‘अपंगता’ को परिभाषित कीजिए। बाल्यावस्था की अपंगताओं को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?

‘अपंगता’ को परिभाषित कीजिए। बाल्यावस्था की अपंगताओं को किस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है?

उत्तर –

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, “अपंगता”, एक समावेशी शब्द है जिसमें शारीरिक या मानसिक दोष, सीमित क्रियाकलाप और भागीदारी में कठिनाई शामिल है। कुछ बच्चे शारीरिक, संवेदी या मानसिक दोषों के साथ जन्म लेते हैं, जबकि कुछ अन्य बच्चों में वृद्धि की अवस्था के दौरान किसी प्रकार का दोष विकसित हो जाते है जो उनके दैनिक कार्यों को करने की उनकी क्षमता को कम कर देता हैं। शैक्षिक संदर्भ में ऐसे बच्चों को, “अपंग”, बच्चे कहते है। सार्वजनिक क्षेत्र में इन्हें चुनौती प्राप्त, भिन्न रूप से सक्षम या भिन्न क्षमताओं वाले बच्चे भी कहते हैं।

वाल्यावस्था की अपंगताओं को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया गया है-
(i) बौद्धिक क्षति (सीमित बौद्धिक कार्य और अनुकूलनात्मक कौशल में कमी)।
(ii) दृष्टि दोष (इसमें कम दृष्टि और पूर्ण अंधता शामिल हैं)।
(iii) श्रवण दोष (इसमें आंशिक श्रवण हानि और बहरापन शामिल हैं)।
(iv) प्रमस्तिष्कघात (सेरीब्रलपाल्सी) मस्तिष्क की क्षति के कारण चलने-फिरने, उठने बैठने, बोलने और हाथ से काम करने में कठिनाई
(v) स्वलीनता, (ऐसी अपंगता जो संप्रेषण/बोलचाल सामाजिक अंतःक्रिया मेलजोल और खेल व्यवहार को प्रभावित करती है।
(vi) चलने फिरने संबंधी अपंगता तथा हड्डियों, जोड़ों और पेशियों में क्षति के कारण चलने-फिरने में कठिनाई।
(vii) अधिगम अक्षमता।

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