गर्म कपड़ों का संरक्षण करते समय किन चार बातों का ध्यान रखोगे?
उत्तर – सूती तथा लिनन
विशेषताएँ
• मजबूत रेशे, विशेषकर तब जब गीले हो, सख्त रगड़ाई को सह सकते है।
• क्षार के प्रतिरोधी, आसानी से डिटर्जेंट द्वारा धोए जा सकते हैं।
• उच्च तापमान सह सकते हैं, यदि आवश्यकता हो तो उबले भी जा सकते है।
• कार्बनिक सॉल्वेंट्स और ब्लीच के प्रतिरोधी, अम्लीय पदार्थ से कमजोर होते हैं।
देखभाल संबंधी आवश्यकता
• उपयोग किए गए अम्लीय अभिकर्मकों को अच्छी तरह से धोकर निकाल देना चाहिए।
ऊनी
• कमजोर तंतु और जब यह गीला होता है तो और कमजोर हो जाता है।
• क्षारीय पदार्थों द्वारा आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाते है।
• ड्राईक्लीनिंग सॉल्वेंट्स और स्टेन रिमूवल एजेंट्स का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता है।
• मशीन में धुलाई के दौरान ऊन सिकुड़ सकती है।
• धुलाई के दौरान बुनी हुई ऊन के वस्त्र अपना वास्तविक आकार खो सकते है।
• काफी लचीली होती है तथा झुर्रियाँ भी नहीं पड़ती। इसलिए इस्त्री की विशेष आवश्यकता नहीं पड़ती।
• ऊनी में उपस्थिति प्रोटीन को मॉथ तथा कारपेट बिटल द्वारा नुकसान पहुँचाया जा सकता है।
देखभाल संबंधी आवश्यकता
• ध्यानपूर्वक धोए जाने चाहिए।
• सख्त डिटर्जेंट या साबुन से बचना चाहिए।
• ब्लीच का उपयोग देखभाल के साथ करना पड़ता है।
• ठंडे पानी में धोए तथा हाथों का प्रयोग कम करें। धोने से पहले कपड़े का खाका बनाया जाता है तथा धोने के बाद सुखाते समय वस्त्रों को खाके के अनुसार पुनः पहले वाले आकार में लाया जाता है।
• साधारण इस्त्री से प्रेस न करें, बल्कि आवश्यकता हो तो स्टीम प्रेस करवाए।
• रसायनों के निरंतर उपयोग से संग्रहण के दौरान ऊनी वस्त्रों को नुकसान से बचाया जा सकता है। नेपथलीन बॉलस का प्रयोग काफी करगर सिद्ध होता है।
रेशम
मजबूत तंतु लेकिन गीला होने पर कमजोर होता है। रेशमी वस्त्रों की धुलाई सावधानीपूर्वक करनी चाहिए।
देखभाल संबंधी आवश्यकता
धोते समय केवल हल्के हाथ से रगड़ना चाहिए।
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