NCERT Solution Class 6th Hindi Bal Ram Katha Chapter – 4 राम का वन गमन प्रश्न – उत्तर

NCERT Solution Class 6th Hindi Bal Ram Katha Chapter – 4 राम का वन गमन

TextbookNCERT
Class  6th
Subject (Bal Ram Katha)
Chapter 4th
Chapter Nameराम का वन गमन
CategoryClass 6th  Hindi Bal Ram Katha 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 6th Hindi Bal Ram Katha Ch – 4 राम का वन गमन प्रश्न – उत्तर जिस में हम राम का वन गमन, राम, वन, गमन, कैकेयी, अयोध्या नगरी, अयोध्या, दशरथ, लक्ष्मण राम, लक्ष्मण राम के वन, मुसीबतें, राम ने वन गमन को क्या कहा था?, राम वन गमन पथ की कुल लंबाई कितनी है?, राम भगवान के वन गमन का क्या कारण था?, वन गमन के समय सीता ने राम से क्या कहा?, राम कितने समय तक जीवित रहे?, राम जी की कितनी पत्नियां थी?, राम ने वन में कितने वर्ष बिताए?, वन गमन के पश्चात राम और भरत का मिलन कहाँ पर हुआ?, राम से पहले रावण को किसने हराया था?, राम ने 14 साल कहां बिताए थे?, कैकेयी ने राम को 14 साल का वनवास क्यों भेजा?, कैकेयी ने राम के लिए 14 वर्ष का वनवास ही क्यों माँगा 13 या 15 वर्ष क्यों नहीं?, हनुमान जी की मृत्यु कैसे हुई?, क्या राम सेतु असली है?, भगवान राम की उम्र कितनी थी? आदि इसके बारे में हम बिस्तार से पढ़ेगे।

NCERT Solution Class 6th Hindi Bal Ram Katha Chapter – 4 राम का वन गमन

Chapter – 4

राम का वन गमन

प्रश्न – उत्तर

प्रश्न 1. मंत्री कौन थे?
उत्तर –
अयोध्या नगरी के महामंत्री थे।

प्रश्न 2. कैकेयी ने सुमंत्र से राजा के बारे में क्या कहा?
उत्तर –
कैकेयी ने सुमंत्र से कहा की राजा जी राज्याभिषेक के उत्साह में रात भर जागते रहे हैं। वे बाहर निकलने से पहले राम से बात करना चाहते हैं। आप उन्हें यहाँ ले आइए।

प्रश्न 3. कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से क्या निकला?
उत्तर –
कैकेयी की तरफ देखकर राजा दशरथ के मुँह से केवल एक शब्द निकला– “धिक्कार!”

प्रश्न 4. वन जाने की बात पर सीता ने राम से क्या कहा?
उत्तर –
वन जाने की बात पर सीता ने राम से कहा की “मेरे पिता का आदेश है की मैं सदा छाया की तरह आपके साथ रहूँ! इसलिए मैं भी आपके साथ वन में जाऊँगी।”

प्रश्न 5. राम ने पीछे मुड़ कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो क्या कहा?
उत्तर –
राम ने मुड़कर जब अपनी जन्मभूमि को देखा तो उसे प्रणाम किया और कहा, “हे जननी!” अब चौदह वर्ष बाद ही तुम्हारे दर्शन कर सकूँगा।“

प्रश्न 6. लक्ष्मण ने राज्य सिंहासन के बारे में क्या कहा?
उत्तर –
लक्ष्मण राम के वन गमन से सहमत नहीं थे। लक्ष्मण ने राम से राज्यसिंहासन के बारे में कहा की “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है!”

प्रश्न 7. सीता ने जब कहा की “वो भी वन में साथ जाएगी” तो इस पर राम ने क्या कहा?
उत्तर –
राम नहीं चाहते थे की सीता वन में जाए। इसलिए उन्होंने सीता से कहा “सीते वन का जीवन बहुत कठिन है। न रहने का ठीक स्थान, न भोजन का ठिकाना। कदम कदम पर मुसीबतें हैं। तुम महलों में पली हो ऐसा जीवन कैसे व्यतीत करोगी।“

प्रश्न 8. जब राम वन जा रहे थे तो अयोध्या नगर की स्थिति कैसी थी?
उत्तर –
जब राम वन जा रहे थे तो नगर में उदासी छा गई थी। सबकी आंखें नम थी। सभी चाहते थे की राम वन में न जाएँ। इसलिए सभी उनके रथ के पीछे नंगे पांव दौड़ने लगे।

प्रश्न 9. सुमंत्र के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे क्या पूछा?
उत्तर –
राजा दशरथ सुमित्रा के आने का इंतजार कर रहे थे। सुमित्रा के वन से वापिस आने पर राजा दशरथ ने उनसे राम, लक्ष्मण और सीता के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा की “महामंत्री! राम कहाँ हैं? सीता कैसी हैं? लक्ष्मण के क्या समाचार हैं? वे कहाँ रहते हैं? क्या खाते हैं?”

प्रश्न 10. राम के वन गमन के कितने दिनों बाद राजा दशरथ ने प्राण त्याग दिए?
उत्तर –
राम के वन जाने के बाद राजा दशरथ का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। इसलिए राम वियोग में राजा दशरथ ने राम के वन गमन के छठे दिन प्राण त्याग दिए।

प्रश्न 11. निम्नलिखित वाक्यों में पता लगा ‘किसने किसको कहा’?

(क) महाराज दशरथ ने मुझे एक बार दो वरदान दिए थे, मैंने कल रात वही दो वर मांगे जिससे वो पीछे हट रहे है।
उत्तर –
यह वाक्य कैकेयी ने राम से कहा

(ख) “पिताजी का वचन अवश्य पूरा होगा भरत को राजगद्दी दी जाए मैं आज ही वन चला जाऊंगा!”
उत्तर –
राम ने कैकेयी से कहा

(ग) “आप बाहुबल से अयोध्या का राजसिंहासन छीन ले। देखता हूँ कौन विरोध करता है।”
उत्तर –
लक्ष्मण ने राम से कहा

(घ) अधर्म का सिंहासन मुझे नहीं चाहिए। मैं सीधा वन जाऊँगा”।
उत्तर –
राम ने लक्ष्मण से कहा

(ङ) “महामंत्री! राम कहाँ है? सीता कैसी है? लक्ष्मण के क्या समाचार है?”
उत्तर –
दशरथ ने सुमित्रा से कहा

(च) “ राजकुमार, महाराज ने आपको बुलाया है। आप मेरे साथ चलें!”
उत्तर –
पुत्र ने राम से कहा

प्रश्न 12. राम वन जा रहे हैं, यह समाचार सुनकर नगरवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर –
नगर में जहाँ कुछ समय पहले उत्साह का वातावरण था। राम के वन जाने का समाचार सुनकर उदासी में बदल गया। सभी नगरवासी दशरथ और कैकेयी को धिक्कार रहे थे। उनके आंसुओं से सड़क गीली हो गई थी। सभी ये चाहते थे की राम वन में नहीं जाए।

प्रश्न 13. महर्षि वशिष्ठ ने क्रोध में आकर क्या कहा?
उत्तर –
महर्षि वशिष्ठ ने जब सीता को तपस्विनी के कपड़ों में देखा तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने कहा की अगर सीता वन में जाएगी तो हम सब भी साथ जायेंगे। भरत यहाँ सूनी अयोध्या में राज करेगा। यहाँ कोई नहीं होगा, पशु– पक्षी भी नहीं।

प्रश्न 14. नाम कौन सा दृश्य देखकर विचलित हो गए?
उत्तर –
जब राम वन में जा रहे थे तो सभी नगरवासी, राजा दशरथ, माता कौशल्या उनके रथ के पीछे पीछे भाग रहे थे। उनकी आंखों में आंसू थे। सभी रो रहे थे। वे नंगे पांव भाग रहे थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित हो जाते हैं।

प्रश्न 15. अयोध्या की सीमा कहाँ समाप्त हुई? राम ने वहाँ से किस तरफ प्रस्थान किया?
उत्तर –
अयोध्या नगर की सीमा सई नदी के पास समाप्त होती थी। शाम होते-होते वे गंगा के किनारे श्रृंगवेरपुर गाँव में पहुंच गए। निषादराज ने उनका स्वागत किया। उन्होंने रात को वहीं विश्राम किया। अगले दिन राम ने वन क्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।

प्रश्न 16. हर व्यक्ति शुभ घड़ी की प्रतीक्षा में था, किंतु महामंत्री सुमंत्र असहज क्यों थे?
उत्तर –
अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के उत्सव की तैयारी हो रही थी। सभी लोग उत्सव की तैयारियों में व्यस्त थे। सभी व्यक्ति इस शुभ घड़ी की प्रतिक्षा में थे। लेकिन महामंत्री सुमंत्र असहज थे, क्योंकि कल रात से किसी ने भी महाराज को नहीं देखा था। उन्हें किसी अप्रिय घटना का एहसास हो रहा था।

प्रश्न 17. राजमहल पहुँचने के बाद राम और कैकेयी के बीच हुई वार्ता का वर्णन कीजिए?
उत्तर –
जब सुमंत्र ने राम से कहा की महाराज उन्हें बुला रहे हैं, तब राम महल की ओर चल दिए। लक्ष्मण भी उनके साथ थे। राम समझ नहीं पा रहे थे की पिताजी ने अचानक मुझे क्यों बुलाया है। राम के महल पहुंचते ही उन्होंने सभी को प्रणाम किया। राम को देखकर राजा दशरथ बेहोश हो गए। होश में आने पर भी वे कुछ नहीं बोल सके। राम ने पूछा की क्या हुआ है पिताजी आप मुझसे बातें क्यों नहीं कर रहे हैं।

इस पर कैकेयी ने कहा मैं बताती हूँ। वह कहती है की महाराज ने मुझे दो वरदान दिए थे और आज जब मैंने उनसे ये वर मांगे है तो वो इससे पीछे हट रहे है। यह रघुकुल रीति के विरुद्ध है। वह आगे कहती है की मैं चाहती हूं की भरत का राज्याभिषेक हो, और तुम्हारे लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा है। राम कुछ समय शांत रहते हैं और फिर दृढ़ता से कहते हैं कि पिताजी का वचन जरूर पूरा होगा। भरत को राजगद्दी दी जाए। मैं आज ही वनवास के लिए चला जाऊंगा। ये सारी वार्ता राजमहल पहुंचने पर राम और कैकेयी के बीच होती है।

प्रश्न 18. वनवास की बात सुनकर माता कौशल्या की क्या स्थिति थी? राम ने उन्हें किस प्रकार समझाया?
उत्तर –
जब राम ने माता कौशल्या को वनवास के बारे में बताया तो वह सुध खो बैठी। उनका मन था की वह राम को रोक ले। वह चाहती थी की राम राजगद्दी छोड़ दे। लेकिन अयोध्या में ही रहे। वह राम को वन में नहीं जाने देना चाहती थी। वह राम से कहती हैं की यह राजाज्ञा अनुचित है। तुम्हें इसका पालन करने की जरूरत नहीं है। राम ने उन्हें नम्रता से समझाते हुए कहा की “यह राजाज्ञा नहीं, पिता की आज्ञा है। उनकी आज्ञा का उल्लंघन करना मेरी शक्ति से परे है। आप मुझे वनवास के लिए आशीर्वाद दीजिए।“

प्रश्न 19. राम के वनवास जाते समय राजा दशरथ की क्या स्थिति थी? उन्होंने राम से क्या कहा?
उत्तर –
राम वन जाने से पहले राजा दशरथ से आशीर्वाद लेने गए। राजा दशरथ दर्द से कराह रहे थे। राम के कक्ष में आने पर उनमें प्राणों का संचार हुआ और वे उठकर बैठ गए। उन्होंने राम से कहा “पुत्र मेरी मति मारी गई है। मैं वचनबद्ध हूँ। ऐसा निर्णय लेने के लिए विवश हूँ। लेकिन तुम पर कोई बंधन नहीं है। मुझे बन्दी बना लो और राज संभालों। यह राजसिंहासन तुम्हारा है केवल तुम्हारा।”

प्रश्न 20. राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को क्यों कहा?
उत्तर –
राम जब महल से निकलकर वन के लिए जा रहे थे, तब सुमंत्र रथ लेकर बाहर खड़े थे। सभी रथ से वन की ओर जा रहे थे। सभी अयोध्यावासी राम को रोकने के लिए रथ के पीछे पीछे चल रहे थे। माता कौशल्या और पिता दशरथ भी उनके पीछे थे। नगर के सभी बूढ़े, बच्चें, महिलाएं, पुरुष रथ के पीछे नंगे पैर दौड़ रहे थे। सभी की आँखों में आंसू थे। यह दृश्य देखकर राम विचलित और भावुक हो गए थे। उनसे यह सब देखा नहीं जा रहा था। कोई भी रथ के पीछे न भाग सके इसलिए राम ने महामंत्री सुमंत्र को रथ तेजी से हाँकने को कहा।

NCERT Solution Class 6th Hindi All Chapters Bal Ram Katha
Chapter 1 – अवधपुरी में राम
Chapter 2 – जंगल और जनकपुर
Chapter 3 – दो वरदान
Chapter 4 – राम का वन गमन
Chapter 5 – चित्रकूट में भरत
Chapter 6 – दंडक वन में दस वर्ष
Chapter 7 – सोने का हिरन
Chapter 8 – सीता की खोज
Chapter 9 – राम और सुग्रीव
Chapter 10 – लंका में हनुमान
Chapter 11 – लंका विजय
Chapter 12 – राम का राज्याभिषेक

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here