कर्मचारियों (कार्यबल) का चयन करते समय किन प्राचलों (पैरामीटर) का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर –
कर्मचारियों का चयन तथा भर्ती : भर्ती का तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसमें विभिन्न आवेदकों का साक्षात्कार एवं परीक्षण (interviews and tests) करके तथा उनके द्वारा दिए गए प्रलेखों और संदर्भों का सत्यापन (verification of docoments and referenes) करके सबसे योग्य/सर्वोत्तम आवेदक को नौकरी के लिए चयनित (Select ) किया जाता। यहाँ चयन का अर्थ हैं – सबसे उपयुक्त तथा अनुकूल कर्मचारी को नियुक्त करना। आजकल लगभग सभी कंपनियाँ अपने यहाँ मानव संसाधन व्यावसायिकों को नौकरी पर रखती है ताकि वह कंपनी की आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे उपयुक्त व्यक्ति को खोज सके। इसके अतिरिक्त जो कंपनियाँ अपने यहाँ ऐसे व्यवसायिकों को नहीं रखती वह इस काम की जिम्मेदारी किसी ऐसी एजेंसी या संस्था को दे देती है जिसके यहाँ बहुत से मानव संसाधन व्यवसायिक कार्यरत होते हैं और जो अपनी ग्राहक कंपनियों की आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे योग्य व्यक्ति को कंपनी में काम करने के लिए प्रेरित करके भर्ती करना इनका मुख्य कार्य संभालते है। इसके लिए वह अपनी ग्राहक कंपनी से नौकरी पर रखे गए प्रतिव्यक्ति के हिसाब से चार्ज वसूलते है। कंपनी के लिए भावी कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया अच्छे अनुभवी, जानकार तथा सही निर्णय करने वाले व्यक्तियों द्वारा की जानी चाहिए ताकि कंपनी की प्रगति हो सकें।
कर्मचारियों के चयन और भर्ती प्रक्रिया के बाद मानव संसाधन विभाग का अगला प्रमुख कार्य चयनित कर्मचारियों का प्रशिक्षण तथा विकास होता है, और यह मानव संसाधन विभाग का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण उत्तरदायित्व भी है, जो नए कर्मचारियों के प्रवेश कार्यक्रमों (induction programmes) के आयोजन से शुरू होता है। कार्य विश्लेषण का क्या अभिप्राय है? किसी विशेष रोजगार को करने के लिए उससे संबंधित कर्त्तव्यों, उत्तरदायित्वों, आवश्यक कौशलों, परिणामों तथा कार्य परिवेश के लिए सूचना एकत्र करने की प्रक्रिया को कार्य/रोजगार विश्लेषण कहते हैं।
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