NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) कारक
Textbook | CBSE |
Class | 6th |
Subject | Hindi Grammar (व्याकरण) |
Grammar Name | कारक |
Category | Class 6th हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) कारक जिसमे हम 8 कारक कौन कौन से हैं?, कारक किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?, कारक के उदाहरण क्या है?, 6 कारक कौन कौन से हैं?, घर से कौन सा कारक है?, कारक चिन्ह कितने होते हैं?, कारक और गुणक का अर्थ क्या है?, गणित में कारक का अर्थ क्या है?, कारक के तीन प्रकार क्या हैं?, कारक चिन्ह को क्या कहते हैं?, कारक चिन्ह का प्रयोग कैसे करें?, गुणन में कारक क्या है?, गरीबी को वस्त्र दो में कौन सा कारक है?, पेड़ से पत्ता गिरता है पेड़ से में कौन सा कारक है?, 6 के कारक जोड़े क्या हैं?, ड्राइवर को में कौन सा कारक है?, मैं पर किसका कारक है?, वह अगले साल आएगा कौन सा कारक है?, 16 के लिए कितने कारक हैं?, 16 के लिए कारक जोड़े क्या हैं?, बच्चों के लिए कारक क्या हैं?, गुणक का सूत्र क्या है?, गुणक की परिभाषा क्या है?, गणित में गुणक क्या है?, कलम से कौन सा कारक है?, पत्ते धीरे-धीरे क्यों गिरते हैं?, क्या पेड़ आवाज करता है?, कारक कैसे पता करें?, 12 के कारक जोड़े क्या हैं?, 17 के कारक जोड़े क्या हैं? आदि के बारे में विस्तार से पढेंगें। |
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) कारक
हिन्दी व्याकरण
कारक
कारक का शाब्दिक अर्थ है-
‘क्रिया को करने वाला’ अर्थात क्रिया को पूरी करने में किसी-न-किसी भूमिका को निभाने वाला। यानी अर्थपूर्ण बनाने वाला। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया तथा वाक्य के अन्य शब्दों के साथ संबंध का पता चलता है, उसे कारक कहते हैं।
कारक के कितने भेद होते – कारक के भेद- कारक के आठ भेद होते हैं। निचे दिए गए करक को ध्यान पुर्बक पढ़े।
क्रम | कारक | चिह्न | अर्थ |
1 | कर्ता | ने | काम करने वाला |
2 | कर्म | को | जिस पर काम का प्रभाव पड़े |
3 | करण | से, द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करें |
4 | सम्प्रदान | को, के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
5 | अपादान | से (अलग होना) | जिससे अलगाव हो |
6 | सम्बन्ध | का, की, के; ना, नी, ने; रा, री, रे | अन्य पदों से सम्बन्ध |
7 | अधिकरण | में, पर | क्रिया का आधार |
8 | संबोधन | हे! अरे! अजी! | किसी को पुकारना, बुलाना |
कारक, कारक चिह्न, परसर्ग –
1. कर्ता कारक – कर्ता का अर्थ होता है- करने वाला; जैसे-आयुष ने स्वर्ण पदक जीतकर विद्यालय का सक्मान बढ़ाया। उपर्युक्त वाक्य में सम्मान बढ़ाने वाला आयुष है। अतः कर्ता वही है और इसका ज्ञान करा रहा है ने परसर्ग। शब्द के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। जैसे-माँ ने खाना बनाया।
2. कर्म कारक – शब्द के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। कर्म कारक का परसर्ग ‘को’ होता है; जैसे-डाकिया ने ओजस्व को पत्र दिया। कर्म की पहचान के लिए क्रिया के साथ क्या तथा किसको लगाकर प्रश्न करने पर, जो उत्त. आता है वही कर्म होता है।
3. करण कारक – कर्ता जिस साधन या माध्यम से कार्य करता है, उस साधन या माध्यम को करण कारक कहते हैं। करण कारक के परसर्ग ‘से’ के दुवारा’ तथा ‘के साथ होते हैं; जैसे ओजस्व ने राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार पाया। मुझे जहाज़ से कोलकता जाना है। राधा दादी जी के साथ रह रही है।
4. संप्रदान कारक – जहाँ कर्ता किसके लिए कार्य करता है या जिसे कुछ देता हैं उस भाव को बताने वाले शब्द को संप्रदान कारक कहते हैं। इस कारक के परसर्ग हैं-को, के लिए, हेतु। जैसे नेता जी ने गरीबों को कंबल बाँटे। पिता जी ओजस्व के लिए साइकिल लाए। बहनें अपनी रक्षा हेतु भाइयों को राखी बाँधती हैं।
5. अपादान कारक – संज्ञा और सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने, दूरी बताने, तुलना करने तथा सजाने आदि के भाव का पता चलता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। अपादान कारक का परसर्ग ‘से होता है। अपादान कारक की पहचान के लिए क्रिया के साथ कहाँ से, किससे लगाकर प्रश्न किया जाता है। फिर उसका उत्तर आता है, वह अपादान कारक होता है; जैसे-नेहा सीमा से सुंदर है। बाघ शिकारी से डर गया। आयुष दुकान से चीनी लाया।
6. संबंध कारक – संज्ञा के जिस रूप से दो संज्ञाओं अथवा सर्वनामों के आपसी संबंध का पता चलता है, वह संबंध कारक कहलाता है। संबंध कारक की पहचान के लिए अथवा सर्वनाम के साथ किसका, किसकी, किसके, किसने आदि शब्दों को लगाकर प्रश्न करके उसके उत्तर प्राप्त किए जाते हैं, वे ही उत्तर संबंध कारक कहलाते हैं, संबंध कारक के परसर्ग का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी आदि होते हैं; जैसे यह बस्ता ओजस्व का है। कल नेहा की शादी है। अंशु दादी जी के साथ स्कूल गई।
7. अधिकरण कारक – संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के समय, स्थान, अवसर आदि का पता चलता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। अधिकरण कारक के परसर्ग ‘में’ तथा ‘पर’ होते हैं। अधिकरण कारक की पहचान के लिए वाक्य में क्रिया के साथ कहाँ लगाकर प्रश्न तथा उत्तर प्राप्त करने के लिए किया जाता है; जैसे–पेड़ पर चिड़िया बैठी है। मेज़ पर अंशु की किताब रखी है। थैले में फल हैं।
8. संबोधन कारक – जिन संज्ञा शब्दों का प्रयोग किसी को बुलाने या पुकारने अथवा संबोधित करने के लिए किया जाता है, वे संबोधन कारक कहलाते हैं। संबोधन कारक में परसर्ग ‘अरे, हे, ओ’ आदि होते हैं। जैसे-अरे मोहन! यहाँ आना! हे वीरो मातृभूमि की रक्षा करो।
प्रश्न 1. कारक किसे कहते हैं कितने भेद होते हैं?
प्रश्न 2. कारक का क्या उदाहरण?
जैसे – राम ने रावण को बाण से मारा। यहाँ राम बाण से या बाण द्वारा रावण को मारने का काम करता है। यहाँ ‘बाण से’ करण कारक है।
प्रश्न 3. कारक का चिन्ह क्या होता है?
प्रश्न 4. काल के कितने भेद होते हैं?
प्रश्न 5. राम ने रोटी खाई में कौन सा कारक है?
प्रश्न 6. सर्वनाम में कितने कारक का प्रयोग किया जाता है?
प्रश्न 7. कर्ता कारक की पहचान कैसे करें?
प्रश्न 8. गंगा हिमालय से निकलती है इस वाक्य में कौन सा कारक है?
प्रश्न 9. मैंने राधा को पुस्तक दी में कारक कौन सा है?
प्रश्न 10. यह मेरा विद्यालय है में कौन सा कारक है?
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar Vyaakaran |
You Can Join Our Social Account
Youtube | Click here |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Click here | |
Telegram | Click here |
Website | Click here |