NCERT Solutions Class 6th (Home Science) Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th (Home Science) Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान Notes in Hindi

TextbookNCERT
Class 6th
Subject गृह विज्ञान (Home Science)
Chapter7th
Chapter Nameउपभोक्ता ज्ञान
CategoryClass 6th गृह विज्ञान (Home science)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 6th (Home Science) Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान Notes in Hindi जिसमें हम उपभोक्ता के अधिकार, उपभोक्ता का अर्थ, उपभोक्ता के कर्तव्य, सही तोल व माप का ज्ञान, लेबल का ज्ञान, Class 6 Home Science Chapter 7 Question Answer, Class 6 Home Science Chapter 7 question answer in hindi, Class 6 Home science Chapter 8, Class 8 Home Science Chapter 8 Question Answer, Class 7 Home Science Chapter 6 Question answer, Upbhokta gyan, उपभोक्ता के उदाहरण क्या है?, भारत में कितने उपभोक्ता अधिकार हैं?, राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?, भारत में उपभोक्ता अधिकार क्या हैं? आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 6th (Home Science) Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान Notes in Hindi

Chapter – 7

उपभोक्ता ज्ञान

Notes

उपभोक्ता का अर्थ – अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हम प्रतिदिन अलग-अलग वस्तुएं खरीदते हैं। बाजार से अलग-अलग उत्पादनों को खरीदने व प्रयोग में लाने वाले व्यक्ति को उपभोक्ता कहते है। जीवनयापन के लिए परिवार के सभी सदस्य विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं का चयन करते हैं तथा उन्हें प्रयोग में लाते हैं। अतः परिवार का हर सदस्य एक उपभोक्ता है। उपभोक्ता के रूप में प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह आवश्यकतानुसार बुद्धिमानीपूर्वक वस्तुओं का क्रय करें।

आज के महंगाई के युग में एक ओर तो उपभोक्ता को सीमित साधनों में अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करनी होती है और दूसरी ओर व्यापारी वर्ग उपभोक्ता से धोखाधड़ी करके अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं।

व्यापारी उपभोक्ता को धोखा देने तथा अधिकतम लाभ कमाने के लिए –

(क) नकली व घटिया वस्तुओं की बिक्री करते हैं।
(ख) दोषयुक्त तोल व माप के साधनों का प्रयोग करते है।
(ग) अपूर्ण और भ्रामक लेबल का प्रयोग करते हैं।
(घ) भ्रामक विज्ञापनों का प्रयोग करते है।
(ड) वस्तुओं में मिलावट करते हैं।

उपभोक्ता का कर्तव्य है कि वह सावधान रहे। अपने अधिकारों को जाने और व्यापारियों की इन धोखाधड़ी की चालों से प्रभावित न हो।

उपभोक्ता के अधिकार – उपभोक्ता को वस्तुएं खरीदने के लिए बहुत से अधिकार प्राप्त है –

(क) उपलब्ध वस्तुओं की जानकारी
(ख) उपयुक्त वस्तु के चयन का अधिकार
(ग) उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा का अधिकार
(घ) उपभोक्ता को अपनी शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार

(क) उपलब्ध वस्तुओं की जानकारी – उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह बाजार में उपलब्ध वस्तुओं की किस्म तथा उनके दामों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। यह जानकारी वह दुकानदार से पूछ कर, अन्य उपभोक्ताओं से बातचीत द्वारा या वस्तु पर लगे लेबल से प्राप्त कर सकता है।

(ख) उपयुक्त वस्तु के चयन का अधिकार – उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह उपलब्ध किस्मों में से अपनी पसन्द की उपयुक्त वस्तु का चुनाव करके उसे खरीद सके।

(ग) उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा का अधिकार – उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह खरीदे गए सामान के प्रयोग में सुरक्षा की आशा रखें। इसकेलिए भारत में मुख्य मानक एगमार्क, आई.एस.आई. और एफ.पी. ओ. है जो वस्तु के सुरक्षित व उत्तम होना का प्रमाण देते हैं।

(घ) उपभोक्ता को अपनी शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार – उपभोक्ता को अपनी वैध शिकायतें दर्ज करवाने का पूरा अधिकार है। यदि किसी वस्तु के सुरक्षित होने में जरा भी संदेह हो तो इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए तथा इसकी सूचना सम्बन्धित अधिकारियों को अवश्य देनी चाहिए। इस प्रकार व्यापारियों की धोखा देने की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है।

उपभोक्ता के कर्तव्य – उत्तम किस्म की वस्तुओं का चयन करते समय उपभोक्ता को अपने कर्तव्यों का ध्यान रखना चाहिए।

(क) वस्तु की उपलब्धता का ज्ञान
(ख) भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित न होना
(ग) पूर्ण लेबल से परिचित होना
(घ) मानक चिन्हों का ज्ञान होन
(ङ) मानक बाटों तथा मापकों का ज्ञान
(च) वस्तु में मिलावट की सूचना दर्ज करवाना

(क) वस्तु की उपलब्धता का ज्ञान – उपभोक्ता का यह कर्तव्य है कि उसे बाजार में उपलब्ध वस्तुओं, उनकी किस्मों तथा मूल्यों का ज्ञान हो। उसे उन दुकानों का भी ज्ञान होना चाहिए जहां उत्तम किस्म की मिलावट रहित वस्तुएं उपलब्ध होती है।

(ख) भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित न होना – उपभोक्ता को वस्तु का चयन करते समय वस्तु के गुणों का स्वयं अध्ययन करना चाहिए। केवल भ्रामक विज्ञापनों के वशीभूत होकर वस्तु का चयन नहीं करना चाहिए।

(ग) पूर्ण लेबल से परिचित होना – उपभोक्ता को वस्तु के लेबल की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए तथा अपूर्ण लेबल वाली वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।

(घ) मानक चिन्हों का ज्ञान होना – डिब्बे और पैकेटों में बन्द वस्तुओं पर मानक चिन्हों को देख लेना चाहिए। विभिन्न वस्तुओं पर आई.एस.आई., एगमार्क, एफ.पी.ओ. आदि मानक चिन्ह पाये जाते हैं, जो वस्तु की उत्तमता के प्रतीक होते है।

(ङ) मानक बाटों तथा मापकों का ज्ञान – उपभोक्ता का यह कर्तव्य है कि उसे दशमलव पद्धति के मानक बाटों और मापकों का ज्ञान हो तथा वह उन्हीं दुकानदारों से वस्तु खरीदें जो सही बाटों और मापकों को प्रयोग में लाते हों।

(च) वस्तु में मिलावट की सूचना दर्ज करवाना – वस्तुओं में मिलावट की आशंका होने पर तुरन्त सम्बन्धित अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि अनाज व दालों में पत्थर, कंकड़ आदि बहुत अधिक हों या दूध में पानी की मिलावट की शंका हो तो इसकी सूचना अधिकारियों को जरूर देनी चाहिए। उपभोक्ता अपनी शिकायत निम्न पते पर भेज सकते हैं।

सही तोल व माप का ज्ञान – व्यापारी गलत तोल व माप द्वारा उपभोक्ता को धोखा देते है। अतः उपभोक्ता को सही तोल व माप का ज्ञान होना आवश्यक है।

(क) उपभोक्ता को चाहिए कि वह दुकानदार से केवल मानक बाटों व मापकों का प्रयोग करने का आग्रह करें। उसे देसी बाटों, ईंट, पत्थर द्वारा तोली गई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।

(ख) उपभोक्ता को चाहिए कि वह हाथ से तराजू के स्थान पर मेज पर रखे पैमाने वाले तराजू के प्रयोग को बढ़ावा दे। वस्तु को तुलवाने से पहले तराजू की डंडी तथा पैमाने के शून्य को ठीक करवा लेना चाहिए।

(ग) उपभोक्ता को केवल दशमलव पद्धति जैसे ग्राम, लीटर, मीटर आदि मापकों में ही वस्तु को तुलवाना या मपवाना चाहिए। सेर-पाव या गज-फुट में नहीं। उदाहरण के लिए ठोस वस्तुएं जैसे फल-सब्जी, दालें, अनाज, मसाले, घी आदि किलोग्राम या ग्राम में तोले जाने चाहिएं। तरल पदार्थ जैसे तेल, दूध तथा विभिन्न पेय लीटर में मापे जाने चाहिए। कपड़ा मीटर में नापा जाना चाहिए।

(घ) उपभोक्ता को डिब्बों या शीशियों में पैक किये पदार्थ खरीदने से पहले उनके लेबल पर दिये गये भार व मात्रा को पढ़ लेना चाहिए। क्योंकि डिब्बों व शीशियों के आकार जैसे मोटे तले वाली शीशियां, लम्बी व पतले आकार की शीशियां उसे मात्रा का धोखा दे सकती है।

(ड) उपभोक्ता को किसी दुकानदार के कम तोलने या मापने का भ्रम होने पर माप व तोल कार्यालय को निम्न पते पर सूचित करना चाहिए।

लेबल का ज्ञान – विभिन्न पदार्थों के पात्रों (डिब्बे, शीशी अथवा पैकेट) पर लिखा हुआ, छपा हुआ, मोहर लगा हुआ अथवा धातु के कटे अक्षरों द्वारा नक्काशित विवरण को लेबल कहते हैं। लेबल का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता को उसके द्वारा खरीदे जाने वाले पदार्थ के बारे में पूर्ण ज्ञान देना है। लेबल को पदार्थ की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करनी चाहिए क्योंकि उपभोक्ता पदार्थ का विवरण जानने के लिए केवल लेबल पर ही निर्भर करता है।

एक अच्छा लेबल वह है जो उपभोक्ता को उस पदार्थ के बारे में सहज भाषा में निम्न जानकारी दे।

1. वस्तु का नाम
2. वस्तु का भार
3. वस्तु का मूल्य
4. ब्रांड
5. उत्पादन की संरचना
6. उत्पादन तिथि
7. प्रयोग अवधि अथवा खराब होने की तिथि
8. उपयोग करने की विधि
9. स्तर नियंत्रक संस्थान का नाम
10. निर्माणकर्ता का नाम व पता
11. वस्तु के दुरुपयोग से होने वाले खतरों के बारे में चेतावनी।

FAQ

प्रश्न 1. उपभोक्ता कौन है?

उपभोक्ता जो उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करता है और उनका मूल्य भुगतान करता है। जो उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करता है अर्थात् उनके बारे में जानकारी हासिल करता है।

प्रश्न 2. प्राथमिक माध्यमिक और तृतीयक उपभोक्ता क्या हैं?

प्राथमिक माध्यमिक और तृतीयक उपभोक्ताओं के बीच मुख्य अंतर यह है कि प्राथमिक उपभोक्ता शाकाहारी होते हैं जो पौधों पर भोजन करते हैं, और द्वितीयक उपभोक्ता या तो मांसाहारी हो सकते है।

प्रश्न 3. प्राथमिक उपभोक्ता कौन होता है?

प्राथमिक उपभोक्ता वह व्यक्ति होता है जो किसी उत्पाद या सेवा का सीधा उपभोग करता है और उसका उपभोग करने के बाद उसका संतोष या नाखुशी व्यक्त करता है।

प्रश्न 4. उपभोक्ता किसे कहते हैं ?

उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हम प्रतिदिन अलग-अलग वस्तुएं खरीदते हैं। बाजार से अलग-अलग उत्पादनों को खरीदने व प्रयोग में लाने वाले व्यक्ति को उपभोक्ता कहते है।

प्रश्न 5. उपभोक्ता के अधिकार

उपभोक्ता को वस्तुएं खरीदने के लिए बहुत से अधिकार प्राप्त है –

(क) उपलब्ध वस्तुओं की जानकारी
(ख) उपयुक्त वस्तु के चयन का अधिकार
(ग) उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा का अधिकार
(घ) उपभोक्ता को अपनी शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार

प्रश्न 6. उपलब्ध वस्तुओं की जानकारी

उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह बाजार में उपलब्ध वस्तुओं की किस्म तथा उनके दामों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

प्रश्न 7. उपयुक्त वस्तु के चयन का अधिकार

उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह उपलब्ध किस्मों में से अपनी पसन्द की उपयुक्त वस्तु का चुनाव करके उसे खरीद सके।

प्रश्न 8. उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा का अधिकार

उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह खरीदे गए सामान के प्रयोग में सुरक्षा की आशा रखें। इसके लिए भारत में मुख्य मानक एगमार्क, आई.एस.आई. और एफ.पी. ओ. है जो वस्तु के सुरक्षित व उत्तम होन का प्रमाण देते हैं।

प्रश्न 9. उपभोक्ता को अपनी शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार

उपभोक्ता को अपनी वैध शिकायतें दर्ज करवाने का पूरा अधिकार है। यदि किसी वस्तु के सुरक्षित होने में जरा भी संदेह हो तो इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न 10. उपभोक्ता के कर्तव्य

उत्तम किस्म की वस्तुओं का चयन करते समय उपभोक्ता को अपने कर्तव्यों का ध्यान रखना चाहिए।
(क) वस्तु की उपलब्धता का ज्ञान
(ख) भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित न होना
(ग) पूर्ण लेबल से परिचित होना
(घ) मानक चिन्हों का ज्ञान होन
(ङ) मानक बाटों तथा मापकों का ज्ञान
(च) वस्तु में मिलावट की सूचना दर्ज करवाना

प्रश्न 11. वस्तु की उपलब्धता का ज्ञान

उपभोक्ता का यह कर्तव्य है कि उसे बाजार में उपलब्ध वस्तुओं, उनकी किस्मों तथा मूल्यों का ज्ञान हो। उसे उन दुकानों का भी ज्ञान होना चाहिए जहां उत्तम किस्म की मिलावट रहित वस्तुएं उपलब्ध होती है।

प्रश्न 12. भ्रामक विज्ञापनों से प्रभावित न होना

उपभोक्ता को वस्तु का चयन करते समय वस्तु के गुणों का स्वयं अध्ययन करना चाहिए। केवल भ्रामक विज्ञापनों के वशीभूत होकर वस्तु का चयन नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 13. पूर्ण लेबल से परिचित होना

उपभोक्ता को वस्तु के लेबल की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए तथा अपूर्ण लेबल वाली वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।

प्रश्न 14. भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस अधिकार 24 दिसंबर को मनाया जाता है।

प्रश्न 15. मानक बाटों तथा मापकों का ज्ञान

उपभोक्ता का यह कर्तव्य है कि उसे दशमलव पद्धति के मानक बाटों और मापकों का ज्ञान हो तथा वह उन्हीं दुकानदारों से वस्तु खरीदें जो सही बाटों और मापकों को प्रयोग में लाते हों।

प्रश्न 16. वस्तु में मिलावट की सूचना दर्ज करवाना

वस्तुओं में मिलावट की आशंका होने पर तुरन्त सम्बन्धित अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए।

प्रश्न 17. प्राथमिक उपभोक्ता कौन होता है?

यदि वे सीधे पौधों पर निर्भर करते हैं, तो उन्हें प्राथमिक उपभोक्ता कहा जाता है, और यदि जानवर अन्य जानवरों को खाते हैं, जो पौधे खाते हैं, तो उन्हें द्वितीयक उपभोक्ता कहा जाता है।

प्रश्न 18. द्वितीयक उपभोक्ता कौन है?

द्वितीयक उपभोक्ता बड़े पैमाने पर मांसाहारी होते हैं जो प्राथमिक उपभोक्ताओं या शाकाहारियों को खिलाते हैं।

प्रश्न 19. मोर कौन सा उपभोक्ता है?

मोर कीट खाने वाले सांप द्वितीयक उपभोक्ता होंगे। मोर द्वितीयक मांसाहारी या तृतीयक उपभोक्ता होंगे।

प्रश्न 20. द्वितीयक उपभोक्ता कौन से होते हैं?

द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता

वे सभी जन्तु जो भोजन के लिए प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं पर निर्भर होते हैं उन्हें द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं के वर्ग में रखते हैं। ये मांसाहारी होते हैं।

प्रश्न 21. उपभोक्ता परिपत्र क्या है?

सर्कुलर कंज्यूमर प्रैक्टिसेज (CCPs) दैनिक प्रथाएं हैं जो सर्कुलर वैल्यू क्रिएशन नेटवर्क में फिट होती हैं और जो संसाधनों की खपत को कम करने और सामग्रियों और उत्पादों को यथासंभव लंबे समय तक उपयोग में रखने के लिए उनकी रुचि का अनुपालन करती हैं।
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters Notes in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters Question & Answer in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters MCQ in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध

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