NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 9 जो देखकर भी नहीं देखते
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | 9th |
Chapter Name | जो देखकर भी नहीं देखते |
Category | Class 6th Hindi (वसंत) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 9 जो देखकर भी नहीं देखते Question & Answer यह अध्याय हेलेन केलर द्वारा लिखी गयी है यह उनके जीवन का बारे में निबंध के रूप में है इस अध्याय में हम पढ़ेंगे की हेलेन केलर देख नहीं सकती थी, सुन नहीं सकती थी। फिर भी अपने आस पास की चीजों की सुंदरता को महसूस कर पाती थी। हेलेन केलर बताती है की जिनके पास आँखें है वो देखकर भी नहीं देख सकते और अपने आसपास की चीजों को अस्वीकार करते हैं और ना ही उनकी सुंदरता और एहसास को महसूस कर पाते हैं। इस अध्याय के बारे में और विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 9 जो देखकर भी नहीं देखते
Chapter – 9
जो देखकर भी नहीं देखते
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. ‘जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं’-हेलेन केलर को ऐसा क्यों लगता था?
उत्तर – हेलेन केलर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जो लोग किसी चीज को लगातार देखने के आदी हो जाते हैं वे उनकी तरफ़ अधिक ध्यान नहीं देते। उनके मन में उस वस्तु के प्रति कोई जिज्ञासा नहीं रहती। ईश्वर की दी हुई देन का वह लाभ नहीं उठा सकते हैं।
प्रश्न 2. ‘प्रकृति का जादू’ किसे कहा गया है?
उत्तर – प्रकृति का जादू वह है जो प्रकृति के रूप में नित्य कुछ-न-कुछ परिवर्तन करता है। प्रकृति अपने रूप के आकर्षण से हमें अपनी ओर जादू की तरह आकर्षित करती है।
प्रकृति में विविधता है, अलग-अलग वृक्षों की अलग-अलग घुमावदार बनावट और उनकी छाल और पत्तियाँ होना, फूलों का खिलना, कलियों की पंखुड़ियों की मखमली सतह, बागों में पेड़ों पर गाते पक्षी, कलकल करते बहते हुए झरने, कालीन की तरह फैले हुए घास के मैदान आदि प्रकृति के जादू हैं।
प्रश्न 3. ‘कुछ खास तो नहीं’–हेलेन की मित्र ने यह जवाब किस मौके पर दिया और यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
उत्तर – प्रकृति में चारों ओर देखने और समझने की बहुत सी चीजें हैं, फिर भी उनकी मित्र कह रही है कि मैंने कुछ खास नहीं देखा। लेखिका का मानना है कि वे कुछ भी देखना ही नहीं चाहती। वे उन चीजों की चाह ज़रूर करती हैं जो उनके आस-पास नहीं है।
प्रश्न 4. हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ के आधार पर इसका उत्तर लिखो।
उत्तर – हेलेन केलर प्रकृति की अनेक चीजों जैसे भोज-पत्र पेड़ की चिकनी छालं, चीड़ की खुरदरी छाल, टहनियों में नई कलियों, फूलों की पंखुड़ियों की बनावट को छूकर और सूंघकर पहचान लेती है।
प्रश्न 5. जबकि इस नियामत से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है’। -तुम्हारी नज़र में इसका क्या अर्थ हो सकता है?
उत्तर – हमारी आँखें अनमोल होती हैं। संसार की सारी खूबसूरती आँखों से ही है। जीवन के सभी रंग आँखों से ही हैं। अतः यह जिंदगी की बहुत बड़ी देन है। इसमें जिंदगी को रंगीन और खुशहाल बनाया जा सकता है और अपने सारे दुखों को भुलाया जा सकता है।
निबंध से आगे
प्रश्न 1. आज तुमने घर से आते हुए बारीकी से क्या-क्या देखा-सुना? मित्रों के साथ सामूहिक चर्चा करो।
उत्तर – आज जब मैं अपने घर से विद्यालय के लिए निकला तो चौराहे पर कुछ लोगों की भीड़ देखी। वे लोग हाथों में समाचार पत्र लिए हुए और किसी गंभीर मसले पर चर्चा कर रहे थे। इतने में मेरी स्कूल बस आ गई।
थोड़ी आगे चलकर स्कूल बस भीड़ पर जाम में फँस गई। आगे जाने पर पता चला दुर्घटना हो गई है। एक वाहन उलटा पड़ा था। वहाँ का दृश्य देखकर मन दुखी हो गया। लगभग 15 मिनट बाद में विद्यालय पहुँचा। इसके बाद प्रार्थना में शामिल हुआ, फिर कक्षा में गया। उसके बाद धीरे-धीरे शांति का वातावरण छाया।
प्रश्न 2. कान से न सुन पाने पर आस-पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और कक्षा में पढ़कर सुनाओ।
उत्तर – कान से न सुन पाने पर दुनिया बड़ी विचित्र लगती है। आँखें तो सब कुछ देखती हैं, पर जब उन क्रियाकलापों की आवाज़ नहीं सुन पाते तब ऐसा प्रतीत होता है मानो बंद कानों से हम मूक फ़िल्मों की तरह देखते हैं। न सुनने के कारण व्यक्ति दूसरों से अपने विचारों का आदान-प्रदान सही रूप में नहीं कर पाता होगा।
प्रश्न 3. तुम्हें किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने का मौका मिले जिसे दिखाई न देता हो तो तुम उससे सुनकर,सूंघकर, चखकर, छूकर अनुभव की जानेवाली चीज़ों के संसार के विषय में क्या-क्या प्रश्न कर सकते हो? लिखो।
उत्तर – उनके अनुभव जानने के लिए निम्नलिखित प्रश्न कर सकते हैं-
किसी भी ध्वनि को सुनकर वे कैसे अनुमान लगाते हैं कि ध्वनि किसकी है?
किसी भी चीज़ को चखकर वे क्या हैं? और कैसा अनुभव करते हैं?
क्या आप पक्षी की आवाज़ को सुनकर उसका नाम बता सकते हैं? यह कैसे संभव हो पाता है?
क्या आप सूंघकर बता सकते हैं कि यह कौन-सा फूल है?
सूंघकर अच्छी-बुरी चीज़ का अंदाजा किस हद तक लगा पाते हैं?
प्रश्न 4. हम अपनी पाँचों इंद्रियों में से आँखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते हैं। ऐसी चीजों के अहसासों की तालिका बनाओ जो तुम बाकी चार इंद्रियों से महसूस करते हो-
सुनकर | चखकर | सूँघकर | छूकर |
उत्तर –
सुनकर – कोयल का मधुर स्वर, कौए की कर्कश आवाज़, माँ की नाराजगी भरी पुकार, गीत सुनकर गायक की पहचान
चखकर – सेब या आम की मिठास, अचार की खटास, मिर्च का तीखापन, इमली का चटपटा स्वाद, स्वादिष्ट भोजन, कड़वी दवा
सूँघकर – फूलों का गंध, पक रहे भोजन की गंध, गैस का रिसाव
छूकर – बरफ की ठंडक, आग की गरमी, कपड़े के प्रकार की जानकारी, शरीर का तापमान
भाषा की बात
प्रश्न 1. पाठ में स्पर्श से संबंधित कई शब्द आए हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। बताओ कि किन चीजों का स्पर्श होता है-
चिकना …………
मुलायम ……………
सख्त ………
चिपचिपा ……………
खुरदरा ………
भुरभुरा ………..
उत्तर –
चिकना – तेल, घी, क्रीम में चिकनापन होना।
मुलायम – रेशमी कपड़ा।
खुरदरा – लकड़ी व छाल खुरदरे होते हैं।
सख्त – लोहा, पत्थर, लकड़ी।
चिपचिपा – गोंद।
भुरभुरा – रेत भुरभुरा होता है।
प्रश्न 2. अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा।
ऊपर रेखांकित संज्ञाएँ क्रमशः किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। आगे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ो और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो-
मिठास | भूख | शांति | भोलापन |
बुढ़ापा | घबराहट | बहाव | फुर्ति |
ताज़गी | क्रोध | मज़दूरी | अहसास |
उत्तर –
भाववाचक संज्ञा | मूलशब्द | संज्ञा / विशेषण / क्रिया |
मिठास | मीठा | विशेषण |
भूख | भूखा | विशेषण |
शांति | शांत | विशेषण |
भोलापन | भोला | विशेषण |
बुढ़ापा | बूढ़ा | विशेषण |
घबराहट | घबराना | क्रिया |
बहाव | बहना | क्रिया |
फुर्ती | फुर्तीला | विशेषण |
ताज़गी | ताज़ा | विशेषण |
मज़दूरी | मज़दूर | संज्ञा |
अहसास | अहसास | विशेषण |
प्रश्न 3. मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
उस बगीचे में आम, अमलतास, सेमल आदि तरह-तरह के पेड़ थे।ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो-
अवधि – अवधी | ओर – और |
में – मैं | दिन – दीन |
मेल – मैल | सिल – शील |
उत्तर –
अवधि – यह प्रश्नपत्र पूरा करने की अवधि 3 घंटे है।
अवधी – अवध क्षेत्र में अवधी भाषा बोली जोती है।
में – सुमन से मेरी मुलाकात बगीचे में हुई।
मैं – मैं दिल्ली का निवासी हूँ।
मेल – मित्रों को आपस में मेल से रहना चाहिए।
मैल – इस साबुन से कपड़े में मैल नहीं रहेगी।
ओर – यह रास्ता मेरे घर की ओर जाता है।
और – राम और श्याम भाई हैं।
दिन – आज दिन बड़ा सुहाना है।
दीन – हमें दीन-दुखियों की सहायता करनी चाहिए।
सिल – माँ सिल पर मसाला पीस रही है।
शील –शील स्वभाव के लोग सबको अच्छे लगते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. इस तसवीर में तुम्हारी पहली नज़र कहाँ जाती है?
उत्तर – इस तसवीर में मेरी पहली नजर पेड़ तथा मकानों की तरफ जाती हैं।
प्रश्न 2. गली में क्या-क्या चीजें हैं?
उत्तर – गली में एक स्कूटर पर बैठा आदमी और साइकिल लेकर खड़ा व्यक्ति दिखाई दे रहा है। गली के एक ओर कुछ दुकानें हैं। दुकान की तरफ मुँह करके एक व्यक्ति खड़ा है।
दुकानों की ऊपर की मंजिल की बालकनी से। कपड़े लटक रहे हैं। गली की दूसरी ओर कुछ साइकिलें और मोटर साइकिल खड़ी है।
प्रश्न 3. इस गली में हमें कौन-कौन-सी आवाज़ें सुनाई देंगी?
उत्तर – इस गली में लोगों के बातचीत करने की आवाज़, साईकिल की घंटी की आवाज़ तथा बच्चों के खेलने की आवाज़ें सुनाई देंगी।
प्रश्न 4. अलग-अलग समय में ये गली कैसे बदलती होगी?
उत्तर – अलग-अलग समय में गली तो वही रहती होगी, बस वहाँ आने-जाने और रुकने वाले लोग बदलते होंगे। सुबह और शाम के समय वहाँ हलचल रहती होगी तथा दोपहर और शाम में शांति छाई रहती होगी।
प्रश्न 5. ये तारें गली को कहाँ-कहाँ जोड़ती होंगी?
उत्तर – बिजली की तारें गली को ट्रान्सफॉर्मर से जोड़ती होंगी। टेलीफोन की तारें दूर स्थित मुख्य दूरभाष बक्से से जुड़ी होंगी। केबल की तारें किसी टी.वी. टावर से जुड़ी होंगी।
प्रश्न 6. साइकिलवाला कहाँ से आकर कहाँ जा रहा होगा?
उत्तर – साइकिलवाला घर से आकर कार्यालय जा रहा होगा।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न (MCQ)
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) “जो देखकर भी नहीं देखते’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) प्रेमचंद
(ii) सुंदरा स्वामी
(iii) जया विवेक
(iv) हेलेन केलर
उत्तर – (iv) हेलेन केलर
(ख) हेलेन केलर प्रकृति की चीजों को किस प्रकार पहचानती हैं?
(i) देखकर
(ii) सुंघकर
(iii) छूकर
(iv) दूसरों से उसका वर्णन सुनकर
उत्तर – (iii) छूकर
(ग) लेखिका को किसमें आनंद मिलता है?
(i) लोगों से बात करने में
(ii) प्रकृति को निहारने में
(iii) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट महसूस करने में
(iv) लोगों की चुगली करने में
उत्तर – (iii) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट महसूस करने में
(घ) लेखिका किसके स्वर पर मंत्रमुग्ध हो जाती है?
(i) कोयल के
(ii) मैना के
(iii) मोर के
(iv) चिड़िया के
उत्तर – (iv) चिड़िया के
(ङ) इनमें किस पेड़ की छाल चिकनी होती है?
(i) चीड़
(ii) भोज-पत्रे
(iii) पीपल
(iv) बरगद
उत्तर – (ii) भोज-पत्रे
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लेखिका के कानों में किसके मधुर स्वर गूंजने लगते थे?
उत्तर – लेखिका के कानों में चिड़ियों के मधुर स्वर गूंजने लगते थे।
प्रश्न 2. लेखिका को प्रकृति के जादू का अहसास कब होता है?
उत्तर – फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने से लेखिका को प्रकृति के जादू का अहसास होता है।
प्रश्न 3. इस दुनिया के लोग कैसे हैं?
उत्तर – इस दुनिया के अधिकांश लोग संवेदनहीन हैं। वे अपनी क्षमताओं की कद्र करना नहीं जानते।
प्रश्न 4. हेलेन केलर अपने मित्रों की परीक्षा क्यों लेती है?
उत्तर – हेलेन केलर अपने मित्रों की परीक्षा यह परखने के लिए लेती है कि वे क्या देखते हैं।
प्रश्न 5. लेखिका को झरने का पानी कब आनंदित करता है?
उत्तर – लेखिका जब झरने के पानी में अँगुलियाँ डालकर उसके बहाव को महसूस करती है, तब वह आनंदित हो उठती है।
प्रश्न 6. इस पाठ से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर – इस पाठ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जीवन में जीने के लिए मनुष्य के पास जो साधन उपलब्ध हो उनसे संतुष्ट रहना चाहिए।
NCERT Solution Class 6th Hindi All Chapters Vasanth |
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