NCERT Solution Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 3 मुद्रा और साख Notes in Hindi

10 Class अर्थशास्त्र Chapter 3 Money and Credit मुद्रा और साख Notes in Hindi

Textbook NCERT
Class Class 10
Subject अर्थशास्त्र Economics
Chapter Chapter 3
Chapter Name मुद्रा और साख (Money and Credit)
Category Class 10 अर्थशास्त्र Notes in Hindi
Medium Hindi
Source Last Doubt 

Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 3 मुद्रा और साख Notes in hindi.जिसमे मुद्रा विनिमय का एक माध्यम, मुद्रा के आधुनिक रूप, साख, साख की शर्तें, भारत में औपचारिक क्षेत्रक में साख, निर्धनों के लिए स्वयं सहायता समूह आदि के बारे में पढ़ेंगे। 

Class 10 अर्थशास्त्र Chapter 3 मुद्रा और साख (Money and Credit)  Notes in Hindi

?अध्याय – 3?

✍️मुद्रा और साख ✍️

?मुद्रा

✍️  मुद्रा विनिमय प्रक्रिया में एक मध्यवर्ती के रूप में कार्य करती है  इसे विनिमय का माध्यम कहा जाता है।

?मुद्रा का उपयोग

✍️  मुद्रा का उपयोग अनेक प्रकार के लेन – देन में किया जाता है। मुद्रा के द्वारा वस्तुएँ खरीदी और बेची जाती हैं। जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है।

?वस्तु विनियम प्रणाली

✍️  वस्तुओं के बदले वस्तुओं का लेन देने वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाता है।

?वस्तु विनिमय प्रणाली की सीमाएँ

✍️ वस्तु विनिमय के लिए दोहरे संयोग की शर्त का पूरा होना आवश्यक।

✍️ धन या मूल्य के संचयन में कठिनाई।

✍️ अविभाज्य वस्तुओं का विनिमय कठिन।

✍️ वस्तुओं को भविष्य में प्रयोग के लिए (संग्रहित करना लम्बे समय तक) कठिन।

✍️ सेवाओं का मूल्य निर्धारण व विनिमय में कठिनाई।

?आवश्यकताओं का दोहरा संयोग

✍️ जब एक व्यक्ति किसी चीज को बेचने की इच्छा रखता हो, वही वस्तु दुसरा व्यक्ति खरीदने की इच्छा रखता हो अर्थात् मुद्रा का उपयोग किये बिना तो उसे आवश्यकताओं का दोहरा सहयोग कहा जाता है।

?मुद्रा के आधुनिक रूप

✍️ कागज के नोट

✍️ सिक्के

✍️ चेक

✍️ डेबिट कार्ड

✍️ क्रेडिट कार्ड

✍️ यू.पी. आई

✍️ मोबाईल एवं नेट बैंकिंग

?करेंसी

✍️  यह सामान्यतः धन के रूप में स्वीकार की जाती है, जिसमें सिक्के और कागज के नोट शामिल हैं। इसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है और अर्थव्यवस्था के अंदर परिचालित किया जाता है।

✍️  आधुनिक मुद्रा का विनिमय के अतिरिक्त कोई और अन्य उपयोग नहीं है।

?भारत में करेंसी

✍️  भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है। विनिमय के माध्यम के रूप में रुपये को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।

?रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख कार्य

✍️ सरकार की ओर से मुद्रा जारी करता है।

✍️ बैंको व समितियों की कार्य प्रणाली पर नज़र रखता है।

✍️ ब्याज की दरो एवं ऋण की शर्तों पर निगरानी रखता है।

✍️ बैंक कितना नकद शेष अपने पास रखे हुए है। उसकी सूचना रखता है।

✍️ ऋण किस प्रकार वितरित करना है, इसकी नजर रखता है।

?बैंकों में निक्षेप (जमा)

✍️ मुद्रा को एकत्रित या जमा करने का यह अन्य रूप है।

✍️ लोग अपने नाम पर एक बैंक खाता खोलकर बैंकों में अपना अतिरिक्त पैसा जमा करते हैं।

✍️ बैंक जमा राशि स्वीकार करते हैं और इस पर ब्याज (Interest) भी देते हैं।

✍️ बैंक में जमा किए गए धन को जमाकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार निकाल सकते हैं।

?माँग जमा

✍️ बैंक खातों में जमा धन को माँग के ज़रिए निकाला जा सकता है, इसलिए इस जमा को माँग जमा कहा जाता है।

?चेक की सुविधा

✍️ चेक एक ऐसा कागज है, जो बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक विशेष रकम का भुगतान करने का आदेश देता है।

✍️ यह नकदी के प्रयोग के बिना भुगतानों को हल करता है।

?आधुनिक बैंकिंग प्रणाली

✍️  मुद्रा और जमा का आधुनिक रूप आधुनिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़ा हुआ है।

?बैंकों की ऋण संबंधी क्रियाएँ

✍️ बैंक लोगों की जमा राशि स्वीकार करते हैं और इस प्रकार बैंक जमा के रूप में बड़ी राशि एकत्र करते हैं।

✍️ भारत में बैंक जमा का केवल 15% हिस्सा नकद (Cash) के रूप में अपने पास रखते हैं। ऐसा प्रावधान जमाकर्ताओं द्वारा

✍️ किसी एक दिन में धन निकालने की संभावना को देखते हुए किया गया है।

✍️ बैंक उधारकर्ताओं को अग्रिम ऋण देते हैं और इस पर उच्च ब्याज लेते हैं।

✍️ कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिए गए ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है।

?साख

✍️ साख एक ऐसा समझौता है जिसके तहत ऋणदाता उधारकर्त्ता को धनराशि, वस्तु एवं सेवाएँ इस आश्वासन पर उधार देता है कि वह भविष्य में उसका भुगतान कर देगा।

?साख संपत्ति के रूप में

✍️ त्यौहारों के दौरान जूता निर्माता सलीम, को एक महीने के अंदर भारी मात्रा में जूता बनाने का आदेश मिलता है। इस उत्पादन को पूरा करने के लिए वह अतिरिक्त मजदूरों को काम पर ले आता है।और उसे कच्चा माल खरीदना पड़ता है।

✍️ वह आपूर्तिकता को तत्काल चमड़ा उपलब्ध कराने के लिए कहता है।और उसके बाद में भुगतान करने का आश्वासन देता है उसके बाद वह व्यापारी से कुछ उधार लेता है।

✍️ महीने के अंत तक वह ओदश पूरा कर पाता है, अच्छा लाभ कमाता है।और उसने जो भी उधार लिया होता है, उसका भुगतान कर देता है।

?साख ऋणजाल के रूप में

✍️ एक किसान स्वप्ना कृषि के खर्च को वहन करने के लिए साहुकार से उधार लेती है। लेकिन दुर्भाग्य से फसल कीडों या किसी अन्य वजह से बर्बाद हो जाती है। ऐसे में वह ऋण का भुगतान नहीं कर पाती है और ऋण ब्याज के साथ बढ़ता जाता है।

?सलीम व स्वप्ना दोनों के लिए ऋण की अलग परिस्थिति

✍️ सलीम के लिए ऋण ने सकारात्मक भूमिका निभाई। उसने लाभ भी कमाया व ऋण भी चुकाया।

✍️ स्वप्ना के लिए ऋण की नकारात्मक भूमिका थी । वह ऋण चुकाने व लाभ कमाने में असमर्थ थी। वह कर्ज – जाल में फंस गई, उसे जमीन बेचनी पड़ी।

?कर्ज – जाल उत्पन्न होने की परिस्थितियाँ

✍️ जब कर्जदार अपना पिछला ऋण चुकाने में असमर्थ होता है।

✍️ पुराने कर्ज़ को चुकाने के लिए नया कर्ज ले लेता है।

✍️ उसे ऋण अदायगी के लिए अपनी परिसम्पत्ति बेचनी पड़ जाती है।

✍️ उसकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाती है।

?ऋण की शर्तें

✍️  ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागज़ात और भुगतान के तरीकों को सम्मिलित रूप से ऋण की शर्तें कहा जाता है।

✍️ ऋण की शर्तें विभिन्न व्यक्तियों या समूहों के लिए अलग अलग हो सकती हैं।

?समर्थक ऋणाधार

✍️  उधार दाता, उधार प्राप्तकर्ता से समर्थक ऋणाधार के रूप में ऐसी परिसम्पतियों की माँग करता है। जिन्हें बेचकर वह अपनी ऋण राशि की वसूली कर सके। ये परिसम्पत्तियाँ ही समर्थक ऋणाधार कहलाती हैं।

✍️  उदाहरण :- कृषि भूमि, जेवर, मकान, पशुधन, बैंक जमा आदि।

?विविध प्रकार की साख व्यवस्था

✍️  ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण की मुख्य माँग फसल उत्पादन के लिए होती है, जिसमें बीज, उर्वरक, कीटनाशक, पानी, बिजली, उपकरणों की मरम्मत आदि पर काफी खर्च होता है। एक गाँव में विभिन्न श्रेणियों के उधारकर्ताओं के लिए अलग – अलग साख या ऋ%