‘माता का अँचल’ पाठ में जिस ग्राम्य जीवन और संस्कृति का उल्लेख है, उसमें वर्तमान में क्या अंतर आया है? क्या उस अंतर को आप सकारात्मक मानते हैं?

‘माता का अँचल’ पाठ में जिस ग्राम्य जीवन और संस्कृति का उल्लेख है, उसमें वर्तमान में क्या अंतर आया है? क्या उस अंतर को आप सकारात्मक मानते हैं?

उत्तर – इस उपन्यास अंश में लिखित या वर्णित तत्कालीन ग्रामीण संस्कृति की तुलना आज के ग्रामीण संस्कृति से की जाए तो दोनों संस्कृति के बीच बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलेगा जहां पहले लोग भौतिक संसाधनों के अभाव में आपसी ठिठेले, मटरगश्ती और नोकझोंक से अपना मनोरंजन करते थे, रीति-रिवाजों और आदर्शों का पालन करते थे वही आज के लोग भौतिक साधनों जैसे- टीवी, मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, रेडियो आदि को ही अपना मनोरंजन का साधन बना चुके हैं और पुराने रीति-रिवाजों तथा आदर्शों को भूलते जा रहे हैं।

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