NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 4 आधुनिक विश्व – II (Modern World- II) Question Answer in Hindi

NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 4 आधुनिक विश्व – II (Modern World – II)

TextbookNIOS
class10th
SubjectSocial Science
Chapter4th
Chapter Name आधुनिक विश्व (Modern World)
CategoryClass 10th NIOS Social Science (213)
MediumHindi
SourceLast Doubt

NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 4 आधुनिक विश्व – II (Modern World – II) Question Answer in Hindi आधुनिक विश्व शब्द क्या है?, आधुनिक विश्व इतिहास क्या है?, आधुनिक विश्व की विशेषताएं क्या हैं?, विश्व आधुनिक कब हुआ?, आधुनिक का सही अर्थ क्या है?, आधुनिक जीवन का अर्थ क्या है?, आधुनिक काल कब शुरू हुआ?, आधुनिक युग किसे माना जाता है?, आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया?, आधुनिकता खराब क्यों है?

NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 4 आधुनिक विश्व – II (Modern World)

Chapter – 4

आधुनिक विश्व

प्रश्न – उत्तर

पाठांत प्रश्न

प्रश्न 1. भारत पर साम्राज्यवाद के किन्हीं दो प्रभावों का उल्लेख करें।
उत्तर – साम्राज्यवाद ने एशिया और अफ्रीका के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एशिया और अफ्रीका के देशों के धन और कच्चे माल व अपने औद्योगिक माल की बिक्री के लिए इनके बाजारों का बहुत फायदा उठाया। इन कालोनियों की अर्थव्यवस्था को नष्ट किया। नस्लीय भेदभाव की उनकी नीति ने लोगों को अपने स्वयं के आत्मविश्वास और सम्मान को पूरी तरह से खो दिया। साम्राज्यवादी शासन का उपनिवेशों पर कुछ सकारात्मक प्रभाव पड़ा। जैसे-रेलवे लाइनों, नहरों, टेलीग्राफ और टेलीफोन की तरह परिवहन और संचार की शुरूआत की। इसने राजनैतिक चेतना और राज्यों में राष्ट्रवाद की भावना का विकास करने के लिए नेतृत्व किया। आधुनिक शिक्षा और विज्ञान को विकसित करने के बाद वे अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने में सफल रहें।

भारत पर इसके दो प्रभाव – भारत में अंग्रेज व्यापारियों हमारी के रूप में आए थे, लेकिन शासक बन गए। उन्होंने अध्यक्षता में समृद्ध अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। भारत जो कपड़े का एक निर्यातक था, तैयार कच्चे माल और माल के निर्यातक का एक खरीदार बन गया।

प्रश्न 2. इंग्लैण्ड और जर्मनी के मध्य प्रतिस्पर्धा के कोई दो कारण लिखो, जिससे प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ।
उत्तर – 19वीं सदी के आखिरी तिमाही में, जर्मनी ने जबरदस्त आर्थिक और औद्योगिक प्रगति कर ली थी और कए गए इंग्लैण्ड एवं फ्रांस को औद्योगिक उत्पादन में काफी पीछे छोड़ दिया था। उसे भी ब्रिटेन की तरह आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उपनिवेशों की आवश्यकता थी। साम्राज्यवादी. दौड़ में जर्मनी इंग्लैण्ड का मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन गया। ब्रिटिश के नौसेना वर्चस्व को भी चुनौती दी गई थी और जर्मनी का सबसे जहाँ बड़ा युद्धपोत का निर्माण कर उसको कील नहर से उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर अंग्रेजी तट रेखा से जोड़ा गया था जर्मनी में भी एक रेलवे लाइन, बगदाद के साथ बर्लिन को रिक जोड़ने की रेखा है जिसे आसान करने के लिए जर्मनी के सैनिकों या पूर्व के लिए आपूर्तिकर्ताओं को भेजना आसान है बनाने का निर्माण किया।
प्रश्न 3. प्रथम विश्व युद्ध के परिणामों की जाँच कीजिए।
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध 1914 ई० में विश्वपटल पर घटित होने वाली ऐसी घटना थी, जिससे संपूर्ण विश्व के मानव समुदाय की नींद उड़ गई। यह एक ऐसी भयावह और विनाशकारी घटना थी जिसने लाखों लोगों को काल के गाल में धकेल दिया। अधिकांश यूरोपीय देशों में बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ। कुल खर्च 180 अरब डॉलर के चौंका देने वाले आँकड़ों का अनुमान लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 7 अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था टूटने लगी और चारों तरफ न सामाजिक तनाव, बेरोजगारी और गरीबी फैल गई।
प्रश्न 4. पश्चिमी शक्तियों ने इटली और जर्मनी के साथ तुष्टीकरण की नीति का पालन क्यों किया?
उत्तर – सोवियत संघ की सफलता ने पश्चिमी शक्तियों को चौकन्ना कर दिया। पूँजीवादी देश होने के कारण वे अपने देश में साम्यवाद के प्रसार को रोकना चाहते थे। इंग्लैण्ड और फ्रांस ने इटली और जर्मनी के प्रति अनुग्रह की नीति अपना ली, ताकि साम्यवाद का प्रसार पश्चिम में रोक सकें। इस नीति को तुष्टिकरण की नीति कहते हैं। जब हिटलर ने अपनी सेना एक लाख से बढ़ाकर आठ लाख कर दी और राइनलैण्ड और आस्ट्रिया पर अधिकार कर लिया तो पश्चिमी शक्तियों कोई प्रतिरोध नहीं किया। अब सोवियत संघ ने इंग्लैण्ड से प्रार्थना की कि जनरल फ्रैंको के खिलाफ कार्यवाही की जाए तो इंग्लैण्ड और फ्रांस ने कोई कदम नहीं उठाया। तुष्टिकरण की नीति की सीमा उस समय बढ़ गई जब हिटलर ने म्युनिख में 1938 ई० में इंग्लैण्ड और फ्रांस के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया। म्युनिख समझौता पर 1938 ई० में सभी ने हस्ताक्षर किए। तुष्टिकरण की नीति से फासी शक्तियों को प्रोत्साहन मिला।
प्रश्न 5. इटली और जर्मनी में फासिज्म के उदय के कारणों की जाँच कीजिए।
उत्तर – मुसोलिनी द्वारा इटली में शुरू की गई तानाशाही को फासीवाद के रूप में देखा जा सकता है। 1922 में मुसोलिनी इटली के राजा के समर्थन के साथ सत्ता में आया और 1925 से 1943 ई० तक तानाशाही की तरह शासन किया। मुसोलिनी ने सभी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिया और कुछ लोगों का समर्थन प्राप्त करने के लिए विजयी शक्तियों का अहंकार युद्ध के बाद ही समस्याओं से निपटने के लिए मौजूदा सरकारों की अक्षमता फासीवाद की जाँच करने में राष्ट्र और लोकतांत्रिक ताकत विफल रहीं। फासीवाद को जर्मन में नाजीवाद के रूप में जाना जाता है। यह एडोल्फ हिटलर द्वारा स्थापित किया गया था। उसने युद्ध के बाद बस्तियों को वापस लेने और जर्मनी शक्ति और मदिया को बहाल करने का वायदा किया। जर्मनी में एक महान राष्ट्र के पुनर्निर्माण की उसकी दृष्टि ने कई जर्मनियों को उसके साथ शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उसके इस कार्य ने लोगों को प्रथम विश्व युद्ध के घावों पर मरहम का काम किया। बहुत लोगों ने उसको इसलिए समर्थन दिया, क्योंकि उसने उनसे आर्थिक गिरावट को दूर करने का वायदा किया था।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. औद्योगिक क्रांति कब हुई ? इसके क्या परिणाम निकले।
उत्तर – औद्योगिक क्रांति 18वीं सदी में हुई। इससे समाज में एक बड़ा आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन हुआ। यह परिवर्तन एक स्थाई कृषि और व्यापारिक समाज के आधुनिक औद्योगिक समाजों में बनने को चिह्नित करता है।
प्रश्न 2. अठारहवीं शताब्दी में उत्पादन के क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए ?
उत्तर – अठारहवीं शताब्दी में हाथ से किए जाने वाले काम की जगह मशीन ने ले ली। घर में लघु स्तर के उत्पादन का स्थान बड़े कारखानों ने ले लिया। बड़े पैमाने पर बिक्री के लिए उत्पादन किया जाने लगा। इस व्यवस्था का आधार अधिक-से-अधिक लाभ अर्जित करना था।
प्रश्न 3. कारखाना प्रणाली का जन्म किस प्रकार हुआ ?
उत्तर – अमीर व्यापारियों द्वारा कारखानों की स्थापना की गई। उन्होंने नई मशीनें लगाईं, कच्चे माल से और निश्चित वेतन पर काम करने वाले श्रमिकों, मशीनों से बनी वस्तुएँ बनवाई। इस प्रकार कारखाना प्रणाली का जन्म हुआ।
प्रश्न 4. औद्योगिक क्रांति की किसी एक बड़ी उपलब्धि को गिनाइए ।
उत्तर – औद्योगिक क्रांति की एक बड़ी उपलब्धि भाप की शक्ति का विकास और प्रयोग था, जो 1769 ई० हुई में जेम्स वाट के भाप इंजन के आविष्कार के बाद संभव हुआ।
प्रश्न 5. साम्राज्यवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – उपनिवेशवाद की नई लहर को नए साम्राज्यवाद के रूप में जाना जाता है। एक देश को दूसरे देश पर या क्षेत्र पर नियंत्रण की इच्छा व प्रवृत्ति को साम्राज्यवादी कहते हैं। जो देश दूसरे देश पर प्रभुत्व जमाता है, उसे साम्राज्यवाद कहा जाता है।
प्रश्न 6. साम्राज्यवाद का प्रमुख लक्षण क्या है ?
उत्तर – किसी उपनिवेश को सैन्य शक्ति द्वारा जीतकर राजनैतिक शान या अन्य किसी ढंग द्वारा उस पर आर्थिक प्रभुत्व जमाना। उस उपनिवेश की सम्पत्ति व सम्पदा का साम्राज्यवादी देश द्वारा दोहन करना, साम्राज्यवाद का प्रमुख लक्षण है।
प्रश्न 7. साम्राज्यवादी देश और उपनिवेश देश में क्या अंतर है ?
उत्तर – वह देश जो दूसरी भूमि के लिए लड़ता है, वह देश साम्राज्यवादी देश कहलाता और जिस देश के लिए संघर्ष होता है, वह उपनिवेश कहलाता था।
प्रश्न 8. साम्राज्यवाद की मुख्य विशेषता क्या है ?
उत्तर – साम्राज्यवाद की मुख्य विशेषता सैन्य विजय, राजनीतिक माध्यम से एक साम्राज्यवादी राष्ट्र द्वारा या किसी अन्य विधि द्वारा कालोनियों के आर्थिक प्रभुत्व पर अधिकार कर ले।
प्रश्न 9. उग्र राष्ट्रवाद साम्राज्यवाद के विस्तार के लिए कहाँ तक उत्तरदायी कहा जा सकता है ?
उत्तर – उग्र राष्ट्रवाद साम्राज्यवाद के विकास में अच्छा सहायक सिद्ध हुआ। इटली व जर्मनी में केवल यह दर्शन के लिए अधिक-से-अधिक इलाके जीतने प्रारंभ किए कि वे दूसरे से बेहतर हैं।
प्रश्न 10. 1904 ई० की फ्रांस और ब्रिटेन की गुप्त संधि में क्या तय किया गया ?
उत्तर – इस संधि के अनुसार फ्रांस को मोरक्को में और ब्रिटेन को मिश्र में मनमानी करने की छुट मिल गई।
प्रश्न 11. 20वीं शताब्दी के आरंभ में ओटोमन साम्राज्य में कौन-से राज्य सम्मिलित थे ? यूनान,
उत्तर – इसमें बाल्कन क्षेत्र के राज्य रोमानिया, बुल्गारिया, सर्बिया, मोण्टेनीग्रो तथा और कई छोटे राज्य सम्मिलित थे।
प्रश्न 12. सर्वस्लाव आंदोलन की मुख्य माँग क्या थी ?
उत्तर – इनकी मुख्य माँग थी कि सभी स्लाव लोग एक ही राज्य में एकत्रित होकर सर्बिया राज्य में संगठित हो जाए, जिसमें स्लाव लोगों की सबसे अधिक संख्या थी।
प्रश्न 13. लीग ऑफ नेशन्स के मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर – लीग ऑफ नेशन्स के मुख्य उद्देश्य थे- विश्व में शांति स्थापित करना, भविष्य में युद्ध को रोकना, अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रोत्साहन देना, अन्तर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्वक निपटारा करना और सदस्य देशों की मजदूरों की स्थिति में सुधार करना।
प्रश्न 14. लीग ऑफ नेशन्स के मुख्य अंग कौन-कौन
उत्तर – लीग ऑफ नेशन्स के मुख्य पाँच अंग हैं- (i) क्षेत्रीय विधायिका, (ii) संघीय परिषद, (iii) सचिवालय, (iv) अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, (v) अन्तर्राष्ट्रीय अदालत।
प्रश्न 15. प्रथम विश्व युद्ध के तात्कालिक कारण क्या थे ?
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण आर्क्रड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड की हत्या थी। वह सरायेवो से बोस्निया की राजधानी जा रहा था। रास्ते में सर्बियाई युवक द्वारा उनकी हत्या कर दी, जो युद्ध का तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न 16. लीग ऑफ नेशन्स की मुख्य उपलब्धियाँ क्या थीं ?
उत्तर – लीग ऑफ नेशन्स ने सफलतापूर्वक जर्मनी व बेल्जियम, पौलैंड व जर्मनी, फिनलैंड और स्वीडन के बीच चल रहे विवादों को सफलतापूर्वक समाधान किया जो इसकी  बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
प्रश्न 17. राष्ट्र संघ क्यों असफल हुआ ?
उत्तर – राष्ट्र संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था- विश्व में शांति बनाए रखना। किंतु वह अपने कार्यों में विफल रहा जापान ने 1936 में मंचुरिया पर आक्रमण कर दिया और इटली ने 1935 में इथोपिया पर आक्रमण कर दिया तो इसकी असफलता खुलकर सामने आ गई।
प्रश्न 18. फासीवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – फासीवाद वास्तव में एक विचारधारा है जिसका उदय मुसोलिनी की अध्यक्षता में प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् इटली में हुआ।
प्रश्न 19. आस्ट्रिया और सर्बिया एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी कैसे बन गए ?
उत्तर – 1908 में आस्ट्रिया में स्लाव राज्यों – बोस्निया और हर्जेगोविना को अपने अधिकार क्षेत्र में कर लिया जिससे आस्ट्रिया और सार्बिया एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन गए।
प्रश्न 20. वर्साय की संधि कब और कहाँ आयोजित की गई ?
उत्तर – वर्साय की संधि पेरिस के नजदीक वर्साय नामक स्थान पर 1919 आयोजित हुई। इस संधि के अंतर्गत विजित राष्ट्रों ने हारे हुए राष्ट्रों का भविष्य का निर्णय करने के लिए प्रारूप तैयार किया जिस पर 27 देशों ने हस्ताक्षर किए।
प्रश्न 21. वर्साय की संधि से जर्मनी पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – वर्साय की संधि ने जर्मनी की आर्थिक, राजनीतिक और सैनिक को पंगु बना दिया। संक्षेप में, यह वर्साय की संधि का जर्मनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
प्रश्न 22. सेंट जर्मे की संधि का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर – सेंट जर्मे की संधि के अनुसार हंगरी साम्राज्य को दो अलग-अलग भागों-आस्ट्रिया और हंगरी में विभाजित कर दिया।
प्रश्न 23. 14 सूत्री कार्यक्रम क्यों लाया गया ? 
उत्तर – 14 सूत्री कार्यक्रम अमेरीकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने लाया था। इसका मुख्य उद्देश्य था साम्यवाद के प्रसार को रोकना।
प्रश्न 24. न्यू डील को परिभाषित कीजिए।
उत्तर – न्यू डील वास्तव में आर्थिक पुनर्निर्माण कार्यक्रम था जिसे अमेरिका राष्ट्रपति फ्रेंकलिन रूजवेल्ट के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया था। इस डील के अंतर्गत नए प्रस्ताव लाए गए, जैसे-रोजगार के अवसर अधिक से अधिक पैदा किए जाए, किसानों के हित की बात की गई, इत्यादि ।
प्रश्न 25. जापान का सैन्य शक्ति के रूप में उदय हुआ ?
उत्तर – जापान ने फासी शक्तियों का साथ दिया। रोम-टोक्यो बर्लिन धुरी पर हस्ताक्षर करके तीनों शक्तियाँ परस्पर सहायता के लिए वचनबद्ध हो गए। जापान को प्रशांत व एशिया क्षेत्र में विस्तार व नियंत्रण करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया गया। हैं ?
प्रश्न 26. तुष्टीकरण की नीति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – सोवियत संघ की सफलता के पश्चात् पश्चिमी शक्तियाँ चौकन्ना हो गईं। पूँजीवादी देश होने के कारण वे अपने यहाँ साम्यवाद को रोकना चाहते थे। फारसी साम्यवाद के विरोधी थे। उधर इंग्लैण्ड और फ्रांस भी साम्यवाद नहीं चाहते थे। अत: उन्होंने इग्लैंड और जर्मनी के प्रति सुव्यवस्थित अनुग्रह की नीति अपना ली ताकि साम्यवाद का प्रसार न हो सके।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – अठारहवीं शताब्दी में अर्थव्यवस्था और शिल्प-विज्ञान के क्षेत्र में जो सशक्त और तीव्र गति हुई तथा जिसके से होता है, फलस्वरूप आधुनिक उद्योगवाद का जन्म हुआ, उसे ही मूल का श औद्योगिक क्रांति कहा जाता है। ‘क्रांति’ का शाब्दिक अर्थ है-किसी समाज के स्वरूप या मनुष्य के विचारों में आमूल परिवर्तन। जिस प्रकार पंद्रहवीं तथा सोलहवीं शताब्दी में विद्या के पुनर्जागरण धार्मिक आंदोलन तथा भौगोलिक खोजों ने यूरोप निवासियों के दृष्टि विस्तार में सहायता दी और वहाँ के भौतिक जीवन में आधुनिक दृष्टिकोण को जन्म दिया, वैसे ही अठारहवीं तथा उन्नीसवीं शताब्दी की औद्योगिक क्रांति ने पश्चिमी जगत् के भौतिक जीवन में परिवर्तन ला दिया।
प्रश्न 2. औद्योगिक क्रांति के क्या प्रभाव परिलक्षित
उत्तर – औद्योगिक क्रांति से अनेक प्रभाव परिलक्षित हुए। इस क्रांति के परिणाम स्वरूप एक शहरी समाज की स्थापना हुई। लोगों को अब रोजगार के अवसर मिले, बेरोजगारी में कमी आई, ट्रेड यूनियन की स्थापना हुई जिससे मजदूरों एवं श्रमिकों की स्थिीत में सुधार हुआ। ट्रेड यूनियन ने मूजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए अनेक कानून पारित कराए। जहाँ मजदूरों के काम करने के घंटे 12-14 होते थे अब 8 हो गए।
प्रश्न 3. साम्राज्यवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – साम्राज्यवाद एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था है। जिसमें शक्तिशाली और विकसित देश कमजोर तथा विकासशील देशों को अपने अधीन कर लेते थे जिससे पराधीन देश अपनी स्वतंत्रता खो देता था। साम्राज्यवाद के अंतर्गत शासन जनता के हित में न होकर साम्राज्यवादी देश के हित में किया जाता है। ‘साम्राज्यवाद को दो रूपों में प्राचीन और नवीन साम्राज्यवाद में विभाजित किया जा सकता है।
प्रश्न 4. राष्ट्रवाद को परिभाषित कीजिए।
उत्तर – राष्ट्रवाद का उदय एक सिद्धांत के रूप में यूरोपीय ज्ञानोदय इंग्लैण्ड की शानदार गौरवपूर्ण क्रांति तथा फ्रांस की क्रांति के परिणामस्वरूप हुआ। वस्तुतः यह एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक राजनीतिक घटना है जिसमें राष्ट्रराज्यों के तत्त्वों का की ? मिश्रण है जिसमें कुछ की जड़ें मानव प्रकृति में हैं जिनमें से अनेकों का एक लंबा इतिहास है। फिर भी यह एक आधुनिक घटनाक्रम है। इसकी खोज एक कठिन कार्य है और थोड़े शब्दों में इसे परिभाषित करना तो और भी कठिन है। आधुनिक अर्थ में इसका उदय परिचित जमीन और जनता के उस लगाव हैं? से होता है, जो कि देशभक्ति का आधार माना जाता है।
प्रश्न 5. फासीवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – ‘फासिज्म’ से फासीवाद निकला। फासिज्म इतालवी मूल का शब्द है। इसका प्रयोग सर्वप्रथम मुसोलिनी के नेतृत्व नर्थ में चलाए जाने वाले आंदोलन के लिए किया गया था। उसने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले बर्खास्त सैनिकों का संगठन बनाया था जिसे इतालवी भाषा में ‘फसिमो’ कहा जाता था। यह शब्द पुराने रोमन मैजिस्ट्रेट के सामने रखे जाने वाले लोहे का प्रतीक था। मुसोलिनी ने जिस पार्टी का गठन किया, वह ही फासी दल कहलाया और उसके सिद्धांत फासीवाद।
प्रश्न 6. फासीवाद के मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर – फासीवाद, व्यक्तिवाद, पूँजीवाद, अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद, उदारवाद और आतंकवाद का कट्टर विरोधी था। वह राज्य को सर्वश्रेष्ठ मानता था। फासीवाद एक दल, एक । नेता और एक शासक में विश्वास करता था। नवयुवकों से एक आह्वान था कि विश्वास करो, आज्ञा मानो और लडो’। फासिस्टों के मुख्य उद्देश्य थे-राज्य की शक्ति एवं सत्ता को निजी संपत्ति की रक्षा, शक्तिशाली सैन्य संगठन, साम्यवाद का विरोध, शक्तिशाली विदेश नीति, व्यापार उद्योग धंधों की रक्षा इत्यादि।
प्रश्न 7. नाजीवाद से आपका क्या अभिप्राय है ? इसका उदय जर्मनी में क्यों हुआ ?
उत्तर – जर्मनी में नाजीवाद का प्रादुर्भाव लगभग वैसी परिस्थिति में हुआ जिन परिस्थितियों में इटली में फासीवाद का जन्म हुआ था। इस आंदोलन का प्रारंभ हिटलर द्वारा किया गया था। वर्साय संधि ने जर्मनी को पंगु बना दिया था। उसके सभी उपनिवेश छीन लिए गए थे और उस पर हर्जाने की बड़ी रकम लाद दी गई थी। जर्मनी में भीषण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। अब जर्मनी को एक ऐसे नेता की आवश्यकता थी जो जर्मनी की तमाम समस्या को सुलझा सकता था। इसी परिस्थिति में जर्मनी में हिटलर का उदय हुआ। उसने नाजी दल की स्थापना की। नाजी दल के सिद्धांत नाजीवाद कहलाए।
प्रश्न 8. सोवियत संघ ने जर्मनी के साथ संधि क्यों फ्रांस, जर्मनी और इटली को सोवियत संघ के खिलाफ कार्य,
उत्तर – सोवियत संघ को यह आभास हुआ कि ब्रिटेन, करने के लिए तुष्टिकरण कर रहे हैं तो इस योजना पर रोक लगाने के लिए सोवियत संघ ने जर्मनी के साथ एक-दूसरे पर आक्रमण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
प्रश्न 9. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना क्यों की गई थी ? इसके मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के नियमन के लिए राष्ट्र संघ की स्थापना विश्व के राजनीतिक पटल पर एक महत्त्वपूर्ण घटना तथा पेरिस शांति सम्मेलन की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थी। 24 अक्टूबर, 1945 को 50 देशों की सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई। इसके
मुख्य उद्देश्य थे-
(i) भविष्य में युद्धों को रोकना,
(ii) अंतर्राष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाना,
(iii) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देना,
(iv) विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना।
प्रश्न 9. द्वितीय विश्व युद्ध के क्या परिणाम परिलक्षित हुए ?.
उत्तर – द्वितीय विश्व युद्ध विश्व इतिहास में सबसे भयावह और विध्वंसक घटना थी। बड़ी संख्या में धन-जन की हानि हुई। बड़े-बड़े नगर धराशायी हो गए, लाखों लोग बेघर हो गए।  जर्मनी को ध्वस्त कर दिया गया। हिरोशिमा और नागासाकी पर बम बरसाए गए। परमाणु प्रलय का खतरा युद्ध के प्रमुख परिणामों में से एक था। नाजी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया और जर्मन सेना को भंग कर दिया गया। एशिया और अफ्रीका में नवीन राज्यों का उदय हुआ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. औद्योगिक क्रांति इंग्लैण्ड में ही क्यों आरंभ हुई ?
उत्तर – सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति की शुरुआत 1750 ई० में लगभग इंग्लैण्ड में हुई। अधिक मुनाफा कमाने के लिए कम लागत पर अधिक माल तैयार करने की आकांक्षा के कारण औद्योगिक क्रांति शुरू हुई और पूँजीवाद का और अधिक विकास हुआ।

औद्योगिक क्रांति सुनियोजित या आकस्मिक घटना थी, इसलिए कुछ इतिहासकारों ने इसे ‘क्रांति’ की संज्ञा न देकर “क्रमिक विकास’ की संज्ञा दी हैं। जो भी हो, इतना तो सत्य है कि औद्योगिक क्रांति की गति इतनी तीव्र थी कि इसने संपूर्ण विश्व को प्रभावित किया। अब प्रश्न यह उठता है कि विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में ही

प्रकार अठारहवीं सदी में फ्रांसी में राजनीतिक क्रांति के सभी साधन उपलब्ध थे। उसी प्रकार इंग्लैण्ड में भी औद्योगिक क्रांति के सभी साधन उपलब्ध थे। इंग्लैण्ड की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सभी स्थिति औद्योगिक क्रांति के अनुकूल थी। इसलिए यह क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में ही हुई।

प्रश्न 2. साम्राज्यवाद के विकास के लिए उत्तरदायी कारकों को लिखिए।
उत्तर – वस्तुतः 19वीं शताब्दी में साम्राज्यवाद के विकास के लिए अनेक अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान थीं। साम्राज्यवादी देशों ने इसका भरपूर उपयोग किया और उपनिवेशों की स्थापना की। साम्राज्यवाद के विकास के निम्नलिखित प्रमुख  कारण थे-
(i) एशिया और अफ्रीका के देशों के पास प्रचुर संपदा थी, परंतु उनकी राजनीतिक और सैन्य शक्ति कमजोर थी और उद्योग पिछड़े हुए थे। साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा जीते जाने व उन्हें लाभप्रद ढंग से बनाए रखने की आदर्श स्थिति बनी हुई थी।

(ii) उग्र राष्ट्रवाद साम्राज्यवाद के विकास में बहुत सहायक सिद्ध हुआ। इटली और जर्मनी ने केवल यह दर्शाने के लिए अधिक-से-अधिक इलाके जीतने प्रारंभ कि वे एक-दूसरे से बेहतर हैं।

(iii) यूरोपवासी जातीय श्रेष्ठता के नशे में एशिया व अफ्रीका के लोगों को पिछड़ा हुआ समझते थे। उनके अनुसार ये उपनिवेश श्वेत जाति के लोगों पर बोझ थे, अतः गोरों की जिम्मेदारी है कि वे इन पिछड़े लोगों को सभ्य बनाएँ।

(iv) साहसी खोजकर्त्ताओं ने यूरोपवासियों में इन देशों

(v) अपना सामान बेचने के लिए विदेशी बाजारों की आवश्यकता ने भी साम्राज्यवाद का विस्तार करने में सहायता  की।

प्रश्न 3. साम्राज्यवाद का उपनिवेशों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – साम्राज्यवाद का उपनिवेशों पर निम्नलिखित प्रभाव
(i) भारत में यूरोपवासी व्यापार करने के बहाने से आये और यहाँ के शासक बन बैठे।
(ii) दक्षिण अफ्रीका में गोरे लोगों ने काले लोगों के साथ बहुत दुर्व्यवहार किया जिससे जातीय भेदभाव या रंगभेद (अपरथाइड) की नति अपनाई।
(iii) लाइबेरिया और इथोपिया के अतिरिक्त पूरे अफ्रीका को यूरोपीय राष्ट्रों ने आपस में बाँट लिया। गया।

(v) चीन को अलग-अलग राज्यों ने अपने प्रभाव क्षेत्र में बाँट लिया था तथा उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए खोज, लिया।

(vi) उपनिवेशवादियों ने स्थानीय उद्योगों को नष्ट कर दिया और प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग अपने लाभ के लिए किया।

(v) चीन को अलग-अलग राज्यों ने अपने प्रभाव क्षेत्र कारण बना। रूस के हित ब्रिटेन के साथ अफगानिस्तान और में बाँट लिया था तथा उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए खोज, ईरान में टकराते थे। रूस व आस्ट्रिया बाल्कन क्षेत्र पर झगडने लिया।

(vii) भारत के ग्रामीण उद्योगों को समाप्त कर दिया। यहाँ से वस्त्रों का निर्यात किया जाता था, लेकिन विदेशी राज्य स्थापित होने के बाद भारत मशीन के तैयार माल का खरीदार बन गया और कच्चे माल का निर्यात करने वाला देश बन गया।

(viii) करों के कारण उपनिवेशों की जनता निर्धन हो गई।

प्रश्न 4. प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे ?
उत्तर – नि:संदेह 1914 का प्रथम विश्वयुद्ध का विस्फोट विश्व इतिहास की एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण घटना थी। हालाँकि इससे पूर्व यूरोप के विभिन्न राज्यों में अनेक युद्ध हुए। किंतु  विभिन्न राष्ट्रों के मध्य जो युद्ध हुए, वे संसार के विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न समयों पर हुए। यह युद्ध 1914 से 1918 तक निरंतर चलता रहा। लाखों व्यक्ति इस युद्ध में हताहत हुए और इस युद्ध का प्रभाव समस्त संसार में किसी ने किसी रूप में अवश्य पड़ा। युद्ध के कारणों की विस्तृत व्याख्या निम्नलिखित है-

(i) आस्ट्रिया की गद्दी का वारिस आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेण्ड की हत्या 28 जून, 1914 को सर्बियावासी युवक ने कर दी। 28 जुलाई, 1914 को आस्ट्रिया ने सर्विया पर, 1 अगस्त को जर्मनी ने रूस पर, 2 अगस्त को फ्रांस पर युद्ध घोषणा कर दी। 4 अगस्त को इंग्लैण्ड ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की दी। एक स्थानीय समस्या ने विश्वयुद्ध का रूप ले लिया। युद्ध का तात्कालिक कारण आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेण्ड की हत्या थी।

(ii) 1882 में जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली ने त्रिगुट की स्थापना की। इंग्लैण्ड, फ्रांस व रूस ने त्रिदेशीय संधि कर डाली। दो शक्तिशाली तथा परस्पर विरोधी गुटों के उदय से यूरोप दो खेमों में बँट गया।

(iii) 1908 में आस्ट्रिया ने स्लाव राज्यों-बोसनिया तथा हर्जेगोविना को अपने अधिकार क्षेत्र में कर लिया जिससे आस्ट्रिया तथा सर्विया एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन गए।

(iv) जर्मन सम्राट कैंसर ने युद्ध व सैन्यीकरण का यश गया। लोग इतने उत्सुक हो गए कि सम्राट के युद्ध अभियान को पूरे मन से सहायता करने के लिए उमड़ पड़े।

(v) साम्राज्यवादी हितों का टकराना युद्ध का प्रमुख कारण बना। रूस के हित ब्रिटेन के साथ अफगानिस्तान और ईरान में टकराते थे। रूस व आस्ट्रिया बाल्कन क्षेत्र पर झगड़ने लगे।

प्रश्न 5. प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए ?
उत्तर – सन् 1914 में एक ऐसा युद्ध हुआ जिसने संपूर्ण विश्व को अपने प्रभाव क्षेत्र में ले लिया। यह एक सर्वव्यापी युद्ध था जिसमें युद्धरत् देशों ने अपने सारे संसाधन झोंक दिए जिसका हुए परिणाम संपूर्ण विश्व व्यवस्था पर पड़ा तथा गैर-सैनिक क्षेत्रों पर हुई बमबारियों से और अधिक युद्ध फैल गए। अकाल और महामारी से गैर-सैनिक लोगों की जानें गईं. उनकी संख्या मारे गए सैनिकों से अधिक थी। इस युद्ध दुनिया के इतिहास को एक नया मोड़ दिया। इस युद्ध में लड़ाइयाँ, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और प्रशांत क्षेत्र में लड़ी गईं। इसके अभूतपूर्व विस्तार और इसकी सर्वांगीण प्रकृति के कारण इसके अनेक परिणाम हुए जिनमें मुख्य हैं-

1. स्वेच्छाचारी शासकों का अंत – रोमानिया के स्वेच्छाचारी आस्ट्रिया का राजवंश समाप्त हो गया। वह गणतंत्र घोषित हो गया। 1922 में तुर्की का राजतंत्र समाप्त हो गया।

2. स्वतंत्र राज्य – शांति समझौतों से हंगरी एक स्वतंत्र OP स्वतंत्र राज्य बनाए गए। रोमानिया और पौलैण्ड का क्षेत्र बढ़ा राज्य बनाया गया। एस्तोनिया, लिथुआनिया, लेलिया, फिनलैंड दिया गया।

3. यूरोप की सर्वोच्चता की समाप्ति – युद्ध की समाप्ति ने यूरोप की सर्वोच्च होने की समाप्ति की घोषणा कर दी और घोषणा कर दी। 4 अगस्त को इंग्लैण्ड ने जर्मनी पर युद्ध की कर दिया गया। इसके राज्यों को मित्र देशों के बीच बाँट दिया अफ्रीका में राष्ट्रीय आंदोलन और शक्तिशाली हो गया।

4. सेवर्स की संधि – इसमें ओटोमन साम्राज्य का विघटन घोषणा की दी। एक स्थानीय समस्या ने विश्वयुद्ध का रूप ले लिया। युद्ध का तात्कालिक कारण आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेण्ड की हत्या थी। गया। सीरिया फ्रांस को दे दिया।

5. हंगरी का विभाजन – सेंट जमें की संधि के अनुसार हंगरी को आस्ट्रिया और हंगरी में विभाजित कर दिया गया और स्वतंत्र राज्य बना दिया गया। आस्ट्रिया का बहुत-सा चेकोस्लोवाकिया, रूमानिया तथा यूगोस्लाविया को दे दिया गया।

प्रश्न 6. “द्वितीय विश्व युद्ध के बीज वर्साय की विश्व युद्ध का कारण बताइए।
उत्तर – विश्व युद्ध के बीज वर्साय की संधि में विद्यमान भारत पर ब्रिटिश शासन का प्रभाव एक रंग वाली नकली थे। पेरिस सम्मेलन के समय यह आज विश्वास था कि वर्साय की संधि से एक ऐसे विष-वृक्ष का बीजारोपण हो रहा है जो शीघ्र ही एक विशाल संहारक वृक्ष के रूप में खड़ा हो जाएगा और उसका कटु जल सबको चखना पड़ेगा। वर्साय की संधि में विल्सन के आदर्शवादी सिद्धांतों की सर्वथा उपेक्षा की गई। पराजित राज्यों के सामने आरोपित संधियों को स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई दूसरा चारा नहीं था। उनके लिए यही बुद्धिमानी थी कि वे आँख बंद करके कठोर संधि के कड़वे घूँट को चुपचाप गले के नीचे उतार लें। विजय के मद में मित्र राष्ट्र भविष्य के खतरे को देखे बिना ही सब कुछ करते जा रहे थे। जर्मनी को पंगु बना दिया गया था। जर्मनी जैसा स्वाभिमानी राष्ट्र अधिक दिनों तक इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकता था और यह निश्चित किया कि जर्मनी एक दिन वर्साय के घोर अपमान का बदला लेगा। इसलिए किसी विद्वान ने द्वितीय विश्व युद्ध को प्रतिशोधात्मक युद्ध की संज्ञा दी है।

NIOS Class 10th सामाजिक विज्ञान (पुस्तक – 1) Question Answer in Hindi

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