भारत और रूस के संबंध दशकों पुराने और ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ हैं। दोनों देशों के बीच यह संबंध राजनीति, रक्षा, व्यापार, विज्ञान और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर आधारित है। इसे निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भारत और रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के बीच औपचारिक संबंध 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद स्थापित हुए।
- शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ ने घनिष्ठता से काम किया। भारत की गुटनिरपेक्ष नीति के बावजूद, सोवियत संघ भारत का प्रमुख सहयोगी रहा।
- 1971 में हस्ताक्षरित भारत-सोवियत मित्रता संधि ने दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
2. राजनीतिक संबंध
- रूस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य, हमेशा कश्मीर और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का समर्थन करता रहा है।
- भारत ने भी रूस के आंतरिक मामलों, जैसे चेचन्या और क्रीमिया के मुद्दों पर रूस का समर्थन किया है।
3. रक्षा सहयोग
- रक्षा क्षेत्र में भारत और रूस के संबंध सबसे महत्वपूर्ण हैं। भारत अपनी सैन्य जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा रूस से आयात करता है।
- ब्रह्मोस मिसाइल, सुखोई विमान और टी-90 टैंकों का उत्पादन भारत और रूस के संयुक्त रक्षा सहयोग के उदाहरण हैं।
- 2021 में, दोनों देशों ने 10 वर्षीय रक्षा सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।
4. आर्थिक संबंध
- व्यापार में ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभाता है। भारत रूस से तेल, गैस और कोयला आयात करता है।
- 2025 तक भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार को 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
- भारत रूस के सुदूर पूर्व (Far East) क्षेत्र में निवेश कर रहा है, खासतौर पर खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में।
5. परमाणु और अंतरिक्ष सहयोग
- रूस ने भारत के परमाणु कार्यक्रम और नागरिक परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं (जैसे कुडनकुलम परमाणु संयंत्र) में सहयोग किया है।
- अंतरिक्ष कार्यक्रमों में रूस ने ISRO की मदद की है। भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा 1984 में रूस के साथ ही अंतरिक्ष में गए थे।
6. सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध
- दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान लंबे समय से चलता आ रहा है। भारतीय फिल्में और योग रूस में लोकप्रिय हैं, जबकि रूस की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर भारत में प्रशंसित है।
- हजारों भारतीय छात्र रूसी विश्वविद्यालयों में विशेष रूप से चिकित्सा और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जाते हैं।
7. चुनौतियां और नए आयाम
- हाल के वर्षों में, भारत ने अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ भी संबंध मजबूत किए हैं, जिससे भारत-रूस संबंधों पर दबाव बढ़ा है।
- रूस का चीन के साथ बढ़ता सहयोग और भारत का क्वाड (QUAD) में शामिल होना, दोनों देशों के बीच चुनौतियां पैदा करता है।
- हालांकि, दोनों देश बहुपक्षीय संगठनों जैसे BRICS, SCO और G20 में मिलकर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं व्यापक हैं, लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में इन संबंधों को नई चुनौतियों के साथ अनुकूलित करना आवश्यक होगा।