बच्चे, युवा और वृद्धजन क्यों संवेदनशील होते हैं?
उत्तर –
बच्चे निम्न कारणों से संवेदनशील होते है – बाल्यावस्था सभी क्षेत्रों में तीव्र विकास की अवधि होती है और एक क्षेत्र का विकास अन्य सभी क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करता है। बच्चे के सभी क्षेत्रों में उत्तम विकास के लिए यह जरूरी है कि बच्चे की भोजन, आवास, स्वास्थ्य देखभाल, प्रेम, पालन और प्रोत्साहन की आवश्यकताओं को समग्र रूप से पूरा किया जाए। ऐसा न होने पर या किसी भी प्रकार के प्रतिकूल अनुभवों के कारण बच्चे के विकास पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है। इसी कारण से बच्चे संवेदनशील माने जाते हैं।
वैसे तो सभी बच्चे संवेदनशील होते है लेकिन कुछ बच्चे दूसरों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते है। ये वे बच्चे होते हैं जो इतनी चुनौतीपूर्ण स्थितियों और कठिन परिस्थितियों में जीवनयापन करते हैं कि उनकी भोजन, आवास, स्वास्थ्य, देखभाल और पालन-पोषण संबंधी मूलभूत आवश्यकताएँ तक भी पूरी नहीं हो पाती है जिसके कारण वह अपनी सम्पूर्ण क्षमताओं का विकास नहीं कर पाते।
युवा निम्न कारणों से संवेदनशील होते है – तीव्र शारीरिक परिवर्तनों के साथ सामंजस्य न बैठा पाने के कारण, संवंगात्मक परिवर्तनों के कारण, लैगिक परिवर्तनों के कारण, सामाजिक परिवर्तनों के कारण, साथियों द्वारा अस्वीकृत किए जाने के भय के कारण, भविष्य की चिंता के कारण, शिक्षा एवं व्यवसाय संबंधी चिंता तथा अपनी अलग पहचान बनाने की चिंता के कारण तथा उचित मार्गदर्शन एवं जानकारी न मिलने के कारण युवा बहुत जल्दी चितित और उत्तेजित हो जाते है जिसके कारण इन्हें अत्यंत संवेदनशील माना जाता हैं।
वृद्धजन निम्न कारणों से संवेदनशील होते है – बढ़ती उम्र के कारण होने वाली शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं, बच्चों द्वारा अनदेखी के कारण तथा आर्थिक रूप से बच्चों पर निर्भर होने के चलते अक्सर बुजुर्ग बहुत जल्दी चिंतित तथा तनावग्रस्त हो जाते है, इसी कारण इन्हें अव्यंत संवेदनशील माना जाता है।
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