NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) अपठित पद्यांश

NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) अपठित पद्यांश

TextbookNCERT
Class 6th
Subject Hindi Grammar (व्याकरण)
Grammar Nameअपठित पद्यांश
CategoryClass 6th  हिन्दी व्याकरण
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) vyakaran Unseen Passages अपठित पद्यांश अपठित पद्यांश ,कर्मवीर समय का सदुपयोग किस तरह करते हैं?,सुबह सैर पर जाने से क्या लाभ मिलेगा ? ,कर्मवीर समय का सदुपयोग किस तरह करते हैं?,कर्मवीर समय का सदुपयोग किस तरह करते हैं?

NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) अपठित पद्यांश

हिन्दी व्याकरण

अपठित पद्यांश

अपठित पद्यांश – अपठित काव्यांश भी गद्यांश की भाँति बिना पढ़ा अंश होता है। यह पाठ्यक्रम के बाहर से लिया जाता है। इसके द्वारा छात्रों की काव्य संबंधी समझ का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु, अलंकार, भाषिक योग्यता संबंधी समझ की परख की जाती है।

अपठित काव्यांश हल करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

• दिए गए काव्यांश को कम से कम दो-तीन बार अवश्य पढ़ें।
• पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों को रेखांकित कर लें।
• प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखें।
• उत्तर काव्यांश से ही होना चाहिए।

1. बात सभी ने यह है मानी।
हवा सुबह की बड़ी सुहानी।
सदा ताज़गी देती है यह।
आलस को हर लेती है यह॥
यह रोगी न होने देती।
तनिक न सेहत खोने देती।
सुबह सैर पर जाकर देखो।
हवा निराली पाकर देखो।
अगर सैर पर नित जाओगे।
अच्छी सेहत तुम पाओगे॥


(क) इस कविता में किसका गुणगान किया गया है?

(i) सुबह की ताज़गी भरी हवा का
(ii) सुबह-सुबह योगाभ्यास करने का
(iii) सुबह-सवेरे कसरत करने का
(iv) इन सभी का

उत्तर – (i) सुबह की ताज़गी भरी हवा का

(ख) सुबह की हवा के बारे में क्या बताया गया है ? 

(i) सुबह की हवा ताज़गी देती है।
(ii) यह स्वस्थ रखती है।
(iii) यह अच्छी सेहत देती है।
(iv) उपर्युक्त सभी

उत्तर – (iv) उपर्युक्त सभी

(ग) सुबह सैर पर जाने से क्या लाभ मिलेगा?

(i) व्यक्ति धनवान बनेगा
(ii) अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा
(iii) अच्छे दोस्त बनेंगे
(iv) इनमें कोई नहीं

उत्तर – (ii) अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा

(घ) इस कविता का सबसे उपयुक्त शीर्षक होगा?

(i) सुबह की हवा
(ii) सुबह की सैर
(iii) अच्छी सेहत एक वरदान
(iv) आलस्य दूर भगाने का मंत्र

उत्तर – (ii) सुबह की सैर

2. आज करना है जिसे, करते उसे हैं आज ही।
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही ।
मानते जी की हैं सुनते हैं, सदा सबकी कही।
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही॥
भूलकर भी दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं।
कौन ऐसा काम है, वे कर जिसे सकते नहीं॥


(क) कर्मवीर समय का सदुपयोग किस तरह करते हैं?

(i) हर काम को समय पर करते हैं।
(ii) आज का काम कल पर नहीं छोड़ते।
(iii) बेकार की बातों में समय बरबाद नहीं करते
(iv) आलस्य में समय नहीं गॅवाते हैं।

उत्तर – (ii) आज का काम कल पर नहीं छोड़ते।

(ख) कर्मवीर के काम करने के तरीके की प्रमुख विशेषताएँ हैं?

(i) वे जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं, वे बेकार की बातों में समय बर्बाद नहीं करते
(ii) वे किसी के बहकावे में नहीं आते, मन में जो सोचते हैं वही करते हैं।
(iii) वे उचित काम को ही करते हैं।
(iv) वे वीरता के कार्य करते हैं, मुसीबतें आने पर कभी हिम्मत नहीं हारते

उत्तर – (iii) वे उचित काम को ही करते हैं।

(ग) ‘भूलकर भी दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं’ पंक्ति का भावार्थ है?

(i) वे दूसरों की मदद के लिए हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठते
(ii) वे दूसरों की मदद नहीं लेते।
(iii) वे दूसरों की सलाह नहीं मानते
(iv) वे दूसरों से कोई उम्मीद नहीं रखते

उत्तर – (i) वे दूसरों की मदद के लिए हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठते

(घ) कर्मवीर की दो मुख्य विशेषताएँ हैं?

(i) वे कर्मवीर तथा स्वाभिमानी होते हैं
(ii) वे दृढ़ संकल्पी होते हैं, वे समय का सदुपयोग करते हैं
(iii) उनकी कथनी-करनी एक जैसी होती है।
(iv) वे किसी की मदद लेने की उम्मीद में बैठे नहीं रहते

उत्तर – (iv) वे किसी की मदद लेने की उम्मीद में बैठे नहीं रहते

3. भारत माता का मंदिर यह, समता को संवाद जहाँ।
सबका शिव कल्याण यहाँ पाएँ सभी प्रसाद यहाँ।
जाति-धर्म या संप्रदाय का, नहीं भेद व्यवधान यहाँ।
सबका स्वागत, सबका आदर, सबका सम्मान यहाँ।
राम-रहीम, बुद्ध ईसा का, सुलभ एक-सा ध्यान यहाँ।
भिन्न-भिन्न भव संस्कृतियों के, गुण-गौरव का ज्ञान यहाँ।
नहीं चाहिए बुद्धि वैर की, भला प्रेम उन्माद यहाँ।
सब तीर्थों का एक तीर्थ यह, हृदय पवित्र बना लें हम।
रेखाएँ प्रस्तुत हैं, अपने मन के चित्र बना लें हम।
सौ-सौ आदर्शों को लेकर, एक चरित्र बना लें हम।
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर, उठे एक जयनाद यहाँ।
सबका शिव कल्याण यहाँ है, पाएँ सभी प्रसाद यहाँ।


(क) कवि किस मंदिर की बात कर रहा है?

(i) शिव मंदिर
(ii) शक्ति मंदिर
(iii) राम सीता मंदिर
(iv) भारत माता

उत्तर – (iv) भारत माता

(ख) जाति, धर्म, संप्रदाय का भेद कहाँ नहीं है?

(i) भारत-माता मंदिर में
(ii) हनुमान मंदिर में
(iii) शिव मंदिर
(iv) बौद्ध मंदिर

उत्तर – (i) भारत-माता मंदिर में

(ग) सबको आदर सम्मान कहाँ होता है?

(i) भारत देश में
(ii) ईरान
(iii) चीन में
(iv) पाकिस्तान में

उत्तर – (i) भारत देश में

प्रश्नोत्तर

(क) हमारे यहाँ भारत माता के मंदिर में किस प्रकार का भेदभाव नहीं है ?
उत्तर –
भारत माता के मंदिर में जाति, धर्म या संप्रदाय के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं है। यहाँ सभी को समान दृष्टि से देखा जाता है।

(ख) उपर्युक्त पद्यांश में किन-किन महापुरुषों का वर्णन है? उनके बारे में क्या चर्चा की गई है ?
उत्तर –
इस पद्यांश में राम, रहीम, बुद्ध और ईसा के नाम आएँ हैं। इनके बारे में कहा गया है कि भारतवासी इनमें से किसी के भी बताए गए मार्ग पर चल सकते हैं यानी यहाँ सभी धर्मावलंबियों को समान अधिकार प्राप्त है।

(ग) हम सबके मित्र कैसे बन सकते हैं ?
उत्तर –
किसी से बगैर शत्रुता का भाव रखते हुए हम सबको अपना मित्र बना सकते हैं। कवि ने लोगों को अजातशत्रु बनने की सलाह दी है।

(घ) उपर्युक्त पद्यांश में एकता को एक सूत्र में बाँधने कि लिए क्या प्रयास किया गया है ?
उत्तर –
उपर्युक्त पद्यांश में एकता को एक सूत्र में बाँधने के लिए विभिन्न प्रकार के आदर्शों को ग्रहण करते हुए एक चरित्र बनाने तथा करोड़ों लोगों को एक ही जयनाद का उद्घोष करने का सुझाव दिया है।

(ङ) पद्यांश में ‘कोटि’ शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर –
‘कोटि’ शब्द का अर्थ है- करोड़।

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