NCERT Solutions Class 6th Home Science Chapter – 2 हमारे स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th Home Science Chapter – 2 हमारे स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता

TextbookNCERT
Class 6th
Subject गृह विज्ञान
Chapter2nd
Chapter Nameहमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता (Our health and personal hygiene)
CategoryClass 6th गृह विज्ञान
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 6th Home science Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता हम इस अध्याय में हमारा स्वास्थ्य एव व्यक्तिगत स्वच्छता, उत्तम स्वास्थ्य का महत्व, व्यक्तिगत स्वच्छता, त्वचा की सफाई, बालों की सफाई, मुंह और दांतों की सफाई, आँखों की सफाई तथा नाक और कान की सफाई इत्यादि व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत सबसे पहले शरीर की सफ़ाई है। बच्चे को प्रतिदिन स्नान करने और हाथ धोने का महत्व बताएँ। सफ़ाई की आदतों में सबसे महत्वूपर्ण प्रतिदिन नहाना और भोजन से पहले और टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, भली प्रकार हाथ धोना सीखना है। इसी में नियमित रूप से बालों को धोना, शैम्पू करना, तेल लगाना भी शामिल है। स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्वच्छता क्या है?. क्यों व्यक्तिगत स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए 10 बातें क्या हैं?, के बारे में पढ़ेंगे और जानने के साथ हम इस अध्याय के Notes को समझेंगे।

NCERT Solutions Class 6th Home science Chapter – 2 हमारे स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता

Chapter – 2

हमारे स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वच्छता

Notes 

उत्तम स्वास्थ्य का महत्व – हमारा प्रथम कर्तव्य व्यक्तिगत स्वास्थ्य का ध्यान रखना है क्योंकि उत्तम स्वास्थ्य ही जीवन का सर्वोत्तम वरदान है अच्छा स्वास्थ्य सफल जीवन की एकमात्र सीढ़ी है। उसम स्वास्थ्य के लिए हमें निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए।

1. प्रातः काल जल्दी उठना
2. शौच जाना
3. शारीरिक स्वच्छता
4. सन्तुलित आहार
5. उचित व्यायाम व निद्रा
6. स्वच्छ वस्त्र पहनना
7. स्वच्छ वातावरण

व्यक्तिगत स्वच्छताशरीर के विभिन्न अंगों की हमें नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए, क्योंकि रोगाणु गन्दगी में ही निवास करते हैं और इन्हीं रोगाणुओं के कारण हमारा शरीर अनेक रोगों का शिकार बन जाता है।

व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए हमें निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए

(i) त्वचा की सफाई – त्वचा हमारे शरीर की रक्षा करती है तथा हमारे शरीर के ताप को ठीक रखती है। त्वचा शरीर के मल को पसीने के रूप में रोमकूपों द्वारा बाहर निकालती है। प्रतिदिन त्वचा को भली-भांति साफ करना आवश्यक है क्योंकि मैल जमकर रोमकूपों को बन्द कर देती है जिससे शरीर से दुर्गन्ध आने लगती है और फोड़े-फुन्सी व खुजली जैसे त्वचा रोग हो जाते हैं। त्वचा को साफ करने के लिए नित्य अच्छे साबुन या बेसन से मलकर स्वच्छ पानी से स्नान करना चाहिए। स्नान करने के पश्चात् साफ तौलिए से रगड़कर पोंछना चाहिए जिससे खून का दौरा ठीक प्रकार से हो सके।

(ii) बालों की सफाई साबुन,बाल हमारे शरीर का श्रृंगार है। इन्हें सदा स्वच्छ रखना चाहिए। बालों को किसी अच्छे शिकाकाई आंवले या शैंपू के प्रयोग से सप्ताह में कम से कम दो बार धोना चाहिए। प्रतिदिन बालों को कम से कम दो बार कंघी या बुश से अच्छी तरह काढ़ना चाहिए। हमें अपनी कंधी या बुश अलग और साफ रखना चाहिए। बालों की भलीभांति देखभाल न करने से बालों में सीकरी (रूसी) हो जाती है और जुएं भी पड़ जाती है। जुएं बालों की जड़ों में जाकर खून चूसती है और काटती है जिससे सिर में तेज खुजली होती है। कई बार नाखूनों से सिर खुजाने पर जख्म बन जाते है। जुओं को जल्द से जल्द नष्ट करना आवश्यक है। इन्हें नष्ट करने के लिए बाजार में मिलने वाली जुएं मारनी वाली दवाई का प्रयोग कर सकते है।

(iii) मुंह और दांतों की सफाई

मुंह और दांतों को साफ रखना बहुत आवश्यक है क्योंकि –

(क) गन्दे मुंह और दांतों से भोजन के साथ कई प्रकार के रोगाणु पेट में चले जाते है।
(ख) दांतों के बीच रिक्त स्थानों में भोजन के कण फंस जाते हैं जो धीरे-धीरे सड़ने लगते हैं।
(ग) दांतों को साफ न करने पर उनके ऊपर एक पीला-सा सख्त पदार्थ, जिसे टारटर कहते हैं, जम जाता है जो मसूड़ों को कमज़ोर बनाता है। मसूड़ों में सूजन आ जाती है।
(घ) कमजोर दाँतों से भोजन ठीक प्रकार से नहीं चबाया जाता जिससे पेट खराब हो जाता है।
(ङ) मुँह को साफ न करने पर जीभ पर मैल जम जाता है।
(च) मुँह और दाँत साफ न करने पर उसमें से दुर्गन्ध आने लगती है। मुँह और दाँतों को कैसे साफ रखें-
(छ) प्रतिदिन सुबह उठते ही और सोने से पूर्व कम से कम दो बार मुँह और दाँतों को भली-भाँति साफ करना चाहिए।
(ज) भोजन खाने से पहले और बाद में हर बार स्वच्छ पानी से कुल्ला करके मुँह और दाँत साफ करने चाहिए।

(iv) आँखों की सफाई – स्वस्थ आँखें प्रकृति की बहुमूल्य देन है। इन्हें मिट्टी, कूड़े व गन्दगी से बचाना चाहिए। आँखों को सदैव स्वच्छ जल से धोना चाहिये और केवल अपने साफ तौलिए या रूमाल से पोंछना चाहिए। आँखों के स्वास्थ्य के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

(क) पढ़ाई लिखाई व सिलाई करते समय प्रकाश का सही प्रबन्ध होना चाहिए।
(ख) काम करते समय शरीर की स्थिति उचित होनी चाहिए। झुककर काम करने से आँखों पर दबाव पड़ता है। लेटकर पढ़ने से भी आँखों पर दबाव पड़ता है।
(ग) आँखों को तेज प्रकाश व चमक से बचाना चाहिए।
(घ) टेलीविजन के कार्यक्रमों को बहुत पास से और लगातार अधिक समय तक नहीं देखना चाहिए।
(ङ) हिलते व मंद प्रकाश तथा चलती गाड़ी में नहीं पढ़ना चाहिए क्योंकि इससे आँखों पर दबाव पड़ता है।

(v) नाक और कान की सफाई – प्रतिदिन स्नान करते समय नाक को स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए अन्यथा उँगली डाल कर नाक साफ करने की आवश्यकता पड़ती है जो एक गन्दी आदत है। कान हमारे शरीर के कोमल अंग हैं। इनमें पानी नहीं जाने देना चाहिए। स्नान के बाद कानों को अपने सूखे साफ तौलिए से साफ करना चाहिए। कानों में इकट्ठी होने वाली मैल को समय-समय पर साफ करने के लिए रुई की फुरहरी का प्रयोग करना चाहिए। कानों में कभी भी कोई नुकीली वस्तु नहीं डालनी चाहिए।(vi) हाथ और पाँव की सफाई

हाथ और पाँव शरीर के आवश्यक अंग है और इन्हें साफ रखना अत्यन्त आवश्यक है। हाथ और पाँव साफ रखने के साधारण नियम –

(क) हाथों को भोजन पकाने से पहले, खाने से पहले, खाने के पश्चात तथा शौच जाने के पश्चात अवश्य धोना चाहिए। अस्वच्छ हाथों से भोजन पकाने और खाने से रोगाणु शरीर में प्रवेश कर जाते है। हाथों को धोते समय सदैव अच्छे किस्म के साबुन व स्वच्छ जल का ही प्रयोग करना चाहिए,

(ख) किसी दवाई, जहरीली वस्तु या फोड़े-फुन्सी छूने के पश्चात हाथों को साबुन या कीटाणुनाशक घोल से धोकर साफ तौलिए से पोछना चाहिए।

(ग) पाँवों में हमेशा चप्पल पहनकर घूमना चाहिए। विशेषकर शौचालय जाते समय पाँवों में हमेशा चप्पल पहननी चाहिए। नंगे पाँव घूमने से रोगाणुओं व कीड़ों का शरीर में प्रवेश करने का भय रहता है। कभी-कभी नंगे पाँवों में नुकीली व हानिकारक वस्तु भी चुभ सकती है। सोने से पूर्व पाँवों को जल से धोने से थकावट दूर होती है।

(घ) हाथों और पाँवों के नाखूनों को सदा काट कर छोटा रखना चाहिए। स्नान करते समय नाखूनों को बुश से साफ करना चाहिए जिससे उनमें मैल न जमे क्योंकि मैल रोगाणुओं का घर है।

(vi) हाथ और पाँव की सफाई

हाथ और पाँव शरीर के आवश्यक अंग है और इन्हें साफ रखना अत्यन्त आवश्यक है। हाथ और पाँव साफ रखने के साधारण नियम –

(क) हाथों को भोजन पकाने से पहले, खाने से पहले, खाने के पश्चात तथा शौच जाने के पश्चात अवश्य धोना चाहिए। अस्वच्छ हाथों से भोजन पकाने और खाने से रोगाणु शरीर में प्रवेश कर जाते है। हाथों को धोते समय सदैव अच्छे किस्म के साबुन व स्वच्छ जल का ही प्रयोग करना चाहिए,

(ख) किसी दवाई, जहरीली वस्तु या फोड़े-फुन्सी छूने के पश्चात हाथों को साबुन या कीटाणुनाशक घोल से धोकर साफ तौलिए से पोछना चाहिए।

(ग) पाँवों में हमेशा चप्पल पहनकर घूमना चाहिए। विशेषकर शौचालय जाते समय पाँवों में हमेशा चप्पल पहननी चाहिए। नंगे पाँव घूमने से रोगाणुओं व कीड़ों का शरीर में प्रवेश करने का भय रहता है। कभी-कभी नंगे पाँवों में नुकीली व हानिकारक वस्तु भी चुभ सकती है। सोने से पूर्व पाँवों को जल से धोने से थकावट दूर होती है।

(घ) हाथों और पाँवों के नाखूनों को सदा काट कर छोटा रखना चाहिए। स्नान करते समय नाखूनों को बुश से साफ करना चाहिए जिससे उनमें मैल न जमे क्योंकि मैल रोगाणुओं का घर है।

स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ अच्छी व् नियमित आदतें

(1) शौच जाना – प्रात – काल उठ कर नियमित रूप से शौच जाना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नियमित समय पर मल त्यागने से कब्ज की शिकायत नहीं होती है।

(2) व्यायाम स्वस्थ शरीर के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना आवश्यक है। इससे शरीर में स्फूर्ति आती है। व्यायाम द्वारा फेफड़ों में शुद्ध वायु पहुँचती है जो खून को साफ करती है। व्यायाम सदैव नियमित रूप से खुली हवा में करना चाहिए। व्यायाम हमेशा आयु कार्य व निजी आवश्यकता के अनुसार ही करना चाहिए।

(3) विश्राम व निदा-प्रतिदिन की क्रियाओं से होने वाली थकावट को दूर करने के लिए उचित मात्रा में विश्राम व निद्रा आवश्यक है। विश्राम व निद्रा की अवस्था में शरीर में होने वाली मरम्मत का कार्य सुचारू रूप से  होता है। अतः बच्चों, बूढ़ों व कमजोर व्यक्तियों को अधिक विश्राम व निद्रा की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 6 से 8 घंटे की निद्रा आवश्यक है।

(4) भोजन सम्बन्धी आदते अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन सम्बन्धी निम्नलिखित आदतों को बनाना आवश्यक है –

(क) नियमित समय पर भोजन खाना और आवश्यकता न होने पर भोजन नहीं खाना चाहिए।
(ख) भोजन सदैव स्वच्छ स्थान पर बैठ कर, स्वच्छ हाथों से और स्वच्छ बर्तनों में ही खाना चाहिए।
(ग) भोजन खाते समय सदैव शांतचित एवं प्रसन्न रहना चाहिए।
(घ) भोजन खाने से पहले और बाद में हाथ मुँह तथा दाँत साफ पानी से भली भाँति साफ करने चाहिए।

FAQ

प्रश्न 1. स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्वच्छता क्या है?

स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्वच्छता दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तौर पर आपकी पूर्ण तंगी को दर्शाता है,
व्यक्तिगत स्वच्छता अपने शरीर, मन और आत्मा को साफ और स्वस्थ रखने का एक तरीका है।

प्रश्न 2. क्यों व्यक्तिगत स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है?

व्यक्तिगत स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हम खुद को अधिक सुरक्षित रखते हैं और विभिन्न बीमारियों से बच सकते हैं।
संक्रमण से बचाव उत्तम मानसिक स्वास्थ्य

प्रश्न 3. व्यक्तिगत स्वास्थ्य से आप क्या समझते हैं वर्णन करें?

व्यक्तिगत स्वास्थ्य एक ऐसा स्तर होता है जिसमें व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होता है। इसमें शारीरिक स्वास्थ्य, जैसे खान-पान, व्यायाम, सुषम वातावरण आदि और मानसिक स्वास्थ्य, जैसे मनोवृत्ति, स्ट्रेस प्रबंधन और सकारात्मक सोच आदि शामिल होते हैं।

प्रश्न 4. स्वास्थ्य एवं स्वच्छता क्या है?

स्वास्थ्य और स्वच्छता दोनों बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर और मन दोनों स्वस्थ होते हैं। यह एक संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तंत्र है जो व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

स्वच्छता एक ऐसी स्थिति है जो वातावरण, शरीर और मन को स्वच्छ रखने के लिए जरूरी होती है।

प्रश्न 5. व्यक्तिगत स्वच्छता का मतलब क्या है?

व्यक्तिगत स्वच्छता एक ऐसी स्थिति होती है जो व्यक्ति के शरीर, मन और वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए जरूरी होती है। यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर पर संबंधित होती है।

प्रश्न 6. स्वच्छता का मुख्य उद्देश्य क्या है?

स्वच्छता का मुख्य उद्देश्य सेहत सुरक्षा और संसार को सुंदर, स्वस्थ और जीवनयोग्य बनाना होता है। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:

1. स्वच्छ वातावरण का उत्थान
2. स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता
3. जीवन की गुणवत्ता का सुधार

प्रश्न 7. स्वच्छता का हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालती है। यह हमें अन्यायों, विषाणुओं, कीटाणुओं, वायु प्रदूषण और भोजन संबंधी अन्य समस्याओं से बचाती है

1. अधिक रोगों से मुक्ति
2. सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण
3. अधिक ऊर्जा और सक्रियता

प्रश्न 8. स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है?

स्वच्छता दिवस (Cleanliness Day) का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है।

प्रश्न 9. स्वच्छता का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

स्वच्छता हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। कुछ महत्वपूर्ण कारणों की वजह से स्वच्छता जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है:

1. स्वस्थ रहना
2. सकारात्मक महसूस करना
3. सफलता के लिए महत्वपूर्ण

प्रश्न 10. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय अपनाए जाने चाहिए:

1. सही खानपान
2. व्यायाम
3. पर्यावरण संरक्षण

प्रश्न 11. स्वच्छता से क्या लाभ होता है?

स्वच्छता से हमे रहने के लिए अच्छी जगह मिलती है, सास लेने के लिए साफ हवा मिलती है, पिने के लिए साफ पानी मिलता है. हमारे आस – पास किसी भी प्रकार की दुर्गंद नहीं फैलती.

प्रश्न 12. स्वच्छता के 4 प्रकार क्या हैं?

स्वच्छता के चार प्रकार होते हैं:

1. स्वास्थ्य स्वच्छता
2. सामाजिक स्वच्छता
3. वातावरण स्वच्छता
4. व्यक्तिगत स्वच्छता

प्रश्न 13. सफाई कितने प्रकार के होते हैं?

सफाई के तीन प्रकार होते हैं:

1. जल सफाई
2. वातावरण सफाई
3. व्यक्तिगत स्वच्छता

प्रश्न 14. व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी का क्या प्रभाव है?

व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी का प्रभाव न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास पर भी पड़ता है।

प्रश्न 15. पांच स्वच्छता नियम क्या है?

मल या मूत्र त्याग के बाद अपने अंगों को साफ पानी से धोयें। अपने हाथों को पानी से धोना न भूलें। शौचालय, स्नानागार और आसपास के इलाके को साफ रखें। खुले में शौच करने से बचें।

प्रश्न 16. सफाई का क्या मतलब है?

सफाई का मतलब होता है किसी चीज को साफ और स्वच्छ बनाना या रखना। इससे बीमारियों और जीवाणुओं से बचाव होता है।

प्रश्न 17. हम अपने व्यक्तिगत स्वच्छता को कैसे सुधार सकते हैं?

मल या मूत्र त्याग के बाद अपने अंगों को साफ पानी से धोयें। अपने हाथों को पानी से धोना न भूलें।
शौचालय, स्नानागार और आसपास के इलाके को साफ रखें। खुले में शौच करने से बचें।

प्रश्न 18. शरीर की सफाई न होने से कौन सा रोग होता है?

शरीर की सफाई न होने से कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। डायरिया, वायरल बुखार, पेट का संक्रमण तथा पीलिया का सबब बन सकता है।

प्रश्न 19. खराब व्यक्तिगत स्वच्छता का क्या कारण है?

कई बीमारियाँ सफाई के अभाव में पैदा होती हैं। परजीवी, कीड़े, फफूंद, घाव, दांतों का सड़ना, डायरिया और पेचिश जैसी बीमारियाँ निजी स्वच्छता के अभाव में पैदा होती हैं।

प्रश्न 20. स्वास्थ्य क्यों जरूरी है?

स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य का महत्व सबसे पहले है और बाकी सब कुछ इसके बाद में आता है।

प्रश्न 21. हमें स्वच्छ क्यों रहना चाहिए?

बीमारियों से बचने के लिए सफाई रखना अति आवश्यक है। यह सभी के सहयोग से ही संभव है, क्योंकि गंदगी ही सभी बीमारियों का मूल कारण है।
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters Notes in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters Question & Answer in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध
NCERT Solution Class 6th Home Science All Chapters MCQ in Hindi
Chapter – 1 गृह विज्ञान का अर्थ एवं महत्व
Chapter – 2 हमारे स्वस्थ्य एवं व्यक्तिगत स्वछता
Chapter – 3 हमारा भोजन
Chapter – 4 हमारे वस्त्र
Chapter – 5 सिलाई कढ़ाई एवं बुनाई
Chapter – 6 प्राथमिक सहायता
Chapter – 7 उपभोक्ता ज्ञान
Chapter – 8 पारिवारिक सम्बन्ध

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