NCERT Solutions Class 10th Hindi व्याकरण Grammar वाच्य
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | हिन्दी व्याकरण |
Chapter | व्याकरण |
Grammar Name | वाच्य |
Category | Class 10th Hindi (हिन्दी व्याकरण) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Hindi Grammar व्याकरण वाक्य-भेद वाच्य व्याकरण हम इस अध्याय में वाच्य के कितने भेद, वाच्य शब्द का अर्थ, वाच्य किसका रूप होता है, राम ने पुस्तक पढ़ी, बच्चे खेल रहे हैं, वह लड़ाई में मारा गया, राहुल से दौड़ा नहीं जाता, मां ने बच्चे को दूध पिलाया, मुझसे उठा नहीं गया, कौन सा वाच्य है, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 10th Hindi व्याकरण Grammar वाच्य भेद
हिन्दी व्याकरण
वाच्य
वाच्य – वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय या बोलने योग्य क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है, कर्म है, या भाव है उसे वाच्य कहते हैं। जैसे – रोहन गा रहा है। इस वाक्य में खेलने का मुख्य विषय ‘रोहन’ अर्थात कर्ता है इसलिए यह कर्तृवाच्य है।
वाच्य के दो भेद हैं-
कर्तृवाच्य – इसमें कथन का केंद्र कर्ता होता है| कर्म गौण होता है| कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक भी हो सकती है और अकर्मक भी। जैसे –
सिमा पुस्तक पढ़ती है। (सकर्मक)
मोहन खेलता है। (अकर्मक)
अकर्तृवाच्य – जिसमें कर्ता गौण रहता है या उसका महत्व काम रहता है उन्हें अकर्तृवाच्य कहते हैं। अकर्तृवाच्य के दो भेद हैं-
कर्मवाच्य – जिस वाक्य में केंद्र-बिंदु कर्ता ना होकर कर्म हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं। इसमें वाक्य का उद्देश्य कर्म होता है और मुख्य क्रिया सकर्मक होती है। इसकी क्रिया में एक से अधिक क्रिया पद होते हैं। कर्म की प्रधानता होने के कारण दो स्थितियाँ हो जाती हैं- कर्ता का लोप हो जाता है| कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ का प्रयोग होना।
रोगी को खाना दिया गया। (कर्ता का लोप)
रमा से पतंग उड़वाया गया। (कर्ता (रमा) के बाद ‘से’ का प्रयोग)
घर की पूरी तलाशी ली गयी। (कर्ता का लोप)
भाववाच्य – जिनमें कर्ता की प्रधानता ना होकर अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख हो उसे भाववाच्य कहते हैं। भाववाच्य की क्रिया हमेशा अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में रहती है| इसमें कर्ता और कर्म की प्रधानता नहीं होती। जैसे –
थोड़ी देर चल लिया जाए।
हल्का पानी पी लिया जाए।
भाववाच्य का प्रयोग प्राय – निम्न स्थितियों में किया जाता है-
अनुमति या आज्ञा प्राप्त करने के लिए।
विवशता या असमर्थता प्रकट करने के लिए।
असमर्थता प्रकट करने के लिए ‘नहीं’ के साथ भाववाच्य का प्रयोग किया जाता है।
अब मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा।
मैं दिनभर भूखा नहीं रख सकता है।
वाच्यों की पहचान कैसे करें?
(क) कर्तृवाच्य – जहाँ कर्ता विभक्ति के बिना हो अथवा उसके साथ ‘ने’ विभक्ति का प्रयोग हो।
(ख) कर्मवाच्य – जहाँ कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ विभक्ति का प्रयोग हो। इसमें मुख्य क्रिया सकर्मक होती है।
(ग) भाववाच्य – जहाँ कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा’ कारक चिह्न हो। इसमें क्रिया अकर्मक होती है तथा क्रिया एकवचन, पुल्लिंग में होती है।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना
(i) पहले कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित करना पड़ता है।
(ii) उस परिवर्तित क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदलना होता है।
(iii) कर्तृवाच्य के कर्ता के साथ यदि कोई विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ आदि जोड़ना होता है।
(iv) यदि कर्म के साथ विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाना होता है।
कर्तृवाच्य | कर्मवाच्य |
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मैं गृहकार्य पूरा किया | मुझसे गृहकार्य पूरा किया गया। |
रेखा ने मधुर गीत गाए। | रेखा द्वारा मधुर गीत गाया गया। |
अशोक ने आम खाया। | अशोक द्वारा आम खाया गया। |
दादी कविताएँ सुनाएँगीं। | दादी द्वारा कविताएँ सुनाई जाएँगीं। |
वह रात में दूध पीता है। | उसके द्वारा रात में दूध पिया जाता है। |
कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना
(i) भाववाच्य बनाने के लिए कर्ता को करण कारक में बदलना होता है।
(ii) अकर्मक धातु के सामान्य भूतकाल के रूप बनाकर अंत में ‘जा’ धातु के प्रथम पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन का रूप लगाना होता है।
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
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हम खड़े नहीं हो सकते। | हमसे खड़ा नहीं हुआ जा सकता। |
महेश नहीं रोता है। | महेश से रोया नहीं जाता। |
पक्षी आकाश में उड़ते हैं। | पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है। |
गरिमा जागती है। | गरिमा से जागी जाती है। |
हरि दौड़ेगा। | हरि से दौड़ा जाएगा। |
भाववाच्य और कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
(i) कर्तृवाच्य बनाने की पद्धति उपर्युक्त विधियों के ठीक विपरीत है।
(ii) इसमें पहले कर्ता को पहचानना होता है। के द्वारा’ या ‘से’ को हटाकर क्रिया का कर्तृवाच्य में प्रयोग करना होता है।
भाववाच्य और कर्मवाच्य | कर्तृवाच्य |
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मेरे द्वारा गाना गाया। | मैंने गाना गाया। |
मीरा से पत्र नहीं लिखा गया। | मीरा ने पत्र नहीं लिखा। |
आज घूमने चला जाए। | आज घूमने चलें। |
नेहा द्वारा स्कूटी चलायी जाती है। | नेहा ने स्कूटी चलायी। |
रिया से उठा नहीं जाता। | रिया उठ नहीं सकती। |