NCERT Solutions Class 10th Maths New Syllabus Chapter – 5 समांतर श्रेढ़ियाँ (Arithmetic Progressions)
Textbook | NCERT |
Class | 10th |
Subject | (गणित) Mathematics |
Chapter | 5th |
Chapter Name | समांतर श्रेढ़ियाँ (Arithmetic Progressions) |
Mathematics | Class 10th गणित Examples |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 10th Maths New Syllabus Chapter – 5 समांतर श्रेढ़ियाँ (Arithmetic Progressions)
Chapter – 5
समांतर श्रेढ़ियाँ
Examples
उदाहरण 1. A.P : 3/2, 1/2, – 1/2, – 3/2, . . ., के लिए प्रथम पद a और सार्व अंतर d लिखिए।
हल : यहाँ a = 3/2, d =1/2 – 3/2 = – 1 है।
याद रखिए कि यदि हमें यह ज्ञात हो जाए कि संख्याएँ A.P. में हैं,
तो हम किन्हीं भी दो क्रमागत पदों का प्रयोग करके d ज्ञात कर सकते हैं।
उदाहरण 2 : संख्याओं की निम्नलिखित सूचियों में से कौन-कौन से A. P. नहीं हैं? यदि इनसे कोई A.P. है तो उसके अगले दो पद लिखिए।
(i) 4, 10, 16, 22,…
(ii) 1,-1,-3, -5,…
(iii) – 2, 2, -2, 2, − 2, . . .
(iv) 1, 1, 1, 2, 2, 2, 3, 3, 3, . . .
हल : (i)
a2 – a1, 10 – 4 = 6
a3 – a2 = 16 – 10 = 6
a4 – a3 = 22 – 16 = 6
अर्थात्, प्रत्येक बार ak+1 – ak एक ही है।
अतः, दी हुई संख्याओं की सूची एक A.P. है जिसका सार्व अंतर d = 6 है।
इसके अगले दो पद 22 + 6 = 28 और 28 + 6 = 34 हैं।
(ii) a2 – a1 = – 1 – 1 = – 2
a3 – a2 = – 3 – (- 1) = – 3 + 1 = – 2
a4 – a3 = – 5 – (- 3) = – 5 + 3 = – 2
अर्थात्, प्रत्येक बार ak+1 – ak एक ही है।
अतः, संख्याओं की दी हुई सूची एक A.P. है जिसका सार्व अंतर d = – 2 है।
इसके अगले दो पद
– 5 + (− 2)= − 7 और – 7 + (- 2) = – 9 हैं।
(iii) a2 – a1 = 2 – (– 2) = 2 + 2 = 4
a3 – a2 = – 2 – 2 = – 4
चूँकि a2 – a1 ≠ a3 – a2 हैं, इसलिए दी हुई संख्याओं की सूची से एक A.P. नहीं है।
(iv) a2 – a1 = 1 – 1= 0, a3 – a2 = 1 – 1 = 0, a4 – a3 = 2 – 1 = 1
यहाँ, a2 – a1 = a3 – a2 ≠ a4 – a3 है।
अतः दी हुई संख्याओं की सूची से एक A.P. नहीं है।
उदाहरण 3 : A.P. : 2, 7, 12, … का 10 वाँ पद ज्ञात कीजिए ।
हल : यहाँ a = – 2, d = 7- 2 = 5 और n = 10 है।
चूँकि a = a + (n-1) d है, इसलिए
a1o = 2 + (10 – 1 ) × 5 = 2 + 45 = 47
अतः दी हुई A. P. का 10 वाँ पद 47 है।
उदाहरण 4 : A.P. : 21, 18, 15, … का कौन – सा पद – 81 है? साथ ही क्या इस A.P. का
कोई पद शून्य है? सकारण उत्तर दीजिए।
हल : यहाँ, a = 21, d =18 – 21 = – 3 और an = – 81 है। हमें n ज्ञात करना है। चूँकि a = a + (n – 1) d,
अतः – 81 = 21 + (n – 1) (-3)
या – 81 = 24 – 3n
या – 105 = – 3n
अतः n = 35 इसलिए दी हुई A. P. का 35 वाँ पद – 81 है।आगे, हम यह जानना चाहते हैं कि क्या कोई n ऐसा है कि an = 0 हो । यदि ऐसा कोई n
है तो अर्थात् 21 + (n – 1) (−3) = 0,
3(n – 1) = 21 या n = 8
अत:, 8वाँ पद 0 है
उदाहरण 5 : वह A. P. निर्धारित कीजिए जिसका तीसरा पद 5 और 7 वाँ पद 9 है।
हल: हमें प्राप्त है
और a, = a + (3 – 1) d = a + 2d = 5
a, = a + (7 – 1) d = a + 6d = 9
समीकरणों (1) और (2) के युग्म को हल करने पर, हमें प्राप्त होता है:
a = 3, d =1
अतः वांछित A.P. : 3, 4, 5, 6, 7,.. है।
उदाहरण 6 : क्या संख्याओं की सूची 5, 11, 17, 23, … का कोई पद 301 है? क्यों?
हल: हमें प्राप्त है :
a2 – a1 = 11 – 5 = 6, a3 – a2 =17-11 = 6, a4 – a3 = 23 – 17 = 6
चूँकि k= 1, 2, 3, आदि के लिए, ak+1- ak एक समान संख्या होती है, इसलिए दी हुई सूची एक A.P. है।
यहाँ a = 5 और d = 6
मान लीजिए इस A.P. का n वाँ पद 301 है।
हम जानते हैं कि
a = a + (n – 1 )d
इसलिए 301 = 5 + (n – 1) × 6
अर्थात् 301 = 6n – 1
अतः n = 302/6 = 151/3
परंतु n एक धनात्मक पूर्णांक होना चाहिए (क्यों?)। अतः, 301 संख्याओं की दी हुई सूची का पद नहीं है।
उदाहरण 7: दो अंकों वाली कितनी संख्याएँ 3 से विभाज्य हैं ?
हल : 3 से विभाज्य होने वाली दो अंकों की संख्याओं की सूची है।
12, 15, 18,…,99
क्या यह एक A.P. है ? हाँ, यह है । यहाँ a = 12, d = 3 और
चूँकि a = a + (n – 1) d,
इसलिए 99 = 12 + (n – 1) × 3
अर्थात् 87 = (n – 1) × 3
अर्थात् n-1= 87/3
अर्थात् n= 29 + 1 = 30
अतः, 3 से विभाज्य दो अंकों वाली 30 संख्याएँ हैं। 9 = 99 है
उदाहरण 8 : A.P. : 10, 7, 4,…, 62 का अंतिम पद से (प्रथम पद की ओर) 11वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हल : यहाँ a = 10, d = 7 – 10 = – 3, 1 = – 62,
जहाँ 1 = a + (n-1) dअंतिम पद से 11 वाँ पद ज्ञात करने के लिए, हम इस AP के कुल पदों की संख्या
ज्ञात करेंगे।
अतः – 62= 10 + (n-1) (-3)
या 72 = (n – 1)(−3)
अर्थात् n – 1 = 24
या n = 25
अत:, दी हुई A. P. में 25 पद हैं।
अंतिम पद से 11वाँ पद AP का 15 वाँ पद होगा। (ध्यान दीजिए कि यह 14वाँ पद नहीं होगा। क्यों?)
अतः, as = 10 + (15 – 1 ) ( 3 ) = 10 – 42 = – 32
इसलिए, अंतिम पद से 11वाँ पद – 32 है।
उदाहरण 9 : ₹1000 की एक धनराशि 8% वार्षिक साधारण ब्याज पर निवेश की जाती है।
प्रत्येक वर्ष के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए । क्या ये ब्याज एक A. P. बनाते हैं? यदि
ऐसा है, तो इस तथ्य का प्रयोग करते हुए 30 वर्षों के अंत में ब्याज परिकलित कीजिए।
हल : हम जानते हैं कि साधारण ब्याज परिकलित करने के लिए सूत्र निम्नलिखित है:
साधारण ब्याज PX R X T\100
अतः, प्रथम वर्ष के अंत में ब्याज = ₹ -1000×8×1/100 = ₹80
दूसरे वर्ष के अंत में ब्याज = ₹ 1000 × 8 × 2/100 = ₹160
तीसरे वर्ष के अंत में ब्याज = ₹ 1000×8×3/100 = ₹240
उदाहरण 10 : फूलों की एक क्यारी की पहली पंक्ति में 23 गुलाब के पौधे हैं, दूसरी पंक्ति में 21 गुलाब के पौधे हैं, तीसरी पंक्ति में 19 गुलाब के पौधे हैं, इत्यादि। उसकी अंतिम पंक्ति में 5 गुलाब के पौधे हैं। इस क्यारी में कुल कितनी पंक्तियाँ हैं ? हल: पहली, दूसरी, तीसरी, … पंक्तियों में गुलाब के पौधों की संख्याएँ क्रमशः निम्नलि हैं: |
उदाहरण 11 : A.P. : 8, 3, 2, के प्रथम 22 पदों का योग ज्ञात कीजिए । हल : यहाँ a = 8, d = 3 – 8 = 5 और n = 22 है। इसलिए दी हुई A.P. के प्रथम 22 पदों का योग – 979 है। |
उदाहरण 12 : यदि किसी A.P. के प्रथम 14 पदों का योग 1050 है तथा इसका प्रथम पद 10 है तो 20वाँ पद ज्ञात कीजिए। हल : यहाँ S14 = 1050, n = 14 और a = 10 है। चूँकि Sn = n/2 [2a + (n-1)d] अर्थात् 20 वाँ पद 200 है। |
उदाहरण 13 : A.P. : 24, 21, 18, के कितने पद लिए जाएँ, ताकि उनका योग 78 हो? हल : यहाँ a = – 24, d = 21-24 = -3 और S -78 है। हमें n ज्ञात करना है। हम जानते हैं कि Sn = n/2 [2a+(n-1)d] अतः 78= n/2[48+ (n-1)(-3)] = n/2[ 51- 3n] या 3n2 – 51n + 156 = 0 अतः n के ये दोनों मान संभव हैं और स्वीकार किए जा सकते हैं। अतः, पदों की वांछित संख्या या तो 4 है या 13 है। |
उदाहरण 14 : निम्नलिखित का योग ज्ञात कीजिए : हल : अतः, प्रथम 1000 धन पूर्णांकों का योग 500500 (ii) मान लीजिए S = 1 + 2 + 3 +…+n है। यहाँ a = 1 और अंतिम पद 1 = n है। इस प्रकार, प्रथम धन पूर्णांकों का योग सूत्र से प्राप्त किया जाता है। |
उदाहरण 15 : संख्याओं की उस सूची के प्रथम 24 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसका nवाँ पद a, = 3 + 2n से दिया जाता है। हल : इस प्रकार प्राप्त संख्याओं की सूची 5, 7, 9, 11, … है। अतः इनसे एक A. P. बनती है, जिसका सार्व अंतर 2 है। अतः S24 = 24 [2×5+ (241) 5 + (24 − 1) × [2 12 [10 +46] = इसलिए संख्याओं की दी हुई सूची के प्रथम 24 पदों का योग 672 है। |
उदाहरण 16 : टी.वी. सेटों का निर्माता तीसरे वर्ष में 600 टी.वी. तथा 7 वें वर्ष में 700 टी.वी. सेटों का उत्पादन करता है। यह मानते हुए कि प्रत्येक वर्ष उत्पादन में एक समान रूप से एक निश्चित संख्या में वृद्धि होती है, ज्ञात कीजिए: (i) प्रथम वर्ष में उत्पादन (iii) प्रथम 7 वर्षों में कुल उत्पादन (ii) 10वें वर्ष में उत्पादन हल : (i) चूँकि प्रत्येक वर्ष उत्पादन में समान रूप से एक निश्चित संख्या में वृद्धि होती है, (ii) अब a10 = a + 9d = 550 +9×25= 775 अतः 10वें वर्ष में उत्पादित टी.वी. सेटों की संख्या 775 है। (iii) साथ ही S7 = 7/2[ 2 × 550 + (7 – 1) × 25] अतः प्रथम 7 वर्षों में कुल उत्पादित हुए सभी टी.वी. सेटों की संख्या 4375 है। |
NCERT Solutions Class 10th Maths New Syllabus (2023-2024) All Chapter in Hindi Medium
- अध्याय – 1 वास्तविक संख्याएँ
- अध्याय – 2 बहुपद
- अध्याय – 3 दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म
- अध्याय – 4 द्विघात समीकरण
- अध्याय – 5 समांतर श्रेढ़ियाँ
- अध्याय – 6 त्रिभुज
- अध्याय – 7 निर्देशांक ज्यामिति
- अध्याय – 8 त्रिकोणमिति का परिचय
- अध्याय – 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग
- अध्याय – 10 वृत्त
- अध्याय – 11 वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल
- अध्याय – 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
- अध्याय – 13 सांख्यिकी
- अध्याय – 14 प्रायिकता
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