NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 12 लोकगीत
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | 12th |
Chapter Name | लोकगीत |
Category | Class 6th Hindi वसंत |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 12 लोकगीत प्रश्न – उत्तर निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है?, लोकगीत प्रिय होते हैं।, लोकगीत का महत्त्व, लोकगीत और शास्त्रीय संगीत, लोकगीतों के प्रकार, गायन शैली, राग, सहायक वाद्य यंत्र, गायक समूह, लोकगीतों के साथ चलने वाले नृत्य, लोकगीतों की भाषा, लोक गीतों की लोकप्रियता का क्या कारण है?, लोकगीत के अर्थ क्या है? आदि के बारे में पढेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 12 लोकगीत
Chapter – 12
लोकगीत
प्रश्न – उत्तर
निबंध से
प्रश्न 1. निबंध में लोकगीतों के किन पक्षों की चर्चा की गई है? बिंदुओं के रूप में उन्हें लिखो।
उत्तर – इस निबंध में लोकगीतों के निम्नलिखित पक्षों की चर्चा हुई है-
• लोकगीत प्रिय होते हैं।
• लोकगीत का महत्त्व
• लोकगीत और शास्त्रीय संगीत
• लोकगीतों के प्रकार, गायन शैली, राग
• सहायक वाद्य यंत्र, गायक समूह
• लोकगीतों के साथ चलने वाले नृत्य
• लोकगीतों की भाषा
• लोकगीतों की लोकप्रियता।
• लोकगीतों के प्रकार
• बिना किसी बाजे की मदद के भी गया जाना।
प्रश्न 2. हमारे यहाँ स्त्रियों के खास गीत कौन-कौन से हैं?
उत्तर – हमारे यहाँ लोकगीत ऐसे हैं जिन्हें स्त्रियों के खास गीत कहा जा सकता है। ऐसे गीत में त्योहारों पर नदियों में नहाते समय के, नहाने जाते रास्ते के गीत, विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले गीत, मटकोड, ज्यौनार के, संबंधियों के लिए प्रेमयुक्त गाली, जन्म आदि के गीत स्त्रियों के गीत हैं।
इसके अतिरिक्त कजरी, गुजरात का गरबा और ब्रज का रसिया भी स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है।
प्रश्न 3. निबंध के आधार पर और अपने अनुभव के आधार पर (यदि तुम्हें लोकगीत सुनने के मौके मिले हैं तो) तुम लोकगीतों की कौन-सी विशेषताएँ बता सकते हो?
उत्तर – लोकगीत हमारी सांस्कृतिक पहचान है। इन गीतों में हमारी अपनी सभ्यता, संस्कृति एवं संस्कार झलकते हैं। इनकी अनेक विशेषताएँ हैं लोकगीत गाँव के अनपढ़ पुरुष व औरतों के द्वारा रचे गए हैं। इनके लिए साधना की ज़रूरत नहीं होती। लोकगीतों में लचीलापन और ताजगी होती है। ये आम जनता के गीत हैं। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर ही गाए जाते हैं।
मार्ग या देशी के सामने इनको हेय समझा जाता था अभी तक इनकी उपेक्षा की जाती है, लेकिन साहित्य और कला के क्षेत्र में परिवर्तन होने पर प्रांतों की सरकारों ने लोकगीत साहित्य के पुनरुद्धार में हाथ बँटाया। वास्तविक लोकगीत गाँव व देहात में है। लोकगीत वाद्य यंत्रों की मदद के बिना गाए जा सकते हैं। वैसे साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी बजाकर भी गाए जाते हैं। इनके रचनाकार आम आदमी और स्त्रियाँ ही होते हैं।
प्रश्न 4. ‘पर सारे देश के…अपने-अपने विद्यापति हैं’ इस वाक्य का क्या अर्थ है? पाठ पढ़कर मालूम करो और लिखो।
उत्तर – इस वाक्य का यह अर्थ है कि विद्यापति जैसे लोकगीतों की रचना करने वाले अन्य क्षेत्रों में भी होते हैं। यानी जिस तरह मिथिला क्षेत्र में मैथिल कोकिल विद्यापति के गीत लोकप्रिय हैं, उसी प्रकार हर क्षेत्र में हर जगह पर कोई-न-कोई प्रसिद्ध लोकगीत रचनाकार पैदा हुआ है, जिसके गीतों की उस क्षेत्र में विशेष धूम रहती है। बुंदेलखंड के लोकगीत रचनाकार जगनिक का ‘आल्हा’ इसका उदाहरण है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. क्या लोकगीत और नृत्य सिर्फ गाँवों या कबीलों में ही गाए जाते हैं? शहरों के कौन से लोकगीत हो सकते हैं? इस पर विचार करके लिखो।
उत्तर – लोकगीत और नृत्य गाँवों और कबीलों में बहुत लोकप्रिय होते हैं। शहरों में इन्हें बहुत कम देखा जा सकता है। शहरों में जो लोकगीत गाए जाते हैं वे भी किसी-न-किसी रूप में गाँवों से ही जुड़े हुए हैं।
शहरों के लोग देश के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बसे हुए होते हैं। अब शहरों के लोग भी इनमें रुचि ले रहे हैं। वे सामान्य संगीत से हटकर होते हैं। अतः आकर्षण के कारण बन जाते हैं। शहरों के लोकगीत हो सकते हैं-शहरिया बाबू, नगरी आदि।
प्रश्न 2. जीवन जहाँ इठला-इठलाकर लहराता है, वहाँ भला आनंद के स्त्रोतों की कमी हो सकती है। उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक हैं। क्या तुम इस बात से सहमत हो? ‘बिदेसिया’ नामक लोकगीत से कोई कैसे आनंद प्राप्त कर सकता है और वे कौन लोग हो सकते हैं जो इसे गाते-सुनते हैं? इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर अपने कक्षा में सबको बताओ।
उत्तर – हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। लोकगीत गाँवों की उन्मुक्त चर्चा के प्रतीक हैं। किसी भी लोकगीत से आनंद प्राप्त किया जा सकता है यदि आप वहाँ की बोली से थोड़ा भी परिचित हों। जो लोग भोजपुरी के जानकार हैं। वे ‘बिदेसिया’ लोकगीत को सुनकर आनंद उठा सकते हैं। इन गीतों में रसिक प्रियों और प्रियाओं की बात रहती है। इससे परदेशी प्रेमी और करुणा का रस बरसता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. ‘लोक’ शब्द में कुछ जोड़कर जितने शब्द तुम्हें सूझे, उनकी सूची बनाओ। इन शब्दों को ध्यान से देखो और समझो कि उनमें अर्थ की दृष्टि से क्या समानता है। इन शब्दों से वाक्य भी बनाओ, जैसे-लोककला।
उत्तर –
लोकहित – हमारे नेताओं को लोकहित में ध्यान रखकर काम करना चाहिए।
लोकप्रिय – डॉ० राजेंद्र प्रसाद हमारे लोकप्रिय नेता थे।
लोकनीति – लोकनीति यदि सही है तो देश में समाज का विकास होगा।
लोकगीत – लोकगीतों की परंपरा का पालन केवल गाँवों तक सीमित रह गया है।
लोकनृत्य – लोकनीति ग्रामीण संस्कृति का प्रतीक है।
लोकतंत्र – भारत में लोकतंत्र है। इनमें अर्थ की दृष्टि से यह समानता है कि शब्द लोक अर्थात जनता से संबंधित है।
प्रश्न 2. ‘बारहमासा’ गीत में साल के बारह महीनों का वर्णन होता है। अगले पृष्ठ पर विभिन्न अंकों से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें पढ़ो और अनुमान लगाओ कि इनका क्या अर्थ है और वह अर्थ क्यों है? इसी सूची में तुम अपने मन से सोचकर भी कुछ शब्द जोड़ सकते हो-
इकतारा | सरपंच | चारपाई | सप्तर्षि | अठन्नी |
तिराहा | दोपहर | छमाही | नवरात्र | चौराहा |
उत्तर –
इकतारा- एक तार से बजने वाला यंत्र
सरपंच- पाँचों पंचो में प्रमुख
चारपाई- चार पैरों वाली
सप्तर्षि- सात ऋषियों का समूह
अठन्नी- पचास पैसे का सिक्का
तिराहा- जहाँ तीन रास्ते आपस में मिलते हैं
दोपहर- जब दिन के दो पहर मिलते हो
छमाही- छह महीने में होने वाला
नवरात्र- नौ रातों का समूह
चौराहा- जहाँ चार रास्ते मिलते हों।
प्रश्न 3. को, में, से आदि वाक्य में संज्ञा का दूसरे शब्दों के साथ संबंध दर्शाते हैं। ‘झाँसी की रानी’ पाठ में तुमने का के बारे में जाना। नीचे ‘मंजरी जोशी’ की पुस्तक ‘भारतीय संगीत की परंपरा’ से भारत के एक लोकवाद्य का वर्णन दिया गया है। इसे पढ़ो और रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो।
तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने…अंग्रेज़ी के एस या सी अक्षर…तरह होती है। भारत…विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे…बना यह वाद्य अलग-अलग नामों…जाना जाता है। धातु की नली…घुमाकर एस…आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे दूसरा सिरी घंटीनुमा चौड़ा रहे। फेंक मारने…एक छोटी नली अलग…जोड़ी जाती है। राजस्थान…इसे बर्ग कहते हैं। उत्तर प्रदेश…यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात…रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश…नरसिंघा…नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंघी भी कहते हैं।
उत्तर – तुरही भारत के कई प्रांतों में प्रचलित है। यह दिखने में अंग्रेजी के एस या सी अक्षर की तरह होती है। भारत के विभिन्न प्रांतों में पीतल या काँसे का बना यह वाद्य अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धातु की नली को घुमाकर एस का आकार इस तरह दिया जाता है कि उसका एक सिरा संकरा रहे और दूसरा सिरा घंटीनुमा चौड़ा रहे।
फेंक मारने को एक छोटी नली अलग से जोड़ी जाती है। राजस्थान में इसे बर्गे कहते हैं। उत्तर प्रदेश में यह तूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणसिंघा और हिमाचल प्रदेश में नरसिंघा के नाम से जानी जाती है। राजस्थान और गुजरात में इसे काकड़सिंधी भी कहते हैं।
भारत के मानचित्र में
भारत के नक्शे में पाठ में चर्चित राज्यों के लोकगीत और नृत्य दिखाओ।
उत्तर –
राज्य | लोकगीत | नृत्य |
बिहार | कजरी, बिदेसिया, चैता, सावन | जट-जटिन |
पंजाब | माहिया | झूमर/गिद्दा |
बुंदेलखंड | आल्हा | मोनिया नृत्य |
गुजरात | माहिया | गरबा |
पहाड़ी इलाके | पहाड़ी | समूह नृत्य |
बंगाल | बाउल/भतियाली | छाऊ |
उत्तर प्रदेश | चैता/कजरी, बिरहा, बारहमासा | चरकुला |
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) “मैं सबसे छोटी होऊँ’ कविता किसके द्वारा लिखी गई है?
(i) भगवत शरण उपाध्याय
(ii) गुणाकर मुले
(iii) विष्णु प्रभाकर
(iv) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर – (iv) सुमित्रानंदन पंत
(ख) सबसे छोटी होने की कामना क्यों की गई है?
(i) अपनी जिम्मेदारियाँ न सँभालने के लिए।
(ii) सदा माँ के साथ रहने के लिए
(iii) डर से बचने के लिए
(iv) सदा सुरक्षित रहने के लिए।
उत्तर – (ii) सदा माँ के साथ रहने के लिए
(ग) बच्ची किसके साथ रहने के लिए बड़ी नहीं होना चाहती?
(i) माँ
(ii) पिता
(iii) दादा-दादी
(iv) दोस्त
उत्तर – (i) माँ
(घ) माँ के आँचल की छाया में बच्ची कैसा महसूस करती है?
(i) निर्भय
(ii) उदास
(iii) भयभीत
(iv) इनमें कोई नहीं
उत्तर – (i) निर्भय
(ङ) बड़ी बनने का क्या नुकसान है?
(i) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती
(ii) बड़ी होने पर कोई खिलौना नहीं देता
(iii) बड़ी होने पर कोई जन्म दिन नहीं मानता
(iv) बड़ी होने पर शादी कर दी जाती है।
उत्तर – (i) बड़ी बनने से माँ सदा साथ नहीं रहती
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लोकगीत किस अर्थ में शास्त्रीय संगीत से भिन्न है?
उत्तर – लोकगीत अपनी सोच, ताजगी तथा लोकप्रियता की दृष्टि से शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। इस गीत को गाने के लिए शास्त्रीय संगीत जैसी साधना की ज़रूरत नहीं होती है।
प्रश्न 2. लोकगीतों की क्या विशेषता है?
उत्तर – लोकगीत सीधे जनता के गीत हैं। इसके लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये त्योहारों और विशेष अवसरों पर साधारण ढोलक और झाँझ आदि की सहायता से गाए जाते हैं। इसके लिए विशेष प्रकार के वाद्यों की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न 3. लोकगीत किससे जुड़े हैं?
उत्तर – लोकगीत सीधे आम जनता से जुड़े हैं? ये घर, गाँव और नगर की जनता के गीत हैं।
प्रश्न 4. वास्तविक लोकगीतों का संबंध कहाँ से है?
उत्तर – वास्तविक लोकगीतों का संबंध देश के गाँवों और देहातों से है।
प्रश्न 5. स्त्रियाँ लोकगीत गाते समय किस वाद्य का प्रयोग करती हैं?
उत्तर – स्त्रियाँ प्रायः ढोलक की मदद से लोकगीत गाती हैं?
NCERT Solution Class 6th Hindi All Chapters Vasanth |
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