NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 7 भरत-राम का प्रेम
Textbook | NCERT |
Class | 12th |
Subject | Hindi |
Chapter | 7th |
Grammar Name | भरत-राम का प्रेम |
Category | Class 12th Hindi अंतरा |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 7 भरत-राम का प्रेम Question & Answer इस में हम पढ़ेंगे रावण की उम्र कितनी है?, श्री राम की बेटी का क्या नाम था?, राम कितने लड़के थे?, राम के मामा कौन था?, राम का गांव कौन सा है?, राम का पहला पुत्र कौन था?, श्री राम का अर्थ क्या है?, राम का दूसरा नाम क्या है?, राम जी का बीज मंत्र क्या है?, भरत को क्या बोलते हैं?, श्री राम की बहन का नाम क्या था?, भगवान श्री राम की मृत्यु कैसे हुई?, राम मंदिर किसने तोड़ा?, लव कुश किसके अवतार थे?, लव कुश किसका अवतार है?
NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 7 भरत – राम का प्रेम
Chapter – 7
भरत-राम का प्रेम
प्रश्न – उत्तर
अभ्यास प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. ‘हारेंहु खेल जितावहिं मोही’ भरत के इस कथन का क्या आशय है? उत्तर – यह पंक्ति भरत जी ने श्रीराम के चरित्र के सकारात्मक पक्ष को उजागर करने हेतु कही है। इसका आशय है कि श्रीराम खेल खेलते समय भरत को जिताने हेतु जान-बुझकर हार जाते हैं। भरतजी कहते हैं कि भगवान राम बड़े ही दयालु और स्नेही प्रकृति के भाई हैं। वह खेल में अपने छोटे भाई भरत से इसलिए हार जाते थे ताकि उसे किसी भी प्रकार का कष्ट न हो और वह पूरे उत्साह के साथ खेल खेलता रहे। उनके इस व्यवहार के कारण भरत की सदैव जीत होती थी। इस तरह भरत अपने भाई की प्रशंसा करते हैं, तो दूसरी तरफ उनके भाई के प्रति असीम श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव भी उजागर होता है। |
प्रश्न 2. ‘मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ’ में राम के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है? उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति में राम के स्वभाव की इन विशेषताओं की ओर संकेत मिलता है-
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प्रश्न 3. भरत का आत्म परिताप उनके चरित्र के किस उज्जवल पक्ष की ओर संकेत करता है? उत्तर – माता कैकेयी ने ‘पुत्र ‘मोह में आकर राम को चौदह वर्ष के लिए वनवास और भरत के लिए अयोध्या का राज्य माँगा था। कैकेयी की इस भयंकर भूल के कारण राम को चौदह वर्ष के लिए वन को जाना पड़ा तथा पिता इस दुख में अस्वस्थ्य हो गए। लोगों ने इन सबके लिए भरत को ही दोषी माना। भरत माँ की इस गलती के लिए स्वयं परिताप करते हैं। उनका मानना है कि इस भूल के दोषी वहीं है क्योंकि यदि वह नहीं होते, तो माता ऐसा कभी नहीं करती। इस तरह वह माँ पर दोषारोपण नहीं करते। वे जो घटित हुआ उसे अपने पूर्व जन्म का पाप मानते हैं। माँ की गलती का दोष स्वयं लेकर वह स्वयं साधु भी नहीं बनना चाहते हैं। |
प्रश्न 4. राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए। उत्तर – भरत अपने बड़े भाई राम से बहुत स्नेह करते हैं। वे स्वयं को अपने बड़े भाई राम का अनुचर मानते हैं और उन्हें भगवान की तरह पूजा करते हैं। वन में जब वे भाई से मिलने जाते हैं, तो उनके सामने खड़े होकर वे प्रसन्नता से फूले नहीं समाते। अपने भाई से मिलन होने पर उनकी आँखों में आँसुओं की जलधारा प्रवाहित होने लगती हैं। अपने भाई को अपना स्वामी कहकर, वह अपनी इच्छा प्रकट करते हैं। भाई की विशेषताओं का बखान करके वे अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और आशा करते हैं कि भाई के दर्शन प्राप्त होने के बाद सब अच्छा ही होगा। अपने वनवासी भाई की दशा देखकर वह दुखी हो उठते हैं और स्वयं को इसका कारण मानते हैं। उनकी यही अधीरता अपने बड़े भाई के प्रति अपार श्रद्धा का परिचायक है। |
प्रश्न 5. ‘महीं सकल अनरथ कर मूला’ पंक्ति द्वारा भरत के विचारों-भावों का स्पष्टीकरण कीजिए। उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति में भरत स्वयं के प्रति अपना दृष्टिकोण अभिव्यक्त करते हैं। भरत मानते हैं कि इस पथ्वी में जितना भी अनर्थ हो रहा है, वे इन सबके मूल हैं। अर्थात उनके कारण ये सब घटनाएँ घट रही हैं। इस प्रकार वे स्वयं को दोषी मानते हुए दुखी हो रहे हैं। ऐसा प्रतित होता है मानो वे अपराध बोध के नीचे दबे हुए हैं, जिसका बोझ उन्हें असाध्य दुख दे रहा है। उनके मन में किसी के लिए भी बैरभाव तथा कलुषित भावना विद्यमान नहीं है। जो हुआ है वे स्वयं को इस सबका ज़िम्मेदार मानते हुए माता कैकेयी को कहे कटु शब्दों के लिए भी दुख प्रकट करते हैं। इससे पता चलता है कि भरत सच्चे, क्षमाशील और सहृदय व्यक्ति हैं। |
प्रश्न 6. ‘फरै कि कोदव बालि सुसाली। मुकुता प्रसव कि संबुक काली’। पंक्ति में छिपे भाव और शिल्प सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए। शिल्प सौंदर्य – तुलसीदास ने अवधी भाषा का प्रयोग किया है। यह चौपाई छंद में लिखा गया है। भाषा प्रवाहमयी है। इसकी शैली गेय है। ‘कि कोदव’ अनुप्रास अलंकार आ उदाहरण है। |
NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 7 तुलसीदास
NCERT Solutions Class 12th हिंदी All Chapters अंतरा
काव्य खंड
- Chapter – 1 जयशंकर प्रसाद
- Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- Chapter – 3 सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
- Chapter – 4 केदारनाथ सिंह
- Chapter – 5 विष्णु खरे
- Chapter – 6 रघुवीर सहाय
- Chapter – 7 तुलसीदास
- Chapter – 8 बारहमासा
- Chapter – 9 पद
- Chapter – 10 रामचंद्रचंद्रिका
- Chapter – 11 कवित्त / सवैया
गद्य खंड
- Chapter – 12 प्रेमघन की छाया – स्मृति
- Chapter – 13 सुमिरिनी के मनके
- Chapter – 14 कच्चा चिट्ठा
- Chapter – 15 संवदिया
- Chapter – 16 गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
- Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा
- Chapter – 18 जहां कोई वापसी नहीं
- Chapter – 19 यथास्मै रोचते विश्वम्
- Chapter – 20 दूसरा देवदास
- Chapter – 21 कुटज
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