NCERT Solution Class 6 Science Chapter 12-विद्युत् तथा परिपथ (Electricity and Circuits) Notes in hindi
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | Chapter 12 |
Chapter Name | विद्युत् तथा परिपथ (Electricity and Circuits) Notes in hindi |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) Note in Hindi |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
Class 6 Science Chapter 12-विद्युत् तथा परिपथ (Electricity and Circuits) Notes in hindi जिसमे हम विद्युत सेल,ड्राई सेल,टॉर्च बल्ब,टॉर्च के बल्ब को सेल से जोड़ना,बल्ब के नहीं जलने के संभावित कारण,इलेक्ट्रिक सर्किट,इलेक्ट्रिक स्विच,टॉर्च की संरचना,विद्युत चालक,विद्युत रोधक आदि के बारे में पढ़ेंगे।
NCERT Solution Class 6 Science Chapter 12-विद्युत् तथा परिपथ (Electricity and Circuits) Notes in hindi
?Chapter – 12?
✍विद्युत् तथा परिपथ✍
विद्युत सेल
• विद्युत सेल या इलेक्ट्रिक सेल एक युक्ति है जिसमें होने वाले रासायनिक परिवर्तन के कारण इलेक्ट्रिक करेंट (विद्युत धारा) उत्पन्न होता है। इलेक्ट्रिक सेल दो प्रकार के होते हैं: ड्राई और वेट। कार में इस्तेमाल होने वाली बैटरी वेट सेल का उदाहरण है। टॉर्च में हम ड्राई सेल इस्तेमाल करते हैं।
ड्राई सेल
• यह एक धातु के सिलिंडर से बना होता है। इस सिलिंडर का आधार समतल होता है और इसके सिरे पर एक मेटल की कैप लगी होती है। सिर पर स्थित मेटल कैप इस सेल का पॉजिटिव (+) टर्मिनल होता है।
• विद्युत सेल का आधार इसका नेगेटिव (-) टर्मिनल होता है। एक ड्राई सेल से सामान्य तौर पर 1.5 V (वोल्ट) का करेंट उत्पन्न होता है।
टॉर्च बल्ब
• एक टॉर्च का बल्ब एक गोलाकार काँच के आवरण से बना होता है जो एक धातु के बेस से जुड़ा रहता है। बल्ब के भीतर एक फिलामेंट रहता है। फिलामेंट से दो तार जुड़े रहते हैं।
• एक तार बल्ब के मेटल वाले बेस से जुड़ा रहता है। दूसरा तार मेटल की दीवार से जुड़ा रहता है। बल्ब के मेटल वाले बेस की दीवार इसका नेगेटिव टर्मिनल है, जबकि उसका आधार पॉजिटिव टर्मिनल है।
टॉर्च के बल्ब को सेल से जोड़ना
• इसके लिए आपको सेल के दोनों सिरों पर एक एक तार जोड़ना पड़ेगा। सेल के पॉजिटिव टर्मिनल को बल्ब के पॉजिटिव टर्मिनल से और सेल के नेगेटिव टर्मिनल को बल्ब के नेगेटिव टर्मिनल से जोड़िए।
बल्ब के नहीं जलने के संभावित कारण: कनेक्शन ढ़ीला है।
• बल्ब फ्यूज है।
• सेल कमजोर हो गया है।
इलेक्ट्रिक सर्किट
• एक बंद परिपथ जिससे होकर इलेक्ट्रिक करेंट बहती है उसे इलेक्ट्रिक सर्किट या विद्युत परिपथ कहते हैं। किसी भी इलेक्ट्रिक सर्किट में विद्युत धारा हमेशा पॉजिटिव टर्मिनल से नेगेटिव टर्मिनल की ओर बहती है। इसके विपरीत, इलेक्ट्रॉन का फ्लो नेगेटिव टर्मिनल से पॉजिटिव टर्मिनल की ओर होता है।
इलेक्ट्रिक स्विच
• जिस युक्ति से इलेक्ट्रिक सर्किट को जोड़ने या तोड़ने में मदद मिलती है उसे इलेक्ट्रिक स्विच कहते हैं। इलेक्ट्रिक स्विच हमें जरूरत के हिसाब से बिजली इस्तेमाल करने की सहूलियत देता है। आपको कई डेवाइस में और घर की वायरिंग में इलेक्ट्रिक स्विच देखने को मिल जायेंगे।
टॉर्च की संरचना(structure of torch)
• किसी भी टॉर्च में एक सिलिंडरिकल या क्यूब के आकार की केसिंग रहती है। यह केसिंग धातु या अधातु की बनी होती है। इसके अंदर इलेक्ट्रिक सेल रखे जाते हैं। केसिंग के तले पर एक स्प्रिंग रहता है जो एक मेटल की तार से जुड़ा रहता है। स्प्रिंग के कारण इलेक्ट्रिक सेल अपनी जगह पर सही से फिट रहता है।
• मेटल की तार एक स्विच से जुड़ी रहती है। स्विच का दूसरा टर्मिनल टॉर्च के होल्डर के नेगेटिव टर्मिनल से जुड़ा रहता है। होल्डर का पॉजिटिव टर्मिनल सबसे आगे वाले सेल के पॉजिटिव टर्मिनल से सटा रहता है। होल्डर के भीतर बल्ब लगा रहता है।
विद्युत चालक
• जिन पदार्थों से होकर इलेक्ट्रिक करेंट आसानी से बहता है उन्हें विद्युत चालक या विद्युत के सुचालक कहते हैं। उदाहरण: तांबा, लोहा, स्टील, सोना, चांदी, आदि।
विद्युत रोधक
• जिन पदार्थों से होकर इलेक्ट्रिक करेंट नहीं बहता है उन्हें विद्युत रोधक या विद्युत का कुचालक कहते हैं। उदाहरण: रबड़, प्लास्टिक, लकड़ी, एस्बेस्टस, आदि।