क्या आप सहमत हैं कि किशोरावस्था एक व्यक्ति के जीवन का “निर्णायक मोड़” है।

प्रश्न. क्या आप सहमत हैं कि किशोरावस्था एक व्यक्ति के जीवन का “निर्णायक मोड़” है।

उत्तर –

जी हाँ मैं कथन से पूरी तरह सहमत हूँ कि किशोरावस्था एक व्यक्ति के जीवन का “निर्णायक मोड़” है। किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन और नाजुक काल है, क्योंकि

(i) किशोरावस्था ऐसी अवस्था है जिसमें किशोर पूरी तरह से परिपक्व नहीं होते जिसके कारण वह किसी भी स्थिति से जल्दी प्रभावित हो जाते है।

(ii) ऐसा माना जाता है कि 10 से 20 वर्षों की आयु के दौरान जो भी आदतें एक बार विकसित हो जाए वह जीवनभर बनी रहती है।

(iii) किशोर जिस परिवेश में बड़े होते है वह उनके भावी जीवन की दिशा एवं रूप रेखा को काफी हद तक प्रभावित करता है।

(iv) किशोरों में सीखने-समझने की काफी अच्छी क्षमता होती है, इस अवस्था के दौरान वह जो कुछ भी देखते, समझते और सीखते है वह उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here