जो शब्द क्रिया के कर्म या विशेषण होते हैं, वे विधेय का विस्तार कहलाते हैं; जैसे
• मोर नाच रहा है (विधेय)।
• मोर पंख फैलाकर (विधेय का विस्तार) नाच रहा है।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश विधेय है। दूसरे वाक्यों में विधेय का विस्तार किया गया है।
वाक्य के भेद – वाक्य के निम्नलिखित दो भेद होते हैं।
1. रचना के आधार पर
2. अर्थ के आधार पर
रचना के आधार पर वाक्य के भेद – रचना के अनुसार वाक्य के तीन प्रकार होते हैं
• सरल वाक्य
• संयुक्त वाक्य
• मिश्रित वाक्य
(i) सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उसे सरल वाक्य कहते हैं; जैसे
• अंशु पढ़ रही है।
• पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं।
(ii) संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य समुच्चयबोधक शब्द से जुड़े रहते हैं, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है; जैसे
• नेहा गा रही है और अंशु नाच रही है।
उपर्युक्त वाक्य में दो सरल वाक्य और से जुड़े हुए हैं और समुच्चयबोधक हटाने पर ये स्वतंत्र वाक्य बन जाते हैं।
(iii) मिश्र वाक्य – जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य होता है और अन्य वाक्य उस पर आश्रित या गौण होते हैं, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं; जैसे
• जो कल घर आया था, वह बाहर खड़ा है।
• कोमल विद्यालय नहीं जा सकी, क्योंकि वह बीमार है।
उपर्युक्त पहले और दूसरे वाक्य में जो कल घर आया था तथा कोमल विद्यालये नहीं जा सकी प्रधान उपवाक्य हैं, जो क्रमशः वह बाहर खड़ा है तथा क्योंकि वह बीमार है, आश्रित उपवाक्यों से जुड़े हैं। अतः ये मिश्र वाक्य हैं।
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद – अर्थ के अनुसार वाक्य आठ प्रकार के होते हैं
1. विधानवाचक
2. निषेधवाचक
3. इच्छावाचक
4. प्रश्नवाचक
5. आज्ञावाचक
6. संकेतवाचक
7. विस्मयसूचक
8. संदेहवाचक
1. विधानवाचक – जिस वाक्य में किसी बात का होना या करना पाया जाए, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है; जैसे
• वह मेरा मित्र है।
• अंशु अपना कार्य करती है।
2. ‘निषेधवाचक वाक्य – जिस वाक्य में किसी बात या काम के न होने का बोध हो , वह निषेधात्मक वाक्य कहलाता है; जैसे-
• उसने खाना नहीं खाया।
3. प्रश्नवाचक वाक्य – जिस वाक्य का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाए, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे
• आप कहाँ रहते हैं ?
• तुम क्या पढ़ रहे हो ?
4. आज्ञावाचक वाक्य – जिस वाक्य से आज्ञा तथा उपदेश को बोध होता है, वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता है, जैसे
• तुम यहाँ से चले जाओ।
• अपना कमरा साफ़ करो।
5. विस्मयादिवाचक वाक्य – जिस वाक्य के द्वारा शोक, हर्ष, आश्चर्य आदि के भाव प्रकट होते हैं, वह विस्मयादिवाचक वाक्य कहलाता है; जैसे
• वाह! क्या दृश्य है।
• अरे! यह क्या कर डाला।
6. संदेहवाचक वाक्य – जिस वाक्य में किसी कार्य के होने के बारे में संदेह प्रकट किया जाता है, उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे
• वह शायद ही यह काम करे
• वह जयपुर चला गया होगा।
7. इच्छावाचक वाक्य – जिस वाक्य से किसी आशीर्वाद, कामना, इच्छा आदि का बोध हो, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे
• ईश्वर तुम्हें दीर्घायु बनाए।
• जुग-जुग जियो।
8. संकेतवाचक वाक्य – जिस वाक्य में संकेत या शर्त हो, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे
• यदि वर्षा होती तो फ़सल अच्छी होती।
• वर्षा हुई तो गरमी कम हो जाएगी
5. रीता गाना गाकर मंच से नीचे उतर गई। यह कौन-सा वाक्य है ? (i) संयुक्त (ii) सरल (iii) मिश्र उत्तर – (ii) सरल |
प्रश्न 1. वाक्य के अंग दो कौन से हैं?
प्रश्न 2. वाक्य के भेद कितने होते हैं?
प्रश्न 3. वाक्य के भेद कौन कौन से हैं?
प्रश्न 4. अर्थ के अनुसार वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?
प्रश्न 5. विधानवाचक किसे कहते हैं?
प्रश्न 6. ‘निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 7. प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 8. आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 9. विस्मयादिवाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 10. संदेहवाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 11. इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 12. संकेतवाचक वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 13. सरल वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 14. संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 15. मिश्र वाक्य किसे कहते हैं?
प्रश्न 16. वाक्य के पांच तत्व कौन से हैं?
प्रश्न 17. वाक्य का सबसे महत्वपूर्ण भाग क्या है?
प्रश्न 28. 7 प्रश्न शब्द कौन से हैं?
प्रश्न 19. रचना के अनुसार वाक्य के कितने प्रकार के होते हैं?
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