NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 2 बचपन
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | 2nd |
Chapter Name | बचपन |
Category | Class 6th Hindi |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 2 बचपन प्रश्न – उत्तर जिसमे हम बचपन किसे माना जाता है?, बचपन की सबसे अच्छी बात क्या है?, हमारा बचपन हमें कैसे आकार देता है?, बचपन को आसान भाषा में क्या कहते हैं?, बचपन की विशेषता क्या है?, बचपन की विशेषता क्या है?, वसंत ऋतु की विशेषताएं क्या हैं? साहित्य में वसंत का क्या अर्थ है? वसंत कहां होता है? भारत में कितने बसंत ऋतु होते हैं? इतियादी के बारे विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 2 बचपन
Chapter – 2
बचपन
प्रश्न – उत्तर
संस्मरण से
प्रश्न 1. लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
उत्तर – लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी, फिर जूतों पर पॉलिश करके उसे कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थी।
2.’तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’- इस बात के लिए लेखिका क्या-क्या उदाहरण देती हैं?
उत्तर – लेखिका बचपन में इतवार की सुबह अपने मोजे धोती थी, फिर जूतों पर पॉलिश करके उसे कपड़े या ब्रश से रगड़कर चमकाती थी।
प्रश्न 3. पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें क्या कहकर चिढ़ाते थे?
उत्तर – लेखिका को रात में टेबल लैंप के सामने बैठकर पढ़ने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई थी, इस वजह से उन्हें चश्मा लगाना पड़ा। उनके चचेरे भाई चश्मा लगाने पर उन्हें छेड़ते हुए कहते थे आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की।
प्रश्न 4. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन सी चीजें मज़ा ले-लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो।
उत्तर – लेखिका बचपन में बड़े मजे से चॉकलेट लेकर खाती थी। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। लेखिका चॉकलेट को साइडबोर्ड पर रख देती थी फिर बिस्तर पर लेटकर मजे से खाती थी। इसके अतिरिक्त कुल्फ़ी, शहतूत, फ़ाल्से के शरबत, चॉकलेट, पेस्ट्री तथा फल मजे से ले-लेकर खाती थी। कुछ प्रमुख फल ‘काफल’ और ‘चेस्टनट’ था।
संस्मरण से आगे
प्रश्न 1. लेखिका के बचपन में हवाई जहाज की आवाज, घुड़सवारी, ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज क्या – क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर – आज की आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें हैं- कंप्यूटर, टेलीविजन, इंटरनेट, मोबाइल, रोबोट, मेट्रो, ट्रेन, मोटर कार, बाइक आदि। इनके प्रति हम आज ज्यादा आकर्षित होते हैं।
प्रश्न 2. अपने बचपन की किसी मनमोहक घटना को याद करके विस्तार से लिखो।
उत्तर – मैं अपने बचपन की बात करूं तो मैं बहुत शरारती था। सबसे लड़ना और मारना तंग करना। एक बार मैंने स्कूल में अपने साथ वाले लड़के का पूरा खाना खा लिया और उसे बताया भी नहीं, जब उसे पता चला वह बहुत रोया और उसने मैडम से शिकायत लगा दिया।
मैडम से स्कूल में बहुत मार पड़ी। यह बात घर तक पहुंच गई। घर पर आकर भी मार पड़ी जब धीरे-धीरे बड़े समझ आने लगा। शरारतें में बचपन अच्छा लगता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. सन् 1935-40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुज़रा उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।
उत्तर – लेखिका का बचपन अधिकांशतः शिमला में गुजरा। उन दिनों शिमला विकसित होने लगा था। वहाँ रेस्टोरेंट, मॉल, अच्छी दुकानें आदि खुल गई थीं। छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा शहर, चढ़ाई – चढ़कर गिरजा मैदान पहुँचना और उतर कर मॉल जाना ये सब घटनाएँ सुखद थीं।
संध्या के समय धुंधलके में गहराते पहाड़, रिज पर बढ़ती रौनक, मॉल के दुकानों की चमक और स्कैंडल प्वांइट ये सब शिमला की खूबसूरती की झलक दिखाते हैं।
प्रश्न 2. लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाइए कि सरवर कौन हो सकता है?
उत्तर – इस संस्मरण में लेखिका ने दो बार सरवर का नाम लिया है। सरवर का नाम लेखिका ने संकेत के रूप में लिया है। इसके अलावा उस व्यक्ति के लिए अन्य संबोधन का प्रयोग नहीं हुआ है। अतः संभव है कि सरवर कोई पत्रकार या उनका मित्र लेखक रहा होगा जिन्हें वह अपनी जीवनी सुना रही हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1. क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनके भाववाचक संज्ञा बनाओ। उत्तर –
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प्रश्न 2. चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो-
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
उत्तर – दो दर्जन- निश्चित संख्यावाचक विशेषण।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
उत्तर – दो किलो- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
उत्तर – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।
(घ) सभी लोग हँस रहे थे।
उत्तर – अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण।
(ङ) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
उत्तर – (i) तुम्हारा- सार्वनामिक विशेषण
(ii) बहुत- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(iii) सुंदर- गुणवाचक विशेषण
प्रश्न 3. कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर –
(क) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते
(ख) उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफ़ोन थे।
(ग) हमारा घर माल से ज्यादा दूर नहीं था।
(घ) अपने-अपने जूते पॉलिश करके चमकाते।
(ङ) यह गाना उन दिनों स्कूल में हर बच्चे को आता था।
कुछ करने को
प्रश्न 1. अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
उत्तर – बचपन नाम से ही पाठ का अर्थ पता चल जाता है। इस पाठ की रचनाकार कृष्ण सोबती जी हैं। उन्होने अपने बचपन के दिनों का वर्णन इस रचना के द्वरा हमारे सामने प्रस्तुत किया है। लेखिका अब इस समय काफी उमरदार हैं तब भी उन्होने अपनी इस रचना मे बचपन की यादों को बहुत अच्छे से बताया है।
प्रश्न 2. तीन-तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन-सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है।
उत्तर – छात्र-सूती, ऊनी, रेशमी और खादी के कपड़ों के नमूने लेकर उनकी विशेषता बताने का प्रयास करें। गर्मियों में सूती कपड़े आरामदायक होते है और सर्दियों मे ऊनी। रेशमी वस्त्र हलकी गर्मी तथा हलकी सर्दी में पहने जा सकते हैं।
प्रश्न 3. हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर – हथकरघा पर हाथ से कपड़े बनाए जाते हैं और मिल में मशीन के द्वारा। छात्र किसी कारखाने का भ्रमण कर यह जानने का प्रयास करें कि कपड़े बनाने की प्रक्रिया क्या है।
प्रश्न 4. हमारे देश में तरह-तरह के भोजन, तरह-तरह की पोशाकें प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।
उत्तर – भारत में कुल 29 राज्य हैं और सभी राज्यों की बोली-भाषा, पहनावा, रहन-सहन एक दूसरे से एकदम अलग है। गुजरात में गुजराती भाषा बोली जाती है तो वहां के पहनावे में घाघरा चोली अहम है। खाने में गुजराती खाना जैसे की ढोकला, खाखरा प्रचलित है।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न (MCQ)
(क) “बचपन’ पाठ किसकी रचना है-
(i) प्रेमचंद
(ii) रवींद्रनाथ टैगोर
(iii) महादेवी वर्मा
(iv) कृष्णा सोबती
उत्तर – (iv) कृष्णा सोबती
(ख) लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या काम करती थी?
(i) वह विद्यालय जाती थी।
(ii) वह पौधों की देख-रेख करती थी।
(iii) वह नृत्य करती थी।
(iv) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थी
उत्तर – (iv) वह अपने मोजे व जूते पॉलिश करती थी
(ग) लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?
(i) 18वीं सदी
(ii) 20वीं सदी
(iii) 21वीं सदी
(iv) 22वीं सदी
उत्तर – (ii) 20वीं सदी
(घ) पहले गीत-संगीत सुनने के क्या साधन थे?
(i) रेडियो
(ii) टेलीविज़न
(iii) ग्रामोफ़ोन
(iv) सी० डी० प्लेयर
उत्तर – (iii) ग्रामोफ़ोन
(ङ) हर शनिवार लेखिका को क्या पीना पड़ता था?
(i) घी
(ii) ऑलिव ऑयल
(iii) सरसों तेल
(iv) नारियल तेल
उत्तर – (ii) ऑलिव ऑयल
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. इस संस्मरण में लेखिका किसकी चर्चा कर रही है?
उत्तर – इस संस्मरण में लेखिका अपने बचपन की चर्चा कर रही है।
प्रश्न 2. लेखिका का जन्म किस सदी में हुआ था?
उत्तर – 20वीं सदी में।
प्रश्न 3. लेखिको को सप्ताह में कितनी बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी?
उत्तर – लेखिका को सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी।
प्रश्न 4. हर शनिवार को लेखिका को क्या पीना पड़ता था?
उत्तर – हर शनिवार को लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था।
प्रश्न 5. दुकान में किस ट्रेन का मॉडल था?
उत्तर – दुकान में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीजें मज़ा ले-लेकर खाती थी ?
उत्तर – लेखिका बचपन में कुल्फी, शहतूत, फाल्से का शरबत, चॉकलेट, पेस्ट्री तथा फले मजे ले-लेकर खाती थी। कुछ प्रमुख फल काफ़ल और चेस्टनट हैं।
प्रश्न 2. लेखिका बचपन में कैसी पोशाक पहना करती थी? वर्णन कीजिए।
उत्तर – बचपन में लेखिका रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थी। उन्होंने पिछले दशकों में क्रमशः अनेक प्रकार के पहनावे बदले हैं। लेखिका पहले फ्रॉक उसके बाद निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे पहनती थी। उन दिनों फ्रॉक के ऊपर की जेब में रूमाल और बालों में इतराते रंग-बिरंगे रिबन का चलन था।
लेखिका तीन तरह की फ्रॉक इस्तेमाल किया करती थी। एक नीली पीली धारीवाला फ्रॉक था जिसका कॉलर गोल होता था। दूसरा हलके गुलाबी रंग का बारीक चुन्नटवाला घेरदार फ्रॉक था, जिसमें गुलाबी फ्रिल लगी होती थी। लेमन कलर के बड़े प्लेटों वाले गर्म फ्रॉक का जिक्र करती हैं, जिसके नीचे फ़र टॅकी थी।
प्रश्न 3. चश्मा लगाते समय डॉक्टर ने क्या भरोसा दिया था?
उत्तर – चश्मा लगाते समय डॉक्टर ने आश्वासन दिया था कि कुछ दिन चश्मा पहनने के बाद चश्मा आँखों से उतर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके लिए लेखिका स्वयं को ही जिम्मेदार मानती है। दिन की रोशनी में न काम कर रात में टेबल लैंप के सामने काम करने के कारण उनका चश्मा कभी नहीं हटा।
प्रश्न 4. टोपी के संबंध में लेखिका क्या सोचती थी?
उत्तर – लेखिका बचपन के दिनों में सिर पर टोपी लगाना पसंद करती थी। उनके पास कई रंगों की टोपियाँ थीं। उनका कहना है कि सिर पर हिमाचली टोपी पहनना आसान था जबकि सिर पर दुपट्टा रखना थोड़ा कठिन काम।
प्रश्न 5. उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखिए।
उत्तर – उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में और रहन-सहन में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। बचपन में लेखिका रंग-बिरंगी पोशाकें पहनती थी। जैसे पहले फ्रॉक, उसके बाद निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे इत्यादि। वर्तमान परिवेश में वे चूड़ीदार पजामी और ऊपर से घेरेदार कुर्ता पहनती हैं।
NCERT Solution Class 6th Hindi All Chapters Vasanth |
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