NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 1 वह चिड़िया जो
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | 1st |
Chapter Name | वह चिड़िया जो |
Category | Class 6th Hindi (वसंत) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 1 वह चिड़िया जो प्रश्न – उत्तर वह चिड़िया जो से हमें क्या शिक्षा मिलती है?, इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है?, दो पंछी कविता से आपको क्या संदेश मिलता है?, चिड़िया को कुदरत ने क्या क्या सिखाया है?, वह चिड़िया जो कविता का मूल भाव क्या है?, Class 6 Hindi Chapter 1 Question Answer, Class 6 Hindi Chapter 1 PDF, वह चिड़िया जो कविता का भावार्थ, वह चिड़िया जो कविता कक्षा 6, वह चिड़िया जो Worksheet, वह चिड़िया जो चोंच मारकर, वह चिड़िया जो Question Answer, वह चिड़िया जो pdf आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Chapter – 1 वह चिड़िया जो
Chapter – 1
वह चिड़िया जो
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. कविता पढ़कर तुम्हारे मन में चिड़िया का जो चित्र उभरता है उस चित्र को कागज़ पर बनाओ।
उत्तर – कविता पढ़कर हमारे मन में निम्नलिखित चित्र उभरते हैं-
वह नीले पंखोंवाली सुंदर चिड़िया है।
चिड़िया मधुर स्वर में जंगल में गाती है।
वह बहती नदी का पानी पीती है।
चिड़िया का आकार छोटा होती है।
उसे आज़ादी बहुत पसंद है।
प्रश्न 2. तुम्हें कविता का कोई और शीर्षक देना हो तो क्या शीर्षक देना चाहोगे? उपयुक्त शीर्षक सोचकर लिखो।
उत्तर – ‘नन्ही चिड़िया’, ‘सुंदर चिड़िया’ या ‘परिश्रमी चिड़िया’ देना चाहेंगे।
प्रश्न 3. इस कविता के आधार पर बताओ कि चिड़िया को किन-किन चीज़ों से प्यार है?
उत्तर – इस कविता के आधार पर पता चलता है कि चिड़िया को दूध भरे अनाज के दानों, नदी तथा जंगल से प्यार है। चिड़िया जुडी के दाने एवं अन्य अनाज के दानों को खाना पसंद करती है। इस चिड़िया को गीत गाना बहुत पसंद है। इसे जंगल से बहुत प्यार है। यह नदी से भी बहुत प्यार करती है।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट करो
(क) रस उँडेलकर गा लेती है।
उत्तर – चिड़िया जंगल में जब अकेली होती है, तब वह बिना किसी डर और संकोच के उन्मुक्त भाव से गाती है। वह मधुर स्वर में गाती है। उसके स्वर की मधुरता वातावरण में रस घोल देती है।
(ख) चढ़ी नदी का दिल टटोलकर जल का मोती ले जाती है।
उत्तर – छोटी चिड़िया चढ़ी हुई नदी से बिलकुल भी नहीं घबराती है। वह उफनती नदी के बीच से अपनी चोंच में पानी की बूंद लेकर उड़ जाती है। यानी लबालब भरी नदी की जलराशि का अनुमान लगाकर उस जलराशि में से जल का मोती निकाल लाती है अर्थात उसी पानी से चिड़िया अपनी प्यास बुझाती है, इसीलिए पानी मोती की तरह अमूल्य है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. कवि ने नीली चिड़िया का नाम नहीं बताया है। वह कौन सी चिड़िया रही होगी? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पक्षी-विज्ञानी सालिम अली की पुस्तक ‘भारतीय पक्षी’ देखो। इनमें ऐसे पक्षी भी शामिल हैं जो जाड़े में एशिया के उत्तरी भाग और अन्य ठंडे देशों से भारत आते हैं। उनकी पुस्तक को देखकर तुम अनुमान लगा सकते हो कि इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद इनमें से कोई एक रही होगी-
नीलकंठ
छोटा किलकिला
कबूतर
बड़ा पतरिंगा
उत्तर – इस कविता में वर्णित नीली चिड़िया शायद नीलकंठ रही होगी, क्योंकि उसके शरीर के ज्यादातर भाग का रंग नीला, आकार छोटा तथा आवाज़ मीठी होती है।
प्रश्न 2. नीचे कुछ पक्षियों के नाम दिए गए हैं। उनमें यदि कोई पक्षी एक से अधिक रंग का है तो लिखो, कि उसके किस हिस्से का रंग कैसा है। जैसे तोते की चोंच लाल है, शरीर हरा है।
मैना, कौआ, बतख, कबूतर
उत्तर –
मैना – मैना का पंख भूरे व सफेद रंग के होते हैं। उनकी टाँगें हलकी लाल होती हैं।
कौआ – कौआ का पूरा शरीर काला होता है।
बतख – बतख सफ़ेद रंग का होता है। इसके पैर हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।
कबूतर – कबूतर का रंग स्लेटी सफ़ेद होता है। गरदन कुछ – कुछ नीले रंग की होती है। इसकी टाँगे लाल होती हैं।
प्रश्न 3. कविता का हर बंध ‘वह चिड़िया जो-‘ से शुरू होता है और मुझे बहुत प्यार है’ पर खत्म होता है। तुम भी इन। पंक्तियों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से कविता में कुछ नए बंध जोड़ो।
उत्तर –
वह चिड़िया जो
चींची करके
सबका मन बहलाती है।
नील गगन की सीमा पाने
पंख पसारे उड़ जाती है। अपना घर बनाने के लिए।
घास के तिनके लाती है।
वह परिश्रमी चिड़िया सबको
परिश्रम का पाठ सिखाती है।
प्रश्न 4. तुम भी ऐसी कल्पना कर सकते हो कि ‘वह फूल का पौधा जो-पीली पंखुड़ियों वाला-महक रहा है, मैं हूँ। उसकी विशेषताएँ मुझ में हैं …। फूल के बदले वह कोई दूसरी चीज़ भी हो सकती है जिसकी विशेषताओं को गिनाते हुए तुम उसी चीज़ से अपनी समानता बता सकते हो … ऐसी कल्पना के आधार पर कुछ पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर –
वह फूल का पौधा जो- खिलता-मुरझाता पर खुशबू से नाता सदा निभाता है मुरझाने पर भी सुगंध ही देता पीली पंखुड़ियों वाला वह पौधा मैं हूँ मुझे महक से बहुत प्यार है। | वह फूल का पौधा जो- हवा में झूलता आंगन में खड़ा मुस्करा रहा है खुशबू अपनी फैला रहा है पीली पंखुड़ियों वाला पौधा मैं हूँ मुझे हवा से बहुत प्यार है। |
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पंखोंवाली चिड़िया | ऊपर वाली दराज |
नीले पंखों वाली चिड़िया | सबसे ऊपर वाली दराज़ |
यहाँ रेखांकित शब्द विशेषण का काम कर रहे हैं। ये शब्द चिड़िया और दराज संज्ञाओं की विशेषताएँ बता रहे हैं, अतः रेखांकित शब्द विशेषण हैं और चिड़िया, दराज विशेष्य हैं। यहाँ ‘वाला/वाली’ जोड़कर बनने वाले कुछ और विशेषण दिए गए हैं। ऊपर दिए गए उदाहरणों की तरह इनके आगे एक-एक विशेषण और जोड़ो। __________ मोरोंवाला बाग __________ पेड़ोंवाला घर __________ फूलों वाली क्यारी __________ स्कूलवाला रास्ता __________ हंसने वाला बच्चा __________ मूँछोंवाला आदमी उत्तर – रंग-बिरंगे – मोरोंवाला बाग हरे-भरे – पेड़ोंवाला घर लाल – फूलों वाली क्यारी छोटा – स्कूलवाला रास्ता सबसे ज्यादा – हंसने वाला बच्चा धनी – मूँछोंवाला आदमी |
प्रश्न 2. वह चिड़िया ………….. जुंडी के दाने रुचि से …….. खा लेती है।
वह चिड़िया …………… रस उँडेलकर गा लेती है।
कविता की इन पंक्तियों में मोटे छापे वाले शब्दों को ध्यान से पढ़ो। पहले वाक्य में रुचि से खाने के ढंग की और दूसरे वाक्य में ‘रस उँडेलकर’ गाने के ढंग की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये दोनों क्रियाविशेषण हैं। नीचे दिए वाक्यों में कार्य के ढंग या रीति से संबंधित क्रियाविशेषण शब्द छाँटो-
(i) सोनाली जल्दी-जल्दी मुँह में लड्डू ठूसने लगी।
उत्तर – जल्दी-जल्दी
(ii) गेंद लुढ़कती हुई झाड़ियों में चली गई।
उत्तर – लुढ़कती हुई।
(iii) भूकंप के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा।
उत्तर – धीरे-धीरे
(iv) कोई सफ़ेद-सी चीज़ धप्प-से आँगन में गिरी।
उत्तर – धप्प से
(v) टॉमी फुर्ती से चोर पर झपटा।
उत्तर – फुर्ती से
(vi) तेजिंदर सहमकर कोने में बैठ गया।
उत्तर – सहमकर
(vii) आज अचानक ठंड बढ़ गई है।
उत्तर – अचानक
अतिरिक्त वैकल्पिक प्रश्न उत्तर (MCQ)
(क) चिड़िया आनंदपूर्वक क्या खाती है?
(i) दूध और गेहूं के दाने
(ii) दूध और मक्का के दाने
(iii) दूध और ज्वार के दाने
(iv) दूध भरे धान
उत्तर – (iii) दूध और ज्वार के दाने
(ख) चिड़िया के पंख के रंग कैसे हैं?
(i) लाल
(ii) पीले
(iii) नीले
(iv) काले
उत्तर – (iii) नीले
(ग) चिड़िया को पसंद है-
(i) फल
(ii) सब्ज़ी
(iii) अनाज़ के दाने
(iv) मिठाई
उत्तर – (iii) अनाज़ के दाने
(ङ) चिड़िया को किन चीज़ों से प्यार है?
(i) नदी से
(ii) जंगल से
(iii) अन्न से
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (iv) उपर्युक्त सभी
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. चिड़िया के पंख किस रंग के हैं?
उत्तर – चिड़िया के पंख नीले रंग के हैं।
प्रश्न 2. चिड़िया किसके दाने खाती है?
उत्तर – चिड़िया जुडी के दाने खाती है।
प्रश्न 3. अनाज के दाने किससे भरे हुए हैं?
उत्तर – अनाज के दाने दूध से भरे हुए हैं।
प्रश्न 4. चिड़िया का स्वभाव कैसा है?
उत्तर – चिड़िया का स्वभाव संतोषी है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कविता के आधार पर चिड़िया के स्वभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर – इस कविता में नीले पंखोंवाली एक छोटी-सी चिड़िया का वर्णन है। इस चिड़िया का स्वभाव संतोषी है। थोड़े से दाने इसके लिए पर्याप्त हैं। यह मुँह बोली है। यह एकांत में उमंग से गाती है। यह गरबीली भी है। इसे अपने साहस और हिम्मत पर गर्व है।
प्रश्न 2. चिड़िया किससे प्यार करती है और क्यों?
उत्तर – इस छोटी चिड़िया को अन्न से प्यार है। यह जुडी के दाने बड़े मन से खाती है। उसे विजन से प्यार है। उसे नदी से भी प्यार है। एकांत जंगल में वह मधुर स्वर में गाती है। वह उफनती नदी की बीच धारा से जल की बूंदें अपनी चोंच में लेकर उड़ जाती है।
प्रश्न 3. चिड़िया अपना जीवन कैसे व्यतीत करती है?
उत्तर – चिड़िया अपना जीवन प्रेम, उमंग और संतोष के साथ व्यतीत करती है। वह सबसे प्रेम करती है। एकांत में भी उमंग से रहती है। वह संतोषी है। वह थोड़े में ही संतोष करती है। आजाद होने की वजह से वह मीठे स्वर में गाती है। उसका स्वर बहुत मीठा है। वह गाते और उड़ते हुए अपना पूरा जीवन व्यतीत करती है।
प्रश्न 4. चिड़िया के गायन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – वह छोटी चिड़िया खुले गले से बहुत ही मीठी आवाज में गाती है, उसके गाने वातावरण में रस घोल देते हैं। वह अपने गीत जंगल को समर्पित कर देती है।
प्रश्न 5. चिड़िया के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर – कवि चिड़िया के माध्यम से खुशी से जीने का संदेश हमें देते हैं। चिड़िया के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि हमें थोड़े में ही संतोष करना चाहिए। इस कविता में अकेले रहकर भी उमंग से जीने का संदेश दिया गया है।
इसके साथ ही कवि हमें बताते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें साहस नहीं खोना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को भी पहचानना चाहिए।
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