किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर व्यायाम के लाभों को उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर –
व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य कल्याण (Exercise, Mental Health and Well-being) – विभिन्न शोध कार्यों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि, नियमित रूप से व्यायाम के कारण होने वाले शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी लाभों के साथ-साथ व्यक्ति के स्वास्थ्य कल्याण (Wellbeing) और मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए,
- एक विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अवसादग्रस्त व्यक्तियों का 4 महीनों तक अध्ययन किया और पाया कि जिन व्यक्तियों ने सप्ताह में तीन बार तीस मिनट के लिए व्यायाम किया था, उनमें से 60 प्रतिशत व्यक्ति बिना किसी दवाई के अवसाद पर काबू पा सके।
- विभिन्न शोध कार्यों द्वारा यह प्रमाणित हो चुका है कि, प्रतिदिन केवल 8 मिनट तक व्यायाम करने से स्वस्थ व्यक्ति की रोग प्रतिरोध क क्षमता में सुधार आता है और साथ-ही-साथ उसकी उदासी, तनाव और क्रोध में कमी आती है।
- विभिन्न प्रकार के मानसिक तनावों से ग्रस्त कई लोगों ने भी यह अनुभव किया है कि व्यायाम आत्मविश्वास को बढ़ाने और साथ-साथ दुश्चिंता और दबाव को कम करने में सहायता करता है।
उपरोक्त उदाहरणों से यह सिद्ध होता है कि, नियमित रूप से व्यायाम व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और कुशलता में विशे योगदान करता है। अतः, व्यायाम को जीवन के एक ऐसे अनिवार्य क्रियाकलाप के रूप में समझा जाना चाहिए कि जो विभिन्न प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं की रोकथाम करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि, व्यायाम को कभी भी किसी प्रकार की मजबूरी या सजा समझकर नहीं किया जाना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति व्यायाम के वास्तविक लाभों से वंचित रह सकता है। इसलिए व्यायाम को सजा समझने की उसे पूरे आनंद के साथ करना चाहिए, ऐसा करने से कई प्रकार के शारीरिक दर्द और तकलीफे तथा विभिन्न प्रकार की मानसिक परेशानियाँ धीरे-धीरे स्वतः ही गायब हो जाती है।
आदिकाल से ही भारत में विभिन्न प्रकार के व्यायामों के अतिरिक्त योग और ध्यान-मनन करने की भी प्रथा रही है। योग्य तथा ध्यान लगाने से मानसिक स्वास्थ्य और कुशलता में वृद्धि होती है। योग शरीर को और अधिक लचीला बनाता है। विभिन्न शोध कार्यों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि, नियमित रूप से योग करने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, तनाव इत्यादि जैसी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है तथा उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।
नियमित रूप से व्यायाम करने से मस्तिष्क ऐंडोर्फिन्स नामक द्रव्य निष्कासित करता है, जोकि प्राकृतिक दर्द निवारक हैं और प्रसन्नता तथा कुशलता की भावनाओं को बढ़ाता हैं। आधुनिक जीवनशैली के कारण आज लगभग हर व्यक्ति किसी-न-किसी प्रकार के तनाव से ग्रस्त है। ऐसे में यह जरूरी है कि हर व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान दे।
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