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Home Class 10th NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 10 जलवायु (climate)...

NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 10 जलवायु (climate) Notes In Hindi

March 16, 2023
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    NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 10 जलवायु (climate)

    TextbookNIOS
    Class10th
    Subjectसामाजिक विज्ञान (Social Science)
    Chapter10th
    Chapter Nameजलवायु
    CategoryClass 10th सामाजिक विज्ञान
    MediumHindi
    SourceLast Doubt

    NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 10 जलवायु (climate) Notes In Hindi जलवायु के कितने प्रकार है?, जलवायु का महत्व क्या है?, भारत में कितने प्रकार की जलवायु है?, जलवायु का क्या कारण है?, जलवायु कैसे बनती है?, जलवायु के 4 प्रकार क्या हैं?, भारत में 5 जलवायु क्षेत्र कौन से हैं?, पृथ्वी पर कितने जलवायु क्षेत्र हैं?, जलवायु के जनक कौन है?, जलवायु के 3 प्रकार कौन से हैं?, जलवायु के तत्व कौन कौन है?, मौसम के 4 प्रकार कौन से हैं?, जलवायु को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?, मौसम और जलवायु में क्या अंतर होता है?, 8 जलवायु चर क्या हैं?, मौसम कितने प्रकार के होते हैं?, भारत की जलवायु कैसी है और क्यों?, भारत में जलवायु का कार्य कौन करता है?, भारत की जलवायु का क्या अर्थ है?, एक वर्ष में कितने मौसम होते हैं?, मौसम के 7 तत्व क्या हैं?, हवा किस मौसम में होती है?, भारत की जलवायु को क्या नाम दिया गया है?, रात में हवा क्यों गिरती है?, मानसून किस पवन को कहते हैं?, गर्मी में कौन सी हवा चलती है?

    NIOS Class 10th Social Science (213) Chapter – 10 जलवायु (Climate)

    Chapter – 10

    जल वायु

    Notes

    भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक

    जब मोना और राजू अपने माता पिता के साथ ट्रेन में थे तब उन्होंने मौसम और जलवायु के बीच अंतर के बीच में अपने माता पिता से प्रश्न पूछे। सहयात्रियों में एक शिक्षिका, श्रीमती रूपा भी थी ।सामान्यतया उन्होंने बताया कि जलवायु हमेशा बड़े क्षेत्र के लिए होती है और इसमें परिवर्तन नहीं होता है। जैसे- भारत में मानसून जलवायु है, जबकि मौसम एक छोटे क्षेत्र के लिए होता है और यह हमेशा बदलता रहता है जैसा कि आपके शहर या गांव में जहां प्रायः सुबह में बारिश और दोपहर में धूप होती है। श्रीमती रूपा ने उनसे कहा शिमला के रास्ते में मौसम की स्थिति में परिवर्तन का अवलोकन करें। उन्होंने कुछ परिवर्तन अनुभव किए। मौसम दक्षिणी क्षेत्र में गर्म और आर्द्र था और धीरे धीरे उत्तरी मैदान में गर्म और शुष्क हो गया। धीरे धीरे जब वे शिमला के करीब थे उन्होंने ठंडा महसूस किया। उन्होंने शिक्षिका से इसका कारण पूछा। उन्होंने बताया कि मौसम जलवायु या मौसम को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं।

    भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक

    1. स्थान – जो स्थान भूमध्य रेखा के करीब हैं, वहीं तापमान अधिक रहता है। जैसे-जैसे आप ध्रुवों की ओर जाते हैं, तापमान घटता जाता है। हमारा देश भारत की स्थिति उत्त गोलार्द्ध में विषुवत वृत्त से 8 डिग्री 4 मिनट उत्तर में स्थित है तथा कर्क वृत्त (231/2 डिग्री उत्तर) भारत के मध्य से गुजरती है। इस प्रकार से कर्क वृत्त के दक्षिण की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय और इसके उत्तर में जलवायु उपोष्ण कटिबन्धीय है। उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश की जलवायु हरियाणा से अधिक गर्म है। मौटेतौर पर कर्क वृत्त के दक्षिण में स्थित भूभाग इसके उत्तर में स्थित भूभागों से अधिक सौर ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

    2. समुद्र से दूरी – भारत का दक्षिणी आधा भाग तीन ओर समुद्र से घिरा हुआ है। पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में हिंद महासागर है। समुद्र के अनुकूलन प्रभाव के कारण यह क्षेत्र न तो गर्मियों में ज्यादा गर्म और न ही सर्दियों में बहुत ठंड होती है। उदाहरण के लिए उत्तर भारत के क्षेत्र, जो समुद्र से बहुत दूर है, की जलवायु के विष है। जबकि दक्षिण भारत, जो समुद्र के निकट है, की जलवायु सम है। हमे दी गयी तालिका संख्या 10. 1 में विभिन्न स्टेशनों पर तापमान और वर्षा में बदलाव देख सकते हैं।

    3. समुद्र तल से ऊंचाई – इसका तात्पर्य है औसत समुद्र तल से ऊंचाई। जब हम पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर जाते हैं तो वायुमंडल कम घना होता चला जाता है और हमें सांस लेने में दिक्कत होती है। इस प्रकार तापमान भी ऊंचाई के साथ घट जाता है। उदाहरण के लिए पहाड़ियों पर स्थित शहर ठंडे होते हैं जैसे – शिमला, जबकि एक ही अक्षांश पर मैदानों में स्थित शहर लुधियाना की जलवायु गर्म है।

    मानसून का रचनातंत्र

    मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के शब्द मौसिम से हुई है जिसका अर्थ है मौसम या ऋतु। वर्ष के दौरान पवनों की दिशा में ऋतुवत परिवर्तन ही मानसून कहलाता है। गर्मियों के दौरान उत्तर भारतीय मैदान के भीतरी बहुत अधिक गर्म हो जाता हैं। जैसे- राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश। इन भागों में दैनिक अधिकतम तापमान 45डिग्री47डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है।

    मानसून की विशेषताएं

    1. मानसून पवनें स्थाई पवनें नहीं हैं। वे प्रकृति में अनियमित हैं एवं वातावरण की विभिन्न दशाओं जैसे क्षेत्रीय जलवायविक दशाओं से प्रभावित की है। किसी वर्ष मानसून जल्दी आता है तो कभी देर से आता है।

    2. मानसून समान रूप से वितरित नहीं हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा जैसे तटीय क्षेत्र भारी वर्षा प्राप्त करते हैं, जबकि हरियाणा, मध्य प्रदेश, जैसे आ ंतरिक क्षेत्रों में कम वर्षा प्राप्त होती है।

    3. जब मानसून आता है तो सैकड़ों दिन तक भारी वर्षआ होती है। यह ‘मानसून के फटना’ के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से केरल तट पर होता है जहां यह सबसे पहले पहुँचता है।

    मौसम के चक्र

    हमारे देश भारत में भौगोलिक स्थिति के कारण मौसमी विविधता देखने की मिलती है। अब हम भारत के मौसम के बारे में जानेगे और उनकी अनूठी विशेषताओं के बारे में जान सकेंगे। यहां चार मौसम है:
    (क) शीत ऋतु (दिसंबर – फरवरी)
    (ख) ग्रीष्म ऋतु (मार्च – मई)
    (ग) आगे बढ़ते हुए दक्षिण-पश्चिमी मानसून की ऋतु (जून से सितंबर)
    (घ) पीछे हटते हुए मानसून की ऋतु (अक्टूबर नवंबर)

    वर्षा का वितरण

    वर्ष के किसी एक समय में भारत में वर्षा का वितरण अत्यन्त असमान है। पूर्व से पश्चिम की ओर उत्तरी मैदानों तथा मध्य भारत में वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। प्रायद्वीपीय भारत में तटीय क्षेत्रों से आ ंतरिक क्षेत्रों की ओर वर्षा होती जाती है। उत्तरी-पूर्व भारत में ऊँचाई के साथ वर्षा की मात्रा बढ़ती जाती है। वर्षा के वितरण में बहुत अधिक विषमताओं वाला भारत एक अनोखा उदाहरण है। विश्व के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान तथा सबसे कम वर्षा वाले स्थान भारत में ही हैं। क्या आप बता सकते हैं क्यों? भारत में वर्षा की स्थानिक विषमताओं को निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत दिखाया जा सकता है। मानचित्र को ध्यान से देखिए और दिए गए वर्गीकरण में आने वाले राज्यों को मालूम कीजिए।

    सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन

    अब आप मौसम के चक्र के बारे में अच्छी तरह परिचित हो गए हैं, लेकिन एक दूसरा सवाल हमारे मन में आता है कि मौसम और हमारे जीवन के बीच क्या संबंध है? क्या वे इतना महत्वपूर्ण है कि वे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं? उत्तर है ‘हां’ | वे हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को प्रभावित करते हैं। जैसे- भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से मौसम के चक्र पर निर्भर है। खरीफ फसल का समय आगे बढ़ते मानसून की ऋतु है और कटाई मानसून के बाद होती है। रबी की फसल सर्दियों में उगाई जाती है और ज़ायद फसल सर्दियों के मौसम के अंत में है। बाढ़ और सूखा देश के आर्थिक विकास में बाधा हैं क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर  आधारित अर्थव्यवस्था है।

    वैश्विक पर्यावर्णीय परिवर्तन और उनका भारतीय जलवायु पर प्रभाव

    इस पाठ को पढ़ने के पश्चात् आप समझ गए होंगे कि भारत में सौभाग्यवश चार स्पष्ट मौसम हैं। ग्रीष्म, शीत, बसन्त और मानसून की ऋतु। हालांकि आजकल इस मौसम चक्र में विघ्न पैदा होने लगा है। इस का प्रमुख कारण वैश्विक तापन है जो आज के विश्व का ज्वलंत विषय है। इसका बहुत अधिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ा है जिसने हमारे जीवन के हर पहलू और हमारी जीवन शैली को प्रभावित किया है। वैश्विक तापन का विश्व जलवायु पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है और भारत इसका अपवाद नहीं है। क्या आप नहीं समझते कि हममें से प्रत्येक गहरा विस्तार को रोकने में कैसे योगदान दे सकता है।आइए सबसे पहले यह जानते हैं कि वैश्विक तापन क्या है? पिछले दशकों के दौरान नगरीकरण, औद्योगीकरण और जनसंख्या में वृद्धि के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो गया है।

    मानवीय अनुक्रियाओं के कारण कार्बन डाइआक्साइड, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC) और अन्य विनाशकारी गैसों की मात्रा में वृद्धि हुई है। सौर ऊर्जा के लगभग 51 प्रतिशत भाग पृथ्वी के धरातल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जिससे इसका तापमान बढ़ जाता है। बाकी की सौर वायुमंडल में परावर्तित हो जाती है। यह एक निश्चित तापमान बनाए रखने में मदद करता है। परन्तु अब प्रदूषण के कारण परावर्तित ऊर्जा का कुछ भाग हरित ग्रह गैसों जैसे मुख्य रूप से कार्बन डाइआक्साइड रोक लिया जाता है। इससे पृथ्वी के धरातल का तापमान बढ़ गया है। इस बात के प्रमाण है कि कार्बन डाइआक्साइड का स्तर अब भी बढ़ रहा। संयुक्त राष्ट्र

    आपने क्या सीखा

    • भारत की जलवायु बहुत से कारकों द्वारा प्रभावित होती हैं जैसे स्थिति, समुद्र से
      दूरी, ऊंचाई, पर्वत श्रृंखलाएँ, सतही पवनों की दिशा और ऊपरी वायु धाराएँ ।
    • भारत में हवाओं का उलट फेर एक विशेष प्रणाली है जो मानसून के रूप में जानी
      जाती है।
    • भारत में मौसम की एक चक्रीय प्रणाली है और इसके चार मुख्य मौसम है। ये हैं
      ग्रीष्म ऋतु, आगे बढ़ते मानसून की ऋतु और पीछे हटते मानसून
      शीत ऋतु, की ऋतु।
    • मौसम हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारी
      गतिविधियों और खाने की आदतों को भी प्रभावित करते हैं।
    • वैश्विक तापन भारतीय जलवायु को भी प्रभावित करता है।

    NIOS Class 10th सामाजिक विज्ञान (पुस्तक – 1) Notes in Hindi

    • Chapter – 1 प्राचीन विश्व
    • Chapter – 2 मध्यकालीन विश्व
    • Chapter – 3 आधुनिक विश्व – Ⅰ
    • Chapter – 4 आधुनिक विश्व – Ⅱ
    • Chapter – 5 भारत पर ब्रिटिश शासन का प्रभाव : आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृति (1757-1857)
    • Chapter – 6 औपनिवेशिक भारत में धार्मिक एवं सामाजिक जागृति
    • Chapter – 7 ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लोकप्रिय जन प्रतिरोध
    • Chapter – 8 भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन
    • Chapter – 9 भारत का भौतिक भूगोल
    • Chapter – 10 जलवायु
    • Chapter – 11 जैव विविधता
    • Chapter – 12 भारत में कृषि
    • Chapter – 13 यातायात तथा संचार के साधन
    • Chapter – 14 जनसंख्या हमारा प्रमुख संसाधन

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