नैदानिक पोषण और आहारिकी के अध्ययन का क्या महत्त्व है?

नैदानिक पोषण और आहारिकी के अध्ययन का क्या महत्त्व है?

उत्तर –

वर्तमान युग प्रतिस्पर्द्धा का युग है। प्रत्येक व्यक्ति कुछ-न-कुछ पाने की होड़ में लगा है जिसके कारण व्यक्तिगत जीवनशैली, स्वास्थ्य पोषक जैसे प्रत्यय व्यावसायिक लोगों के लिए गौण हो गए हैं। इसके अतिरिक्त मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग जैसी जीवनशैली सम्बन्धित बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले कुछ दशकों में जनसांख्यिकी परिवर्तनों के कारण विश्वभर में वृद्धों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस प्रकार जनसंख्या का वह भाग भी बढ़ रहा है जिसे पोषण संबंधी देखभाल तथा सहायता और आहार सलाह की अधिक आवश्यकता है। ऐसे में नैदानिक पोषण विशेषज्ञ / चिकित्सा पोषण उपचारक विभिन्न बीमारियों के प्रबंधन के लिए चिकित्सीय आहार सुझाने के अतिरिक्त बीमारियों की रोकथाम और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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