NCERT Solution Class 10th Maths Chapter – 8 त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction of Trigonometry) Examples in Hindi

NCERT Solutions Class 10th Math Chapter – 8 त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry)

TextbookNCERT
Class 10th
Subject (गणित) Mathematics
Chapter9th
Chapter Name त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry)
CategoryClass 10th गणित Question & Answer
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solution Class 10th Maths Chapter – 8 त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction of Trigonometry) All Examples & Solutions जिसमें हम त्रिकोणमिति का परिचय, त्रिकोणमितीय अनुपात, त्रिकोणमिति का परिचय क्या है?, त्रिकोणमिति के कितने सूत्र होते हैं?, त्रिकोणमिति के पिता का नाम क्या है?, त्रिकोणमिति की शुरुआत कब हुई थी?, भारत में त्रिकोणमिति का जनक कौन है?, त्रिकोणमिति का उपयोग, त्रिकोणमिति का परिचय सूत्र, त्रिकोणमिति की खोज किसने की थी, त्रिकोणमिति अनुपात एवं सर्वसमिकाएँ, त्रिकोणमिति का परिचय 8, त्रिकोणमिति का अर्थ, त्रिकोणमिति अनुपात सूत्र, त्रिकोणमिति अनुपात में संबंध, आदि इसके बारे में हम विस्तार से उदाहरण करेंगे।

NCERT Solutions Class 10th Math Chapter – 8 त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry)

Chapter – 8

त्रिकोणमिति का परिचय

Examples

उदाहरण 1. यदि tan = A 4/3, तो कोण A के अन्य त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात कीजिए।

हल: आइए सबसे पहले हम एक समकोण ΔABC खींचें

अब, हम जानते हैं कि tan A = BC/AB = 4/3
अतः यदि BC = 4k, तब AB = 3k, जहाँ k धन संख्या है।
अब पाइथागोरस प्रमेय लागू करने पर हमें यह प्राप्त होता है।
AC2 = AB2 + BC2 = (4k)2 + (3k)2 = 25k2
इसलिए, AC = 5k

अब हम इनकी परिभाषाओं की सहायता से सभी त्रिकोणमितीय अनुपात लिख सकते हैं।
sin A = BC/AC = 4k/5k = 4/5
cos A = AB/AC = 3k/5k = 3/5
अत: cot A = 1/tan A = 3/4,
cosec A = 1/sin A = 5/4
sec A = 1/cos A = 5/3

उदाहरण 2. यदि ∠B और ∠Q ऐसे न्यूनकोण हों जिससे कि sin B = sin Q, तो सिद्ध कीजिए कि ∠B = ∠Q

हल : आइए हम दो समकोण त्रिभुज ABC और PQR लें, जहाँ sin B = sin Q

यहाँ sin B = AC/AB
और sin Q = PR/PQ
तब AC/AB = PR/PQ
अत: AC/PR = k ( मान लीजिए) (1)
अब, पाइथागोरस प्रमेय लागू करने पर हमें ये प्राप्त होते हैं
और BC= √AB² – AC²
QR = √PQ² – PR²
अत: BC/QR = √AB2 – AC²/√PQ2-PR2 = √k²PQ² – k²PR² _ k/√PQ² – PR² = k√PQ2– PR2/PQ – PR2 = k (2)

(1) और (2) से हमें यह प्राप्त होता है
AC/PR = AB/PQ = BC/QR

तब प्रमेय 6.4 का प्रयोग करने पर Δ ACB ~ 4 PRQ प्राप्त होता है। अत: B = Q

उदाहरण 3. ΔACB लीजिए जिसका कोण C समकोण है जिसमें AB = 29 इकाई, BC = 21 इकाई और √ABC = 0 (देखिए आकृति 8.10 ) हैं तो निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए।
(i) cos2 0 + sin2 0
(ii) cos2 0 – sin2 0.

हल: Δ ACB में हमें यह प्राप्त होता है।
AC = √AB² – BC²
= √(29)² – (21)²
= √(29 −21) (29 +21)
= √(8) (50)
= √400
= 20 इकाई

अतः sin 0 = AC/AB = 20/29
cos 0 = BC/AB = 21/29

अब, (i) cos²0+ sin²0
= (20/29)² + (21/29)²
= 20² + 21²/29²
= 400 + 44/841
= 1,

और  (ii) cos²0-sin²0
= (21/29)² – (20/29)²
= (21+20) (21-20)/29²
= 41/841

उदाहरण 4. एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसका कोण B समकोण है, यदि tan A = 1 तो सत्यापित कीजिए कि 2 sin A cos A = 1

हलः ΔABC में tan A = BC/AB = 1 (देखिए आकृति 8.11)
अर्थात्  BC = AB
मान लीजिए AB = BC = k, जहाँ k एक धन संख्या है।

अब AC = √AB² + BC²
= √(k)² + (k)²
= k√2

अतः sin A = BC/AB = 1/√2 और
cos A = AB/AC = 1/√2

इसलिए 2 sin A cos A = 2(1/√2) (1/√2) = 1, जो कि अपेक्षित मान है।

उदाहरण – 5. ΔOPQ में, जिसका कोण P समकोण है, OP = 7 cm और OQ – PQ = 1 cm
(देखिए आकृति 8.12), sin Q और cos Q के मान ज्ञात कीजिए।

हल: ΔOPQ से हमें यह प्राप्त है कि

OQ² = OP² + PQ²

अर्थात्  (1 + PQ)² = OP² + PQ² (क्यों?)

अर्थात्  1 + PQ² + 2PQ = OP² + PQ²

अर्थात्  1 + 2PQ = 7² (क्यों?)

अर्थात्  PQ = 24 cm और OQ = 1 + PQ = 25 cm

अतः sin Q = 7/25 और cos Q = 24/25

उदाहरण – 6. Δ ABC में जिसका कोण B समकोण है, AB = 5 cm और √ACB = 30°
(देखिए आकृति 8.19)। भुजाओं BC और AC की लंबाइयाँ ज्ञात करें।

हल: भुजा BC की लंबाई ज्ञात करने के लिए हम उस त्रिकोणमितीय अनुपात को लेंगे जिसमें BC और दी हुई भुजा AB हो। क्योंकि BC कोण C की संलग्न भुजा है, और AB कोण C की सम्मुख भुजा है, इसलिए AB/BC = tan Cअर्थात् 5/BC = tan 30° = 1/√3 जिससे BC = 5√3 cm प्राप्त होता है।भुजा AC की लंबाई ज्ञात करने के लिए हम sin 30° = AB/AC लेते हैं (क्यों?)

अर्थात् 1/2 = 5/AC

अर्थात् AC = 10 cm

ध्यान दीजिए कि ऊपर के उदाहरण में तीसरी भुजा की लंबाई ज्ञात करने के लिए विकल्प के रूप में हम पाइथागोरस प्रमेय को लागू कर सकते थे,

अर्थात्  AC = √AB² + BC² = √5² + (5√3)² cm = 10 cm

उदाहरण – 7. Δ PQR में, जिसका कोण Q समकोण है (देखिए आकृति 8.20), PQ = 3 cm और
PR = 6 cm है। ∠QPR और ∠PRQ ज्ञात कीजिए।

हल : दिया हुआ है PQ = 3 cm और PR = 6 cm

इसलिए PQ/PR = sin R

या sin R = 3/6 = 1/2

अतः ∠PRQ = 30°

और, इसलिए ∠QPR = 60° (क्यों?)

आप यहाँ यह देख सकते हैं कि यदि एक समकोण त्रिभुज की एक भुजा और कोई एक अन्य भाग (जो या तो न्यून कोण हो या कोई एक भुजा हो) ज्ञात हो, तो त्रिभुज की शेष भुजाएँ और कोण ज्ञात किए जा सकते हैं।

उदाहरण – 8. यदि sin (A – B ) = 1/2, cos (A + B) = 1/2, 0° <A + B≤ 90°, A > B, तो A और B ज्ञात कीजिए|

हल : क्योंकि sin (A – B) = 1/2, इसलिए, A – B = 30° (क्यों?) (1)
और, क्योंकि cos (A + B) = 1/2, इसलिए, A + B = 60° (क्यों?) (2)
(1) और (2) को हल करने पर हमें A = 45° और B = 15° प्राप्त होता है।

उदाहरण – 9. अनुपातों cos A, tan A और sec A को sin A के पदों में व्यक्त कीजिए।

हल : क्योंकि cos² A+ sin² A= 1, इसलिए
cos² A = 1 – sin² A, अर्थात् cos A = ± √1 – sin² A
इससे यह प्राप्त होता है cos A = √1- sin² A (क्यों?)
अतः tan A = sin A/cos A = sin A/√1- sin² A और sec A = 1/cos A = 1/√1 – sin²A

उदाहरण – 10. सिद्ध कीजिए कि sec A (1 – sin A) (sec A + tan A) = 1

हल: वाम पक्ष = sec A (1- sin A) (sec A+ tan A) 
= (1/cos A) (1 – sin A)  (1/cos A + sin A/cos A)
= (1- sin A) (1 + sin A)/cos² A = 1-sin² A/cos² A
= cos² A/cos² A = 1 = दाँया पक्ष

उदाहरण – 11. सिद्ध कीजिए कि cot A – cos A/cot A + cos A = cosec A – 1/cosec A + 1

हल :  वाम पक्ष = cot A – cos A/cot A + cos A = cos A/sin A – cos A/cos A/sin A + cos A

cos A (1/sin A – 1)/cos A (1/sin A + 1) = (1/sin A – 1)/(1/sin A + 1) = cosec A – 1/cosec A + 1 = दायाँ पक्ष

उदाहरण – 12. सर्वसमिका sec²0 = 1 + tan20 का प्रयोग करके सिद्ध कीजिए कि
sin 0 – cos 0 +1/sin 0 + cos 0 -1 = 1/sec 0 – tan 0

हल: क्योंकि हमें sec 0 और tan 0 से संबंधित सर्वसमिका प्रयुक्त करनी है, इसलिए आइए हम सबसे पहले सर्वसमिका के वाम पक्ष के अंश और हर को cos 0 से भाग देकर वाम पक्ष को sec 0 और tan 0 के पदों में रूपांतरित करें।

वाम पक्ष = sin 0 – cos 0 +1/sin 0 – cos 0 – 1 = tan 0 – 1+ sec 0/tan 0 + 1- sec 0

= (tan 0 + sec 0)–1/(tan 0 – sec 0) = (tan 0 + sec 0) (tan 0 – sec 0)

= (tan² 0 – sec² 0) – (tan 0 – sec 0)/(tan 0 – sec 0 + 1) (tan 0 – sec 0)

= -1 – tan 0 + sec 0/(tan 0 – sec 0 +1) (tan 0 – sec 0)

= -1/tan 0 + sec 0 = 1/sec 0 – tan 0

जो सिद्ध की जाने वाली अपेक्षित सर्वसमिका का दाँया पक्ष है।

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