हम ई.सी.सी.ई. में जीविका के लिए किस प्रकार तैयारी कर सकते हैं? वर्णन कीजिए।

हम ई.सी.सी.ई. में जीविका के लिए किस प्रकार तैयारी कर सकते हैं? वर्णन कीजिए।

उत्तर –

प्रारंभिक बाल्यावस्था के दौरान बच्चों की देखभाल एवं शिक्षा के क्षेत्र में जीविका बनाने के इच्छक व्यक्ति का भली-भान्ति प्रशिक्षित तथा सतर्क होना जरूरी हैं।

बच्चो जो भी क्रियाकलाप या गतिविधियाँ करते हैं, उन्हें कैसे और क्यों करते हैं, इसके बारे में अधिक जानने से यह समझ पाते है कि एक ही आयु वर्ग के बच्चों में अलग-अलग व्यवहार एवं क्षमताएँ होने का मुख्य कारण उनकी वैयक्तिक भिन्नताएँ हैं। वह यह भी समझ पाएँगे कि अक्सर विभिन्न बच्चों अथवा भाई-बहनों के बीच तुलना करना ठीक नहीं होता। यह इसलिए भी आवश्यक है ताकि बच्चों के विकास के अध्यापक उनसे वास्तविक अपेक्षाएँ रखे।

एक शिक्षक को मुख्य रूप से छोटे बच्चों को अवसर प्रदान करने का तरीका पता होना चाहिए क्योंकि बच्चों को वयस्कों के मार्गदर्शन की बहुत जरूरत होती है। एक समझदार शिक्षक बच्चों की सृजनात्मकता को विकसित करने में भी सहायक होता है। विद्यालय पूर्व शिक्षक को बच्चों की क्षमताओं के विषय में विशेष रूप से जानकारी होनी चाहिए। उसे इस बात का पूरा ज्ञान होना चाहिए कि बच्चा वास्तव में क्या जानता है? और कितना जानने/समझने की उसमें क्षमता है? यह जान लेने पर एक व्यावसायिक ऐसा अनुकूल परिवेश प्रदान कर सकता है जिसमें सीखना आसान, आनंददायक और अर्थपूर्ण हो सकता है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को दिया गया काम न तो बहुत आसान और न ही बहुत कठिन, अन्यथा बच्चे की या तो उसमें दिलचस्पी नहीं रहती है या वह कार्यकलाप करने के लिए प्रेरित नहीं होता।

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here